प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 79 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Sri Anantha PadmanabhaSwamy Temple, Trivandrum,Kerala.
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर,तिरूवनंतपुरम[केरल]
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhEoKuus5qacLeXRSMt4dl8X0O4ZKSo1GgYxl2LNal724VFzXYCDRxp3bn5y9VWzydbdzRG11G4ooQVVU0r0cBeg_syJqGoa9o0mkh1O8GsRr4G0eVAqmBeXWtJxoq2ev8mNcnETCsfV2xo/s320/padmanabhaswamy.jpg)
केरल के तिरूवनंतपुरम स्थित प्रसिद्ध श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर केरल और द्रविड़ वास्तुकला मिश्रण का अद्भुत नमूना है.इसके पास में ही बड़ा ताल है और ट्रावन्कोर महाराजा का किला भी यहीं है .
प्रवेश द्वार पर यहाँ 100 फीट ऊँचा सात मंजिला गोपुरम [टावर ] है. यह भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है और वैष्णव समुदाय के १०८ पवित्र तीर्थों में से एक है.
मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु कि शेष नाग पर लेटे हुए मूर्ति है ,उनके बाएं हाथ में कमल का फ़ूल है और एक कमल उनकी नाभि से निकलता प्रतीत होता है और जिस पर ब्रह्मा बैठे हुए दिखाई देते हैं .
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhU8c84WCLEnkl8S9HmIYQzDMyUVxugoV24JOkOnNoZi3kqhdgk3JxzyChv1mEZvD84nvVt-T3HECCGOElOT5iAZfyvyi_v13EFRzIfRA9QOlyZpYTK1yJYCod-mZGN_7iZysv6zoJhPxP5/s320/Sri+Padmanabhaswamy.JPG)
यहाँ सिर्फ हिंदुओं को ही भीतर जाने की अनुमति मिलती है और वह भी यहाँ निर्धारित परिधान पहन कर ही अंदर जा सकते हैं.
यह माना जाता है कि इस मंदिर के भगवान को चन्द्र और इंद्र ने भी पूजा है.
इस मंदिर में भगवान पद्मनाभा की मूर्ति की कब स्थापना हुई थी इस बारे में कोई पुख्ता दस्तावेज़ नहीं हैं.कुछ इतिहासकार के अनुसार यह मंदिर कलयुग के प्रथम दिवस पर बना था[५००० साल पूर्व!]
ताड़ पत्रों पर लिखे हुए ग्रन्थ अनंत्सयाना महात्मय के अनुसार इस मंदिर की स्थापना तुलु ब्रहामिन दिवाकरामुनी ने कलयुग के ९५० वें दिन की थी.मंदिर के पुनर्निर्माण के समय मूर्ति को इसके स्थान से कुछ समय के लिए हटा कर १४६० AD में उसी पुराने स्थान पर स्थापित किया गया था.सामने की तरफ़ ओत्ताकल मंडपम बनाया गया और मुख्य द्वार पर गोपुरम का निर्माण १५६६ ADमें किया गया.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBjhmYQ-_5DbKf0QIoEprUSsnoiy9d-4QBpks-EM6fxo66Z9gHcUzMtrv2fWJCCmiYSSna8tYhc3Ziv5P1n2KCZmHEJOESCI_-zaHfw-H8jGVRaF7bxcKYITe_9gNtFL1xTGS4HAlP7UTK/s320/Thiruvanthapuram_Temple_Entrance.JPG)
१६८६ ए डी में भयंकर आगजनी के कारण सिर्फ मूर्ति को छोड़ कर बाकि मंदिर को काफी क्षति पहुंची.
मंदिर का पुनर्निर्माण १७२४ ADमें शुरू हुआ.१७२९ AD में त्रावनकोर के राजा मार्तंड वर्मा ने मुख्य काष्ठ की मूर्ति के स्थान पर १२००८ सालिग्राम से नयी मूर्ति लगवाई.यह मूर्ति चेहरे और छाती को छोड़कर बाकि सारी स्वर्ण धातु की बनी है.जो वर्तमान में भी पूजी जाती है.
