प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 77 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Shaheed Smarak [1857 Memorial] Meerut,Uttar Pradesh
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
शहीद स्मारक [ मेरठ ]
मई का महिना गुज़र गया.जून शुरू हो गया है.मई माह में एक महत्वपूर्ण तारीख आती है जिस के बारे मैंने अभी तक कोई उल्लेखनीय पोस्ट नहीं देखी. हो सकता है आई भी हो मगर मेरी नज़र से ना गुज़री हो.जो भूल गए हैं तो याद दिला देती हूँ कि १० मई प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वर्षगाँठ थी.
1857 Martyrs Memorial , Meerut
१८५७ में इस दिन दिन क्रांति की चिंगारी सुलगी थी . मेरठ छावनी में तैनात तीसरी कैवेलरी के 85 सैनिकों ने चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग के आदेश को न मान कर अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया जिसे १८५७ की क्रांति के नाम से जाना गया.इतिहासकार इसे मात्र सैनिक विद्रोह भी मानते रहे परन्तु सत्य यही है कि स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत यहीं से हुई थी.
Sadar bazar where common man attacked the Britishers
मेरठ कालेज में इतिहास के सीनियर रीडर डा. के.डी. शर्मा जिन्होंने 1857 की क्रांति पर गहन शोध किया है बताते हैं कि 15 अगस्त 1947 को लाल किले पर भारतीय स्वाधीनता के जिस झण्डे को फहराया गया था, वह कार्य 11 मई 1857 को मेरठ से दिल्ली पहुंचने वाले क्रांतिकारियों ने कर दिखाया था.उनके अनुसार यह सब अचानक नहीं हुआ ग़दर से पूर्व रेजिमेंटों के बीच चपातियाँ वितरण इस तैयारी का एक संकेत माना जाता है .मेरठ में विस्फोट के मात्र 12 घण्टों बाद ही दिल्ली में विप्लव हो गया था.जो देखते ही देखते पूरे उत्तरी भारत में छा गया और अंग्रेजों को स्पष्ट संदेश मिल गया कि अब भारत पर राज्य करना आसान नहीं है .
नाना धोंधू पंत, अजीमुल्ला, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई के दाएं हाथ पंडित लक्ष्मण राव, मौलवी फैजाब, बेगम हजरत तथा उनके सलाहकार मौलवी लियाकत अली आदि कई प्रमुख क्रांतिकारी नेताओं ने 1857 की क्रांति के प्रस्फुटन से ठीक पहले तक लगभग पूरे देश में भ्रमण करके राजनीतिक स्वतंत्रता के उपदेश दिए थे.
Mangal Pandey at museum
२९ मार्च सन १८५७ को अंग्रेज अफसरों पर आक्रमण करने के आरोप में ,उसी वर्ष ८ अप्रैल को फांसी पर चढा दिए जाने वाले क्रांतिकारी शहीद मंगल पांडे को सन १८५७ के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के प्रथम नायक के रूप में जाना जाता है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ जिला इस 1857 की क्रान्ति एवं स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन का हृदय स्थल रहा है.
मेरठ स्थित शहीद स्मारक को हमने पहेली चित्र में दिखाया गया था.
इस स्तम्भ का निर्माण सन 1957 में 1857 की क्रांति की 100वीं सालगिरह पर कराया गया था.यह भैंसाली मैदान के पास टैक्सी स्टैण्ड तथा आयकर कार्यालय के बीच पार्क में स्थित है .यहाँ स्थित शिलालेख पर 85 सिपाहियों के नाम भी देखे जा सकते हैं.
Meerut Memorial.
इसी शहीद स्मारक परिसर में स्थित है - 'राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय' जहाँ स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी सामग्रियां और अभिलेख संकलित एवं संरक्षित किये गए हैं. इस का औपचारिक लोकापर्ण प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के 150वीं वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर 10 मई, 2007 को किया गया था.
मेरठ में इस स्मारक के अलावा देखने के लिए रेस कोर्स,सेन्ट जोन्स चर्च,सूरज कुण्ड के चारों ओर बने प्राचीन मंदिर,प्राचीन गुरूद्वारा ,शाहपीर मकबरा,आबू मकबरा,विक्टोरिया पार्क,सरधना चर्च,कालीपलटन मंदिर, कुतुबुददीन ऐबक द्वारा निर्मित जामा मस्जिद , पंजाब रेजिमेन्ट गुरूद्वारा आदि.
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सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.
आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री दिनेशराय द्विवेदी
श्री M VERMA
श्री पी.सी.गोदियाल
श्री अंतर सोहिल
श्री Anurag Geete
डा.रुपचंद्र शाश्त्री "मयंक,
श्री काजलकुमार,
सुश्री वंदना
श्री संजय भास्कर
प.श्री डी.के. शर्मा "वत्स",
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
शहीद स्मारक [ मेरठ ]
मई का महिना गुज़र गया.जून शुरू हो गया है.मई माह में एक महत्वपूर्ण तारीख आती है जिस के बारे मैंने अभी तक कोई उल्लेखनीय पोस्ट नहीं देखी. हो सकता है आई भी हो मगर मेरी नज़र से ना गुज़री हो.जो भूल गए हैं तो याद दिला देती हूँ कि १० मई प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वर्षगाँठ थी.
१८५७ में इस दिन दिन क्रांति की चिंगारी सुलगी थी . मेरठ छावनी में तैनात तीसरी कैवेलरी के 85 सैनिकों ने चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग के आदेश को न मान कर अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया जिसे १८५७ की क्रांति के नाम से जाना गया.इतिहासकार इसे मात्र सैनिक विद्रोह भी मानते रहे परन्तु सत्य यही है कि स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत यहीं से हुई थी.
मेरठ कालेज में इतिहास के सीनियर रीडर डा. के.डी. शर्मा जिन्होंने 1857 की क्रांति पर गहन शोध किया है बताते हैं कि 15 अगस्त 1947 को लाल किले पर भारतीय स्वाधीनता के जिस झण्डे को फहराया गया था, वह कार्य 11 मई 1857 को मेरठ से दिल्ली पहुंचने वाले क्रांतिकारियों ने कर दिखाया था.उनके अनुसार यह सब अचानक नहीं हुआ ग़दर से पूर्व रेजिमेंटों के बीच चपातियाँ वितरण इस तैयारी का एक संकेत माना जाता है .मेरठ में विस्फोट के मात्र 12 घण्टों बाद ही दिल्ली में विप्लव हो गया था.जो देखते ही देखते पूरे उत्तरी भारत में छा गया और अंग्रेजों को स्पष्ट संदेश मिल गया कि अब भारत पर राज्य करना आसान नहीं है .
नाना धोंधू पंत, अजीमुल्ला, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई के दाएं हाथ पंडित लक्ष्मण राव, मौलवी फैजाब, बेगम हजरत तथा उनके सलाहकार मौलवी लियाकत अली आदि कई प्रमुख क्रांतिकारी नेताओं ने 1857 की क्रांति के प्रस्फुटन से ठीक पहले तक लगभग पूरे देश में भ्रमण करके राजनीतिक स्वतंत्रता के उपदेश दिए थे.
२९ मार्च सन १८५७ को अंग्रेज अफसरों पर आक्रमण करने के आरोप में ,उसी वर्ष ८ अप्रैल को फांसी पर चढा दिए जाने वाले क्रांतिकारी शहीद मंगल पांडे को सन १८५७ के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के प्रथम नायक के रूप में जाना जाता है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ जिला इस 1857 की क्रान्ति एवं स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन का हृदय स्थल रहा है.
मेरठ स्थित शहीद स्मारक को हमने पहेली चित्र में दिखाया गया था.
इस स्तम्भ का निर्माण सन 1957 में 1857 की क्रांति की 100वीं सालगिरह पर कराया गया था.यह भैंसाली मैदान के पास टैक्सी स्टैण्ड तथा आयकर कार्यालय के बीच पार्क में स्थित है .यहाँ स्थित शिलालेख पर 85 सिपाहियों के नाम भी देखे जा सकते हैं.
इसी शहीद स्मारक परिसर में स्थित है - 'राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय' जहाँ स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी सामग्रियां और अभिलेख संकलित एवं संरक्षित किये गए हैं. इस का औपचारिक लोकापर्ण प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के 150वीं वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर 10 मई, 2007 को किया गया था.
मेरठ में इस स्मारक के अलावा देखने के लिए रेस कोर्स,सेन्ट जोन्स चर्च,सूरज कुण्ड के चारों ओर बने प्राचीन मंदिर,प्राचीन गुरूद्वारा ,शाहपीर मकबरा,आबू मकबरा,विक्टोरिया पार्क,सरधना चर्च,कालीपलटन मंदिर, कुतुबुददीन ऐबक द्वारा निर्मित जामा मस्जिद , पंजाब रेजिमेन्ट गुरूद्वारा आदि.
