असली ताऊ कौन ?


आज साल २००८ का अंतिम दिन है ! आज मुझे हिंदी के सार्वजनिक ब्लागिन्ग में कुल ७ माह और ९ दिन हुये हैं ! इस बीच  आज की पोस्ट सहित कुल १४४ पोस्ट इस ब्लाग पर मेरे द्वारा लिखी गई ! और ५६ पोस्ट मग्गा बाबा पर ! इस तरह कुल दो सौ पोस्ट इस अवधि में लिखी गई ! और दिसम्बर ०८ मे पूरी ३१ पोस्ट लिखी गई ! यानि प्रति दिन एक ! 

 

.......तालियां............

 




अगर ये सब कुछ खराब बात हुई है तो इस खराबी का पुर्ण रुपेण मैं जिम्मेदार हूं ! और अगर आपको ये एक संतोषजनक बात लगती है तो इसके लिये मैं दो महानुभावों को इसका श्रेय देना चाहूंगा !

 

...........तालियां..............

 

मेरे पहले ब्लाग गुरु श्री समीर लाल जी ! जिन्होने मुझे ब्लागिंग का असली गुरु मंत्र दिया ! मैं तहे दिल से उनका शुक्र गुजार हूं !

 

..............तालियां.................

 

दुसरे मेरे ब्लाग गुरु हैं आदर्णिय डा. अमर कुमार जी ! अब आप कहेंगे कि ये क्या गडबड झाला है ? जी नही ये गडबड झाला नही है बल्कि आज की ये दो सौवीं पोस्ट का श्रेय उनको ही जाता है ! आज की पोस्ट मैं उनको समर्पित करता हूं ! उन्होने मुझे शुरु मे ही कहा था कि जो तुम्हारे जचें वो लिखो पर नियमित लिखना फ़िर तुम्हारा हाथ कोई नही पकड सकेगा ! गुरुदेव आज तो आशिर्वाद बनता है बच्चे पर !

 

..............तालियां....................

 

अब एक तीसरे सज्जन भी हैं जिनको भडास के कर्ता धर्ता श्री यशवंत सिंह के नाम से सभी जानते हैं ! जिन्होने मुझे फ़ोन करके सबसे पहले प्रोत्साहित किया था कि बस यही हरयाणवी  फ़्लेवर बरकरार रखना ! आज इसी की जरुरत है !

 

..............एक बार फ़िर से तालियां ...................

 

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                                       ( कार्टून चिट्ठाजगत के सौजन्य से )


ये  वाला कार्टून चिट्ठाजगत सेवादल द्वारा छापा गया ! जिस पर मेरा ध्यान किसी ने दो दिन पहले ही दिलाया और मुझसे आज ही पूछा गया कि ताऊ आप कौन हो ?

 

मेरी इच्छा तो हुई कि उसको कहूं - बावली बूच जब तू मुझसे बात कर रहा है फ़ोन पर तो ये मैं ही हूंगा ना या मेरे भूत से बात कर रहा है ? पर मै चुप रहा !

 

फ़िर बाद में मैने पूछा कि आप क्या समझते हो ? ताऊ कौन है ? तो उसने नीचे के आप्शन्स मे दिये गये नाम लिये कि आप ये होगे या फ़िर वो होगे !  और इसी वजह से हम वो नाम आपको आप्शन्स मे दे रहे हैं !

 

ताऊ की इस सज्जनता पर एक बार फ़िर से .......तालियां...........जोर से ..........!

 

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उपरोक्त कार्टून मे विवेक सिंह जी संभावना जता रहे हैं , कि समीर जी ताऊ हो सकते हैं !  अब लाख टके का सवाल है कि ताऊ कौन है ? ये तो मुझे भी नही मालूम ! इसका जवाब तो मेरे पास भी नही है ! क्योंकि ताऊ अब एक पहेली बन चुका है ! और यकीन मानिये  कुछ गडबड जरुर है !

 

कई लोग आपको कहते मिल जायेंगे कि हम ताऊ को जानते हैं ! पर वो नही जानते ! उनकी बात तथाकथित ताऊ बने व्यक्ति से मोबाईल पर हो रही है और मोबाईल तो कही का कहीं  बज जाता है ! ISI  का मोबाईल पाकिस्तान मे प्रणव मुकर्जी के नाम से बज सकता है  तो  ताऊ तो फ़िर ताऊ ही है ! वो अपना मोबाईल कही भी बजवा ले !  

 क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो यह दावा करे कि वो ताऊ से रुबरु मिला है ? शायद नही ! क्योंकि ताऊ अगर हो तो मिले ना ! 

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मुझे निम्न लोगों पर शक है जो ताऊ हो सकते हैं ! आप भी आपका जवाब दिजिये और इस पहेली को सुलझाईये ! मैं तो समझता हू कि जिसके नाम पर भी ज्यादा वोट आये उसे ही ताऊ मान लिया जाये ! तो अपना वोट कृपया जरुर दिजियेगा !

 

1. समीरलाल  ताऊ हैं ?  २. डा. अमर कुमार  ताऊ है ?

 

३. अनूप शुक्ल "फ़ुरसतिया" ताऊ हैं ?

 

४.  शिव कुमार मिश्रा ताऊ हैं ?  ५.  विवेक सिंह  ताऊ है ?

 

६. अरविंद मिश्रा ताऊ है ? ७.  राज भाटिया ताऊ है ?

 

८.  ताऊ नामक कोई स्वतन्त्र व्यक्ति है ? 

 

९.  या  आपको लगता है अन्य कोई ताऊ है ?

 

 

इन आप्शन्स मे से आप कोई भी जवाब दे सकते हैं ! चाहें तो सैकिण्ड चवाइस भी लिख सकते हैं ! थर्ड ..फ़ोर्थ भी !

 

आप चकराइयेगा नही ! उपरोक्त सब के सब  बराबरी के दावेदार हैं ! और ये सब सक्षम हैं रुप और नाम बदल कर मौज लेने के लिये ! और ये शायद सन २००८ की सबसे सनसनी खेज पहेली है जिसका आप को आज तक मालूम ही नही था कि ताऊ वाकई है भी या नही !

 

ऐसा तो नही है कि आप ही लोगो मे से कोई छदम नामधारी इतने दिनो से आपकी मौज ले रहा था ? ये ताऊ नाम का आदमी ब्लागिंग मे नया होता तो इतनी आसानी से इतनी जल्दी यहां तक नही पहुंचता ! ये जरुर कोई पुराना मंजा हुआ ब्लागर है जो आपकी मौज ले रहा है !

 

और सुना है कि मौज लेने मे फ़ुरसतिया जी बडे मंजे हुये हैं ! वैसे मैने उपर जो वोटिंग के लिये नाम दिये हैं ये मुझे तो सारे के सारे सक्षम दिख रहे हैं ! आपका क्या खयाल है ? ये जो भी ताऊ है उसकी तरफ़ से नया साल मुबारक हो !

 

पहेली के नतीजे अति शीघ्र  घोषित किये जायेंगे !   

नये साल की रामराम ! कार्टून मे ताऊ बडा मस्त बनाया है ! धन्यवाद कार्टून चिट्ठाजगत का !



ताऊ, रामदयाल और वही गधेडी


बात नु हुई कि रामदयाल कुम्हार की गधेडी मर गई या मार दी गई या चोरी हो गई ! पर अब रामदयाल बडा परेशान हो गया क्योंकि बिना गधे या गधेडी के उसका काम चलना मुश्किल था ! सो वो नई गधेडी खरीदने के लिये वित जुटाने मे लगा था !

 

इधर ताऊ जन्मजात कडका ! बडी कडकी म्ह चाल रया था ! ताऊ की साख इतनी गिर चुकी थी कि उसको कोई उधार देना तो दूर अपने पास भी नही बैठने देता था !

 

उसकी   खेती तो बरसात के अभाव मे चौपट हो गई और दो  भैंसों मे से  एक चम्पाकली तो  यमराज के झोठे को भगा ले गई और आज तक नही लौटी और  दुसरी अनारकली हिरोईन बनने चली गई ! सो दुध धार का धन्धा भी बंद !

 

ताऊ को जैसे ही मालुम पडा कि रामदयाल की गधेडी मर गई तो वो अपने मन मे स्कीम सोच कै एक गधा किसी का चरता हुआ मिल गया ! उसको पकड लाया और अपने ठान पै खूंटे तैं बांध दिया !

 

और रामदयाल को जाकर बोला - रामदयाल मेरे रहते तू चिन्ता मत कर ! मेरे पास एक बढिया नस्ल का गधा है ! तू वो खरीद ले ! गधा तो दस हजार का है पर तेरे से मैं सिर्फ़ पांच हजार लूंगा ! पर रुपया पूरा एक साथ लेकर ही गधा तेरे को दुंगा !

 

रामदयाल एक बार तो चमका ! फ़िर सोचा कि खैर ताऊ ऊठाईगिरा हुआ तो क्या हुआ ? है तो अपना दोस्त ही ! और इसिलिये बेचारा अपने को गधा इतना सस्ता बेच रहा है !

 

रामदयाल आकर गधा देख गया ! बिल्कुल कम से कम दस हजार का गधा था ! क्योंकि रामदयाल तो गधों का पारखी था !

 

रामदयाल के पास तीन हजार रुपये थे सो वो टोकन मनी मे ताऊ को थमा दिये और बोला - बाकी के दो हजार मैं परसों देकर गधा ले जाऊंगा !

 

ताऊ बोला - रामदयाल तू बिल्कुल सौ टका सही बात कह रहा है ! परसों आकर तेरा गधा ले जाना !

 

रामदयाल खयाली पुलाव पकाते हुये चला गया कि देखो ताऊ कितना भला आदमी है ? बेचारे ने दस हजार  का गधा पांच मे दे दिया ! और बाकी के पैसो का इन्तजाम करने मे लग गया !

 

इधर ताऊ को कौन सी गधे की डीलीवरी देनी थी ? रामदयाल के जाते ही गधे को जहां से लाया था वहीं पर छोड आया और खींसे मे तीन हजार आ ही गये थे उनकी मस्ती लेने लगा !

 

तीसरे दिन रामदयाल आया और बोला - ताऊ ये ले बाकी के दो हजार रुपये और मेरा गधा मुझको दे दे !

 

ताऊ तो ये बात सुनते ही बिदक गया जैसे किसी ने उसको गाली दे दी हो ! वो बडे छोह मे बोला - यार रामदयाल तू भी कैसी बाते करता है ? भाई वो गधा तो कल तेरे को जब मैने बेचने का सौदा किया उसी वक्त तेरा हो गया था कि नही ?

 

रामदयाल बोला - बिल्कुल हो गया था ! पर अब मुझे देदे ताऊ !

 

ताऊ बोला - देख भाई तेरे जाते ही वो गधा तो मर गया ! अब तेरा गधा था ! मर गया तो मैं क्या करूं ? तू मेरे को बाकी के पैसे देगा तो भी मैं लेने वाला नही हूं ! इतनी नुक्सानी मैं बर्दाश्त कर लूंगा !

