ताऊ पहेली - 80 (fort of Janjira ,Murud city, Raigad ( M.S.) विजेता श्री प्रकाश गोविंद

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 80 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है fort of Janjira ,Murud city, Raigad (Maharashtra state)

और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.

आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भित जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.


जंजीरा दुर्ग या मुरुड-जंजीरा किले के नाम से प्रसिद्ध यह किला मुरुड गाँव में हो जो की महाराष्‍ट्र राज्‍य के रायगढ़ जिले में स्थित है. अरब सागर में बना हुआ यह किला इतिहास में जंजीरा के सिद्दिकियों की राजधानी के रुप में प्रसिद्ध है.समुद्र की लहरों के थपेडों से अब तक अप्रभावित इस किले में आश्चर्जनक रूप से मीठे पानी का ताल भी है.

Janjira fortlake


सिद्दिकी लोग अफ्रीका महादेश के सुदूरवर्ती देश अ‍बीसीनिया से भारत आए थे. इनके यहाँ के शासन काल में बने भवनों के अवशेष पूरे क्षेत्र में देखने को मिलेंगे.मुरुड सिद्दिकियों की आखिरी चौकी थी.

३५० वर्षों से अधिक पुराने इस किले को स्थानीय लोग अजिनक्‍या कहते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ अजेय होता है.मान्यता है कि यह किला पंच पीर पंजातन शाह बाबा के संरक्षण में है,इनका का मकबरा भी इसी किले में है.

janjira fort from far


४० फीट ऊँची मजबूत दीवारों वाले इस किले की नींव समुद्र तल में ३ किलोमीटर गहरे बनी हुई हैं. सिद्दी जौहर द्वारा इस किले का निर्माण 22 वर्षों में पूरा हुआ था।यह 22 एकड़ में फैला है और इसमें १९ सुरक्षा चौकियां है. हर चौकी पर तोप रखी हुई हैं.

canons on roof janjira vikas


ब्रिटिश, पुर्तगाली, शिवाजी महाराज , कान्‍होजी आंग्रे, चिम्‍माजी अप्‍पा तथा शंभाजी ने इस किले को जीतने का काफी प्रयास किया था, परन्तु उन्हें असफलता ही हाथ लगी. इस किले में सिद्दिकी शासकों की कई तोपें अभी भी रखी हुई हैं,जैसा कि क्लू के एक चित्र में भी हमने आप को दिखाया था.किले तक ले जाने के लिए नावें फेरी लगाती रहती हैं.वर्तमान में यह एक प्रमुख पर्यटक स्‍थल के रुप में विकसित है और अपने खूबसूरत बीच रिजॉर्टों के लिए प्रसिद्ध है.यहीं सफ़ेद बालू वाला मुरुड बीच करीब 1.75 किलोमीटर लंबा है,जिसकी सुंदरता देखते बनते है.

यहां सुपारी, नारियल, पान, पाम के ढेरों पेड़ लगे हुए हैं .मुरुद - जंजीरा में ही पहाड़ी के ऊपर भगवान दत्तात्रेय का मंदिर भी है और इनके तीन सिर तीन हिन्‍दु देवताओं बह्मा, विष्‍णु और महेश्‍वर को दर्शाते हैं.

यहाँ घूमने जाने के लिए अधिक जानकारी के लिए महाराष्ट्र सरकार की अधिकारिक साईट देखें -http://www.maharashtratourism.gov.in/



आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.



सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.


 

श्री प्रकाश गोविंद   अंक 101

ashish-mishra

श्री आशीष मिश्रा अंक 100

श्री रतनसिंह शेखावत अंक 99

seema-gupta-2

सुश्री सीमा गुप्ता अंक 98

CP Mittal

श्री Chandra Prakash अंक 97

श्री उडनतश्तरी अंक 96

darshan-baweja

श्री Darshan Lal Baweja  अंक 95

indu-arora

सुश्री  Indu Arora अंक 94

ram-tyagi

श्री राम त्यागी अंक 93

श्री जीतेंद्र अंक 92

श्री रंजन अंक 91

श्री अंतरसोहिल अंक 90

प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 89

My Photo

श्री पी.एन.सुब्रमनियन अंक 88

seharji3

सुश्री M. A. Sharma “सेहर” अंक  87

श्री संजय बेंगाणी अंक 86

geete

श्री Anurag Geete अंक 85

रज-भतिअ

श्री राज भाटिया अंक 84

kajalji

श्री काजलकुमार अंक 83

 


आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में





हाय गुड मार्निंग एवरीबड्डी... मेरे सवाल का सही जवाब है : सेवफ़ल (apple). यह चित्र आभार सहित यहां से लिया है. आप चाहें तो अन्य चित्र और विस्तृत जानकारी इस लिंक से ले सकते हैं. निम्न सभी प्रतिभागियों को सवाल का सही जवाब देने के लिये 20 नंबर दिये हैं सभी कॊ बधाई.






श्री कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा
श्री Darshan Lal Baweja
सुश्री Indu Arora
श्री उडनतश्तरी
सुश्री सीमा गुप्ता
श्री प्रकाश गोविंद

अब अगले शनिवार को फ़िर यहीं मिलेंगे. तब तक जयराम जी की!

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

सुश्री वंदना
श्री मुरारी पारीक
श्री अजय कुमार झा
श्री नरेश सिंह राठौड
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
सुश्री निर्मला कपिला

अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
छपते छपते :-




श्री नीरज गोस्वामी का भी बिल्कुल सही जवाब रामप्यारी के ब्लाग पर आया. आपको 50 अंक दिये गये हैं. धन्यवाद.

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.

ताऊ पहेली - 80

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 80 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.

विनम्र विवेदन

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.

हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?



ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे.

अब रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर का. यानि जो भी प्रतिभागी रामप्यारी के सवाल का सही जवाब देगा उसे 20 नंबर अलग से दिये जायेंगे. तो आईये अब आपको रामप्यारी के पास लिये चलते हैं.


"रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर के लिये"



हाय...आंटीज एंड अंकल्स...दीदीज एंड भैया लोग...गुडमार्निंग..मी राम की प्यारी रामप्यारी.....अब आपसे पूरे 20 नंबर का सवाल पूछ रही हूं. सवाल सीधा साधा है. बस मुख्य पहेली से अलग एक टिप्पणी करके जवाब देना है. और 20 नंबर आपके खाते में जमा हो जायेंगे. है ना बढिया काम...तो अब नीचे का चित्र देखिये और बताईये की कौन से फ़ल का चित्र है? मैं तो ये फ़ल अक्सर बारहों महिना ही खाती हूं.


इस सवाल का जवाब अलग टिप्पणी मे ही देना है. अब अभी के लिये नमस्ते. मेरे ब्लाग पर अब से दो घंटे बाद यानि 10 बजे आज की मुख्य पहेली के हिंट के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्ते.

अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु. अल्पना वर्मा

नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.


मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम

ताऊ के खिलाफ़ मेंढक और मेंढकी की साजिश का भंडाफ़ोड

मैं रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" यानि की ताऊ का गधा आप सबको रामराम करता हूं. पिछले दिनों आपने बेमौसम ताऊ को सुर्यग्रहण जैसा लगता देखा होगा. मुझे भी बडा आश्चर्य हुआ. पर ताऊ का बिगडा मूड और पास मे रखा लठ्ठ देखकर कुछ पूछने की हिम्मत नही हुई. मुझे लगा कि अब यहां की नौकरी से भी हाथ धोना पडेगा. और दुसरी जगह ताऊ जैसी नौकरी मिलना भी मुश्किल है. ताऊ के यहां ऊपर की कमाई खूब होती है. इसीलिये आपने देखा होगा कि एक बार जो ताऊ के साथ होगया वो हमेशा के लिये होगया. रामप्यारी, हीरामन, रमलू सियार. रामदयाल, बीनू फ़िरंगी, सैम और खुद मैं. सबसे ज्यादा कमाई तब होती है जब हम में से किसी की ड्युटी डा.ताऊनाथ अस्पताल में लगती है. रामप्यारी तो वहां कैट-स्केन करके चांदी काट रही है.

खैर...वो सब अलग बाते हैं. बहुत दिनों बाद मैने कल ताऊ का थोडा अच्छा मूड देखा और सुर्यग्रहण जैसा क्यों लगा? इसका राज पूछा. तो ताऊ बोला - अरे यार "प्यारे" अब तेरे को क्या बताऊं? मुझे ये सुर्यग्रहण एक मेंढक और मेंढकी लगा गये.