[यह जानकारी मंदिर की अधिकारिक साईट से ली गयी है -http://padmanabhaswamytemple.org/]
आज भी इस मंदिर के संरक्षक त्रावनकोर के महाराजा ही हैं. आप उनका साक्षात्कार इस विडियो में देख सकते हैं.
http://www.youtube.com/watch?v=vG7VEvGnwZs&feature=चैनल
अगली पहेली एक किले के बारे में पूछी जाएगी.
सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.
आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
सुश्री रेखा प्रहलाद
श्री युगल मेहरा
श्री दिलीप कवठेकर
श्री विवेक रस्तोगी
श्री सैयद
सुश्री soni garg
सुश्री वंदना
सुश्री अंजना
डॉ. मनोज मिश्र
श्री Shah Nawaz
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhEoKuus5qacLeXRSMt4dl8X0O4ZKSo1GgYxl2LNal724VFzXYCDRxp3bn5y9VWzydbdzRG11G4ooQVVU0r0cBeg_syJqGoa9o0mkh1O8GsRr4G0eVAqmBeXWtJxoq2ev8mNcnETCsfV2xo/s320/padmanabhaswamy.jpg)
केरल के तिरूवनंतपुरम स्थित प्रसिद्ध श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर केरल और द्रविड़ वास्तुकला मिश्रण का अद्भुत नमूना है.इसके पास में ही बड़ा ताल है और ट्रावन्कोर महाराजा का किला भी यहीं है .
प्रवेश द्वार पर यहाँ 100 फीट ऊँचा सात मंजिला गोपुरम [टावर ] है. यह भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है और वैष्णव समुदाय के १०८ पवित्र तीर्थों में से एक है.
मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु कि शेष नाग पर लेटे हुए मूर्ति है ,उनके बाएं हाथ में कमल का फ़ूल है और एक कमल उनकी नाभि से निकलता प्रतीत होता है और जिस पर ब्रह्मा बैठे हुए दिखाई देते हैं .
यहाँ सिर्फ हिंदुओं को ही भीतर जाने की अनुमति मिलती है और वह भी यहाँ निर्धारित परिधान पहन कर ही अंदर जा सकते हैं.
यह माना जाता है कि इस मंदिर के भगवान को चन्द्र और इंद्र ने भी पूजा है.
इस मंदिर में भगवान पद्मनाभा की मूर्ति की कब स्थापना हुई थी इस बारे में कोई पुख्ता दस्तावेज़ नहीं हैं.कुछ इतिहासकार के अनुसार यह मंदिर कलयुग के प्रथम दिवस पर बना था[५००० साल पूर्व!]
ताड़ पत्रों पर लिखे हुए ग्रन्थ अनंत्सयाना महात्मय के अनुसार इस मंदिर की स्थापना तुलु ब्रहामिन दिवाकरामुनी ने कलयुग के ९५० वें दिन की थी.मंदिर के पुनर्निर्माण के समय मूर्ति को इसके स्थान से कुछ समय के लिए हटा कर १४६० AD में उसी पुराने स्थान पर स्थापित किया गया था.सामने की तरफ़ ओत्ताकल मंडपम बनाया गया और मुख्य द्वार पर गोपुरम का निर्माण १५६६ ADमें किया गया.
१६८६ ए डी में भयंकर आगजनी के कारण सिर्फ मूर्ति को छोड़ कर बाकि मंदिर को काफी क्षति पहुंची.
मंदिर का पुनर्निर्माण १७२४ ADमें शुरू हुआ.१७२९ AD में त्रावनकोर के राजा मार्तंड वर्मा ने मुख्य काष्ठ की मूर्ति के स्थान पर १२००८ सालिग्राम से नयी मूर्ति लगवाई.यह मूर्ति चेहरे और छाती को छोड़कर बाकि सारी स्वर्ण धातु की बनी है.जो वर्तमान में भी पूजी जाती है.
