हाथ पांव में दम नहीं, हम किसी से कम नहीं :दिल्ली गैग रेप

दस बजे रात को लड़की घर से बाहर क्या कर रही थी?
ब्वॉय फ्रेंड के साथ रात को बाहर निकलेगी तो यही होगा.
पुलिस कहां तक संरक्षण देगी?
प्रतिरोध  भी उसका दुस्साहस, 

उन्होनें आगे कहा 
हाथ पांव में दम नहीं, हम किसी से कम नहीं.
छह लोगों से घिरने पर लड़की ने चुपचाप समर्पण क्यों नहीं कर दिया?
कम से कम आंते निकालने की नौबत तो नहीं आती.
सुविधाओं और अधिकारों का महिलाओं ने गलत इस्तेमाल किया है.
इसलिए ऐसे मामलों में पुलिस का रवैया बिलकुल ठीक है.

असंवेदनशीलता का आलम यह रहा कि
इस भाषण पर वहां मौजूद ज्यादातर अफसर मौन रहे.

उपरोक्त विचार ताऊ के नही हैं. बल्कि एक बुद्धिजीवी महिला के हैं.  अफ़्सोस जनक  है कि ऐसा बेहूदा और डरपोक  बयान एक महिला ने दिया है.   आज  सुबह सुबह ही अखबार के फ़्रंट पेज पर दिल्ली गैंग रेप पर यह खबर पढकर मन ग्लानि से भर गया. मध्यम प्रदेश यानि मध्य प्रदेश महिला दुष्कर्मों में अब्बल क्यों है? इसका जवाब प्रदेश के बुद्धिजीवियों की सोच ही लगती है. और दुख तब होता है जब ये विचार किसी महिला बुद्धिजीवी के हों.

 (पूरी खबर यहां पढ सकते हैं)

शेम...शेम....शेम....
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जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं...



टिप्पणी ठोक, रचना मत बांच, अगला ब्लाग

नीचे चार महानतम ताऊ ब्रांड सीख हैं. इन्हें अमल मे लाकर आप एक महान ब्लागर और महानतम नेता बन सकते हैं. बस याददाश्त पर जोर डालिये और  अभी से अमल शुरू किजिये.

टिप्पणी ठोक
रचना मत बांच
अगला ब्लाग


वोट डकार
नेता गया सिधार
फ़िर चुनाव


हमको भी हैं
तीन तीन बेटियां
क्यों डरते हो


आश्वासन दे
ताऊ की फ़ितरत
झेलते रहो

जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं...

ताऊ महाराज धृतराष्ट्र अंदर राजमहल में मिस समीरा टेढी के साथ शतरंज खेलने में व्यस्त हैं. बीच बीच में टीवी स्क्रीन पर नजर भी डाल लेते हैं. सभी को पता है कि ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने  संपूर्ण रूप से गांधी जी के तीन बंदरों वाली सीख को जीवन में उतार रखा है. उन्हें बहुत कम लोगों ने बोलते सुना है. उनके इतने लंबे सुशासन का यही राज है.

महल के बाहर हस्तिनापुर के युवक युवतियां अपने पर हुई बहशियाना ज्यादतियों को लेकर शांति पूर्ण  आंदोलन  पर उतारू हैं. महाराज इससे बेखबर हैं...पर महाराज के सिपह सालार अंदरूनी रूप से घबराये हुये हैं क्योंकि सिपह सालार जनता और खासकर युवा शक्ति के मिजाज को भांपते हैं. बाहर आंदोलनकारी युवा हटने को तैयार नही है. ताऊ टीवी लगातार लाईव प्रसारण कर रहा है.

तभी ताऊ महाराज धृतराष्ट्र के सेनापति अंदर दाखिल होते हैं और महाराज को कार्निश बजाने के बाद कहते  हैं कि - महाराज अब आंदोलनकारियों का धैर्य जबाव देने लगा है, अब वो हटने को तैयार नही हैं, भीड बढती जा रही है...कहीं महल को ही खतरा पैदा ना हो जाये...मेरा आपसे निवेदन है कि आप बालकनी से ही जनता को दो चार झूंठे आश्वासन दे दिजिये जिससे यह खतरा फ़िलहाल तो टल जाये.

ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ने खा जाने वाली नजरों से सेनापति को घूरते हुये कहा - सेनापति, हमने तुमको इतने बडे ओहदे पर क्यों रखा है? ये जरा से बच्चे तुमसे संभाले नही जाते क्या? अब इन छोटे छोटे बच्चों से निपटने के लिये भी हमें ही आना पडेगा क्या?...जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं...चलो जावो...आंदोलनकारी हटाकर हमें खबर करो....