मैने कहा - ताऊ, तू इतनी उम्र का हो लिया, तेरी मजाक करने की आदत नही गई? सुर्यग्रहण...और वो भी मेंढक मेंढकी द्वारा और...वो भी ताऊ को लग गया? ताऊ ये तो घोर आश्चर्य है या तुम झूंठ बोल रहे हो ताऊ.

ताऊ बोला - अरे बावली बूच "प्यारे", वक्त आने पर जब चींटी हाथी को धूल चटा सकती है तो मेंढक और मेंढकी तो उनसे कई गुणे बडे होते हैं और हाथी से ताऊ कई गुना छोटा...सो क्या बताऊं अब ...मुझे मेंढक मेंढकी ने धूल चटा दी.

मुझे भी अब ताऊ की बात पर कुछ यकिन सा होने लगा सो मैने पूछा - ताऊ पूरी बात बता.

तब ताऊ बोला - अरे प्यारे, हुआ यूं कि मेरे घर के पास एक तालाब है और आजकल गर्मी का मौसम है सो मैं छत पर ही सोता हूं. और आजकल ब्लागिंग मे भी मैं सबसे बडा ताऊ हो गया हूं. मुझसे बडा कोई ताऊ आस पास मे भी नही है. ये बात तो तू भी जानता ही होगा.

मैं बोला - ताऊ इसमे पूछने वाली कौन सी बात है? आप सर्व्मान्य ब्लाग ताऊ हो और मैं सर्वमान्य ब्लाग गधा. पर इसमें मेंढक और मेंढकी कहां आगये?

ताऊ बोला - अरे बावली बूच "प्यारे", तेरी ये आदत बहुत गंदी है. मैं एक बात पूछता हूं और तू तीन का जवाब देता है. यानि तेरे को डाक्टर लाने भेजो तो साथ में कफ़न भी लेकर आता है कि डाक्टर बुलाया है तो बीमार है और बीमार है तो मरेगा जरूर और मरेगा तो कफ़न की जरुरत जरुर पडेगी. दुबारा कौन जायेगा...सो कफ़न भी साथ ही ले आता है.

मैं बोला - ताऊ, गलती होगई, आगे से मरने के बाद ही कफ़न लाया लाऊंगा. अब आगे का किस्सा सुनावो.

ताऊ बोला - "प्यारे" आगे का किस्सा ये हुआ कि मेरी ये ब्लाग प्रसिद्धि मेंढकी से नही देखी गई. वो अंदर ही अंदर जलने लगी और बेचारे मेंढक को रोज कोसती. मेंढक बडा परेशान...करे भी क्या? सोते उठते बैठते मेंढकी के ताने...मेरे तो भाग्य ही फ़ूट गये जो ऐसा मेंढक मेरी किस्मत मे लिखा था...जिससे एक ताऊ को भी ब्लागजगत से नही भगाया जाता...आदि आदि..ऐसे त्रिया चरित्तर मेंढकी रोज करती.

मैने पूछा - ताऊ आगे क्या हुआ?

ताऊ बोला - अरे यार प्यारे होना क्या था? परेशान मेंढक एक ऐसे ब्लागर के पास सलाह लेने पहुंच गया जो कि मेरे से बहुत बुरी तरह जलता था. उसने इस मेंढक को सलाह दे डाली. उस सत्यानाशी ब्लागर ने मेंढक को ऐसी सलाह दी कि मुझे बर्बाद करके छोड दिया.

मैने पूछा - ताऊ वो ब्लागर ऐसा कौन सा रायचंद था कि उसकी सलाह से मेंढक ने आपको बर्बाद कर दिया?

ताऊ बोला - "प्यारे" अब क्या बताऊं? शर्म भी आती है कि ताऊ होकर एक मेंढक और मेंढकी से मात खा गया? अब तू तो घर का ही आदमी... नही नही...घर का ही गधा है तो तेरे से क्या छुपाना? ले पूरा किस्सा सुन ले.