 

पर रामदयाल अबकी बार अड गया ! बोला - ठीक है ताऊ ! अगर मेरा गधा मर गया तो मुझे मरा हुआ ही दे दे ! पर मैं अबकी बार गधा लिये बिना नही मानूगा !

 

ताऊ ने सोचा कि कहां इस बावलीबूच को कह दिया कि गधा मर गया ! सीधा कह देता कि कोई सौदा ही नही हुआ था और कोई टोकन मनी नही मिली थी ! ये क्या कर लेता ? अब इतने लोगो के बीच मे बोल कर फ़ंस गया मैं तो !

 

खैर ताऊ ने कहीं से सौ दो सौ रुपये मे मरे हुये गधे की लाश लाकर १५ दिन बाद ताऊ को दे दी और बात खत्म हो गई !

 

अब एक रोज सामने से रामदयाल अपनी गधेडी के साथ आ रहा था ! ताऊ को बडा ताज्जुब हुआ ! ताऊ ने रामदयाल से पूछा - रामदयाल क्या हाल चाल हैं ?

 

रामदयाल बोला - ताऊ,  वही रामदयाल और वही गधेडी !

 

ताऊ - भाई तेरे ये ठाठ कैसे ? और ये इतनी मोटी ताजी गधेडी कहां से ले आया  ?

 

रामदयाल बोला - ताऊ अब मैं भी होशियार हो गया हूं ! और ये सब तुमने जो मरा हुआ गधा दिया था उसके बदले  है ! और इसके बावजूद १९०० रुपये नगद भी बच गये !

 

ताऊ को और ताज्जुब हुआ कि मरे गधे के बदले इतनी शानदार गधेडी और बाकी नगद भी बच गया ! सो बोला - रामदयाल जल्दी और सच सच बताओ !

 

रामदयाल बोला - मैं  तुम्हारे पास से लुट पिट कर गया तो एक आईडिया मेरे दिमाग मे आया और मैने एक लाटरी निकालने की घोषणा कर दी ! जीतने वाले को गधा ईनाम मे मिलेगा यह कह कर १०० रुपये मे एक टिकट बेचा ! आसपास मे १५० टिकट  बेच दिये !  और इस तरह   मैने १५ हजार रुपये इकठ्ठे कर लिये !

 

ताऊ  - फ़िर इनाम मे  गधा कहां से दिया  ? गधा तो तुम्हारे पास था ही नही ?

 

रामदयाल - ताऊ , पूरी बात तो सुन ! गधा तो देना होगा तब ना आयेगा ! मैं तुमसे लुट पिट कर सीख चुका हूं कि यहां कुछ नही होता चाहे जितनी बेइमानी करो ! सब रामराज है !

 

रामदयाल आगे बोला - फ़िर मैने उसमे से दस हजार की ये चंपा गधेडी खरीदी और तीन हजार तुमने डकार लिये वो ! ये हुये तेरह हजार ! बाकी बचे दो हजार मे से एक सौ रुपये लौटाने पड गये ! सो बाकी का  नगद मुनाफ़ा १९०० रुपये का हुआ !

 

ताऊ अब तो और भी चक्कर मे पड गया कि ये लूटने का कौन सा जादू है जो ताऊ नही जानता और रामदयाल जानता है ! सो ताऊ बोला - रामदयाल जब तेरे पास गधा था ही नही तो लाटरी मे तूने गधा कैसे दिया और जनता कैसे मान गई ?

 

रामदयाल बोला - जनता ने विरोध किया था जब मैने इनाम मे मरा गधा दे दिया तुम्हारा वाला ! तब मैने कहा कि - मैने ये कब कहा था कि गधा जिन्दा दुंगा या मरा ?

मेरे इनाम मे तो यह मरा हुआ गधा ही था !

 

एक नेता टाईप के आदमी ने ज्यादा हुज्जत की तो मैने उससे कहा - कि भाई साहब काहे को झगडना ? आप अपनी टिकट के सौ रुपये वापस लेलो ! उसको मैने उसके सौ रुपये वापस कर दिये !  इस वजह से दो हजार का मुनाफ़ा घट कर उन्नीस सो रह गया !

 

ताऊ ने सोचा - अब रामदयाल होशियार भी हो चला है और आगे जाकर प्रतिद्वद्वी भी हो सकता है ! इसका इलाज करना पडेगा !

 

 

 

  इब खूंटे पै पढो :-

  ये बात है जब रामजीडे ने बिल्कुल नया नया टेम्पू खरीदा ही था ! उसको सपने
  मे   भी   टेम्पू चालता दिखै था और वो एक रात सोता सोता ही आवाजे लगाने
  लग रहा था !
 
  चलो भाई आज्यावो, तावले.. तावले.. बस अड्डॆ.. रेलवाई का अड्डा ..चलो आ जाओ..
  जल्दी करल्यो भाइ... ग्यारह आळी पसेन्जर आवण का टेम हो रया सै !

  वो नींद मे यही बाते जोर जोर तैं बोलण लागरया था ! तो उसकी बहु ( बीबी )
  बोली - अजी थम ये किस तरियां की बात बोलण लागरे हो ? के होगया जी ?
 
  रामजीडा नींद मे ही बोला - कित जाणा सै बेबे ?   

  ये सारी बातें रामजीडे का बाबू भी सुनने लग रहा था सो वो बोला - अरे मेरी
  सुसरी के ! यो के बहू नै बेबे बोलण लाग रया सै ? शरम  नी आंदी ? 

  रामजीडा नींद म्ह ही बोल्या - ताऊ तैं तो पाछै नै लटक ले !

एक समाचार देखिये और खुद ही फ़ैसला किजिये

एक सत्तर साल के पढे लिखे सम्मान्निय बुजुर्ग के साथ यह वाकया हुआ है ! और इन बुजुर्ग से मेरा दोस्ती का रिश्ता है ! ये हैं श्री आई.जे.. कपानी ! इनको मैं करीब ३० साल से जानता हूं ! अन्याय के खिलाफ़ लडने मे माहिर ! किसी कीमत पर अन्याय सहन नही करुंगा ! ये इनका ध्येय वाक्य है !

 

इस मामले मे भी इन्होने लडना उचित समझा ! अपनी सजा के विरुद्ध भी और इन जज साहब के विरुद्ध भी हाईकोर्ट मे गुहार लगाई ! माननिय कोर्ट ने न्याय दिया ! पूरी खबर आप अखबार की कटींग मे पढ लिजिये !

इस खबर को बिल्कुल फ़्रन्ट की मुख्य खबर का स्थान दिया गया ! शायद बहुत शर्मनाक है यह सब !

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श्री आई. जी. कपानी का एक संक्षिप्त परिचय :-

जन्म १९३८ लाहोर (पाकिस्तान), जालंधर से मेट्रिक पास, इंजीनियरिंग की डिग्री मद्रास से, १९५८ में मद्रास इंजीनियरिंग कालेज के नाम से शिक्षण संस्था की शुरुआत ! १९६३ से निजी व्यवसाय ! इसी दौरान १९७५ में सयुंक्त राष्ट्र संघ (UNIDO VIENA ) के तत्वाधान में फिजी में "CROWN CORK PROJECT" के लिए टेक्नीकल कंसल्टेंसी ! 

 

ऐसे आत्म विश्वास वाले और इच्छा शक्ति वाले लोग ही न्याय पा सकते हैं वर्ना कई बेगुनाह भी सजा काटते देखे सुने गये हैं ! धन्यवाद कपानी जी को ! अन्याय के खिलाफ़ लडने के लिये !

"कुदरत का कहर"











 kudarat ka kahar1





















रात भर बर्फ़ गिरती रही  kudarat ka kahar 2
सुबह जब बाहर झांका तो
नजरें अवाक और दिल परेशान  
सडक किनारे का दृश्य
एक गरीब बुढी मां की 
चिथडों  मे लिपटी
'हिम प्रतिमा'
सारा दिन भीड उस
कुदरत निर्मित प्रतिमा को
देखने आती रही
तभी मैने किसी को कहते सुना
कल की बर्फ़ीली रात
बुढिया सर छुपाने की
जगह मांगती फ़िर रही थी !


(इस रचना के दुरूस्तीकरण के लिये सुश्री सीमा गुप्ता का हार्दिक आभार!)

"ताऊ की शनीचरी पहेली - 2 का जवाब

माननिय भाईयों, बहणों और बेटियो सबनै ताऊ की तरफ़ तैं रविवार सबेरे की रामराम ! आज कल आप लोग नये साल के जोश मे डूबे हुये होंगे , और उसी जोश  खरोश से आपने इस पहेली मे भाग लिया है उससे हमारा उत्साह वर्धन हुआ है !

 

आज छुट्टी के दिन आराम करो और घूमो फ़िरो यानी मजे करो पर उसतैं पहलम यो शनीचरी पहेली - २  के रिजल्ट देखल्यो ! 

 

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स्मार्ट ईन्डियन वाले अनुराग शर्मा जी आज सुबह सुबह गलत जवाब दे गये वर्ना तीसरी पहेली मे उनकी हेट्रिक का चांस बन रहा था !  देखते हैं कि कौन सबसे पहले बनाता है हेट्रिक ? तो आईये रिजल्ट की तरफ़ बढते हैं ! :

 

आज का पहला सही जवाब अंक १०१ के साथ हैं : शुभम आर्य |यह सूर्य मन्दिर ही है कोणार्क का

 

दुसरे पर हैं अंक १०० के साथ : varun jaiswal यह उड़ीसा के पुरी जिले में कोणार्क तहसील में स्थित है | काले ग्रेनाइट से बने इस मन्दिर को नरसिंहवर्मन द्वितीय ने बनवाया था |

 

तीसरे पर हैं अंक ९९ के साथ : विनयकोणार्क सूर्य मन्दिर!

 

और चौथे स्थान पर हैं अंक ९८ के साथ सुश्री  : अल्पना वर्माजिन्होनें इस स्मारक के बारे मे लाजवाब जानकारी मुहैया करवाई ! देखिये उन्ही के शब्दों मे !

 

--यह कोणार्क का सूर्य मंदिर है.
कोणार्क, पुरी के उत्तर में लगभग 33 कि.मी. और भुवनेश्वर से 64 कि.मी. दूर समुद्र-तट के किनारे स्थित है।


-कोणार्क का सूर्य मंदिर-1200 कामगारों का कौशल और निपुणता, सोलह वर्ष का लंबा समय, और पत्थरों पर उकेरी गई कविता है , मंदिर का आकार चौबीस पहियों वाले रथ का है, जिसे सात घोड़े खींच रहे हैं। यह मंदिर एक चार मीटर ऊंचे प्लेटफार्म पर बना है, जिसके दोनों ओर बड़े-बड़े पहिये बने हैं। कुछ कहते हैं कि ये चौबीस पहिये एक दिन में चौबीस घंटों के प्रतीक हैं, अन्य कहते हैं कि ये 12 महीनों के प्रतीक हैं, जबकि कहा जाता है कि सात घोड़े सप्ताह में सात दिनों के प्रतीक हैं। सच चाहे जो भी हो, इस बात में कोई विवाद नहीं है कि यह मंदिर विश्व में शानदार वास्तुकला का सबसे अनूठा उदाहरण है। इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में उड़ीसा के राजा नरसिंहदेव-I ने करवाया था। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण के बारह वर्षों से लकवाग्रस्त पुत्र संबा को सूर्य देव ने ठीक किया था। इस कारण उन्होंने सूर्य देव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण किया था।

 

अब पांचवें पर हैं अंक ९७ के साथ : नितिन व्यासताऊजी, जे तो मन्ने कोणार्क का सूर्य मंदिर दिखै है। जवाब सई होये तो आर्शीवाद और गुड की डल्ली और ना होये तो पूरा गन्ना!