                                         ताऊ महाराज धृतराष्ट्र और मिस समीरा टेढी शतरंज खेलते हुये


सेनापति बोला - महाराज, मैं साम,दाम,दंड और भेद सब आजमा चुका हुं...कल मंत्री जी का बयान भी करवा चुका हूं...पर आंदोलनकारी टस से मस नही हो रहे और अब अगर उन्होने आकर आपका गला पकडा तो मैं जिम्मेदार नही रहूंगा.....

ताऊ महाराज धृतराष्ट्र बोले - अरे  अक्ल के टमाटर....भलती ही बातें करता है तू? जा और अपने ही सैनिको को जनता बनाकर पत्थर बाजी करवा दे...कहीं लकडी के गठ्ठरों को आग लगवा दे...और घोषणा करवा दे कि
आंदोलनकारियों में असामाजिक तत्व घुस आये हैं....और जमकर लाठियों से आंदोलनकारियों की धुनाई करवा डाल...भगा सबको... और सुन हमें और समीरा जी को अब डिस्टर्ब मत करना...

और सेनापति ने जाकर महाराज के हुक्म अनुसार कार्यवाही शुरू कर दी.........
(जारी रहेगा...)








अपनी बीबी के नाम से दे दे सेठ...दो दिन से कुछ मुर्गा...अंगूरी नही चखी है सेठ...


यह सर्व विदित है कि ताऊ ने बहुत सारे काम धंधे किये पर किसी भी काम में सफ़लता उससे इतनी ही दूरी रखती थी जितनी  रामप्यारे  के सर से सींग. ताऊ ने चोरी, डकैती, लूट, बेईमानी जैसे सारे धंधे आजमा लिये थे पर कहीं ना कहीं पकडा जाकर कुछ समय कृष्ण जन्म स्थली में काट लिया करता था. कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि ताऊ चोरी डकैती के मामलों में अपनी मर्जी से पकडा जाता था, क्योंकि चोरी डकैती में भी मेहनत करनी पडती थी जो ताऊ करना नहीं चाहता था, इसलिये जैसे ही लूट चोरी का कोई कांड करता, तुरंत पुलिस के मुखबिर से सौदा पटाता और पकडा जाता.

ताऊ का इसमें डबल फ़ायदा था. पहले तो मुखबिर से हिस्सा मिल जाता था और बाकी जितने दिन कृष्ण जनम स्थली में कटते वहां मुफ़्त की खाने पीने की जोगाड रहती. यहां तक की अब पुलिस भी तंग आ चुकी थी. पर ताऊ तो ठहरा ताऊ. आज छूटा...कल वही काम.....

लेकिन अब इस तरह से रोटी तोडना तब मुश्किल हो गया जब पुलिस ने  आधुनिक संचार साधनों से अपने खोजबीन अभियान शुरू कर दिये और मुखबिरों को देने वाली धनराशि में कमी कर दी. अब मोबाईल की लोकेशन से ही ताऊ का पता लग जाता था तो मुखबिर को पैसे कौन दे? और ताऊ को सारी कमाई इसी काम से थी. बुरा हो इस सत्यानासी आधुनिक टेक्नोलोजी का......

ताऊ की भूखों मरने की नौबत आ गई तो  उसने एक किराना की छोटी सी दुकान खोल ली. जैसे तैसे जिंदगी चल रही थी. इसी बीच खुदरा बाजार में विदेशी व्यापारी (FDI in retail) आगये और ताऊ की जमी जमाई दूकान बैठने लगी. ताऊ धंधे बदलने में तो शुरू से ही माहिर था सो तुरंत किराने की दुकान बंद की और जो पैसे हाथ में थे उससे शहर के पोश इलाके में दूसरे काबिज भिखारी से  भीख मांगने का धंधा खरीद लिया. ताऊ खुद छटा हुआ बदमाश तो था ही सो उसके डर से कोई दुसरा भिखारी उस इलाके में भी नही आ सकता था और ताऊ उस इलाके में अपना एकाधिकार जमा कर  चांदी काटने लगा.

एक रोज ताऊ एक सेठ से भीख मांग रहा था...दे दे...अपनी बीबी के नाम से दे दे सेठ...दो दिन से कुछ मुर्गा...अंगूरी नही चखी है सेठ...आज तू मुझे देगा तो तेरी बीबी तुझे शाम को अच्छा  अच्छा खाना खिलायेगी....अगर तू मुझे पांच सौ का नोट देगा तो आज तुझे तेरी बीबी बेलन  से नही मारेगी..तेरी हड्डी पसली सलामत रहेगी सेठ...दे दे सेठ दे दे..आज ताऊ को दे दे...बस एक पांच सौ के नोट में तेरी सब तकलीफ़ मिट जायेगी....नही देगा तो आज घर में घुसते ही तेरा स्वागत चिमटे बेलन से होगा....