हुआ यूं कि उस सत्यानाशी ब्लागर की सलाह मानकर उस मेंढक और मेंढकी ने दिन रात टरटर्राना शुरु कर दिया और कमबख्त दोनों मिलकर इस तरह टरटराया करते थे कि हजारों लाखों मेंढकों की आवाज निकालते थे. मैं परेशान हो गया कि क्या करूं? क्या ना करूं? उनकी दिन रात की टरटराहट से परेशान होकर मैने कुछ करने की ठानी.

मैने पूछा - फ़िर आगे क्या हुआ ताऊ?

ताऊ बोला - अरे भाई फ़िर क्या हुआ? उन्हीं दिनों राज भाटिया भी यहीं आये हुये थे. और तू तो जानता ही है कि भाटिय़ा जी से ज्यादा समझदार आदमी हमारे गांव में कोई नही है सो मैने भी उन मेंढकों से पीछा छुडाने का उपाय पूछ लिया. और भाटिया जी ने राय दी कि ताऊ तू मेंढकों को बेचने का धंधा शुरु करले, तेरे सारे दरिद्र कट जायेंगे और मेरा कर्जा भी चुकता कर देना.

अब प्यारे मैने भाटिया जी से पूछा तो उन्होने बताया कि ताऊ पास में ही दिल्ली है और दिल्ली मे बहुत सारे चाईनीज रेस्टोरेंट्स हैं .. कई पांच सितारा होटल्स हैं उन मे मेंढकों कि बडी खपत है. तेरे घर के पास वाले तालाब मे तो लाखों मेंढक दिखते हैं. बस दिल्ली जाकर किसी भी होटल वाले से कंट्रेक्ट कर आ और फ़िर मजे से कमा कर मेरा कर्ज वापस कर देना. खुद भी मजे से रहना और मेंढकों से भी पीछा छुट जायेगा.

मैने पूछा - फ़िर आगे क्या हुआ ताऊ?

ताऊ बोला - फ़िर होना क्या था? मेरे मन मे लड्डू फ़ूटने लगे, कैसे जैसे रात निकाली और अगले दिन ही पहुंच गया एक बडे से चाईनीज रस्टोरेंट में और वहां जाकर १००० मेंढक रोज सप्लाई करने का कंट्रेक्ट कर लिया, प्रति मेंढक २५ रुपये की दर से. अगर सप्लाई किसी दिन नही हुई तो डबल हरजाना देना पडेगा. तो सप्लाई नही देने का तो कोई कारण ही नही था.

ताऊ की बर्बादी का जश्न मनाते हुये मेंढक और मेंढकी


और मैने मन ही मन हिसाब लगाया कि २५ हजार रुपये रोज से महिने के तीस दिन के साढे सात लाख रुपये मिलेंगे. कोई कोई महिना ३१ दिन का भी होगा तो उस महिने २५ हजार रुपये एक्स्ट्रा आयेंगे जिससे सब आने जाने का खर्चा निकल जायेगा. करना कुछ नही था रात को जाल डाल दो, सुबह सारे मेंढक जाल में, उनको टोकरे में डालकर रेस्टोरेंट में पहूंचाने का ही काम था. जीवन मे पहली बार ऐसे सुंदर दिन आने वाले थे. यानि साल भर में करोडपति बनने के चांस होगये. फ़िर मैने सोचा कि दो चार नौकर रख लूंगा और दूसरे ४/५ होटलों में सप्लाई शुरु कर दूंगा. पांच सात करोड रुपये साल की कमाई का जोगाड होजायेगा.

मैने कहा - ताऊ आपको तो बहुत ही सालिड स्कीम बताई भाटिया अंकल नें...फ़िर गडबड कहां हो गई?

ताऊ नाराज होते हुये बोला - अरे क्या खाक स्कीम बताई? मुझे बर्बाद करवा दिया. हुआ ये कि मैने रात को जाल डाल दिया तालाब में. सुबह उसमें वो मेंढक और मेंढकी फ़ंसे मिले. उनको बाहर निकाला तो दोनों घबराये हुये बैठे थे. ताऊ ने पूछा कि तुम्हारे और साथी कहां हैं? तो मेंढक बोला - ताऊ, इस तालाब में तो हम दोनों के अलावा और कोई नही रहता?