( ताऊ - भाई डल्ली के , थारे को तो पूरी गुड की भेली ही दे रया सूं , गन्ने का के करैगा सर्दी म्ह ? खाम्खाह पीठ

लाल हो ज्येगी ! :) गुड खा सर्दी म्ह, ताता रहगा ! :)

 

 

और छठें स्थान पर हैं अंक ९६ के साथ  Arvind Mishraताऊ  यह कोणार्क सूर्य मन्दिर समूह का एक मंदिर है ।

 

और सातवें स्थान को अंक ९५ के साथ ग्रहण कर रहे हैं हमारे मस्त मौलाविवेक सिंह ताऊ यह उडीसा में पुरी का सूर्य मन्दिर है

 

और आठवें पर हैं अंक ९४ के साथ  हमारे पल्टु जी  रंजन ताऊ, ये तो कोणार्क का सुर्य मंदिर ही है!!paltu जीयो मेरे पल्टूराम ! बधाई !

 

और नौवें पर हैं अंक ९३ के साथ  अन्न्दाता   अशोक पाण्डेयताऊ, ये कोणार्क का सूर्य मंदिर ही है।

 

 

और दसवें पर अंक ९२ के साथ हैं: PDKonark.. 100% sure.. :)
mera inaam taau?? :D


(ताऊ -  ले भाई PD,  तेरा इनाम ले, पूरे ९२ नम्बर ! इब तो राजी ? )

 

 

और ग्यारहवें पर आगये हैं अंक ९१ के साथ भ्राता दिनेशराय द्विवेदी

यह उड़ीसा स्थित सूर्य मंदिर कोणार्क ही है जी। बस आप ने तस्वीर जिस ऐंगल से ली है वह थोड़ा अनोखा है इस कारण लोग भ्रम में पड़े हैं।

 

१२ वें  पर अंक ९० के साथ मुसाफिर जाट  ताऊ रामराम,
ताऊ आज का इनाम तो मेरा पक्का. अगर तन्ने मेरी एक शर्त नी मानी तो फेर तेरी खैर कोनी. शर्त है अक टॉप ग्यारह की लिस्ट में टॉप पर रहने की. ये है कोणार्क का सूर्य मंदिर. इसे ब्लैक पैगोडा भी कहते हैं.


( इब एक नम्बर से ही पीछे किया है भाई ! क्यूं धमका कै बेईमानी करवाण लाग रया सै ? चल राजी हो ज्या इब !:)

 

१३ वें पर अंक ८९ के साथ हैं dhiru singh {धीरू सिंह}कोणार्क का सूर्य मन्दिर 100%

 

१४ वें पर अंक ८८ के साथ हैं Smart Indian - स्मार्ट इंडियन

मान गए जी ताऊ की उस्तादी. हम तो इस बार द्विवेदी जी की शरण में हैं - इन्टरनेट पे बहुत से फोटो देखकर कन्फर्म कर लिया है - यह कोणार्क का सूर्य मन्दिर ही है. पहला इनाम दे दो जी शुभाम् आर्य को!


( आपका हुक्म सर आंखों पर, लो जी शुभम आर्य को आज का विजेता बना दिया और मेरिट लिस्ट मे भी २०१ अंक के साथ नम्बर -१ हो गया जी आपकी मेहरवानी से ! बालक नै शेर पछाड दिये आज तो ! :) 

 

१५ वें पर अंक ८७ के साथ दिवाकर प्रताप सिंह


१६ वें पर अंक ८६ के साथ सुशील कुमार छौक्कर


१७ वें पर अंक ८५ के साथ Anonymous


१८ वें पर अंक ८४ के साथ पा.ना. सुब्रमणियन


१९ वें पर अंक ८३ के साथ दिगम्बर नासवा


२० वें पर अंक ८२ के साथ राज भाटिय़ा


२१ वें पर अंक ८१ के साथ रंजना [रंजू भाटिया]


२२ वें पर अंक ८० के साथ Pt.डी.के.शर्मा"वत्स"


२३ वें पर अंक ७९ के साथ मोहन वशिष्‍ठ


२४ वें पर अंक ७८ के साथ seema gupta


२५ वें पर अंक ७७ के साथ प्रकाश गोविन्द


२६ वें पर अंक ७६ के साथ सुनीता शानू


२७ वें पर अंक ७५ के साथ pintu


२८ वें पर अंक ७४ के साथ प्रवीण त्रिवेदी...प्राइमरी का मास्टर


२९ वें पर अंक ७३ के साथ नीरज गोस्वामी

 

और रात को १२ बजे आ रहे हैं ३० वें नम्बर पर अंक ७२ के साथ  सतीश पंचम

said... अब मरे लिये क्या बचा, सभी लोग तो बता चुके हैं - कोणार्क सूर्य मन्दिर! मैं भी वही जवाब दे रहा हूँ :)


( क्यों नही बचा जी ? देखिये पूरे के पूरे ७२ नम्बर दे रहा है ताऊ आपको ! किसी को बताना मत ! :) 

 

अन्य महानुभाव जिन्होने भाग लिया उन सबका का अतिशय आभार ! उन के   नाम इस प्रकार हैं :-

 

 

अजित वडनेरकरRatan Singh Shekhawat , rukka , दीपक "तिवारी साहब" ,

 

makrand , Anil Pusadkar, mehek, डॉ .अनुराग , cmpershad , संजय बेंगाणी ,

 

Alag sa

 

 

 

अब कुछ टिपणियां :

 

 

Anil Pusadkar  बडे कठीन-कठीन सवाल पूछ रहे हो ताऊ?भतीजे को कभी जीतने का मौका भी दोगे।

 

भतीजे , आप कुछ जवाब तो दो ! फ़िर लठ्ठ से जितवा देंगे ! :)

 

मुसाफिर जाट   ताऊ रामराम,
ताऊ आज का इनाम तो मेरा पक्का. अगर तन्ने मेरी एक शर्त नी मानी तो फेर तेरी खैर कोनी. शर्त है अक टॉप ग्यारह की लिस्ट में टॉप पर रहने की.
ये है कोणार्क का सूर्य मंदिर. इसे ब्लैक पैगोडा भी कहते हैं.

 

भाई थोडा सो कर जल्दी ऊठा करो ! :)

 

PD 

mera comment kahan gaya taau??
aap beimani nahi kar sakte hain.. :(

 

भाई ताऊ डकैती लूटमार जरुर करता है पर बेईमानी और वो भी ब्लागर्स से ?   ना भाई कभी नही ! :)

 

 नितिन व्यास said... मेरा जवाब कहाँ गया ?

 

भाई आपका जवाब अभी खाना खाने गया है ! :)

पा.ना. सुब्रमणियन  said ...यह विश्व धरोहर कोणार्क नामक जगह पर (ऊडीसा) में है. सूर्य मंदिर है. दूसरा कुछ हो ही नहीं सकता और हो तो हमें खूँटे पे बाँध देना

 ना जी , ऐसे गलत काम थोडे ही करेंगे ? ताऊ आखिर महा शरीफ़ आदमी है ! :)

दिगम्बर नासवा said... कोणार्क मन्दिर ही लगता है ताऊ  इब सब ऐसा बोल रिये हैं तो जूठ थोड़े ही बोलेंगे इब खोंटे वाले हिटलर को ये ना मालूम होगा की म्हारा ताऊ तो हिटलर का भी ताऊ से
भाई क्युं ताऊ के हाड्ड कुटवाण का विचार कर राख्या सै के ? :)

cmpershad said... अरे वाह!ताऊ ने हिटलर को पैर से हिट कर किया हेल हिटलर की जगह हॆल ताऊ कहना पडेगा। 
धन्यवाद सर जी !

 

संजय बेंगाणी

  सब कोनार्क के पीछे पड़े है तो हमें दुसरा सुझ नहीं रहा अतः हिटलर को चोट खाया देख मजा लिया और अब खिसक रहें है.

सर जी, आप तो सीधे हिटलर की ही मौज लेने लग रहे हो ?  थोडी इधर

भी खिसका देना जी ! :)

 

राज भाटिय़ा 

यह है कोणार्क का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर. इसे ईसवीं 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंहदेव ने बनवाया था. अपने स्थापत्य और शिल्प के लिए यह मंदिर दुनियाभर में जाना जाता है. इसे मध्यकाल के स्थापत्य की अद्वितीय वास्तुकला का उदाहरण माना जाता है.


लेकिन अब तो हार ही गये ना,आप ने जो फ़ोटो ली है उस से भ्रम लगता हे, वरना जबाब तो रात को ही दे देता, लेकिन ?? को देख लिया इसी बहाने....:)
यह जबाब मेरे अपने दिमाग से नही नकल से दिया है.
राम राम जी की

जो नकल नही करे वो नकली हरयाणवी नही ! आप और हम तो असली हैं तो नकल मे काहे की शर्म ? :)

 

प्रकाश गोविन्द said...

पूरी भीड़ एक ही तरफ जा रही है तो हम
लल्लू बकलोल बनकर अलग खड़े हो जाएँ क्या ???
मेरा जवाब भी "लाँक" कर लो यह कोणार्क
के सूर्य मन्दिर के एक हिस्से का चित्र है |
बाकी रही जानकारी की बात तो वो इतनी ढेर
सारी है कि आपका ब्लॉग भर जायेगा फिर जगह
न बचेगी !


ख़ास - ख़ास बातें मैंने अल्पना वर्मा जी को बता दी हैं उनसे ही पूछ लेना !
जो जानकारी वो नहीं दे पायीं वो मैं बता देता हूँ :
चित्र में जो लाल साड़ी में महिला खड़ी हैं उनका नाम मालती मिश्रा है , बनारस की रहने वाली हैं और इस समय कानपुर के एक स्कूल में पढाती हैं ! नीले कपडों में जो बच्ची है उसका नाम गुड़िया है , पांचवी क्लास में पढ़ती है यहाँ वो अपने चाचा के साथ घूमने आई है ! बाकी लोगों की तस्वीर साफ दिखायी नहीं दे रही है वरना उनके बारे में भी बता देता !

भाई मन्नै  थारा के बिगाड राख्या सै ? जो थम   ताई नै मास्टरनी बताण लाग रे हो ? भाई यो मास्टरनी जी ना सै ! यो लठ्ठ आली ताई सै !