तभी वहां से अनेकों हिंदी  ब्लागर्स  गुजर रहे थे जो शायद किसी ब्लागर सम्मेलन में जा रहे थे. भिखारी की  इस अजीबोगरीब भीख मांगने के अंदाज ने उनका ध्यान अपनी और खींचा. और वो आपस में बात करने लगे.

सतीश सक्सेना  बोले - दराल साह्ब मुझे तो ये भिखारी नही बल्कि ताऊ लग रहा है.

डाक्टर दराल - बोले,  यार सक्सेना जी अगर मेरी आंखे धोखा नहीं खा रही हैं तो ये ताऊ ही है.

तभी  समीरलाल बोले - ये पक्के से ताऊ महाराज धृतराष्ट्र ही हैं...सौ टका वही है.....

अनुराग शर्मा  बोले - बिल्कुल ताऊ ही है...वो पीछे देखिये...रामप्यारे भी खडा है....तभी काजल कुमार  बोले -ओ  यारों...कुछ फ़र्क ही नही है....ये तो वही ताऊ है जो मेरा इंटर्व्यु लेने भी आया था......और  अरविंद मिश्रा बोले - अरे हां यार ये तो पक्का वही ताऊ है जो मेरा इंटर्व्यू लेने आया था और मैने नही दिया था....जब सबको ये पक्का हो गया कि ये ताऊ ही है तो सारे ताऊ के  पास आगये...ताऊ ने अंजान बनते हुये अपने रटे हुये अंदाज में  दे दे...अपनी बीबी के नाम से दे दे सेठ ...की बांग लगाई.

सक्सेना जी बोले -ताऊ  अब समझ में आया कि तू दो साल से ब्लाग जगत से गायब होकर ये काम कर रहा है?  ये क्या नाटक लगा रखा है? तेरे को और कोई धंधा नही सूझा क्या? जो ये भीख मांगना शुरू कर दिया? तुझे शर्म नहीं आती...तेरी ब्लागरी की दुकान  अच्छी भली चल रही थी....वहां से गायब होकर ये काम कर रहा है?

ताऊ बोला - सक्सेना साहब, बात तो आपकी सही है. पर ब्लागरी की दुकान से टके (रूपये) नही मिलते और बिना टके सब बेकार है. आपने महाकवि ताऊनाथ हरयाणवी का ये वचन तो सुना ही होगा....

टका धर्म: टका कर्म: टका ही परमं तपं 
यस्य ज्ञान टका नास्ति हा: टका टक टकायते 
अर्थात
टका ही धर्म, टका ही कर्म, टका ही परम तप है !
टका रूपी ज्ञान नही है, तो कुछ भी नही है ! सिर्फ़ टकाटक देखते रहो ! 

सक्सेना जी बोले - चल  ताऊ, तेरी ये बात मान भी लें तो तुझे सिर्फ़ ये भीख मांगने वाला काम ही मिला था? कुछ तो शर्म करना चाहिये. ये कहते हुये उन्होनें बाकी सब ब्लागर्स से विचार विमर्श करके  ताऊ को 15 हजार रूपये दिये और कहा कि आयंदा भीख मत मांगना. ताऊ ने वादा किया  और वो सारे ब्लागर सम्मेलन में  चले गये.

जैसे ही वो गये ताऊ वो रूपये घर रख कर आगया और  अपना वो ही  धंधा ..दे दे...अपनी बीबी के नाम से दे दे सेठ... शुरू कर दिया. शाम को सारे ब्लागर्स   उसी रास्ते  ब्लागर सम्मेलन से वापस लौटे रहे थे तब  देखा कि ताऊ,  दे दे...अपनी बीबी के नाम से दे दे सेठ...की आवाज लगा कर फ़िर भीख मांग रहा है.

सक्सेना जी को बडा गुस्सा आया और ताऊ को फ़टकारने लगे.

तब ताऊ बोला - अरे सक्सेना साहब नाराज क्यों  हो रहे हो? मेरी किराना दुकान तो विदेशी स्टोरों ने उठवा दी. दूसरा कोई भी धंधा करूंगा तो उसकी भी कोई गारंटी नही कि ये विदेशी उस धंधे  में नही आयेंगे? क्योंकि संसद में  हमारी सरकार और विपक्षी दल तो नूरा कुश्ती यानी मैच फ़िक्सिंग  जैसी बहस करवाकर  किसी भी धंधे का लायसेंस विदेशियों को दे सकती है. इसीलिये   मैने ये धंधा सोच समझकर चुना है. मुझे लगता है कि जल्दी से कोई विदेशी कंपनी भीख मांगने के धंधे में नही उतरेगी. और इस धंधे में कोई कंपीटीशन नही रहेगा.

