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रहनुमा हैं, रक्त पिपासु लोग, पसरा तम
1.
रहनुमा हैं
रक्त पिपासु लोग
पसरा तम
2.
इंसानी बस्ती
फ़ितरती शैतान
अमन खत्म
3.
खून खराबे
लोगों का शोरगुल
आज का धर्म
4.
झेड सुरक्षा
धवल वस्त्रों को
नवाज़िश है
5.
फ़ुगां को सुनो
मेहरबाँ हाकिम
फ़र्मान छोडो
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ReplyDelete1. रहनुमा हैं रक्त पिपासु लोग पसरा तम
2. इंसानी बस्ती फ़ितरती शैतान अमन खत्म
3. खून खराबे लोगों का शोरगुल आज का धर्म
4. झेड सुरक्षा धवल वस्त्रों को नवाज़िश है
5. फ़ुगां को सुनो मेहरबाँ हाकिम फ़र्मान छोडो
ताऊ यार ...
हमारे यह जापानी कविता , पल्ले ही नहीं पड़ती , अपने प्यारेलाल से टयूशन कर लूं ??
कुछ और सुनाओ ना कोई बिसनेस करते हैं ..
क्या होगया तुझे
कुछ बदला बदला सा
:(
प्रभावी हाइकू |
ReplyDeleteआभार आदरणीय ||
छोड़ रै ताऊ
ReplyDeleteसेंटी मत हो आज
आया बसंत। :)
हाइकु सच्चे हैं।
बढ़िया हाईकु | आभार
ReplyDeleteTamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
sateek.samsamayik evam sarthak haiku.
ReplyDeletesadar shubhkamnayen ...
इंसानी बस्ती
ReplyDeleteफ़ितरती शैतान
अमन खत्म...
बहुत खूब .... हाइकू में आफा हाथ हथियार बनता जा रहा है ... लाजवाब ताऊ श्री ...
गुस्सा होना बनता है
ReplyDeleteकड़े तेवर लिए और वर्तमान समय पर पैनी नज़र रखते हुए हैं सच कहते हैं सभी हायकू.
ReplyDeleteबहुत अच्छे हैं.
सतीश भैया ....आज कल इस जापानी विद्द्या का बहुत चलन है ...अब क्या करें ...सीखना तो पड़ेगा
ReplyDeleteवैसे ताऊ जी बढिया हाइकु लिखे हैं (सीखते सीखते हम भी सीख ही रहें है )
कटु सत्य को कहते गंभीर हाइकु ...
ReplyDeleteसही रेखांकन है आज के दौर का ...
ReplyDeleteजो भी कहा सच हे कहा। रामराम!
ReplyDeleteसभी हाईकु अर्थपूर्ण, बहुत प्रभावी!
ReplyDelete~सादर!!!
ये हाईकु रोग आपने कैसे पाल लिया...लठ्ठ के साथ हाईकु नहीं जंचते...जरा पैंतरा बदल रे ताऊ...
ReplyDeleteलोगो की समझ में ऐसी बाते कम ही आती है ताऊ जी , लेकिन आपने वाकई लाजबाब गागर में सागर भरा है !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया...
ReplyDeleteदमदार हायकू...
सादर
अनु
स्थिति सच में खराब है..सुन्दर हाईकू
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत हड्कु
ReplyDeleteवाह ! ताऊ ! यमलोक से नई विद्या सीख आयें है !
ReplyDeleteयमलोक से मतलब - ताऊ यमलोक क्यों गया ? और वापस क्यों आया ?
आपकी यमलोक की यात्रा का सीक्रेट हमें रामप्यारे ने बता दिया है जिसका कल शाम को ज्ञान दर्पण पर खुलासा किया जायेगा !!
इंसानी बस्ती
ReplyDeleteफ़ितरती शैतान
अमन खत्म
badhiya yek se yek hai ...
आज 21/02/2013 को आपकी यह पोस्ट (संगीता स्वरूप जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सटीक और अर्थपूर्ण हाइकू
ReplyDeleteसुंदर पंक्तियाँ ... आपको धन्यवाद ............
ReplyDeleteआप भी पधारो आपका स्वागत है ....pankajkrsah.blogspot.com