अब ताऊ की तो गुस्से से आंखे लाल हो गई? ताऊ बोला - अबे झूंठ क्यों बोलते हो? तुम सबको लेजाकर होटल में सप्लाई करुंगा, बहुत टरटर्रा कर मेरी नींद खराब की है. तो अबकी मेंढकी कातर स्वर में बोली - अजी ताऊ जी, हमारी जान बख्सो जी, अब आगे आपकी नींद नही खराब करेंगे.

ताऊ बोला - अरी ओ मेंढकियाँ, ज्यादा झूंठ तो बोल मत. मैने इतने दिनों से लाखों मेंढकों की आवाजे दिन रात अपने इन्हीं कानो से सुनी हैं. जल्दी बता तेरे बाकी रिश्तेदार कहां है?

मेंढकी रोते हुये बोली - ताऊजी, आपको अब झूंठ बोलूं तो मेरी जबान में कीडे पडें....हम मेंढकों की आवाज ही ऐसी होती है कि हम दो मेंढक मिलकर बोलते हैं तो दो लाख मेंढकों की आवाज सुनाई देने का आभास होता है. और मेंढक मेंढकी ने अपनी आवाज निकाल कर बताई जो दो तो क्या चार लाख मेंढकों की लग रही थी.

आवाज सुनकर ताऊ को तो चक्कर आगया. फ़िर भी हरयाणवी को अपनी अक्ल से ज्यादा लठ्ठ पर भरोसा होता है. सो ताऊ ने मेंढक की तरफ़ लठ्ठ फ़टकारते हुये पूछा - क्यों बे उल्लू के पठ्ठे, तू ये आवाजे क्यों निकालता था? किसके कहने से ऐसा करता था?

मेंढक बोला - ताऊ श्री...जान की खैरियत चाहता हूं. सही बात तो ये है कि इसमे मेरा कसूर नही है. आपकी शोहरत से ये मेरी मेंढकी बहुत जलती थी. मुझे रोज ताने देती थी. सारा कसूर इसका है. मैने जो कुछ किया वो इसके कहने पर किया.

अब ताऊ को और भी आश्चर्य हुआ कि ये क्या चक्कर है? सो अबकी मेंढकी की तरफ़ लठ्ठ ऊठाया ही था कि मेंढकी फ़ुदक कर ताऊ के पांवो में आ गिरी और रोते हुये बोली - ताऊजी जान बख्स दिजिये. मेरी मति मारी गई थी. मैं आपकी सफ़लता से जलकर इनको रोज ताने मारा करती थी और ये दुखी होकर उस नाशपीटे ब्लागर के पास चले गये और उस सत्यानाशी ने इनको यह राय दे दी कि कि तुम रात दिन ताऊ के पास टर्राना शुरु करदो. ताऊ भी निपट जायेगा और तुम भी सुखी हो जावोगे.

अब ताऊ ने कंधे से लठ्ठ उतार कर फ़टकारते हुये पूछा कि उसका नाम बता जिसने तुमको टरटर्राने की सलाह दी थी?

मेंढक और मेंढकी डर के मारे सन्न रह गये......(क्रमश:)

"खूंटे पै इस सप्ताह का फ़ोटो"


कैसा लगा? कुछ कहना चाहेंगे इस पर? (फ़ोटो साभार : प्रभात किरण 22 जून 2010 से)

ताऊ पहेली - 79 (श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर,तिरूवनंतपुरम, केरल ) विजेता श्री प्रकाश गोविंद

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 79 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Sri Anantha PadmanabhaSwamy Temple, Trivandrum,Kerala.

और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.

आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.


श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर,तिरूवनंतपुरम[केरल]




केरल के तिरूवनंतपुरम स्थित प्रसिद्ध श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर केरल और द्रविड़ वास्तुकला मिश्रण का अद्भुत नमूना है.इसके पास में ही बड़ा ताल है और ट्रावन्कोर महाराजा का किला भी यहीं है .

प्रवेश द्वार पर यहाँ 100 फीट ऊँचा सात मंजिला गोपुरम [टावर ] है. यह भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है और वैष्णव समुदाय के १०८ पवित्र तीर्थों में से एक है.

मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु कि शेष नाग पर लेटे हुए मूर्ति है ,उनके बाएं हाथ में कमल का फ़ूल है और एक कमल उनकी नाभि से निकलता प्रतीत होता है और जिस पर ब्रह्मा बैठे हुए दिखाई देते हैं .



