आज शाम को क्लब की मिटींग मे माधुरी बडी विचलित सी थी. उन्हें विचलित और उदास देखकर उसकी खास दोस्त मुन्नी और समीरा ने उनसे उदासी का कारण पूछा. बडे दुखी मन से माधुरी ने कहा - अब क्या बताऊं समीरा ? मेरे घर में तो भूचाल आया हुआ है. आजकल मेरे वो बडे बदले हुये से हैं, पता नही क्या हुआ है? मुझे तो लगता है कि उन पर कोई भूत प्रेत का साया लग गया है? अब क्या करूं? तुम ही कुछ बताओ ना...
मिस समीरा कुछ बोलती उसके पहले ही मुन्नी बोल पडी - अरे माधुरी आप को अगर लगता है कि भूत प्रेत का मामला है तो पं.ताऊ नाथ जी ’त्रिकालज्ञ’ को संपर्क करो ना, सब कुछ ठीक हो जायेगा. ये समीरा भी तो पं. ताऊ नाथ रमलशाश्त्री जी की सलाह ले लेकर इंटरनेशनल माडल बनकर चांदी काट रही है.
मुन्नी की ऐसी बात सुनते ही मिस समीरा टेढी तमतमा कर बोली - मुझे ही क्यों... तुमको मुन्नी से मुन्नी बदनाम किसने बनवाया? तुम भी तो सिर्फ़ मुन्नी ही थी तुम भी पंडीत जी की सलाह से ही बदनाम हुई हो ना. अब तक की सबसे ज्यादा मेहनताना पाने वाली वाली मुन्नी बदनाम बन गई हो. अब पंडित जी की महिमा ही अपरंपार है. माधुरी जी आप तो आपके पति देव की जन्मकुंडली लेके पं. ताऊनाथ रमलशाश्त्री "त्रिकालज्ञ" के पास पहुंच जाईये...पंडितजी सब ठीक कर देंगे.
मिस समीरा टेढी और मुन्नी बदनाम की सलाह से माधुरी सीधे घर आकर अपने पतिदेव की जन्मकुंडली लेकर पं. ताऊनाथ के आफ़िस पहुंच गई, वहां जाकर फ़ीस जमा करवाई और अपना नंबर आने का व्यग्रता पूर्वक इंतजार करने लगी. जैसे ही उनका नंबर आया पंडितजी ने उन्हें अंदर बुलवा लिया.
घुसते ही सामने बैठे हुये पंडितजी को माधुरी ने नमस्कार किया और बदले में पंडित जी उनको लंबा सा आशीर्वाद फ़ेंका - सौभाग्वती हो...सदा खुश रहो...
बीच में ही माधुरी बोली - पंडित जी महाराज कहां से सुखी रहूं? सब कुछ उलट पुल्ट होरहा है. मेरे पति को शायद भूत प्रेत या चुडैल ने पकड लिया है. महाराज मेरी सहायता किजिये...मेरी गृहस्थी बचा लिजिये.
पं. ताऊनाथ बोले - शांत बालिके...शांत.... हमको मालूम है तुम यहां क्यों आई हो?
माधुरी बोली - पंडितजी बिना बताये हुये ही आप सब जान गये? इसका मतलब समीरा और मुन्नी सच ही कहती थी. धन्य हो महाराज...अब तो मुझे पकका भरोसा होगया कि आप मेरे पति का भूत अवश्य उतार देंगे. ये लिजिये जन्मकुंडली...
पं. ताऊनाथ बोले - ओहो...तो आपको समीरा और मुन्नी ने भेजा है? अरे हमारी सलाह से ही समीरा जी ने माडलिंग शुरू की और आज टाप की इंटरनेशनल माडल होगई हैं, पर आज भी हमसे सलाह लिये बिना फ़िल्म साईन करना तो दूर ...किसी से मिलती तक नही हैं....और मुन्नी तो एक साधारण सी आयटम गर्ल थी ...समीरा जी की सलाह से हमारे पास आई और हमने उसे देखते देखते कहां से कहां पहुंचा दिया...सीधे मुन्नी से "मुन्नी को बदनाम" हमने ही करवाया है. आप चिंता मत किजिये....लाईये हम आपके पतिदेव की जन्मकुंडली देखते हैं....कि समस्या क्या है?
और ताऊ महाराज जन्मकुंडली का अध्ययन करने लगते हैं....
अचानक आंखे ऊपर आकाश की तरफ़ देखते हुये पं. ताऊनाथ बोले - बालिके.....अब तुम हमारे कुछ प्रश्नों का जवाब दो...जिससे हम समस्या की जड तक पहुंच सकें...
माधुरी बोली - जी महाराज आप आदेश करिये...जवाब तो क्या मैं सब कुछ आपके चरणों में अर्पण कर दूंगी...बस मेरी गृहस्थी बरबाद होने से बचा लिजिये...मेरे दो छोटे छोटे से बच्चे हैं महाराज...
पं. ताऊनाथ बोले - चिंता मत करो बालिके... तुम ये बताओ कि क्या तुम्हारे पति...गुमशुम से रहते हैं? और ज्यादा किसी से बात नही करते?