आपका ये जवाब बिल्कुल गलत है ! ये मेरे बीबी बच्चे हैं !  

 

 

सुनीता शानू said...

सारे के सारे बहुत चलाक हैं ताऊ विकिपिडीया पर देख क आ गये किधर न पंहिये लाग रहे सं और यो सूर्य मंदिर स...सब फ़र्रे बणा क परीक्षा मै बैठ गये इब तेरी मर्जी इनाम किस नै देगा...
हिटलर नै खूँटे तै बाँध ताऊ फ़ेर किते न बिगाड़ करे तेरे फ़टुरी का...:)
मुझे हरयाणवी बहुत कम आती है हो सकता है कुछ गलत लिख जाऊँ...आपके चिट्ठे पर आकर कुछ पल हँसी के मन को बहुत अच्छे लगते हैं शुक्रिया...

थम सही कह रे हो जी ! पर आप जाणो कि फ़र्रे बणाण म्ह भी मेहनत लाग्या करै सै ! सो सबकॊ पास कर दिया जी ! और आपको भी पास कर दिया !

और उस सुसरे हिटलर नै तो म्हारा फ़टुरे ऐसा खराब करया कि मेरे को वहीं सिनेमा हाल म्ह ही गोली मार दी जी ! सो मैं वहां मर कर सीधा हरयाणे म्ह आकर जनम्या था जी !

इब सुसरा हिटलर यहां मेरा के कर लेगा ? इब तो लठ्ठ और भैंस दोनो सैं जी म्हारै धौरै ! :)

हरयाणवी आपकी घणी सुथरी सै जी आपकी !

 

Alag sa said...

पहेलियां बूझने में सदा फिसड्डीपना ही अपने हिस्से आता रहा है। इस बार सही उत्तर जाना तो सूर्यदेव ही वाम हो गये। ईब इत्ते सारे बाहूबलियों ने सही-सही पहले ही बता दिया।

सर जी, आप जवाब तो लिखते ! यहां पोईन्ट मिलते हैं हर सही जवाब पर ! आपने शायद पुरे नियम नही पढे ? ! आज आपको भाग लेने पर एक पोईन्ट मिला है ! जबकी आपके बाद जिन्होने सही जवाब दिया है उनको ७५ पोईन्ट मिले हैं ! अत: आपसे निवेदन है कि जवाब अवश्य देवें !


 


 

 नीरज गोस्वामी said...

यह है कोणार्क का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर. इसे ईसवीं 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंहदेव ने बनवाया था. अपने स्थापत्य और शिल्प के लिए यह मंदिर दुनियाभर में जाना जाता है. इसे मध्यकाल के स्थापत्य की अद्वितीय वास्तुकला का उदाहरण माना जाता है.


कोणार्क का सूर्य मन्दिर उडीसा पुरी के उत्तरी पूर्वी किनारे पर समुन्द्र के किनारे बना हुआ है ..इस पर रथ के चक्के बने हुए हैं , जो कोणार्क की पहचान है. रथ के आकार का है. जिसमे पत्थर के तराशे 24 पहिए लगे हुए हैं.रथ को 7 धोडे खींच रहे हैं(जो कि मनुष्य के मन के प्रतीक हैं)


इसकी आकृति इस प्रकार बनाई गई है कि प्रत्येक वर्ष 21 मार्च और 22 सितम्बर को, जब इन दो दिनों को रात और दिन बराबर होते हैं, उगते हुए सूर्य की किरणें सीधे प्रतिमा पर पड़ती हैं।


कोणार्क, पुरी के उत्तर में लगभग 33 कि.मी. और भुवनेश्वर से 64 कि.मी. दूर समुद्र-तट के किनारे स्थित है।


-कोणार्क का सूर्य मंदिर-1200 कामगारों का कौशल और निपुणता, सोलह वर्ष का लंबा समय, और पत्थरों पर उकेरी गई कविता है , मंदिर का आकार चौबीस पहियों वाले रथ का है, जिसे सात घोड़े खींच रहे हैं। यह मंदिर एक चार मीटर ऊंचे प्लेटफार्म पर बना है, जिसके दोनों ओर बड़े-बड़े पहिये बने हैं। कुछ कहते हैं कि ये चौबीस पहिये एक दिन में चौबीस घंटों के प्रतीक हैं, अन्य कहते हैं कि ये 12 महीनों के प्रतीक हैं, जबकि कहा जाता है कि सात घोड़े सप्ताह में सात दिनों के प्रतीक हैं। सच चाहे जो भी हो, इस बात में कोई विवाद नहीं है कि यह मंदिर विश्व में शानदार वास्तुकला का सबसे अनूठा उदाहरण है।


इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में उड़ीसा के राजा नरसिंहदेव-I ने करवाया था। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण के बारह वर्षों से लकवाग्रस्त पुत्र संबा को सूर्य देव ने ठीक किया था। इस कारण उन्होंने सूर्य देव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण किया था।


और अंत में :
चित्र में जो लाल साड़ी में महिला खड़ी हैं उनका नाम मालती मिश्रा है , बनारस की रहने वाली हैं और इस समय कानपुर के एक स्कूल में पढाती हैं ! नीले कपडों में जो बच्ची है उसका नाम गुड़िया है , पांचवी क्लास में पढ़ती है यहाँ वो अपने चाचा के साथ घूमने आई है ! बाकी लोगों की तस्वीर साफ दिखायी नहीं दे रही है वरना उनके बारे में भी बता देता !


सबसे ख़ास बात :
ये जवाब भाई मैंने ऊपर मेरे से भी और ज्यादा समझदार ब्लोगर्स के जवाब से टीप टीप के लिखा है...इब के कराँ ताऊ जे टीपने की बेमारी बचपन से पढ़ी हुई है कमबख्त छूट ती ही नहीं...अब टीपने के भी नंबर तो मिला ही करें हैं...हमारे इस्कूल में में तो मिला करे थे....तभी तो इत्ता पढ़ लिए..आप क्या समझे हम कोई अपनी समझ से यहाँ पहुंचे हैं...कैसी बावली बातां सोचो हो ताऊ...
नीरज

नीरज जी,  टीपने के आपको पूरे नम्बर दिये ! आखिर ताऊ लोगो को बिगाडने के लिये ही तो अवत्रैत हुआ है ! हमने पहले ही अपने परिचय मे लिख रखा है ! आपका नाम विजेताओं की सुची मे शामिल है ! यह पोस्ट कम्पलीट कर ली गई थी ! पर आपके लिये अलग से यह कालम डाला है !

आपने जो अंत मे नकल मारी है वो बिल्कुल गलत नकल मारी है ! मैं किसी मालती मिश्रा  को नही जानता ! जो लाल साडी मे है वो मेरी खुद की बीबी है यानि ताई है ! और वो बच्ची गुडिया नही है ! वो मेरी बेटी है !

अत: आपसे निवेदन है कि जवाब सुधारा जाये ! :) वर्ना मेड इन जर्मन लठ्ठ चलने की सम्भावना प्रबल दिखाई दे रही हैं !:) और ताऊ पर आपको रहम

करना चाहिये ! :)

अगले शनिवार शनीचरी पहेली न.३ मे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये रामराम !

 

 

 

 

 

ताऊ की शनीचरी पहेली - २

ताऊ की शनीचरी पहेली - २

 

आप सबनै शनीचर की राम राम ! इस शनीचरी पहेली न.२ मे आपका स्वागत है ! नीचै ध्यान तैं देख कै जवाब देणा है ! बिल्कुल ही  आसान पहेली है !  इस प्रसिद्ध स्मारक  को कौन नही पहचानता ?  तो जरा सा दिमाग पर जोर डालिये ! और  पहेली जीत कर अपनी मेरिट को उपर कर लिजिये !

 

Scan00171

इस स्मारक ( monument) का नाम बताना है ! और यह कहां है ?

 

आपको सिर्फ़ यह बताना है कि यह कौन कौनसा  प्रसिद्ध स्थल   है ! है ना बिल्कुल आसान ? तो फ़टाफ़ट जवाब दिजिये !


आप विषय से संबंधित जितनी सही जानकारी देंगे वो सभी के ज्ञानवर्धन के लिये ज्यादा अच्छा रहेगा ! और आपकी टिपणी भी प्रकाशित की जायेगी !

 

इसका जवाब कल सुबह आपके जागने से पहले आपको मिल जायेगा ! यानि ठीक २४ घन्टे बाद !   तो फ़िर फ़टाफ़ट जवाब दिजिये ! ये है सबसे आसान पहेली ! हम चाहते हैं कि सभी जवाब देने वालों का नाम विजेताओ मे शामिल हो !

 

और प्रथम दस विजेताओं के  जवाब  मय उनकी टीपणियों और फ़ोटो के छापे जायेंगे !


और निर्णायक मंडल द्वारा जो भी टिपणी मनोरंजक या ज्ञानवर्धक पाई जायेगी  वो भी प्रकाशित की जायेगी !  

 

यह शनीचरी पहेली हर शनीवार सुबह प्रकाशित होगी और रविवार को  सुबह सुबह जवाब दे दिये जायेंगे ! तो है ना छुट्टी के दिनो का भरपूर मजा घर बैठे !

 

इस ब्लाग के दाहिंने तरफ़ आप आपकी मेरिट की स्थिति देख सकते हैं ! कल रविवार को इस अंक के रिजल्ट के साथ ही यह अपग्रेड कर दी जायेगी !

 

पहेली के नियम कायदे पिछले रविवार को शनीचरी पहेली न.१ के रिजल्ट के साथ साथ बता दिये गये थे ! जो यहां चटका लगा कर भी देखे जा सकते हैं !

 

आपके सुझावो का हमेशा ही  स्वागत है !

 

 

 

    इब खूंटे पै पढो :-
   
    ताऊ का नटुरे (nature) तो आप जानते ही हो ! वो अपने लिये मुसीबते और    
    आफ़त खुद ही खडी कर के अपना फ़टुरे (future) खराब कर  लेता है ! 
    ऐसा लगता है ताऊ अभी तक मटुरे (mature) नही हुआ है ! 
    
    ताऊ जर्मनी मे  रात के एक शो मे चलचित्र देखने गया ! 
    और उसी सिनेमा हाल मे अडोल्फ़ हिटलर भी भेष बदल कर आया था ! वो
    सिर्फ़ यह देखने आया था कि जब उसका चित्र पर्दे पर आता है तब जनता
    क्या करती है ! ताउ के बगल वाली सीट पर आकर चुपचाप बैठ गया !

    अब जैसे ही पर्दे पर हिटलर की तस्वीर आई , जनता खडी हो गई और हिट्लर
    की जय जय कार के नारे लगाने लगी !

    स्वाभाविक रुप से हिट्लर बैठा ही रहा और अपनी जय जय कार सुनकर अति
    प्रशन्न हो रहा था कि जनता उसको बडा पसंद करती है !

