प्रिय ब्लागर मित्रगणों,
हमने वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता के आयोजन की घोषणा 16 मार्च 2010 को की थी. तब से इस में शामिल की गई रचनाओं का प्रकाशन ताऊजी डाट काम पर निरंतर जारी था.
इस प्रतियोगिता मे हमें आशातीत रचनाएं प्राप्त हुई. इस प्रतियोगिता के सभी प्रतिभागियों का हम आभार प्रकट करते हैं. आप सभी ने जिस उत्साह और उमंग से इस प्रतियोगिता को सफ़ल बनाया है उससे हमारा उत्साह बढा है जो आगे के वर्षों में इसकी निरंतरता को बनाये रखने में सहायक होगा.
इस प्रतियोगिता के निर्णायक बनना स्वीकार कर श्री संजय झाला जी ने इस प्रतियोगिता का ना सिर्फ़ मान बढाया है बल्कि अंतर्जाल पर मातृभाषा में स्वस्थ सुंदर हास्य व्यंग लेखन को प्रोत्साहित करने का पुण्य कर्म भी किया है . इस हेतु वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता कमेटी आपकी बहुत आभारी है.
वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता के निर्णायक श्री संजय झाला
श्री संजय झाला के तीन व्यंग्य संग्रह "सूर्पनखा की नाक", "भ्रष्ट सत्यम् जगत मिथ्या" (राधा कृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली) व "तू डाल-डाल, मैं पात-पात" (डायमंड बुक्स, नई दिल्ली) द्वारा प्रकाशित हो चुके हैं. व हास्य-व्यंग्य उपन्यास "हम नहीं सुधरेंगे" अभी प्रकाशनाधीन है.
आप अभी तक लगभग 1000 काव्य यात्राओं सहित मस्कट, हांगकांग, थाईलैंड में भी काव्य पाठ कर चुके हैं.भारत के प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं यथा हंस, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका में निरंतर व्यंग्य लेखन व इसके साथ ही राजस्थान सरकार की उपभोक्ता विषयक पत्रिका "उपभोक्ता मंगल" का संपादन व अनेक लघु पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर लेखन जारी है.
आप हास्य-व्यंग्य पर स्वतंत्र शोध व कविता में नाट्य प्रयोग के लिए विशेष चर्चित हैं. आपको अनेकों सम्मानों द्वारा अभी तक नवाजा जा चुका है जिनमें मुख्य सम्मान हैं :
* महामहिम प्रतिभा पाटिल द्वारा सम्मानित
* अखिल भारतीय टेपा सम्मान (36वां)
* अखिल भारतीय रंग-तरंग सम्मान (अक्षर विश्व, मध्यप्रदेश)
* राजस्थान गौरव 2009 (राजस्थान)
* अट्टहास युवा रचनाकार सम्मान 2009 (उत्तर प्रदेश)
* अखिल भारतीय टेपा सम्मान (40वां)
40वाँ अखिल भारतीय टेपा सम्मान प्राप्त करते हुये श्री संजय झाला
रचनाओं के प्रिंट श्री संजय झाला जी को निर्णय हेतु प्रेषित किये गये. श्री झाला ने अपना अमूल्य समय देते हुये रचनाओं पर निर्णयांक देकर हमें वापस भिजवा दी हैं. अब रिजल्ट का कार्य फ़ायनल दौर में चल रहा है. बहुत ही शीघ्र हम प्रतियोगिता के रिजल्ट लेकर आपकी सेवा में उपस्थित होंगे.
पुन: आप सभी का आभार!
हमने वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता के आयोजन की घोषणा 16 मार्च 2010 को की थी. तब से इस में शामिल की गई रचनाओं का प्रकाशन ताऊजी डाट काम पर निरंतर जारी था.
इस प्रतियोगिता मे हमें आशातीत रचनाएं प्राप्त हुई. इस प्रतियोगिता के सभी प्रतिभागियों का हम आभार प्रकट करते हैं. आप सभी ने जिस उत्साह और उमंग से इस प्रतियोगिता को सफ़ल बनाया है उससे हमारा उत्साह बढा है जो आगे के वर्षों में इसकी निरंतरता को बनाये रखने में सहायक होगा.
इस प्रतियोगिता के निर्णायक बनना स्वीकार कर श्री संजय झाला जी ने इस प्रतियोगिता का ना सिर्फ़ मान बढाया है बल्कि अंतर्जाल पर मातृभाषा में स्वस्थ सुंदर हास्य व्यंग लेखन को प्रोत्साहित करने का पुण्य कर्म भी किया है . इस हेतु वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता कमेटी आपकी बहुत आभारी है.
श्री संजय झाला के तीन व्यंग्य संग्रह "सूर्पनखा की नाक", "भ्रष्ट सत्यम् जगत मिथ्या" (राधा कृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली) व "तू डाल-डाल, मैं पात-पात" (डायमंड बुक्स, नई दिल्ली) द्वारा प्रकाशित हो चुके हैं. व हास्य-व्यंग्य उपन्यास "हम नहीं सुधरेंगे" अभी प्रकाशनाधीन है.
आप अभी तक लगभग 1000 काव्य यात्राओं सहित मस्कट, हांगकांग, थाईलैंड में भी काव्य पाठ कर चुके हैं.भारत के प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं यथा हंस, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका में निरंतर व्यंग्य लेखन व इसके साथ ही राजस्थान सरकार की उपभोक्ता विषयक पत्रिका "उपभोक्ता मंगल" का संपादन व अनेक लघु पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर लेखन जारी है.