माधुरी - हां महाराज...बस जब देखो तब अपने...
बीच में ही पं. ताऊनाथ बोले - बालिके हम जितना पूछे उतना ही जवाब दो...
माधुरी - जी महाराज...गलती होगई...
पं. ताऊनाथ बोले - हूं...क्या वो अपने कंप्य़ुटर की स्क्रीन को देखते हुये ही मुस्कराते भी रहते हैं?
माधुरी - सत्य वचन महाराज...कंप्य़ुटर से वो नजर ही नही हटाते महाराज...उसी में कोई भूत प्रेत घुसा है महाराज...मुझ पर कृपा किजिये महाराज....
पं. ताऊनाथ बोले - हूं...अब ये बतावो कि कभी उनके चेहरे पर तनाव चिंता गुस्सा भी दिखाई देता है?
माधुरी - महाराज दिखाई क्या....वो तो गालियां तक बडबडाहट में देते हैं...तेरी ऐसी तैसी...जमीन में गाड दूंगा स्साले को....पता नही किस बेनामी...वेनामी को गालियां देते हैं? ये कौन सी जात का भूत है महाराज? कभी कभी मुस्कराते हैं...कभी
पं. ताऊनाथ बोले - बालिके...हमने कहा ना हमको सब पता चल गया है....तुम कुछ मत बतावो...सिर्फ़ हमारे प्रश्नों का जवाब दो...अब ये बतावो कि वो खाने मे कितनी देर लगाते हैं?
माधुरी - महाराज काहे की देर? उनकी थाली ठंडी होकर बर्फ़ होजाती है...कुछ कहो तो कहते हैं कि जरूरी काम कर रहा हूं...दिखाई नही दे रहा है क्या? और गुस्सा होने लग जाते हैं...खाना खाने मे बस दो मिनट ही लगाते हैं महाराज.
पं. ताऊनाथ बोले - हूं...और दुकान पर कब जाते हैं?
माधुरी - आजकल तो दोपहर बाद ही दुकान खोलते हैं....और पंडितजी महाराज... दुकान पर जाकर भी ये भूत पीछा नही छोडता....... दुकानदारी भी चौपट हो गई है महाराज...रक्षा किजिये...इस भूत प्रेत को भगवाईये महाराज...खर्चा जो भी आजाये, बस आप तो इनको पहले जैसा ही कर दिजिये.
पं. ताऊनाथ बोले - अच्छा अब अंतिम बात बताओ...क्या ये किसी को फ़ोन करते हैं या या कोई इनको फ़ोन करता है?
माधुरी - महाराज फ़ोन का तो पूछिये मत, जब देखो तब फ़ोन कान से लगा रहता है और ऐसे ऐसे नाम ले लेकर बात करते हैं जिनका कभी नाम नही सुना...ना हमारे रिश्तेदार...ना जान पहचान के....फ़िर भी घंटो लगे रहते हैं...घर पर कोई मेहमान आजाये तब भी कंप्य़ूटर नही छोडते....बस महाराज अब तो बहुत होगया....दया किजिये पंडित जी...इस भूत प्रेत से पीछा छुडवाइये.
पं. ताऊनाथ बोले - बालिके...ये साधारण भूत प्रेत चुडैल नही है...ये उससे भी खतरनाक जिन्न है. भूत प्रेत होता तो हमारे पास ताऊ का सोटा है....उस सोटे से अच्छे २ भूत भाग जाते हैं बल्कि Taau's Baton का नाम सुनते ही भूत प्रेत खुद जमीन में गंड जाते हैं. पर तुम्हारे पति को जो जिन्न लगा है उससे कोई लड नही सकता. इसे ब्लागिंग नाम का भूत लगा है और वो भी सबसे खतरनाक माना जाने वाला हिंदी ब्लागिंग का भूत.
माधुरी - क्या कह रहे हैं महाराज? ये कौन सा भूत है महाराज? कुछ उपाय बतावो महाराज श्री. बडी उम्मीद लेके आयी थी आपके दरबार में.....
पं. ताऊनाथ बोले - बालिके, तुम्हारे पति की जन्मकुंडली का तृत्तीय भाव अत्यंत बलि (strong) हो रहा है. और तृतीय भाव भ्रम का होता है. और दशा भी तृतीयेश की चल रही है. कोई ऐसी वैसी दशा नही है. इस दशा में मनुष्य भ्रम में जीता है जो नही है उसको सच मानता है और जो है उसकी परवाह नही करता. बहुत खतरनाक दशा है. इस दशा में मनुष्य को हिंदी ब्लागिंग का जिन्न पकड लेता है.
माधुरी - दया किजिये महाराज....मेरी गृहस्थी बरबाद हो रही है महाराज.
पं. ताऊनाथ बोले - देखो बालिके, हम अब उपाय बताते हैं....पर हमारा नाम मत लेना उस भूत को. हिंदी ब्लागिंग के जिन्न से हमारी भी रूह कांपती है...सही बात तो ये है कि हम भी इसका पक्का इलाज आज तक नहीं ढूंढ पाये. तुम उपाय लिख लो और आजमा कर बताना. अवश्य सफ़लता मिलेगी.