   तभी ताऊ जो हिटलर के बिल्कुल बराबर की सीट पर बैठा था और अब खडे
   होकर हिटलर की जय जय कार कर रहा था ! उसने अपने पांव को ऊठाकर
   उसके पांव पर मारा और बोला - खडा हो जा मेरे भाई ! और उस कमीने  की
   जय जय कार करले ! अगर कहीं उस हरामजादे को मालुम पड गया तो फ़िर
   तू तो गया काम से !  

    इसके बाद ताऊ का फ़टूरे (future) क्या हुआ होगा ? आप ही विचार करें !
 

ताऊ के सैम और बीनू फ़िरंगी की अतिथि पोस्ट

आज सुबह सुबह सैम और बीनू फ़िरंगी बडे गम्भीर होकर सप्ताह भर के अखबारों को टटोल रहे हैं ! सैम थोडा अक्ल से पैदल और कम पढा लिखा है वहीं बीनू फ़िरंगी डिग्री धारी है ! दोनो ब्लाग लिखने के लिये कटिबद्ध हैं और सामग्री टटोल रहे हैं अतिथि पोस्ट लिखने के लिये ! बीनू फ़िरंगी अखबार पढ पढ कर सैम को सुनाते जा रहा है !


बीनू फ़िरंगी - यार सैम भाई ये देखो एक नागनाथ पार्टी का ताऊ ( विधायक) अपना विवाह समाज के सामूहिक शादी समारोह मे करेगा ! ये कैसा मसाला है अपनी पोस्ट के लिये ?


सैम - अबे तू भी यार बिल्कुल मेरे से भी ज्यादा पैदल है अक्ल से ! इसमे कौन सी बडी बात है ? शुरु शुरु मे नये नये ताऊ ऐसा ही करते हैं फ़िर पुराने होते ही असली रंग ढंग पकड लेते हैं ! चल अगली खबर पढ , आज मेरा चश्मा कहीं गुम हो गया है !


बीनू फ़िरंगी - ये देखो सैम भाई ! बाल ठाकरे दादा को क्या हो गया ? खुद ही कहते हैं कि आपात काल लगाओ ! और इन्दिरा गांधी के गुण गान कर रहे हैं ! और फ़िरंगी पूरी खबर सुनाता है !


सैम - अरे यार फ़िरंगी , अब इनको कोई खबरों मे बने रहने का बहाना तो चाहिये ना ! तो यही नोटंकी शुरु ! बोलो जिस आपातकाल को ये लोग भिगो भिगो कर कोसते थे उसी को वापस बुला रहे हैं ? तुमको मालुम है क्यों ?


बीनू फ़िरंगी - क्यों यार सैम भाई ? जरा हमे भी बताओ !


सैम - अरे यार सीधी बात है ! इन्दिरा जी ने आपातकाल लगाया था और जिनको मेरा मतलब विरोधी नेताओ को कॄष्ण जन्मस्थली पहुंचा दिया था ! बाद मे इसी आपातकाल की वजह से उनको पहली बार राजगद्दी मिली थी !


और जहां पहले केवल सांपनाथ पार्टी का राज करने पर एकाधिकार था वहीं पहली बार नागनाथ पार्टी का जन्म हुआ और सत्ता सुन्दरी उनको मिली ! अब ये अलग बात है कि ५ साल की बजाय ढाई साल मे ही लड झगड कर सता सुन्दरी ने इनको तलाक दे दिया ! और वापस सांपनाथ पार्टी से घरवासा कर लिया !


बीनू फ़िरंगी - पर सैम भाई इस बात से आपातकाल के गुणगान का क्या संबन्ध ?


सैम - अबे यार तुम फ़िरंगियों मे एक यही आदत बहुत गंदी है ! एक रट पकड लेते हो तो छोडते नही हो ! अबे दिल्ली के चुनावो मे मुम्बई कांड के बावजूद जनता ने सांपनाथों को जिता दिया है तो ठाकरे दादा सोच रहे हैं कि कहीं उनके साथ भी ऐसा नही हो जाये ! सो आपातकाल लगवाकर सता हथियाना चाहते हैं !


बीनू फ़िरंगी - अरे यार सैम भाई , तुम तो मुझे बिना पढा लिखा ही समझ रहे हो शायद ! आपातकाल लगवा कर सता कैसे हथिया लेंगे ?


सैम - अबे तू साले निरा पढा लिखा मूरख है मुरख ! इतना भी नही समझता कि आपातकाल लगायेंगे तो कुछ ना कुछ गल्तियां और ज्यादतियां होंगी और उसके फ़लस्वरुप वोट इनको मिल जायेंगे और सता मिल जायेगी !


नही तो पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिये आपातकाल की क्या जरुरत है ? हमको बोल दो ! हम तो एक मिनट मे "अ"हटाकर जी की तरह पाकिस्तान को भी खम्बा ना बनादे तो हमारा नाम भी सैम नही !


बीनू फ़िरंगी - सैम भाई, ये देखो , कानपुरिया ठग्गू के लड्डूओं की बिक्री को भी मंदी का सामना करना पड रहा है ! ठग्गू के लड्डूओं मे मंदी क्यों ? क्या लोगो ने खाना बंद कर दिया ?


सैम - अरे यार तूने भी क्या याद दिला दी ठग्गू के लड्डूओं की ..आहा.हा..जब मैं धर्म पा जी के दुसरे घर हेमा भौजाई के घर जाता था तो भौजाई मुझे इन्ही लड्डूओं का नाश्ता करवाती थी ! उनको ये लड्डू बहुत पसंद हैं ! भौजाई ये ठग्गू के लड्डू सीधे कानपुर से मंगवाती थी !


बीनू फ़िरंगी - तो अब ताऊ को बोल दे ! तेरे को वो मंगवा देगा कानपुर से !


सैम - अरे यार तूने भी किसका नाम ले दिया ? ताऊ कहां से मंगवायेगा ? वो खुद कडकी में चल रहा है ! कभी सेठ को चूना लगाता है और कभी कुछ करता है ! मैं भी किस कडके के पास आकर फ़ंस गया ?


बीनू फ़िरंगी - अरे सैम भाई , एक बार ताऊ को बोल के तो देखो !


सैम - बोला था परसों ही ! तब मुझे उल्टा डांट दिया ! ताऊ ने कहा - कुत्तों को मीठा नही खाना चाहिये ! बोलो अब ये कोई बात हुई ?


बीनू फ़िरंगी - यार सैम मेरी भी इच्छा हो रही है ठग्गू के लड्डू खाने की तो !


सैम - अब तू देखता जा ! ये ब्लाग लिखने की बात मैने इसिलिये की है कि इस बहाने मेरी फ़ुरसतिया जी से जान पहचान हो जायेगी और फ़िर ताऊ को अंगूठा दिखा दुंगा !


मैं तो फ़ुरसतिया जी के यहां नौकरी कर लूंगा ! काम करेंगे तो लड्डू तो मिल ही जायेंगे ! अपने को इससे ज्यादा कुछ चाहिये भी नही !


बीनू फ़िरंगी - ठीक है , मैं भी चलूंगा तुम्हारे साथ ! ये पोस्ट तो हो गई ! इब खूंटे पै क्या लिखें ?


सैम - अबे तू चिन्ता क्यों करता है ? मैने ये कविता लिख रखी है ! इसे ही छाप दे तू तो !






इब खूंटे पै पढो :-

जशोदा हरि इंगलिश पढावै !
मेरो कान्हा कान्वैंट जात है, इंगलिश में पोइम गावै !
टा टा कहि सुबह विदा लेत है, जशोदा का रोम रोम हरषावै !
आंटी सुनि गोपी बलि जावै, गोप अंकिल मूंछ फ़रकावै !
राक एंड रोल करत कजिन सिस्टर संग, नंद बाबा मुस्कावै !
बरसाने मे राधा या छवि को निरखत, अंग्रेजहु शरमावै !
राधा के बाबा ये देखत, राधा को भी कांवैन्ट स्कूल भिजवावै !
जशोदा हरि अंग्रेजी पढावै !



नोट :- शनिचरी पहेली न.२ कल सुबह 3.33 AM पर प्रकाशित होगी !

रावण कौन से मुंह से माफ़ी मांगता ?

अभी कुछ दिन पहले ही मुसाफ़िर जाट के ब्लाग पर रावण और मंदोदरी के बारे मे चर्चा चल रही थी ! शायद उसी वजह से कल रात दादा रावण और मंदोदरी जी   ताऊ के सपने मे आ गये !

 

दादा रावण अपनी पीडा ताऊ को सुना रहे थे कि उनके घर वाले आजकल उनकी सुनते नही हैं ! राम जी लंका पर चढाई करने को तैयार बैठे हैं ! विभीषण लंका छोड कर रामजी के पाले मे चले गये हैं ! मैं कितना परेशान हूं ताऊ ? तुम जानते नही हो ?

 

और इतनी ही देर मे ताऊ ने देखा कि महारानी मंदोदरी आ जाती हैं !  सपने मे ताऊ ने क्या क्या देखा ? और क्या क्या हुआ ? इस सबका पूरा विवरण सुनिये !

 

अनिष्ट होण की आशंका Ravana से

रावण की बहु (बीबी) मंदोदरी

घणी घबराई हुई थी

 

सांझ नै  रावण जी कै

घर म्ह घुसतां ही बोली

या थमा के सोच राखी है ?

 

रामजी सरीखा मिनख सैं

दुश्मनी पाल राखी है ?

आखिर थे आपणां वंश नै

चालणै देओगा कि नही ?

 

दशानन रावण जी बोल्या

प्रिये थे चिंता ही मत करो

जैसे ही रामजी युद्ध म्ह

मेरे सामने आवैगो

मैं ऊणकी मूंडी मरोड कै

उणका ही हाथ म्ह दे दुंगो

 

इब मंदोदरी जी बोली

नाथ घणी मतना फ़ांको

एक हनुमान नाम को बांदरो आयो थो

और थारी लंका नै जलाकै

थारै  हाथ म्ह राख  दे गयो

 

थे तो जल्दी जाओ

सीता जी नै सागै ले जाओ

और फ़टाफ़ट रामजी सैं

माफ़ी मांग कै आओ

 

इब दशानन जी के अपणी

ऐसी तैसी करातो ?

हाईकमान को आर्डर तो

मानणों ही थो

 

रावण जी सीधो अशोक वाटिका

म्ह गयो

( और ताऊ  भी रावण जी कै पीछे पीछे लाग रियो थो )

 

सीता जी की सेविका सैं

रावण नु बोल्यो

सीता जी नै जल्दी

तैयार कर ल्या

मैं उनको लेकर

रामजी कै पास जा रियो हूं

 

सेविका वापस आकर बोली

सीताजी थारै सागै कोनी जावैं

वो तो रामजी कै सागै ही जावैगी

सो थे तो रामजी नै

अठे ही बुला लाओ

 

और दशानन जी रामजी कै पास चल्यो गयो

पर रामजी कै पास पहुंचते ही 

सब किम्मै  गुड गोबर हो गयो !