सक्सेना जी की बोलती बंद हो गई और वो ताऊ का मुंह देखते रह गये...और ताऊ ने  अपने ही अंदाज में बांग लगानी शुरू कर दी ...दे दे...अपनी बीबी के नाम से दे दे सेठ...दो दिन से कुछ मुर्गा...अंगूरी नही चखी है सेठ...

ताऊ महाराज रावण को गुस्सा क्यों आता है?

दर्शकों,  ताऊ टी.वी. के चीफ़ रिपोर्टर रामप्यारे का  झटकेदार नमस्कार कबूल किजिये. अभी चार दिन पहले ही ताऊ महाराज रावण ने एक प्रेस कांफ़्रंस बुलायी थी जिसमें पत्रकारों ने इतने उल्टे सीधे सवाल किये कि ताऊ दशानन महाराज बुरी तरह तैश में आगये.  महाराज रावण को इतना गुस्सा आया कि उसके सामने कलमान कुर्शीद को आया गुस्सा कुछ भी नही था. जहां कुर्शीद साहब ने गुस्से में आपा खो दिया वहीं पर महाराज दशानन गुस्से को अंदर ही अंदर पी गये और अपनी बात को किसी तरह रख कर वहां से चले गये.




कल दशहरे को रात साढे आठ बजे हमने ताऊ स्टूडियो में ही रावण दहन का कार्यक्रम रखा था. रावण दहन करके मुंह मीठा कर  के लौट ही रहा था कि एक अंधेरे गलियारे में  अचानक महाराज रावण प्रकट हो गये और मुझे गर्दन से पकड कर उठा लिया. मेरी चारों टांगे हवा में लटकी हुई थी. डर के मारे मेरी सिट्टी पिट्टी गुम हो रही थी... अभी दो मिनट पहले तो महाराज का अंतिम क्रियाकर्म किया था और ये अभी कहां से आ गये?

मेरी दुविधा देखते हुये महाराज दशानन ने जोर से अट्टहास करते हुये कहा - अरे रामप्यारे...तू क्या समझता है कि मैं तुम्हारे मार देने से मर जाऊंगा? अरे बेवकूफ़ों...ये क्यों नही समझते कि मेरी नाभि में अभी भी अमृत भरा है...मैं हमेशा अमर हूं...मैं कभी नही मरूंगा...तुम चाहे जितनी बार मुझे मार दो पर मैं जिंदा ही रहूंगा.

मैंने डरते हुये कहा - महाराज लंकेश की जय हो....महाराज आप मुझे जमीन पर उतार दें नहीं तो मेरी गर्दन टूट जायेगी....

लंकेश ने मुझे जमीन पर उतार दिया और मुझसे पूछा - रामप्यारे, ये बता कि तुझे कभी दुख हुआ है? कभी असह्य वेदना हुई है?

मैने कहा - हे लंकापति, मुझे सबसे बडी वेदना अभी कुछ ही समय पहले हुई थी जब मेरा तबादला दूसरे शहर में हो गया...मेरा घर और प्यारा शहर छूट गया. ... वो सकोरे से सुडक सुडक कर पीने   वाली सुबह सबेरे की  चाय भी छूट गई.....नई  जगह एडजस्ट होने में पसीना आ गया...वो बहुत गहन वेदना का समय था मेरे लिये...

मेरे इतना कहते ही महाराज दशानन भडक गये और बोले - अरे मूर्ख...जब तुझे सकोरे वाली चाय और शहर छूटने से इतनी पीडा हो रही है तो हमारी पीडा भी सोच....मुझे लोग किस तरह बदनाम करते हैं?  हर साल मुझे बारूद के ढेर पर सर से पांव तक जला डालते हैं? अरे...इतनी बुरी तरह तो मैने हनुमान को भी नही जलवाया था... बस प्रेम पूर्वक  उसकी पूंछ में जरा सी आग ही छुआयी  थी.....

मैंने  दादा दशानन का गुस्सा देखकर गर्दन हिलाते रहने में ही भलाई समझी. मन में सोच रहा था कि यहां महाराज दशानन से एक दो सवाल पूछ लूं तो एक अच्छी खासी ब्रेकिंग न्यूज बन जायेगी...पर यह सोच कर चुप लगा गया कि अभी महाराज गुस्से में हैं... कुछ उल्टा सीधा पूछने में आ गया  तो महाराज रावण को मेरी गर्दन मरोडने में यहां  कितनी देर लगेगी?