कागज पेन उठाते हुये माधुरी बोली - जी महाराज, बताईये.
पं. ताऊनाथ बोले - सबसे पहले तो एक मेड-इन-जर्मन लठ खरीद कर उसे तेल पिलाकर, धूपबत्ती लोबान का धुंआ देके पिडित की टांगो और हाथ पर एक एक लठ्ठ मारना है.
माधुरी - जी महाराज, आगे बताईये, ये काम तो मैं कर लूंगी.
पं. ताऊनाथ बोले - इसके बाद ब्राड बैंड कनेक्शन का वायर काट दो और तुरंत एक गिलास हल्दी वाला दूध पिलाकर उनको सुला दो. क्योंकि दो लठ्ठ खाने के बाद नींद अच्छी आयेगी.
माधुरी - पर महाराज ब्राड बैंड वाले से ये वायर कंप्लेन करके जुडवा लेंगे..
पं. ताऊनाथ बोले - पूरी बात तो सुनो बालिके...तुम बीच में बोलती बहुत हो...हमारा ध्यान भंग होता है इससे...
माधुरी - गलती मुआफ़ करें महाराज...आप बताईये अब नही बोलूंगी बीच में.
पं. ताऊनाथ बोले - हां अब ध्यान से सुनो.. पिडित को ताऊ प्रोडक्ट्स द्वारा उत्पादित ब्लागिंग भस्म काढा की तीन तीन खुराक सुबह शाम दोपहर सेवन करवाना है और फ़िर एक खास हवन करना है. असली काम यह हवन ही करेगा. सामान लिख लो बालिके....हम कल सुबह आकर यह हवन सम्पन्न करवायेंगे..फ़िर देखना तुम्हारा पति सिर्फ़ तुम्हारा होगा.
माधुरी - जी महाराज आप बडे दयालु हैं... लिखवाईये महाराज.
पं. ताऊनाथ - लिखिये...कोई सामान छूट ना जाये...
रगडमपट्टि की जड १०० ग्राम,
झगडमपटि की जड २५० ग्राम,
बेनामी का अर्क २२५ ग्राम,
सुर्पणखां सत्व ५० ग्राम,
मारीच कंद एक किलो,
बिच्छु गुटिका १० नग,*
गीदड सींगी ४ नग,*
केले के पत्ते २ नग,
चुडैल के पीले बाल एक गुच्छी,
डाईन की चोटी,
मर्तबान का पंख,*
मुर्गे की रीढ,*
गधे के सींग,
सुबह के कान....*
बात काटते हुये माधुरी बोली - पर महाराज...इन सब सामानों का कभी नाम भी नही सुना...मैं कहां से लाऊंगी ये सब?
पं. ताऊनाथ - बालिके तांत्रिक अनुष्ठान इन सब सामानों के बिना नही हो सकता और ये जिन्न कोई ऐसा वैसा नही है हिंदी ब्लागिंग का जिन्न है इसके लिये तो समस्त सामान के साथ अनुष्ठान करना पडॆगा....किसी भी सामान की कमी रह गयी तो ये हमारे ऊपर भी आक्रमण कर सकता है हम रिस्क नही लेंगे. हां चाहो तो हम सामान का इंतजाम करवा सकते हैं.
माधुरी - पंडितजी, फ़िर क्या दिक्कत है? आप तो सामान लेके कल आजाईये और यह हवन संपन्न करवा दिजिये.
पं. ताऊनाथ बोले - तो ठीक है आप सामान की कीमत रूपये १.२१,०००/- हमारे आफ़िस में जमा करा कर रसीद ले लिजिये.
माधुरी - पंडीत जी, सामान की कीमत कुछ ज्यादा लग रही है. कुछ हिसाब किताब से करवाईये ना.
पं. ताऊनाथ - बालिके, हम तंत्र अनुष्ठान में इस तरह की सौदेबाजी नही करते. हमने बोल दिया सो बोल दिया. वो तुम मिस समीरा और मुन्नी बदनाम के रिफ़रेंस से आई हो तो ये सामान इकठ्ठा करने का जिम्मा हम ले रहे हैं वर्ना हम इतना रिस्क नही लेते. हिंदी ब्लागिंग के जिन्न से तो ब्रह्मा जी भी कांपते हैं. हमारी तो औकात ही क्या है? देख लो अपना पति बचाना हो तो करवावो हवन वर्ना जाने दो.
माधुरी - महाराज नाराज मत होईये, मैं अभी घर जाकर पैसे लाती हूं आप तो कल ये हवन करवा ही दिजिये. दक्षिणा भी बता दिजिये महाराज.
पं. ताऊनाथ - अवश्य बालिके अवश्य....चिंता ना करो, दक्षिणा हम कार्य सफ़ल होने पर ही लेंगे. अभी तो सिर्फ़ सामान की कीमत जमा करवा दो.
माधुरी - जो आज्ञा पंडित जी महाराज.