 

रावण जी का  दसों सिर

पहले आप पहले आप करने लाग गया

पहले आप पहले आप करते रहे

पर फ़ैसलो कोनी हुयो

 

दस मुंह की पंचायत में

झगडा इस बात को लेकर था कि

माफ़ी कौन सा  मुंह  मांगे ?

 

दस मुंह  रहते हुये भी

रावण एक भी मुंह सैं

माफ़ी कोनी मांग पायो

 

ताऊ,  रावण जी से बोल्यो 

थारा दस मुंह मे से एक भी मुंह

थारै काबू  म्ह कोनी

 

वर्ना क्युं तो हर साल

थारो दहन कियो जातो ?

और क्युं सारी रात रामलीला

देखने के बाद

सुबह पूछ्यो जातो कि सीता जी कौन थी ?

 

 

  इब खूंटे पै पढो :- 

  
आपको मालूम ही है कि सेठ ने ताऊ को सांप के साथ कमरे मे बंद कर दिया था !taaU with snake  
ताऊ ने कमरे मे जाकर सांप को उसकी गर्दन से दबोच लिया और दुसरे हाथ से   सांप की पूंछ पकड कर दोनो हाथ से पकड कर कंधे पै डाल लिया ! 
   
और सेठ का जितना भी माल मिला वो अपनी जेबो  मे भर लिया ! और   दरवाजे  के पास   चुपचाप सांस रोक कर खडा हो गया ! 

जब काफ़ी समय हो गया और ताऊ की कोई आवाज नही आई तो गाम आले  बोले - सेठ, जरा देख लो ! ताऊ कहीं मर वर गया होगा तो पुलिस कचेरी हो   जायेगी !  

दिमाग मे ये बात आते ही सेठ घबरा गया और दरवाजा खोला तो ताऊ झट कूद   कर बाहर आ गया और सांप सेठ के गले मे डाल कर, सारा माल लेके  भाग गया !  
    
ताऊ ने इस माल को भी थोडे दिन मे छान फ़ूंक लिया और फ़िर कडके का कडका 
हो गया !  ताऊ और कडकी यानि  जैसे चोली और दामन का साथ  ! 

इधर सेठ भी ताऊ पर गुस्सा खाये बैठा था ! और उसने ताऊ के डर से अपना 
इन्तजाम भी कर रखा था ! 

ताऊ जब बिल्कुल तंग हो गया तो एक रात सेठ की हवेली मे चोरी करने घुस 
गया ! और तिजोरी तक जा पहुंचा ! 
  
ताऊ ने देखा कि तिजोरी पर  लिखा था - तिजोरी को तोडने की जरुरत नही है ! 
४२० नम्बर डायल करो और फ़िर लाल बटन दबादो, तिजोरी अपने आप खुल    
जायेगी ! ताऊ की तो जैसे मुंह मांगी मुराद पूरी हो गई ! 

पर ये क्या ? ताऊ के लाल बटन दबाते ही अलार्म जोर   से बज ऊठा और पुलिस 
आ धमकी ! ताऊ तो घबरा गया और भागते भागते बोला -  
सेठ तेरे  कारण आज मेरा  इन्सानियत से पूरी तरह विश्वास ऊठ गया ! झूंठ 
लिखने की भी हद होती है !
         

पदमभुषण डा. नीरज जी से ताऊ की पहली मुलाकात

खाडी युद्ध (१९९१) की एक रविवार की सुबह ! मैं अपने मकान की प्रथम मंजिल के बरामदे मे बैठ कर अखबार देख रहा था ! नीचे हमारे एक किरायेदार थे !  हमारे  किरायेदार की लडकी, जो कि आल ईन्डिया रेडियो मे उदघोषिका थी, और एक शानदार आवाज की मालकिन भी !

 

वो ज्यादातर जलसो मे उदघोषिका रहती ही थी !  इसी कारण बडी बडी साहित्यिक हस्तियों से भी उसका मेल जोल था ! कई नामी हस्तियों का आना जाना भी था ! 

 

मेरी पत्नि और बच्चों के  पास भी अपने मधुर स्वभाव के कारण ये आती ही रहती थी !  वो सीढियों  से आती दिखी  तो उसके पीछे एक अन्जान से सज्जन भी आते दिखे ! कोई ६० साला उम्र, सफ़ेद खादी का कुर्ता पायजामा, सफ़ेद बाल.... मैं उनकी शक्ल याद करता करता ऊठा और उनके पांव छुये ! मुझे कुछ याद नही पड रहा था कि ये कौन है ?

 

मैने पांव ये सोचकर छुये थे कि ये मेरे कोई दूर के रिश्तेदार होंगे जो पता पूछते २ आये होंगे और ये लडकी इनको लेकर उपर आ गई होगी !

 

niraj indore mushayara1jpg जैसे ही मैने पांव छुये...उन्होने सकुचाकर आशिर्वाद दिया ! अब वो लडकी बोली - अरे वाह भैया ( मुझे वो भैया ही कहती थी ) आप इन्हे जानते हो ? हां मैं जानती थी कि आप तो फ़िल्मों का काम करते हो , इनको कैसे  नही पहचानते होगे ?

 

बस उसका इतना कहना था कि मैं तुरन्त पहचान गया ! ये थे मशहूर कवि/शायर गोपाल दास जी नीरज ! जो नीरज के नाम से विख्यात हैं !

 

इनके कई कवि सम्मेलन/मुशायरे सुनने का सौभाग्य मिल चुका था ! आज अचानक रुबरु मेरे घर पर , मैं तो अभि्भूत हो गया !

 

पदमश्री (१९९१) , डाक्टरेट की उपाधि आगरा युनिवरसिटी (१९९५), पदमभुषण (२००७) एवम अन्य दुनियां भर के सम्मानो से नवाजा गया व्यक्तितव खुद चल कर मेरे घर मेरे पास खडा है ! अहोभाग्य मेरे !

 

जब नीरज जी इन पन्क्तियों को किसी भी मंच पर गुनगुनाते हैं -

 

''अब के सावन में शरारत ये मेरे साथ हुई,

मेरा घर छोड कर सारे शहर में बरसात हुई।''

 

सुनने वाले भी  सचमुच सावन की तरह झूम उठते हैं ।

 

मैने ऊठकर उन्हे कहा कि - आईये अंदर चलते हैं ड्राईंग रूम मे ! मेरा हाथ पकड कर बैठाते हुये बोले - यार क्या यहां तुम्हारी खुली हवा हम नही ले सकते क्या ? और मुझे हाथ पकड कर अपने साथ वहीं बरामदे मे बैठ गये !

 

उनका आने का सबब ये था कि फ़ोन उन दिनो मे भी धनी होने की निशानी ही था ! नीचे किरायेदार के पास फ़ोन नही था ! जैसा कि उन दिनो मे होता था वो भी जरुरत होने पर हमारा ही फ़ोन प्रयोग मे लाते थे ! STD बूथ वगैरह कुछ नही होते थे !  

 

नीरज जी को कुछ जरुरी काम से मुम्बई ( तब की बम्बई ) फ़ोन  करना  था ! STD dial सुविधा शुरु तो हो चुकी थी पर कारगर नही थी ! सो उन्होने एक ट्रंक काल बुक करवाया और इन्तजार करते रहे !

 

करीब ५ घंटे बाद काल लगा और तब तक दुनिया भर की बाते होती रही ! उन्होने  "नई उम्र की नई फ़सल" से लेकर " शर्मीली"  फ़िल्म और अनेक फ़िल्मकारों  के साथ किये गये काम के बारे मे भी बताया ! मैने उनसे पुराने फ़िल्मकारों , गीतकारों और जमाने भर की अपनी जिज्ञासाओं  की झडी लगादी ! लंच भी वहीं पर साथ साथ हुआ !


मुझे काव्य या साहित्य की कोई ज्यादा समझ नही है सो हमारी ज्यादातर चर्चा फ़िल्मो के इर्द गिर्द ही रही ! उन्होने खुद मुझसे कई फ़िल्मकारो के बारे मे जानकारी ली ! 

 

एक बात मैने विशेष रुप से नोट कि कि, हर सवाल का जवाब एक शिक्षक और दार्शनिक की तरह उन्होने दिया ! उन्होने स्व.राज कपूर जी, देवानन्द जी इन सबके बारे मे बडे विस्तार पुर्वक बाते की !

 

मुझे ऐसा लगा कि उनके साथ बैठ कर मेरे घर मे मैं मेहमान  हूं और वो मेजबान हैं ! मेरे जीवन का वो भी एक बेहतरीन दिन था ! तो यह मेरी नीरज जी से पहली मुलाकात थी !

 

अभी तीन दिन पहले पिछले रविवार को ८५ साल की उम्र मे भी यहां एक मुशायरे मे उन्होने शिरकत की ! तो ये पुरानी मुलाकात जेहन मे ताजी हो आई !

 

इस मुशायरे मे  ६ हजार लोग उनको और  बेकल उत्साही को सुनने आये थे ! अन्य नामचीन शायर भी शिरकत कर रहे थे !

 

मुशायरे में सुबह की ३ बज गई ! नीरज जी  को शायद स्वास्थ्य के कारणो से नही बोलने दिया गया ! अस्वस्थ भी वो दिखाई दे ही रहे थे ! सुबह जल्दी उनको फ़्लाईट भी पकडनी थी ! पर जनता नाराज थी !   खैर ये एक अलग विवाद रहा ! इससे हमे क्या लेना देना ? श्रोतागण सुबह के ३ बजे तक उनका इन्तजार करके निराश हो चुके थे और ऊठ कर जाने लगे थे कि अचानक बेकल उत्साही साहब ने माईक पर एक शेर पढ कर माईक नीरज जी के हाथॊं मे यह कहते हुये  थमा दिया कि लो नीरज जवाब दो !

 

ये क्या हुआ ? श्रोता जो जहां चल कर लौट रहा था वहीं ठहर गया ! सबने कुर्सियां संभाल ली ! और सबने इस हाजिर जवाबी का लुत्फ़ उठाया ! आप भी ऊठाइये !

 

बेकल साहब के सवाल मे नीरज जी ने ये जवाब दिया -

 

बादलों से सलाम लेता हूं, वक्त को थाम लेता हूं

मौत मर जाती है पल भर के लिये, जब मैं हाथों से जाम लेता हूं !

इस पर बेकल साहब ने कहा -

 

अपनी मस्ती की शाम मत देना, दोस्तो को यह काम मत देना !

जिसको पीने की तमीज न हो, उसके हाथों मे यह जाम मत देना !

 

नीरज जी ने इसके जवाब मे कहा -

 

इतने बदनाम न हुए हम तो इस जमाने मे,

तुमको सदियां लग जायेंगी मुझे भुलाने में

न पीने का सलीका न पिलाने का शऊर,

ऐसे ही लोग चले आये हैं मयखाने में 

 

देर तक ऐसे ही सवाल जवाब का सिल्सिला चला और फ़िर नीरज जी बोले - बेकल साहब, आप कहे,  फ़िर मैं एक गीत सुनाकर विदा लूंगा !