आप हास्य-व्यंग्य पर स्वतंत्र शोध व कविता में नाट्य प्रयोग के लिए विशेष चर्चित हैं. आपको अनेकों सम्मानों द्वारा अभी तक नवाजा जा चुका है जिनमें मुख्य सम्मान हैं :
* महामहिम प्रतिभा पाटिल द्वारा सम्मानित
* अखिल भारतीय टेपा सम्मान (36वां)
* अखिल भारतीय रंग-तरंग सम्मान (अक्षर विश्व, मध्यप्रदेश)
* राजस्थान गौरव 2009 (राजस्थान)
* अट्टहास युवा रचनाकार सम्मान 2009 (उत्तर प्रदेश)
* अखिल भारतीय टेपा सम्मान (40वां)
हास्य-व्यंग्य का सर्वाधिक चर्चित, लोकप्रिय पुरस्कार पिछले चालीस वर्षों से राष्ट्रीय ख्याति के व्यंग्यकारों, साहित्यकारों व हास्य-अभिनेताओं/अभिनेत्रियों को दिया जाता है। इसी क्रम में राजस्थान के हास्य कवि संजय झाला को कालीदास अकादमी, उज्जैन में 36वाँ तथा 40वाँ अखिल भारतीय टेपा सम्मान क्रमशः 1 अप्रैल, 2006 और 1 अप्रैल, 2010 को प्रदान किया गया। आपको कालीदास अकादमी उज्जैन द्वारा दिया जाने वाला अखिल भारतीय टेपा सम्मान दो बार प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है.
रचनाओं के प्रिंट श्री संजय झाला जी को निर्णय हेतु प्रेषित किये गये. श्री झाला ने अपना अमूल्य समय देते हुये रचनाओं पर निर्णयांक देकर हमें वापस भिजवा दी हैं. अब रिजल्ट का कार्य फ़ायनल दौर में चल रहा है. बहुत ही शीघ्र हम प्रतियोगिता के रिजल्ट लेकर आपकी सेवा में उपस्थित होंगे.
पुन: आप सभी का आभार!
साधुवाद इस आयोजन के लिये
ReplyDeleteश्री संजय झाला जी का भी आभार
इंतज़ार रहेगा.
ReplyDeleteताऊ राम राम।
ReplyDeleteरिज़ल्ट का इंतजार सै हमने। पार्टी शार्टी लेंगे विजेताओं से।
लेकिन एक शंका रह गई मन में, प्रतियोगिता का नाम कुछ खटकता सा नहीं है? आदत नहीं है न होली के अलावा बाकी समय में ऐसे नाम वाली प्रतियोगिताओं, सम्मेलनों की।
आभार।
संजय जी करते हैं
ReplyDeleteकिसकी जय जयकार
सभी को है इंतजार
बेसब्री का प्याला
छलक न जाए
पर झलके जरूर।
bahut accha...intezaar karte hain...
ReplyDeleteabhaar..
यह वास्तव में ही एक सार्थक पहल है जिस पर किसी को कोई मुग़ालता नहीं रहना चाहिये (कि अपने अपने को ही रेवड़ी बंटी). मेरी ढेरों मंगलकामनाएं.
ReplyDeleteप्रतीक्षा है परिणामो की
ReplyDeleteराम राम
इंतजार है परिणाम का ।
ReplyDeleteनिर्णायक सदस्य संजय झाला जी के बारे में जानकर बहुत खुशी हुई..ऐसे महान व्यंगकार को नमन करता हूँ..
ReplyDeleteपरिणाम की प्रतीक्षा है....धन्यवाद
श्री संजय झाला जी का भी आभार, बाकि परिणामो का बेसब्री से इंतजार है..
ReplyDeleteregards
श्री संजय झाला जी का भी आभार
ReplyDeleteregards
विजेता को अग्रिम बधाई मेरी तरफ से ताऊ !
ReplyDeleteइंतज़ार कर रहे हैं हम सब ताऊ !
ReplyDeleteपरिणाम की प्रतीक्षा है.
ReplyDeleteव्यंग्यकार श्री संजय झाला जी द्वारा इस प्रतियोगिता का निर्णायक बनना ही इस प्रयास की निष्पक्षता एवं सार्थकता सिद्ध करने के लिए काफी है....परिणामों की प्रतीक्षा रहेगी.....
ReplyDeleteपरिणाम की प्रतीक्षा है !!
ReplyDeleteअच्छी पहल है.. शुभकामनाएँ
ReplyDeleteबहुत प्रतीक्षा है..
ReplyDeleteसंजय झाला जी को जानकर अच्छा लगा। शेष परिणाम का इंतज़ार है।
ReplyDeleteइंतज़ार रहेगा.
ReplyDeleteintzaar kar rahe hain...
ReplyDeleteप्रसिद्ध व्यंग्यकार श्री संजय झाला जी द्वारा इस प्रतियोगिता का निर्णायक होना प्रसन्नता की खबर है .ताउजी डॉट काम को बधाई.
ReplyDeleteशुभकामनाएँ
प्रसिद्ध व्यंग्यकार श्री संजय झाला जी से मिलकर अच्छा लगा. अब प्रतियोगिता के परिणाम का इन्तजार है.
ReplyDeleteतो क्या रिजल्ट अभी तक नहीं आए हैं।
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