(क्रमश:)
मिस समीरा कुछ बोलती उसके पहले ही मुन्नी बोल पडी - अरे माधुरी आप को अगर लगता है कि भूत प्रेत का मामला है तो पं.ताऊ नाथ जी ’त्रिकालज्ञ’ को संपर्क करो ना, सब कुछ ठीक हो जायेगा. ये समीरा भी तो पं. ताऊ नाथ रमलशाश्त्री जी की सलाह ले लेकर इंटरनेशनल माडल बनकर चांदी काट रही है.
मुन्नी की ऐसी बात सुनते ही मिस समीरा टेढी तमतमा कर बोली - मुझे ही क्यों... तुमको मुन्नी से मुन्नी बदनाम किसने बनवाया? तुम भी तो सिर्फ़ मुन्नी ही थी तुम भी पंडीत जी की सलाह से ही बदनाम हुई हो ना. अब तक की सबसे ज्यादा मेहनताना पाने वाली वाली मुन्नी बदनाम बन गई हो. अब पंडित जी की महिमा ही अपरंपार है. माधुरी जी आप तो आपके पति देव की जन्मकुंडली लेके पं. ताऊनाथ रमलशाश्त्री "त्रिकालज्ञ" के पास पहुंच जाईये...पंडितजी सब ठीक कर देंगे.
मिस समीरा टेढी और मुन्नी बदनाम की सलाह से माधुरी सीधे घर आकर अपने पतिदेव की जन्मकुंडली लेकर पं. ताऊनाथ के आफ़िस पहुंच गई, वहां जाकर फ़ीस जमा करवाई और अपना नंबर आने का व्यग्रता पूर्वक इंतजार करने लगी. जैसे ही उनका नंबर आया पंडितजी ने उन्हें अंदर बुलवा लिया.
समस्त ज्तोतिषिय विधाओं के मर्मज्ञ त्रिकाल दर्शी
पं. ताऊनाथ रमलशाश्त्री
घुसते ही सामने बैठे हुये पंडितजी को माधुरी ने नमस्कार किया और बदले में पंडित जी उनको लंबा सा आशीर्वाद फ़ेंका - सौभाग्वती हो...सदा खुश रहो...
बीच में ही माधुरी बोली - पंडित जी महाराज कहां से सुखी रहूं? सब कुछ उलट पुल्ट होरहा है. मेरे पति को शायद भूत प्रेत या चुडैल ने पकड लिया है. महाराज मेरी सहायता किजिये...मेरी गृहस्थी बचा लिजिये.
पं. ताऊनाथ बोले - शांत बालिके...शांत.... हमको मालूम है तुम यहां क्यों आई हो?
माधुरी बोली - पंडितजी बिना बताये हुये ही आप सब जान गये? इसका मतलब समीरा और मुन्नी सच ही कहती थी. धन्य हो महाराज...अब तो मुझे पकका भरोसा होगया कि आप मेरे पति का भूत अवश्य उतार देंगे. ये लिजिये जन्मकुंडली...
पं. ताऊनाथ बोले - ओहो...तो आपको समीरा और मुन्नी ने भेजा है? अरे हमारी सलाह से ही समीरा जी ने माडलिंग शुरू की और आज टाप की इंटरनेशनल माडल होगई हैं, पर आज भी हमसे सलाह लिये बिना फ़िल्म साईन करना तो दूर ...किसी से मिलती तक नही हैं....और मुन्नी तो एक साधारण सी आयटम गर्ल थी ...समीरा जी की सलाह से हमारे पास आई और हमने उसे देखते देखते कहां से कहां पहुंचा दिया...सीधे मुन्नी से "मुन्नी को बदनाम" हमने ही करवाया है. आप चिंता मत किजिये....लाईये हम आपके पतिदेव की जन्मकुंडली देखते हैं....कि समस्या क्या है?
और ताऊ महाराज जन्मकुंडली का अध्ययन करने लगते हैं....
अचानक आंखे ऊपर आकाश की तरफ़ देखते हुये पं. ताऊनाथ बोले - बालिके.....अब तुम हमारे कुछ प्रश्नों का जवाब दो...जिससे हम समस्या की जड तक पहुंच सकें...
माधुरी बोली - जी महाराज आप आदेश करिये...जवाब तो क्या मैं सब कुछ आपके चरणों में अर्पण कर दूंगी...बस मेरी गृहस्थी बरबाद होने से बचा लिजिये...मेरे दो छोटे छोटे से बच्चे हैं महाराज...
पं. ताऊनाथ बोले - चिंता मत करो बालिके... तुम ये बताओ कि क्या तुम्हारे पति...गुमशुम से रहते हैं? और ज्यादा किसी से बात नही करते?
माधुरी - हां महाराज...बस जब देखो तब अपने...
बीच में ही पं. ताऊनाथ बोले - बालिके हम जितना पूछे उतना ही जवाब दो...
माधुरी - जी महाराज...गलती होगई...
पं. ताऊनाथ बोले - हूं...क्या वो अपने कंप्य़ुटर की स्क्रीन को देखते हुये ही मुस्कराते भी रहते हैं?
माधुरी - सत्य वचन महाराज...कंप्य़ुटर से वो नजर ही नही हटाते महाराज...उसी में कोई भूत प्रेत घुसा है महाराज...मुझ पर कृपा किजिये महाराज....