 

पर वो गीत नही सुना पाये ! शायद  उनकी तबियत नासाज हो गई थी या फ़िर फ़्लाईट पकडने का समय हो चुका था  ! नीरज जी को लाईव सुनना एक खुशगवार अनुभव होता है ! ईश्वर उनको स्वस्थ लंबी उम्र दे और हमें फ़िर उन्हे लाईव सुनने का मौका दे !

 

 

  इब खूंटे पै पढो :-

  ताऊ के बाबू (पिताजी)  नै ताऊ को दो झापड रसीद किये ! ताऊ ने प्रश्नसुचक दृष्टि से  
  बाबू की तरफ़ देखा ! बाबू ने और दो तमाचे लगा दिये !

  भाटिया जी वहीं खडे थे ! उन्होने पूछा - बाबूजी आप इसको (ताऊ) बिना मतलब
  मार क्यों रहे हो ? आखिर इसकी गल्ती क्या है ?

  ताऊ का बाबू बोल्या - अरे भाई भाटिया तैं जाणै कोनी इसनै ! यो घणा कपूत और
  ऊत छोरा सै ! आज इसका रिजल्ट आवैगा और यो पक्के से फ़ेल होवैगा ! अब मैं
  तो हर काम एडवान्स मे करता हूं ! सो इसकी ठुकाई भी एडवान्स मे ही कर रहा
  हूं पिछले तीन दिनों से ! अक्सर महान लोग कोई भी काम कल के लिये पेंडिन्ग
  नही छोडते !

  और ताऊ को इनिशियल एडवांटेज देते  हुये दो चार झापड और रसीद कर दिये !

ताऊ को मास्साब ने बनाया मुर्गा

ताऊ के आप लोगो ने कई कारनामे पढ़ लिए हैं ! ताऊ हर काम में मास्टर है ! छूट भलाई सारे गुण हैं ताऊ मे !

 

chhotu1jpg ताऊ कुछ भी करे पर ताऊ का विश्वास कोई नही करता !  ताउ को जब सेठ ने सांप के साथ कमरे में बंद कर दिया तब भी ज्यादातर लोगों ने यही सोचा की ताऊ इस साँप से भी निपट लेगा किसी ने एक पल को भी ये नही सोचा की अगर साँप ने ताउ को चटका दिया तो फ़िर ऐसा ताऊ कहाँ मिलेगा ? और तिवारी साहब ने तो हद की भी हद करदी जब उन्होंने कह दिया की बनिए का माल हथियाने के लिए नकली साँप घुसा कर ताऊ बनिए के घर में घुसना चाहता था और उसका माल साफ़ करने  का प्लान था ! खैर कोई बात नही ये किस्सा हम बाद में कभी बताएँगे की साँप ने ताऊ को डसा या ताऊ ने साँप को डसा !

 

कुछ लोगो की ताऊ के स्कूली जीवन को जानने मे रुचि है सो एक और किस्सा उन दिनो का याद आ गया जब ताऊ ४थी क्लास मे पढता था ! मास्टर जी ने एक लेशन याद करने को दिया !

 

taau gilli danda दुसरे दिन सब छोरो ने तो सुना दिया पर ताऊ को याद नही था ! याद कहां से होगा ? ताऊ स्कूल से आने के  बाद सिर्फ़ गिल्ली डन्डा खेला करता था ! या फ़िर छुट्टी होते ही स्कूल से ही अपने अल्गोजे ( बान्सुरी ) बजाते हुये घूम्या करै था ! और मास्टर जी  थे बडे कडक ! सो ताऊ को उन्होने दो झापड रसीद किये और बोले - मैं बहुत कडक मास्टर हूं ! मेरी क्लास मे सब कुछ याद करके आया करो, वर्ना जूते खाओगे  !

 

आज मास्टर जी ने याद करने को लेशन और पहाडे ( table) दिये ! दुसरे दिन सब लडकों ने तो सुना दिया पर ताऊ को याद नही हुआ ! ताउ तो पक्का शातिर था ! बस कोई प्लान सुनाने के चक्कर मे था मास्टर  जी को !

 

chhotu2jpg इब मास्टर जी ने कहा - ताऊ चल मुर्गा बन जा ! अब ताऊ क्या कर सकता था बिचारा चुपचाप मुर्गा बन गया ! मुर्गा बनते ही  ताऊ ने प्लान बना लिया कि क्या कहानी सुनानी है ? ताऊ भी पक्का प्लानबाज था !

 

अब मुर्गा बनाने के बाद मास्टर जी ने डन्डा ऊठा लिया,  ताऊ को ठोकने के लिये  !

 

 

ताऊ- बोला - अजी मास्टर जी मारनै तैं पहलम म्हारी बात सुण ल्यो !

 

मास्टर - बोल के रागनी सुणावैगा ?

 

ताऊ - कल रात को म्हारै सपने मे थारै बाबू  ( पिताजी ) आये थे और बोले कि ताऊ तू चिन्ता मत कर ! मास्टर मेरा लडका ही है ! उसको कह देना कि मैने कहा है सो तेरे को मारेगा नही ! और सपने की बात सुना देना !

 

मास्टर ने सोची कि - इस छोरे नै म्हारै बाबू का नाम ले दिया और बाबू को मरे भी इतने साल हो गये ! सो मास्टर को उसके पिताजी की याद आ गई और उसने ताऊ को छोड दिया !

 

इब तो ताऊ को रोज का फ़ार्मुला हाथ लग गया और स्कूल से सीधे घर और वहां से रोटे सोटे पाड कै सीधे गिल्ली डन्डा खेलने चला जाता !  ताऊ की तो मौज हो गई ! घणे दिन हो लिये और मास्टर घणा परेशान हो लिया इस ऊत ताऊ से !

 

अब एक दिन की बात - मास्टर ने ताऊ से कहा - चल १७ का पहाडा (table) सुणा ! अब ताऊ ने याद किया हो तो सुणाता !

 

ताऊ बोला - के करूं मास्टर जी रात नै मेरे सपने मैं आपके पिता जी फ़िर से  आये थे  अर मेरे तै बोल्ले बेटा तू याद करण की टैंशन मत  लेवै, ये  मास्टर  मेरा छोरा ही सै , मैं इसनै कह दयूंगा कि तेरी पिटाई कोनी करेगा ! अगर वो तेरी पिटाई करने  लगै तो तू मेरा नाम ले दियो और सपना सुणा देना !

 

इबकै मास्टर जी भी जवाब सोचकै ही आये थे - और हवा मे डन्डा लहराते हुये बोले -

रै ऊत कहीं के ..! पिताजी तो रात मेरे सपने मे भी  आये थे और  मेरे तै कहरे थे कि  यो  छोरा ताऊ घणा ऊत सै और झूठ घणी बोलै सै ,  इसकी बात बिल्कुल भी मत  मानिये ! चल हाथ आग्गै कर !

 

ताऊ  हाथ आग्गै काढ कै बोल्या - मास्टर जी डंडे तो  बीस के चाहे तो तीस  मार ल्यो
पर आपके पिताजी हैं बड़े दोगले और कमीण !

 

मेरे सपने मे  कुछ कह गये और  थारे सपने मे  कुछ और ही कह गये !

 

 

 

  इब खूंटे पै पढो :-

  ताऊ थानेदार था और उसने एक दिन रामजीडा जो टेम्पू चलाया करता था
  उसको और उसके टेम्पू को पकड लिया ! और सवारियों सहित थाने ले आया !
 
  और उसको बोला - अबे तेरे कागज   दिखा टेम्पू के ! 
  रामजीडे ने रजिस्ट्रेशन के  सारे कागज दिखा दिये ! कागज पूरे थे !

  अब ताऊ थानेदार बोला - हां तो भई , रामजीडे , चल पांच सौ रुपये निकाल !
 
  रामजीडा - पर किस बात के ? मेरी गलती तो बताओ ! मेरे सारे कागज पूरे सैं !
  किस बात के पांच सौ रपये मांग रे हो ?
 
  ताऊ थानेदार - अबे तू १२ महिने तक कोई गलती नही करैगा तो क्या मैं तेरे पीछे
  पीछे घूमता रहुंगा ?  चल जल्दी निकाल नही तो अन्दर कर दुंगा ! 

         

हवा और चांदनी


 chandanijpgप्रत्येक मनुष्य जीवन मे कुछ ना कुछ सोचता रहता है ! कुछ लोग कविता के रुप मे अपने को अभिव्यक्त कर लेते हैं ! कुछ मुझ जैसे लोग सिर्फ़ रफ़ पन्नों पर डूडल्स के जैसे अपने मनोभावों को व्यक्त करके उनको इतिहास के पन्नों मे दफ़न कर देते हैं हमेशा के लिये !


मैने भी ऐसे ही कुछ डुडल्स के रुप मे अपने भाव, मेरी डायरियों मे समय समय पर बेतरतीब रुप से लिख रखे हैं ! उनमे से चंद कविताएं मैने सुश्री सीमा गुप्ता जी को ठीक करने के लिये भेजी थी ! जो उन्होने बडे अनुग्रह पुर्वक ठीक करके भेजी हैं ! मैं उनका बहुत आभारी हूं ! बिना उनके मार्गदर्शन के ये कविताएं यहां तक इस रुप मे पहुंचना मुश्किल था !


ये मेरी पहली कविता है हवा और चांदनी 



 chandani1jpg
रात के आँचल तले,
खिड़की दरवाजों को सुला
खामोशी की चादर में सिमटा
ख्बाबों मे खोया था
कांच की खिड़की पे
चुपके से कदम रख
चाँद की चांदनी
मेरे पास उतर आई
और असहाय हवा
सारी रात दरवाजे पर खडी
दस्तक देती रही....







( मार्गदर्शन हेतु  माननिया सीमा गुप्ता जी का आभार )


"ताऊ की शनीचरी पहेली - १" का जवाब

माननिय भाईयों, बहणों और बेटियो सबनै ताऊ की तरफ़ तैं रविवार सबेरे की रामराम ! आज छुट्टी के दिन आराम करो और घूमो फ़िरो यानी मजे करो पर उसतैं पहलम यो शनीचरी पहेली -१ के रिजल्ट देखल्यो !

paheli saturday2

आपने पहेली के साथ जो फ़ोटो देखी थी उसमे बैक ग्राऊण्ड मे पहाड साफ़ नही दिखाई देता था यहां जो फ़ोटॊ आप बीबी का मकबरा की देख रहे हैं इसमे आप साफ़ तौर पर पीछे पहाड देख सकते हैं जो कि ताजमहल आगरा मे नही हैं ! बस एक यही हिण्ट यहां था ! वैसे जिन्होने देखा है वो तो जानते हैं कि कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली ?

नीचे सही जवाब देने वाले कुछ माननिय पाठको की टिपणियों ने इस स्मारक पर काफ़ी प्रकाश डाला है ! उन माननिय पाठको की टिपणियो को हम यों का यों प्रकाशित कर रहे हैं ! जिससे इस स्मारक के बारे मे जानकारी मिल सके !