मैं कुछ बोलता इसके पहले ही महाराज दशानन तैश में बोलने लगे - रामप्यारे...भले ही मेरे दस सर हों पर मैं दोमुहीं बात नही करता. गठबंधन के नेता मंत्रियों की तरह नही कि सत्ता सुख भोगने के लिये अंदर कुछ बोलूं और बाहर कुछ और....मैं तो दशग्रीव  होते हुये भी डंके की चोट एक ही बात बोलकर उस पर कायम रहता हूं... क्या मेरे दामाद ने...कभी कोई कांड किया? क्या मेरे किसी मंत्री संत्री ने टू..जी..थ्री...जी किया?  किसी कोल का गेट खोला...?  क्या मेरे किसी मंत्री या रिश्तेदार ने कोई एन.जी.ओ. बना कर मलाई चाटी?.... क्या मेरे किसी मंत्री ने कोई कांडा  कांड किया?.... नहीं ना..? फ़िर भी तुम उन्हें जलाने के बजाए  हर साल मुझे  जलाते हो?

मैंने डरते हुये कहा - जी महाराज, आप बिल्कुल सही कह रहे हैं अगर आप अपनी बात पर अडिग नही होकर प्रभु राम की शरण हो लेते  तो आज आप भी सत्ता सुख भोग रहे होते. आप तो बिल्कुल अटल और बात के धनी हैं....

मेरी बात सुनकर दादा लंकेश फ़िर तमतामये और बोले - अरे मूर्ख...मैं जानता हूं तू सीता की बात कर रहा है. पर ये बता कि मैने तो सिर्फ़ एक बार पराई स्त्री का उसकी इच्छा के विरूद्ध अपहरण किया...और उसे पूरे मान सम्मान और इज्जत  मर्यादा के साथ रखा,  इसके बाद भी तुम लोग हर साल मुझे जलाते हो? अरे आज कितनी अबलाओं पर सामुहिक ज्यादती हो रही है? किस  तरह उनकी इज्जत से खिलवाड किया जा रहा है? और तो और तुम्हारे नेताओं को यह कहते हुये  भी शर्म नही आती कि बलात्कार करवाने लडकियां खुद लडकों के साथ अपनी राजी मर्जी से जाती हैं? इस पर भी तुम मुझे जलाते हो? उन्हें क्यों नही जलाते? 

मेरी गर्दन   श्रद्धा पूर्वक महाराज दशानन के सामने झुक गई  और चुपचाप यह सोचते हुये घर  की तरफ़ चल पडा कि क्या ताऊ लंकेश वाकई सच नही बोल रहे हैं? क्या आज चारों तरफ़ रावण ही रावण नही पैदा हो गये हैं? एक लंकेश को जलाने से क्या होगा?

बाबा जी के चरणों में अरबी अरबी परणाम !


बाबा ताऊश्री के पास भक्त जनों की भीड हर समागम में बढती ही जा रही है. यूं तो दुनियां में हर वस्तु का अनुपात बराबर ही होता है. इस नियम का पृकृति में भी अपवाद नही है. पर भक्त जन सुख को तो महसूस नही कर पाते और दुख आते ही बाबाश्री ताऊ महाराज को परेशान करने चले आते हैं. अब बाबाश्री ताऊ महाराज निहायत ही नरम दिल और दुखियों की सेवा करना अपना फ़र्ज समझते हैं. ऊपर वाले से बाबाश्री का डायरेक्ट संपर्क है और भगवान भी उनकी बात नही टाल सकता.


बाबा ताऊश्री 675 वें समागम में किरपा बांटते हुये


ताऊ बाबाश्री का 675 वां समागम


ताऊ बाबाश्री - भक्त जनों, आप लोगों का अपार समूह देखकर हमें बडा आनंद आता है. हम आपका आभारी हूं कि आप हमें अपने दुख दूर करने का मौका देते हैं. ईश्वर की कृपा से आप हमेशा दुखों में घिरे रहें क्योंकि आपके दुखों की वजह से ही ये हमारा आश्रम फ़लता फ़ूलता रहेगा...और हमें खुशी हो रही है कि आज आप 675 वें समागम में शिरकत कर रहे हैं. आप में से किसी को अपने अनुभव बांटने हों तो माईक पर आ जायें....

 सतीश सक्सेना - ताऊ बाबा के चरणों में अरबी अरबी परणाम.... 

ताऊ बाबाश्री - भक्त, ये कोटि कोटि परणाम तो सुना था पर ये अरबी अरबी परणाम ..क्या होता है? कहीं तुम अरबी की भाजी तो नही ले आये हो? तुम्हें पता है कि हमें अरबी की भाजी से गैस हो जाती है? 

सतीश सक्सेना - ताऊश्री, ये अरबी की भाजी नही...जैसे कोटि कोटि परणाम यानि करोड करोड परणाम...वैसे ही अरबी अरबी यानि एक सौ करोड...परणाम... 

ताऊ बाबाश्री - वाह भक्त..वाह. हम तुम्हारी श्रद्धा और परणाम से विशेष रूप से प्रसन्न हुये.... अब तुम अपने अनुभव यहां उपस्थित भक्तों को बताओ और कल सुबह हमारे मार्निंग वाक के समय आश्रम के गार्डन में मुलाकात करना...वहां हम तुम पर विशेष किरपा करेंगे. 