पं. ताऊनाथ बोले - हूं...अब ये बतावो कि कभी उनके चेहरे पर तनाव चिंता गुस्सा भी दिखाई देता है?
माधुरी - महाराज दिखाई क्या....वो तो गालियां तक बडबडाहट में देते हैं...तेरी ऐसी तैसी...जमीन में गाड दूंगा स्साले को....पता नही किस बेनामी...वेनामी को गालियां देते हैं? ये कौन सी जात का भूत है महाराज? कभी कभी मुस्कराते हैं...कभी
पं. ताऊनाथ बोले - बालिके...हमने कहा ना हमको सब पता चल गया है....तुम कुछ मत बतावो...सिर्फ़ हमारे प्रश्नों का जवाब दो...अब ये बतावो कि वो खाने मे कितनी देर लगाते हैं?
माधुरी - महाराज काहे की देर? उनकी थाली ठंडी होकर बर्फ़ होजाती है...कुछ कहो तो कहते हैं कि जरूरी काम कर रहा हूं...दिखाई नही दे रहा है क्या? और गुस्सा होने लग जाते हैं...खाना खाने मे बस दो मिनट ही लगाते हैं महाराज.
पं. ताऊनाथ बोले - हूं...और दुकान पर कब जाते हैं?
माधुरी - आजकल तो दोपहर बाद ही दुकान खोलते हैं....और पंडितजी महाराज... दुकान पर जाकर भी ये भूत पीछा नही छोडता....... दुकानदारी भी चौपट हो गई है महाराज...रक्षा किजिये...इस भूत प्रेत को भगवाईये महाराज...खर्चा जो भी आजाये, बस आप तो इनको पहले जैसा ही कर दिजिये.
पं. ताऊनाथ बोले - अच्छा अब अंतिम बात बताओ...क्या ये किसी को फ़ोन करते हैं या या कोई इनको फ़ोन करता है?
माधुरी - महाराज फ़ोन का तो पूछिये मत, जब देखो तब फ़ोन कान से लगा रहता है और ऐसे ऐसे नाम ले लेकर बात करते हैं जिनका कभी नाम नही सुना...ना हमारे रिश्तेदार...ना जान पहचान के....फ़िर भी घंटो लगे रहते हैं...घर पर कोई मेहमान आजाये तब भी कंप्य़ूटर नही छोडते....बस महाराज अब तो बहुत होगया....दया किजिये पंडित जी...इस भूत प्रेत से पीछा छुडवाइये.
पं. ताऊनाथ बोले - बालिके...ये साधारण भूत प्रेत चुडैल नही है...ये उससे भी खतरनाक जिन्न है. भूत प्रेत होता तो हमारे पास ताऊ का सोटा है....उस सोटे से अच्छे २ भूत भाग जाते हैं बल्कि Taau's Baton का नाम सुनते ही भूत प्रेत खुद जमीन में गंड जाते हैं. पर तुम्हारे पति को जो जिन्न लगा है उससे कोई लड नही सकता. इसे ब्लागिंग नाम का भूत लगा है और वो भी सबसे खतरनाक माना जाने वाला हिंदी ब्लागिंग का भूत.
माधुरी - क्या कह रहे हैं महाराज? ये कौन सा भूत है महाराज? कुछ उपाय बतावो महाराज श्री. बडी उम्मीद लेके आयी थी आपके दरबार में.....
पं. ताऊनाथ बोले - बालिके, तुम्हारे पति की जन्मकुंडली का तृत्तीय भाव अत्यंत बलि (strong) हो रहा है. और तृतीय भाव भ्रम का होता है. और दशा भी तृतीयेश की चल रही है. कोई ऐसी वैसी दशा नही है. इस दशा में मनुष्य भ्रम में जीता है जो नही है उसको सच मानता है और जो है उसकी परवाह नही करता. बहुत खतरनाक दशा है. इस दशा में मनुष्य को हिंदी ब्लागिंग का जिन्न पकड लेता है.
माधुरी - दया किजिये महाराज....मेरी गृहस्थी बरबाद हो रही है महाराज.
पं. ताऊनाथ बोले - देखो बालिके, हम अब उपाय बताते हैं....पर हमारा नाम मत लेना उस भूत को. हिंदी ब्लागिंग के जिन्न से हमारी भी रूह कांपती है...सही बात तो ये है कि हम भी इसका पक्का इलाज आज तक नहीं ढूंढ पाये. तुम उपाय लिख लो और आजमा कर बताना. अवश्य सफ़लता मिलेगी.
कागज पेन उठाते हुये माधुरी बोली - जी महाराज, बताईये.
पं. ताऊनाथ बोले - सबसे पहले तो एक मेड-इन-जर्मन लठ खरीद कर उसे तेल पिलाकर, धूपबत्ती लोबान का धुंआ देके पिडित की टांगो और हाथ पर एक एक लठ्ठ मारना है.
माधुरी - जी महाराज, आगे बताईये, ये काम तो मैं कर लूंगी.
पं. ताऊनाथ बोले - इसके बाद ब्राड बैंड कनेक्शन का वायर काट दो और तुरंत एक गिलास हल्दी वाला दूध पिलाकर उनको सुला दो. क्योंकि दो लठ्ठ खाने के बाद नींद अच्छी आयेगी.