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श्री Chandra Prakash अंक 99 |
सुश्री रेखा प्रहलाद अंक 98 |
श्री रंजन अंक 97 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 96 |
श्री रतनसिंह शेखावत अंक 95 |
श्री युगल मेहरा सुश्री रेखा प्रहलाद श्री रतनसिंह शेखावत श्री उडनतश्तरी श्री स्मार्ट इंडियन सुश्री सीमा गुप्ता श्री संजय बेंगाणी श्री चंद्रप्रकाश सुश्री अर्चना सुश्री सोनल रस्तोगी भारतीय नागरिक - Indian Citizen श्री दिगम्बर नासवा सुश्री M.A.Sharma "सेहर" श्री अविनाश वाचस्पति डा. महेश सिन्हा श्री ashishindia03 श्री anil श्री Satya.... a vagrant श्री राम त्यागी अब अगले शनिवार को फ़िर यहीं मिलेंगे. तब तक जयराम जी की! |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री दिनेशराय द्विवेदी
श्री M VERMA
श्री पी.सी.गोदियाल
श्री अंतर सोहिल
श्री Anurag Geete
डा.रुपचंद्र शाश्त्री "मयंक,
श्री काजलकुमार,
सुश्री वंदना
श्री संजय भास्कर
प.श्री डी.के. शर्मा "वत्स",
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
सभी विजेताओं को बधाई।
ReplyDeleteमेरठ शहीद स्मारक का परिचय अच्छा लगा ...
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई ...!!
Congrats Anurag and all of you winners !!
ReplyDeleteThanks Taau and Alpana jee
भारतीय नागरिक अनुराग शर्मा जी के साथ-साथ सभी प्रतिभागियों को बधाई!
ReplyDeleteसभी विजेताओं और प्रतिभागिओं को हार्दिक बधाई. भारतीय नागरिक तो इस जवाब पर विजेता होने के सही हक़दार हैं.
ReplyDeleteसभी विजेताओं और प्रतिभागिओं को हार्दिक बधाई. भारतीय नागरिक तो इस जवाब पर विजेता होने के सही हक़दार हैं.
ReplyDeleteइस बार पहेली मुश्किल थी... बहुत मुश्किल....
ReplyDeleteखैर मजा आया....
आदरणीय भारतीय नागरिक - Indian Citizen जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई....
ReplyDeleteregards
सभी विजेताओं को बधाई. उनका उत्साह ऐसे ही बना रहे.
ReplyDeleteवाह वह .. आज तो हम दूसरे नंबर पर .... सभी जीतने वालों को बधाई ...
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई.
ReplyDelete९८.०२ प्रतिशत के बाद भी तीसरा स्थान!!!
ReplyDeleteहै न कलियुगी कंपिटीसन!!!
भारतीय नागरिक एवं अन्य विजेताओं को बधाईयाँ.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई और सभी प्रतिभागिओं का आभार और शुभकामनायें .
ReplyDelete'@भारतीय नागरिक जी को खास बधाई क्योंकि पहली बार आप प्रथम विजता बने हैं .आप ने लिखा था कि लेट हो गए!लेकिन सही जवाब दे कर प्रथम आये लेट कहाँ हुए? बधाई.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteसभी विजेताओं को हार्दिक बधाई
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इस बार मैं हिस्सा नहीं ले पाया ......अफ़सोस !
मेरी देखी हुई जगह है
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लगता है इस पहेली में लोग बहुत कन्फ्यूज हो गए
लेकिन हिंट के बाद तो पहेली बहुत ही आसान हो गयी थी
फिर भी लोगों ने ध्यान नहीं दिया
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अल्पना जी का विशेष आभार
बहुत अच्छी पहेली थी
सभी विजेताओ को ढेरो बधाइया मेरे ब्लॉग पर भी एक ऐसी ही प्रतियोगिता चल रही है पर अफ़सोश आप लोग आते नही है.....................................एक बार हमे भी मौका दे एक बार पुनः आप सभी लोगो को बधाइया
ReplyDeletecongrats to all winners
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई |
ReplyDeleteमेरठ स्मारक के बाने में इतनी उम्दा जानकारी देने के लिए अल्पना जी का आभार. यह सब तो मुझे भी पता न था. सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteआंग सान सू ची आज हमारे समय की दूसरी नेल्सन मंडेला हैं पर खेद की बात हैं कि भारत सहित दुनिया भर में लोकतंत्र की अलमबरदारी हांकने वाले देश म्यंमार (बर्मा) की बात चलते ही हाथ पीछे बांधे घूमते नज़र आते हैं. इन्हें सेना शासकों द्वारा किया जा रहा लोकतंत्र का दमन व मानवाधि कारों का हनन क्यों नहीं दिखाई दे रहा. क्या हथियारों की बिक्री व प्रकृतिक संसाधनों का दोहन इसका पर्याप्त कारण हो सकता है !
ओहो ताऊ जी,
ReplyDeleteये पहेली तो मेरे लिये सही में चुटकी बराबर थी। लेकिन मैं शनीचर को किसी और जगह के फोटो लेने में लगा था। एक तो ये और दूसरा घण्टाघर मेरठ की शान हैं।