यहाँ सिर्फ हिंदुओं को ही भीतर जाने की अनुमति मिलती है और वह भी यहाँ निर्धारित परिधान पहन कर ही अंदर जा सकते हैं.

यह माना जाता है कि इस मंदिर के भगवान को चन्द्र और इंद्र ने भी पूजा है.
इस मंदिर में भगवान पद्मनाभा की मूर्ति की कब स्थापना हुई थी इस बारे में कोई पुख्ता दस्तावेज़ नहीं हैं.कुछ इतिहासकार के अनुसार यह मंदिर कलयुग के प्रथम दिवस पर बना था[५००० साल पूर्व!]

ताड़ पत्रों पर लिखे हुए ग्रन्थ अनंत्सयाना महात्मय के अनुसार इस मंदिर की स्थापना तुलु ब्रहामिन दिवाकरामुनी ने कलयुग के ९५० वें दिन की थी.मंदिर के पुनर्निर्माण के समय मूर्ति को इसके स्थान से कुछ समय के लिए हटा कर १४६० AD में उसी पुराने स्थान पर स्थापित किया गया था.सामने की तरफ़ ओत्ताकल मंडपम बनाया गया और मुख्य द्वार पर गोपुरम का निर्माण १५६६ ADमें किया गया.



१६८६ ए डी में भयंकर आगजनी के कारण सिर्फ मूर्ति को छोड़ कर बाकि मंदिर को काफी क्षति पहुंची.
मंदिर का पुनर्निर्माण १७२४ ADमें शुरू हुआ.१७२९ AD में त्रावनकोर के राजा मार्तंड वर्मा ने मुख्य काष्ठ की मूर्ति के स्थान पर १२००८ सालिग्राम से नयी मूर्ति लगवाई.यह मूर्ति चेहरे और छाती को छोड़कर बाकि सारी स्वर्ण धातु की बनी है.जो वर्तमान में भी पूजी जाती है.

[यह जानकारी मंदिर की अधिकारिक साईट से ली गयी है -http://padmanabhaswamytemple.org/]
आज भी इस मंदिर के संरक्षक त्रावनकोर के महाराजा ही हैं. आप उनका साक्षात्कार इस विडियो में देख सकते हैं.
http://www.youtube.com/watch?v=vG7VEvGnwZs&feature=चैनल

अगली पहेली एक किले के बारे में पूछी जाएगी.



आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.



सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.


 

श्री प्रकाश गोविंद   अंक 101

ashish-mishra

 श्री आशीष मिश्रा अंक 100

seema-gupta-2

सुश्री सीमा गुप्ता अंक 99

dwivediji

श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 98

smartindian

श्री स्मार्ट इंडियन  अंक 97

darshan-baweja

श्री Darshan Lal Baweja  अंक 96

indu-arora सुश्री  Indu Arora  अंक 95

ram-tyagi

श्री राम त्यागी अंक 94

श्री अंतरसोहिल अंक 93

CP Mittal

श्री Chandra Prakash अंक 92

प. श्री.  डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 91


श्री दिगम्बर नासवा
अंक 90

श्री रतनसिंह शेखावत अंक 89

My Photo

श्री पी.एन.सुब्रमनियन अंक 88

श्री रंजन अंक 87

ajju5

Dr.Ajmal Khan  अंक  86


आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में





हाय गुड मार्निंग एवरीबड्डी... मेरे सवाल का सही जवाब है : लीची का पेड. निम्न सभी प्रतिभागियों को सवाल का सही जवाब देने के लिये 20 नंबर दिये हैं सभी कॊ बधाई.





सुश्री सीमा गुप्ता
श्री प्रकाश गोविंद
श्री Darshan Lal Baweja
सुश्री Indu Arora
डा. महेश सिन्हा
श्री अजयकुमार झा
श्री आशीष मिश्रा
Dr.Ajmal Khan

अब अगले शनिवार को फ़िर यहीं मिलेंगे. तब तक जयराम जी की!

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

सुश्री रेखा प्रहलाद
श्री युगल मेहरा
श्री दिलीप कवठेकर
श्री विवेक रस्तोगी
श्री सैयद
सुश्री soni garg
सुश्री वंदना
सुश्री अंजना
डॉ. मनोज मिश्र
श्री Shah Nawaz

अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.