माधुरी - पर महाराज ब्राड बैंड वाले से ये वायर कंप्लेन करके जुडवा लेंगे..
पं. ताऊनाथ बोले - पूरी बात तो सुनो बालिके...तुम बीच में बोलती बहुत हो...हमारा ध्यान भंग होता है इससे...
माधुरी - गलती मुआफ़ करें महाराज...आप बताईये अब नही बोलूंगी बीच में.
पं. ताऊनाथ बोले - हां अब ध्यान से सुनो.. पिडित को ताऊ प्रोडक्ट्स द्वारा उत्पादित ब्लागिंग भस्म काढा की तीन तीन खुराक सुबह शाम दोपहर सेवन करवाना है और फ़िर एक खास हवन करना है. असली काम यह हवन ही करेगा. सामान लिख लो बालिके....हम कल सुबह आकर यह हवन सम्पन्न करवायेंगे..फ़िर देखना तुम्हारा पति सिर्फ़ तुम्हारा होगा.
माधुरी - जी महाराज आप बडे दयालु हैं... लिखवाईये महाराज.
पं. ताऊनाथ - लिखिये...कोई सामान छूट ना जाये...
रगडमपट्टि की जड १०० ग्राम,
झगडमपटि की जड २५० ग्राम,
बेनामी का अर्क २२५ ग्राम,
सुर्पणखां सत्व ५० ग्राम,
मारीच कंद एक किलो,
बिच्छु गुटिका १० नग,*
गीदड सींगी ४ नग,*
केले के पत्ते २ नग,
चुडैल के पीले बाल एक गुच्छी,
डाईन की चोटी,
मर्तबान का पंख,*
मुर्गे की रीढ,*
गधे के सींग,
सुबह के कान....*
बात काटते हुये माधुरी बोली - पर महाराज...इन सब सामानों का कभी नाम भी नही सुना...मैं कहां से लाऊंगी ये सब?
पं. ताऊनाथ - बालिके तांत्रिक अनुष्ठान इन सब सामानों के बिना नही हो सकता और ये जिन्न कोई ऐसा वैसा नही है हिंदी ब्लागिंग का जिन्न है इसके लिये तो समस्त सामान के साथ अनुष्ठान करना पडॆगा....किसी भी सामान की कमी रह गयी तो ये हमारे ऊपर भी आक्रमण कर सकता है हम रिस्क नही लेंगे. हां चाहो तो हम सामान का इंतजाम करवा सकते हैं.
माधुरी - पंडितजी, फ़िर क्या दिक्कत है? आप तो सामान लेके कल आजाईये और यह हवन संपन्न करवा दिजिये.
पं. ताऊनाथ बोले - तो ठीक है आप सामान की कीमत रूपये १.२१,०००/- हमारे आफ़िस में जमा करा कर रसीद ले लिजिये.
माधुरी - पंडीत जी, सामान की कीमत कुछ ज्यादा लग रही है. कुछ हिसाब किताब से करवाईये ना.
पं. ताऊनाथ - बालिके, हम तंत्र अनुष्ठान में इस तरह की सौदेबाजी नही करते. हमने बोल दिया सो बोल दिया. वो तुम मिस समीरा और मुन्नी बदनाम के रिफ़रेंस से आई हो तो ये सामान इकठ्ठा करने का जिम्मा हम ले रहे हैं वर्ना हम इतना रिस्क नही लेते. हिंदी ब्लागिंग के जिन्न से तो ब्रह्मा जी भी कांपते हैं. हमारी तो औकात ही क्या है? देख लो अपना पति बचाना हो तो करवावो हवन वर्ना जाने दो.
माधुरी - महाराज नाराज मत होईये, मैं अभी घर जाकर पैसे लाती हूं आप तो कल ये हवन करवा ही दिजिये. दक्षिणा भी बता दिजिये महाराज.
पं. ताऊनाथ - अवश्य बालिके अवश्य....चिंता ना करो, दक्षिणा हम कार्य सफ़ल होने पर ही लेंगे. अभी तो सिर्फ़ सामान की कीमत जमा करवा दो.
माधुरी - जो आज्ञा पंडित जी महाराज.
(क्रमश:)
अरे बाप रे इतना महंगा इलाज़... ? हम इस जिन्न के साथ ही खुश हैं :)
ReplyDeleteबहुत बढ़िया .... ये सामान तो हमारे यहाँ भी नहीं मिलेगा
ReplyDeleteपढ़िए और मुस्कुराइए :-
सही तरीके से सवाल पूछो ...
हे भगवान् !
ReplyDeleteअब इसी की कमी थी ताऊ ??
जरा माधुरी का पता बताएँगे महाराज ..??? कुछ काम है ..
वाह ताऊ वाह !
ReplyDeleteसामान बहुत बढ़िया है...........पंसारी के यहाँ मिल जाएगा ?
हमे तो चन्द्रकांता संतति की याद आ गई ..उसमे भी ऐसी ही एक लिस्ट है । बहुत अच्छा व्यंग्य है ।
ReplyDeleteमुझे तो सबके ब्लॉग पढ़ने के जिन्न ने पकड़ रख है .पढ़ने को इतना कुछ है कि लिखने को मन ही नहीं करता है .