सतीश सक्सेना - बाबाजी के चरणों में अरबी अरबी परणाम करते हुये मैं बताना चाहुंगा कि बाबाजी आपकी किरपा से मेरे सर पर बाल आगये हैं...बाबा जी पहले मैं इसी वजह से बहुत दुखी रहता था...बाबाजी....आपके कहे अनुसार मैने सिर्फ़ पांच अमावस्या को "ताऊ छछूंदर तेल" आपकी बतायी विधी से पूजा करके लगाया...और मेरा पूरा सर बालों से लहलहा उठा...बाबाजी आपके चरणों में पुन: अरबी अरबी परणाम.... 

अब माईक मिस समीरा टेढी के हाथ में थमाया गया...और मिस टेढी ने बोलना शुरू किया - बाबाजी के चरणों में अरबी अरबी वंदन....बाबा जी आपने मुझे सात काली अमावस बिना नहाये सुबह से दोपहर तक सोमरस पान करने का कहा था...बाबाजी मैने ऐसा करना शुरू किया....और तीन अमावस में ही चमत्कार हो गया और सात अमावस ऐसा करने के बाद तो...बाबा जी..क्या बताऊं.....मेरे को कुछ भी दुख तकलीफ़ नही रही....बाबा जी अब एक तकलीफ़ है....मुझे भूख बहुत जोरों से लगने लगी है..... 

ताऊ बाबाश्री - बालिके...भूख लगना तो अच्छी बात है....खाओ पीओ..तंदरूस्त रहो... 

मिस टेढी - बाबाश्री...वो वाली भूख नही....बाबाजी... 

ताऊ बाबाश्री - फ़िर कौन सी वाली भूख....कहीं गलत सलत भूख तो नही लग रही है बालिके तुमको? 

मिस टेढी - नही बाबाश्री...मेरी टिप्पणियों की भूख बढ गई है...कितनी भी टिप्पणी आयें पर मेरी इच्छा भरती ही नही है...  

ताऊ बाबाश्री - अच्छा अच्छा....एक काम करो..हमारे ताऊ बैंक के अकांऊंट नम्बर 000420 में पचास हजार डालर जमा करा दो..उससे हम तुम्हें एक "भूख मिटाओ यंत्र" बनाकर भिजवायेंगे... 

मिस टेढी - बाबाजी के चरणों में अरबी अरबी परणाम...बाबाजी कल ही करवा दूंगी... 

ताऊ बाबाश्री - और हां बालिके, कल सुबह सतीश सक्सेना के साथ हमारे आश्रम के गार्डन में दर्शन करने आना, हम तुम्हें वहीं पर भूख मिटाने की कुछ विशेष विधियां सिंखायेंगे... 

मिस टेढी - जी बाबाश्री... 

ताऊ बाबाश्री भक्तों को संबोधित करते हुये बोले - प्यारे भक्त जनों, हमारे रहते हुये मेरे प्यारे देशवासियों का दुख मैं नही देख सकता. यूं तो हमको चीन, जापान, रूस, अमेरिका व इंगलैंड आदि देशों से उनकी जनता के दुख दर्द मिटाने के लिए आमंत्रण मिलते रह्ते हैं पर हम सबसे पहले अपने देशवासियों के दुख दर्द मिटायेंगे....और इसके लिये हम  "सर्व कष्ट मिटावो यज्ञ"  शुरू करने जा रहे हैं....इस यज्ञ में जो भी भाग लेगा उसे भविष्य में  कभी कोई कष्ट नही होगा. यह यज्ञ अलग अलग दिन अलग अलग केटेगरी अनुसार कराया जायेगा. निराशा से बचने के लिये अपनी सीट तुरंत बुक करवा लेवे. इस पोस्ट के आखिर में संपूर्ण डिटेल दी गई है.


 
बाबा ताऊश्री मिस टेढी को गले लगाकर आशीर्वाद देते हुये!


अगले दिन सतीश सक्सेना और मिस टेढी ने बाबाश्री से सुबह आश्रम में जाकर भेंट की जहां बाबाश्री ने सतीश सक्सेना को आशीर्वाद देते हुये  "सर्व कष्ट मिटावो यज्ञ"  की जिम्मेदारियां संभालने का काम सौंपा और मिस टेढी को गले लगाकर "सर्व कष्ट मिटावो यज्ञ" के रजिस्ट्रेशन का काम संभालने का कार्यभार सौंपा.

 "सर्व कष्ट मिटावो यज्ञ" 

 *"सर्व कष्ट मिटावो यज्ञ" मे भाग लेने के लिये रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. 