बीबी का मकबरा south Indian Taj के नाम से भी जाना जाता है ! आगरा के ताजमहल के मुकाबले इसे बहुत कम बजट मे बनाया गया है ! आगरा का ताज जहां पूरा संगमरमर का नायाब नमुना और दिल खोल कर खजाना लुटाया जाना दिखाता है वहीं पर बीबी का मकबरा बलुआ पत्थर और दिवालो पर प्लास्टर और गुम्बद संगमरमर से बनवाया गया है ! जो साफ़ संकेत है कि इसके शासकों के पास अर्थ की बेहद कमी थी और मितव्ययता का विशेष ख्याल रखा गया था ! इस निर्माण को उस्ताद अत्ताउलल्लाह ने पर्सिया से आकर सम्पन्न करवाया था !

पहेली नम्बर - १ के विजेताऒं का क्रम जिस क्रम मे जवाब आया उसी क्रम से दिया जा रहा है ! जिन विजेताओं ने अतिरिक्त जानकारी दी है उनकी टिपणि भी प्रकाशित कर रहे हैं ! क्योंकि यहां ज्ञान वर्धन ही मुख्य उद्देश्य है !

पहले विजेता :Smart Indian - स्मार्ट इंडियन बधाई अनुराग जी !

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दुसरे विजेता : शुभम आर्य मैं बच्चा ही हूँ

तीसरे विजेता : Neeraj Rohilla

चौथे विजेता : Arvind Mishra


पांचवे विजेता : दिनेशराय द्विवेदी ने कहा :

ताजमहल है जी, गरीब आदमी का । औरंगाबाद से पाँच किलोमीटर दूर औरंगजेब की पहली बीबी राबिया-उद्-दुर्रानी की याद में बनाया 'बीबी का मकबरा'।

छठे विजेता : रंजन

सातवें विजेता : P.N. Subramanian

आठवें विजेता : विवेक सिंह


नौवें विजेता : कुश ने कहा :-

पहले पहल तो देख के हमे लगा की ये मुमताज़ आंटी वाला ताज महल है..
पर फिर सोचा की ताऊ इतना भी सयाना नही.. की इतना सिंपल सवाल पूछे..
फिर थोड़ा दिमाग़ लगाया और इसके पिच्छू देखा तो एक पहाड़ी नज़र आई..
और ताज के पास तो कोई पहाड़ी ना है.. वो तो जमना नदी के किनारे बसा है..

तो जी बात ये है की ये है 'बीबी का मकबरा' जिसे की औरंगजेब के शाहबजादे
आज़म शाह ने सत्रहवी शताब्दी में अपनी माँ,दिल रास बानो बेगम की याद में
बनवाया था.. और ये है औरंगाबाद में...

क्यो ताऊ सही पकड़ा ना हमने..


दसवें विजेता : Gyan Dutt Pandey

ग्यारहवीं विजेता : अल्पना वर्मा

jawab hai-बीबी का मकबरा
बीबी क मकबरा का निर्माण मुगल बादशाह औरंग़ज़ेब के शहजा़दे आज़मशाह ने, अंतिम सत्रहवीं शताब्दी में करवाया था। यह उसकी माता, एवं औरंगजेब की बेगम, दिलरास बानो बेगम की याद में बनवाया गया था। यह ताजमहल की आकृति पर बनवाया गया था। यह औरंगाबाद, महाराष्ट्र में स्थित है। यह मकबरा अकबर एवं शाहजहाँ के काल के शाही निर्माण से अंतिम मुगलों के साधारण वास्तुकला के परिवर्तन को दर्शाता है। ताजमहल से तुलना के कारण ही यह अपेक्षा का कारण बना रहा।


--waise jisey maluum nahin hai wo yah sochega ki 'tajmahal sardi mein sikud' gaya hai...

der ho gayee jawab likhne mein-agli baar dhnywa rakhengey--

jai Raam ji ki--

बारहवें विजेता : Pt.डी.के.शर्मा"वत्स"


तेरहवें विजेता : राज भाटिय़ा ने कहा

ताऊ यह मुगलो को कोई काम तो था नही,बस लडते रहते थे,पहले दुसरो से लडे फ़िर घर बालो से , फ़िर सय मिल गया तो मंदिर तोडने शुरु कर दिये, ओर ज्यादा समय मिला तो अपनी बीबी की चमचा गिरी शुरु कर दी, ऒरंगजेब के बेटॆ आजमशाह ने तो झट से **बीबी का मकबरा** ही बनाबा दिया, ओर वो भी अपनी मां के नाम से दिलरास बानो बेगम ताकि मां बाप खुश हो कर गद्दी इसे तोहफ़े मे दे देगे.


ओर भाई मुझे तो इस पहेली का हल मालुम नही, लगता है कोई नयी चीज बन गई है , लेकिन यह खुटां बहुत कमाल का है, अब तो मुझे भी फ़टुरे भी पहेली लगते है,
राम राम जी की

चोदहवें विजेता : सुशील कुमार छौक्कर

पंद्रहवें विजेता : मोहन वशिष्‍ठ


सोलहवें विजेता : प्रवीण त्रिवेदी...प्राइमरी का मास्टर


सतरहवें विजेता : Udan Tashtari


यह रिजल्ट तैयार होते होते निम्न महानुभाव भी सही जवाब दे कर विजेताओं की लिस्ट मे शामिल हो गये ! रात बारह बजे तक आये जवाब हम इस रिजल्ट मे शामिल कर रहे हैं

अट्ठारहवें विजेता : सागर नाहर

उन्निसवें स्थान पर आ गये हैं : अनुपम अग्रवाल


तो यह थे आज की पहेली के माननिय विजेता गण ! और अब उन सभी महानुभाओ का बहुत आभार जिन्होने अपना अमूल्य समय देकर भाग लिया ! भाग लेने वाले सभी महानुभाव इस प्रकार हैं !

नरेश सिह राठौङ , RATAN SINGH SHEKHAWAT , कामोद KAAMOD ,

रंजना [रंजू भाटिया] , मुसाफिर जाट , विनय , दीपक "तिवारी साहब" ,

MAKRAND , RUKKA , BHAIRAV , संजय बेंगाणी , SEEMA GUPTA ,

लवली कुमारी / LOVELY KUMARI , VIJAY KUMAR SAPPATTI ,

INDRANI , परमजीत बाली , नीरज गोस्वामी , कविता वाचक्नवी , वर्षा ,

और CMPERSHAD आप सबका भाग लेने के लिये धन्यवाद !

अब अगले शनीवार को फ़िर से शनिचरी पहेली पूछॆंगे तब तक राम राम !



इब खूंटे पै पढो :-

अगली पहेली से हम चित्र सहित प्रथम दस विजेताओं के नाम ही छापेंगे ! बाकी के नाम बिना चित्र छापे जायेंगे !

विषय वस्तु के बारे मे जिस टिपणि मे जानकारी दी जायेगी वह टिपणी भी जवाबी पोस्ट के साथ मय फ़ोटो छापी जायेगी ! अत: निवेदन है कि जवाब मे जितना हो सके आप जानकारी अवश्य देवे !

इस ब्लाग के दाहिनी तरफ़ सभी विजेताओं के नाम मेरिट के अनुसार हमेशा लिंक के साथ प्रदर्षित होंगे और आप जैसे जैसे पहेली जीतते जायेंगे आपका नाम स्वत: उपर चला जायेगा ! नीचे से बारहवां नम्बर स्वत: ही मेरिट लिस्ट से बाहर भी हो जायेगा !

मेरिट लिस्ट सिर्फ़ TOP-11 नामों की ही रहेगी !

जो भी पार्टिसिपेन्ट हैट्रिक बनायेगा उसको इस ब्लाग ओनर्स की तरफ़ से "ताऊ पहेली विजेता सम्मान" के पुरुस्कार स्वरुप सर्टिफ़िकेट प्रदान किया जायेगा !

किसी भी हालत मे पुरुस्कार स्वरुप कोई भी नकद राशि या सामान आदि दिये जाने का कोई प्रावधान नही है ! यह एक पारस्परिक सौहाद्र एवम ज्ञान मे वृद्धि करने के लिये आयोजन है !

अगर कोई बिना हेट्रिक, लगातार कुल ५ पहेली जीत लेगा तो उसे भी सम्मान सर्टिफ़िकेट दिया जायेगा !

ध्यान रहे कि यह शुद्ध रुप से जानकारी बढाने वाली पहेली है ! इसमे कोई हार या जीत नही है अत: आपसे निवेदन है कि भाग अवश्य लेवे !

अगर आप जवाब सही नही दे पाते हैं और आपकी टीपणी मनोरंजक है तो वो भी आज की टीपणी कालम मे आपके चित्र सहित छापी जायेगी !

आप जो भी सुझाव देना चाहे तो हमे बडी प्रशन्नता होगी ! आपके सुझाव हमारे लिये इस कार्यक्रम को सुचारू रुप से चलाने के लिये अत्य्न्त आवश्यक हैं !

आप जानते हैं कि यह शुरुआती प्रयास है ! इसमे सहज रुप से गल्तियां भी होंगी !
आपसे कर बद्ध निवेदन है कि गल्तियों की तरफ़ ध्यान दिलाये और अपने अमूल्य सुझाव हमे अवश्य देने की क्रुपा करे !

ब्लाग के दहिनी तरफ़ वाली मेरिट लिस्ट आपको दिख रही होगी ! यह आपकी
कुल जीती हुई पहेलियों की संख्या दिखाती रहेगी ! इसमे TOP-11 मेरिट होल्डर
ही दिखेंगे !

हर पहेली के विजेताओं की सूची, जवाब के क्रमवार, अलग से दहिनी तरफ़
लगी हुई है जो अगली पहेली के रिजल्ट पर स्वत: ही हट जायेगी !


आप सभी का आभार !




आज की टिपणी :-
निम्न तीन टिपणियां आज इस कालम मे छपने के लिये चयनित की गई हैं ! बधाई तीनो टिपणी बाजो को !



नरेश सिह राठौङ said...

ताऊ राम राम,या फ़ोटु तो देखी भाळी लागै है।कोई बच्चा भी जवाब दे सकता है मै तो बुढा ही ठीक हू । पहेली जीत भी गया तो थारै पर आरोप लाग ज्या गा कि गांव आले नै इनाम देवै है।




मुसाफिर जाट said...

ताऊ रामराम,
देक्खन में तो आगरा का ताजमहल ही दिख रहा है. लेकिन वास्तव में असली वाला ताजमहल नहीं है. नकली ताज है ये तो, क्योंकि असली वाले के पीछे यमुना है ना कि पहाडी. आगे तेरी मर्जी, जो तू बतावेगा, मान लेंगे.


Blogger cmpershad said...

...ताज तेरे लिए मज़हारे उल्फत ही सही
इक शहनशाह ने अपनी दौलत का सहारा लेकर
हम गरीबों की मुहब्बत का उडाया है मज़ाक