ReplyDeleteताऊ जी इलाज में कुछ रियायत नहीं मिलेगी क्या ?
ताऊ लेबड़ से घाटाबिल्लौद तक की सड़क गायब हो गयी है, वरना हम भी अपनी किश्मत आजमाने इंदौर जरुर आते.........
ReplyDeleteइतना दुर्लभ सामन !! त्रिकालज्ञ बाबा की जय हो ....मर्ज़ तो सही ताड़ लिया बाबा ने .
ReplyDeleteताऊ जी,
ReplyDeleteजड़ी बूटी की लिस्ट तो घणी लम्बी होयगी।
थोड़ी छोटी करो।
और किसी नै घणी समस्या हो जाए तो बाबा ललितानंद का नाम की सवामणी करवाओ,
सारे भूत भाग ज्यांगे।
राम राम
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नवरात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteवाह ! क्या बढ़िया व्यंग्य है !!
ReplyDeleteवैसे माधुरी भी प.ताउनाथ की मार्केटिंग टीम (समीर और मुन्नी ) का शिकार हो गई , वरना हिंदी ब्लोगिंग का भूत उतरवाने के लिए तो ताई से सलाह करती ,ताई के फार्मूले को देख के तो ब्लोगिंग भूत पास ही नहीं फटकता |
माधुरी को झंडू बाम लगाना चाहिये.
ReplyDeleteकमर पे मलिए काम पे चलिए.
हा हा हा हा हा ताऊ और मुन्नी बाई ...गड़बड़ झाला है ... मुन्नीबाई की मार्केटिंग तो नहीं कर रहे हैं ....
ReplyDeleteरगडमपट्टि की जड १०० ग्राम,
ReplyDeleteझगडमपटि की जड २५० ग्राम,
बेनामी का अर्क २२५ ग्राम,
सुर्पणखां सत्व ५० ग्राम,
मारीच कंद एक किलो,
बिच्छु गुटिका १० नग,
गीदड सींगी ४ नग,
केले के पत्ते २ नग,
चुडैल के पीले बाल एक गुच्छी,
डाईन की चोटी,
उल्लू के पंख,
मुर्गे की रीढ,
गधे के सींग,
सांप के कान....
वाकई दुर्लभ सामान है ताऊ, गधे के सींग और सांप के कान आप ही पैदा कर सकते हो और इस जिन्न को भी आप जैसा महान तांत्रिक ही उतार सकता है।:)
रगडमपट्टि की जड १०० ग्राम,
ReplyDeleteझगडमपटि की जड २५० ग्राम,
बेनामी का अर्क २२५ ग्राम,
सुर्पणखां सत्व ५० ग्राम,
मारीच कंद एक किलो,
बिच्छु गुटिका १० नग,
गीदड सींगी ४ नग,
केले के पत्ते २ नग,
चुडैल के पीले बाल एक गुच्छी,
डाईन की चोटी,
उल्लू के पंख,
मुर्गे की रीढ,
गधे के सींग,
सांप के कान....
वाकई दुर्लभ सामान है ताऊ, गधे के सींग और सांप के कान आप ही पैदा कर सकते हो और इस जिन्न को भी आप जैसा महान तांत्रिक ही उतार सकता है।:)
बेहतरीन पोस्ट .
ReplyDeleteनव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं .
अगर फिर भी ब्लॉगिंग का भूत नहीं उतरा तो पण्डित जी कहेंगें कि आपके अनुष्ठान में कुछ कमी रह गई होगी।
ReplyDeleteहा-हा-हा
बहुत मजेदार पोस्ट
वाकई ताऊजी आपका जवाब नहीं
प्रणाम
ताउजी आप ने भूत प्रेत देखे है?....मैने कई देखे है!...यह ब्लॉग पढ कर तो इतना मजा आ रहा है कि.......नवरात्री के पर्व की अनेको शुभ कामनाएं...जय अंबे!
ReplyDeleteयो के फंड ले लियो ताऊ | अंधविश्वास निर्मूल समिति के धक्के चढ ज्यागा | लिस्ट का सारा सामान म्हारे गाँव मै मिल है किसी नै जरूरत होय तो संपर्क करो | मै.रामसुख दास ,जोखी राम ,बुच्चाराम की गली ,रामपुरा वाया पाटन जिला सीकर (राज.)फोन.०१५७२-४२०८४०
ReplyDeleteशक की कोई गुंजाईश ही नहीं है
ReplyDeleteमैं पं.ताऊनाथ रमलशाश्त्री ’त्रिकालज्ञ’ जी को काफी अरसे से जानता हूँ ! बहुत ही पहुंचे हुए बाबा हैं ! दूध को सूंघकर भैंस का कलर बता देते हैं !
जय हो ,, जय हो बाबा ’त्रिकालज्ञ’ की !