[यह जानकारी मंदिर की अधिकारिक साईट से ली गयी है -http://padmanabhaswamytemple.org/]
आज भी इस मंदिर के संरक्षक त्रावनकोर के महाराजा ही हैं. आप उनका साक्षात्कार इस विडियो में देख सकते हैं.
http://www.youtube.com/watch?v=vG7VEvGnwZs&feature=चैनल
अगली पहेली एक किले के बारे में पूछी जाएगी.
श्री प्रकाश गोविंद अंक 101 |
श्री स्मार्ट इंडियन अंक 97 |
श्री Darshan Lal Baweja अंक 96 |
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श्री राम त्यागी अंक 94 |
श्री अंतरसोहिल अंक 93 |
![]() प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 91 |
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![]() |
श्री पी.एन.सुब्रमनियन अंक 88 |
श्री रंजन अंक 87 |
सुश्री सीमा गुप्ता श्री प्रकाश गोविंद श्री Darshan Lal Baweja सुश्री Indu Arora डा. महेश सिन्हा श्री अजयकुमार झा श्री आशीष मिश्रा Dr.Ajmal Khan अब अगले शनिवार को फ़िर यहीं मिलेंगे. तब तक जयराम जी की! |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
सुश्री रेखा प्रहलाद
श्री युगल मेहरा
श्री दिलीप कवठेकर
श्री विवेक रस्तोगी
श्री सैयद
सुश्री soni garg
सुश्री वंदना
सुश्री अंजना
डॉ. मनोज मिश्र
श्री Shah Nawaz
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
बधाई हो बधाई!
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई और ज्ञान वर्धन के लिए आयोजकों का आभार
ReplyDeleteश्री प्रकाश गोविन्द जी ऐसी प्रतियोगिताएं खूब जीतते हैं..जिससे पता चलता है कि उनका सामान्य ज्ञान उच्चकोटि का है.
ReplyDelete...हमारी तरफ से उनको ढेरों बधाई.
सभी को बधाई..
ReplyDeleteहमारी तो किस्मत ही काम नहीं कर रही आजकल! :)
dher sari shubhkamnaye...
ReplyDeleteजय हो...
ReplyDeleteआदरणीय प्रकाश जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई....
ReplyDeleteregards
थोड़े दुख के साथ बहोत खुशी भी हो रही है की आज पहली बार मेरा नाम विजेता लिस्ट मे है. दुख तो आप लोग समझ गये होंगे, इसलिए नही बताता. आदरणीय श्री प्रकाश गोविंदजी वास्तव मे अत्यंत बुद्धिमान व्यक्ति है, इस प्रतियोगिता का विजेता बनने पर मै आपको ढेरो बधाइयाँ देता हूँ. इसके अतिरिक्त मै सुश्री सीमा गुप्ता, श्री दिनेशराय द्विवेदी, श्री स्मार्ट इंडियन, सुश्री इंदु अरोरा ,श्री राम त्यागी, श्री अंतरसोहिल, श्री चंद्रा प्रकाश, प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” , श्री रतनसिंह शेखावत, श्री पी.एन.सुब्रमनियन, श्री रंजन , डा अजमल ख़ान को भी शुभकामनाए देता हूँ.
ReplyDeleteवैसे शाम को भारत प्रश्न मंच का भी परिणाम आने वाला है. अगर आपने वहाँ उत्तर नही दिया है तो अभी भी दे सकते है. एक बार पुनः आयोजनकर्ताओ एवम् प्रतिभागियो को बधाइयाँ
भाई प्रकाश गोविन्द जी का तो पहेली में भाग लेने पर बैन लगना चाहिए....बहरहाल अब की बार तो बधाई दिए देते हैं:)
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई!!
बहुत बहुत बधाई हो जी सभी विजेताओ को
ReplyDeleteसबको बधाई.
ReplyDeleteविजेताओं को बधाई....
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