बाबा जी का अनुष्ठान रेट एकदम वाजिब है... रुपया-पैसा तो हाथ की मैल है ..... बाबा सामग्री का प्रबंध स्वयं करने को तैयार हैं ... बाबा बहुत उदार हैं ,,बहुत बड़ा दिल है ...एहसान मानने के बजाय लोग बारगेनिंग कर रहे हैं ...हुंह.. हद है ,,भलाई का तो ज़माना ही नहीं रहा !
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हिंदी ब्लागिंग का जिन्न :)))
मस्त पोस्ट ..आनंदमय
ReplyDeleteमॉडरेशन की परवाह किये बिना
मैं आदरणीय ताऊ से यह शिकायत करना चाहूँगा कि उनके इस आलेख से मेरी बहुत क्षति हो रही है, यदि वह इसका खँडन या या सँशोधन नहीं करते, तो उन्हें रायबरेली न्यायालय का मुँह देखना पड़ेगा, जिसके उत्तरदायी वह स्वयँ होंगे ।
इस लेख के प्रकाशित होने के बाद से मेरे पँख लगातार नोचे जा रहे हैं ।
आशा है कि वह ब्लॉगजगत के धीर गँभीर उल्लुओं की व्यथा समझेंगे ।
बहुत बढ़िया $$$$$ जी...
ReplyDeleteनवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।
@ आदरणीय डाक्टार अमरकुमार जी, आपको हुये कष्ट के लिये क्षमा याचना सहित डिस्क्लेमर लगा दिया गया है कि समान मृत जीवों से प्राप्त किया गया होना चाहिये. उम्मीद है अब कोर्ट कचहरी के चक्कर से बचे रहेंगे.:)
ReplyDeleteरामराम.
आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया व्यंग्य रहा! उम्दा प्रस्तुती !
thank you taau darling
ReplyDeleteअरे बाप रे इतना महंगा इलाज़... ?
ReplyDeleteमिस समीरा को सीधी से टेढी भी इसी पंडित ने बनाया है....अब समझे....
ReplyDeleteवैसे १२१००० तो जरुरत से ज्यादा है...इतने का सामान खरीदने से अच्छा तो इससे सस्ते में नया पति ही आ जायेगा माधुरी जी का. :)
वैसे इस बात की गारंटी नहीं कि हिन्दी ब्लॉगिंग का जिन्न उसे भी लग गया तब!!
बहुत मस्त!
या देवी सर्व भूतेषु सर्व रूपेण संस्थिता |
ReplyDeleteनमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
-नव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं-
बाबा जी मान गये की आप काफी पहुचे हुए है | जिन्न उतराई सिर्फ नगद ही लेते है या चेक भी चलेगा चेक किस नाम से बनाऊ| दूसरे शहर में आ कर जिन्न उतराई का क्या एक्स्ट्रा चार्ज करते है अगर हा तो कितना क्या दो लोगों एक साथ जिन्न उतरवाए तो कुछ कंसेसन मिलेगा बाबा | बाबा जी जल्द बताइये पीड़ित का हालत ख़राब है |
ReplyDeleteमजेदार व्यंग्य .
ReplyDeleteनया रूप बढ़िया है.
@ सबसे सरल उपाय.माधुरी जी को भी एक कंप्यूटर /नेट कनेक्शन अलग से दिलवा कर ब्लॉग्गिंग सिखा दी जाये.
मुस्कुराईए :-)
ReplyDeleteकि आप हिन्दी ब्लॉगिंग में हैं
जय हो ब्लोगिंग के जिन्न की……………अब इतने मंहगे और दुर्लभ समान के साथ तो अच्छे अच्छों का जिन्न भाग जायेगा…………हा हा हा।
ReplyDeleteक्या मुन्नी दीवानी हुई?
ReplyDeleteहाँ जी हुई!
शास्त्री अंकल और ताऊ के प्यार में!
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इतना ही नही अब तो वो ताऊ को भी
"ताऊ-ड़ार्लिंग" कह कर पुकारने लगी है!
अब यह चौचक धंधा पकड़ा है ताऊ -चकाचक -टोटके की सूची पढ़कर तो पेट में बल पड़ गए ...
ReplyDeleteरै के बात सै ताऊ..... बात तो बड़ी घनी करी सै...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ....
ReplyDeleteनव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
हे भगवान!!
ReplyDeleteये ताउ सा को क्या हो गया?
नवरात्रि की शुभकामनाएं।
जिन्न भी अच्छे होते है .....
ReplyDeleteताऊ, इब यो ये कमी रह गी थी...म्हारे वास्तै तो ब्लागिंग मैंह एक होर कम्पीटीटर जाम गया. ताऊ रमलशास्त्री के रूप मैम्ह :)
ReplyDeleteबहुत ही मजेदार हास्य-व्यंग्य ....इतने समान के साथ अनुष्ठान के बाद भी क्या गारंटी है कि..ब्लॉग्गिंग का जिन्न उतर जाए...:)
ReplyDeleteक्रमशः भी है...यानि लम्बी चलेगी ये गाथा..इंतज़ार है,अगली कड़ी का...
बहुत खूब .अगर यह दावा बेनामी को खिला दी जाए तो. मर्ज़ जड़ से घायब
ReplyDeleteबहुत खूब .अगर यह दावा बेनामी को खिला दी जाए तो. मर्ज़ जड़ से घायब
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