रजिस्ट्रेशन की तीन श्रेणियां रहेगी. 

प्रथम श्रेणी की फ़ीस रूपये 21000/- मात्र 

 द्वितीय श्रेणी की फ़ीस रूपये 16000/- मात्र 

 तृतीय श्रेणि की फ़ीस रूपये 11000/- मात्र 

सीटों की उपलब्धता हमारी वेवसाईट से जांच कर अग्रिम बुकिंग करालें...

कुछ ही सीमित तारीखों में सीटे उपलब्ध हैं. 

फ़ीस का अग्रिम भुगतान हमारे  ताऊ बैंक अकाऊंट नं.  000420  में करवा कर अपना एंट्री पास प्राप्त कर लेवें.


"सर्व कष्ट मिटावो यज्ञ" में भाग लेकर इस जीवन के सभी कष्टों से हमेशा के लिये मुक्ति पाईये!

"मिस समीरा टेढी की अदालत में ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र हाजिर हों !"


बहणों और भाईयो, मैं "ताऊ टीवी फ़ोडके" न्यूज चैनल का उदघोषक रमलू सियार आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र का साक्षात्कार आज तक कोई चैनल नही ले पाया था. पिछली बार हमारी खोजी संवाददाता मिस समीरा टेढी ने "ताऊ टीवी फ़ोडके " चैनल के लिये महाराज का एक छोटा सा साक्षात्कार लिया था.




ताऊ टीवी फ़ोडके चैनल का उदघोषक रमलू सियार


ताऊ  महाराज धॄतराष्ट्र  को अपने बुद्धि चातुर्य से अपने वाकजाल में फ़ंसा कर मिस समीरा टेढी ने ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र को "ताऊ टीवी फ़ोडके " चैनल के खास कार्यक्रम "मिस समीरा टेढी की अदालत में" हाजिर होने के लिये तैयार कर ही लिया.

ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र आजकल राजकाज में अति व्यस्त रहते हैं परंतु इस व्यस्तता के बीच भी समय निकाल कर वो दो दिन के अवकाश पर अपने वर्षाकालीन महल में आराम करने चले गये. (भले ही बरसात ना हो रही हो, महाराज का वर्षाकालीन महल में जाना जरूरी है)

मिस समीरा टेढी ने पता नही कहां से सूंघ कर पता लगा लिया और महाराज के वर्षाकालीन महल में अपने कैमरामैन रामप्यारे के साथ जा पहुंची. महाराज भी मिस टेढी को देखते ही खिल उठे.

महाराज  ताऊ टीवी फ़ोडके चैनल के स्टूडियो में आने के बजाये वही महल के लान में ही समीरा जी की अदालत में हाजिर होने को तैयार हो गये. तो लिजिये आपके पेशे खिदमत है हमारा खास कार्यक्रम "मिस समीरा टेढी की अदालत में ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र हाजिर हों !"




मिस समीरा टेढी की अदालत में ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र


मिस समीरा टेढी - ताऊ महाराज, आप पर ये आरोप है कि आप अक्सर गलत काम ही करते हैं? इस वजह से लोग आपकी बात का विश्वास नही करते? ज्यादातर मठाधीश भी इसी वजह से आपकी मुखालफ़त करते हैं? ऐसा क्यों?

ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र - देखिये समीरा जी, लोग चाहे जो समझे, हम तो जनकल्याण के काम द्वापर से ही करते आये हैं. अब मठाधीषों का काम ही रोने धोने का है तो रोने दिजिये. अभी पिछले ही साक्षात्कार में आपको हमने जन कल्याणकारी ताऊ परांठा बनाने की विधी बताई थी जिसके सेवन से हम द्वापर से ब्लागयुग तक जवान बने हुये हैं. पर लोगों ने उसका भी विश्वास नही किया तो ये हमारी गल्ती थोडे ही है.

मिस समीरा टेढी - हां महाराज, ताऊ परांठे का सेवन तो मैने भी किया और मुझे बहुत फ़ायदा महसूस हुआ है, मैं भी अपने आपको नवयुवती जैसा समझने लगी हूं...

ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र बोले - समीरा जी लगता है ताऊ परांठे के सेवन से आपकी तो काया ही पलट गयी है...देखिये आपके हाव भाव चाल ढाल सब कैसे बदल गयी है? आप तो एकदम जवान और हीरोईन जैसी नजर आने लगी है?

मिस समीरा टेढी - हां महाराज, आपके ताऊ परांठे के सेवन से मेरा वर्षों से लगा चश्मा भी उतर गया है, गाल भी लाल टमाटर जैसे हो चले हैं....आप हमेशा जवान रहने की कोई और भी विधी बताईये महाराज, जिससे मेरे बाल भी काले हो जायें?

ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र - समीरा जी अभी कुछ ही समय  पहले  हमने बालम ककडी के गुण बताये थे जिसे लोगों ने लौकी समझ लिया..अब हम क्या करें समीरा जी? जनता वही समझती है जो समझना चाहती है. हमने अपनी प्यारी जनता के कल्याण के लिये जितने कार्यक्रम चलाये है उतने तो किसी भी सरकार ने नही चलाये हैं? जितना अमूल्य ज्ञान हमने अपनी प्यारी प्रजा को कल्याण के लिये दिया है उतना आज तक किसी ने नही दिया. फ़िर भी ये तोतली जनता मठाधीषों के चक्कर में चढ जाती है.

मिस समीरा टेढी - महाराज मैंने आपसे मेरे बाल काले करने की विधी पूछी थी?

ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र - अरे समीरा जी लगता है आप ताऊ पराठे के सेवन से खूबसूरत और जवान तो हो गई पर आपकी समझ को क्या हो गया? अरे आपको बताया ना कि बालम ककडी में बहुत से प्रोटीन और पोषक तत्व हैं. बस आप अपने बालम के साथ साथ बालम ककडी का इस्तेमाल करिये, आप दोनों के बाल काले हो जायेंगे.

मिस समीरा टेढी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुआ पूछा - जैसी आज्ञा महाराज, पर क्षमा करें महाराज....आप पर यह आरोप भी लगता है कि आप बकबास बाजी ज्यादा करते हैं और काम कम. अभी आपने कहा कि आपने जनता को अमूल्य ज्ञान प्रदान किया है तो जनता ये जानना चाहेगी कि आपने जनता को कौन सा अमूल्य  ज्ञान प्रदान किया है?

ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र बोले - समीरा जी आप भी मजाक कर रही हैं क्या? अरे गीता का असली ज्ञान हमारी प्यारी प्रजा के कल्याण के लिये हमने ही तो दिया है...

ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र के मुख से यह सुनते ही मिस समीरा जी हक्की बक्की रह गयी और बोली - महाराज श्री, ये आप क्या कह रहे हैं? जरा सोच समझके बोलिये, यह प्रोग्राम लाईव टेलिकास्ट हो रहा है..... और दुनियां जानती है कि गीता का ज्ञान तो श्री कॄष्ण भगवान ने दिया था...फ़िर आप कहां से बीच में आ गये?

इस पर ताऊ महाराज बोले - समीरा जी आप तो अभी तक बहुत ही भोली भाली बालिका हैं...आपने द्वापर की बाते सिर्फ़ किताबों में ही पढी हैं... और हम साक्षात गवाह हैं द्वापर से अभी तक के. गीता का ज्ञान प्यारी प्रजा को हमारे द्वारा ही दिया गया है यदि हम ना होते तो यह गीता का अमूल्य ज्ञान भी इस धरती पर नही होता.

मिस समीरा टेढी ने चमत्कृत होते हुये पूछा - महाराज ये तो नयी जानकारी है, पर इसका राज क्या है...यह नही समझ में आया?

दर्शकों दिल थाम के बैठिये....गीता का ज्ञान किसने दिया? ये हम बतायेंगे  सिर्फ़ एक ब्रेक के बाद....बस हम दो मिनट के लिये यहां थे...अब १५ मिनट ब्रेक के बाद वापस आयेंगे  दो मिनट के लिये ....फ़िर आपकी सेवा में हाजिर होते हैं...तब तक आप चाहे तो किसी ब्लाग पर टिप्पणी मार कर आजाईये...

ब्रेक....ब्रेक...ब्रेक...


( साक्षात्कार का शेष भाग अगले अंक में...)

खाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही.


ज्यादातर लोगों को यह पता नही होगा कि मिस समीरा टेढी ने अपने रूतबे का इस्तेमाल करके किसी तरह एक पेट्रोल पंप अपने नाम कबाड लिया था. लोगों से सुन रखा था कि पेट्रोल पंप में बहुत कमाई है, पेट्रोल में डीजल मिलाओ...डीजल में घासलेट मिलाओ...और चकाचक माल कमाओ. अब समीरा टेढी कहने को ही टेढी हो पर दुनियादारी की इतनी ज्यादा भी समझ नही थी सो कई बार पेट्रोल में मिलावट करते पकडी गई...दुनिया भर के केस मुकदमे चलने लगे. इन परेशानियों से घबरा कर एक दिन आत्महत्या करने पर उतारू हो गई कि इतनी देर में ताऊ वहां पहुंच गया. सारी बात समझकर ताऊ बोला - समीरा जी, आप के बस की बात नही ये पेट्रोल पंप चलाना. आप ये काम मुझे सौंप दो...





आत्महत्या की कोशीश करते हुये मिस.समीरा टेढी

समीरा टेढी ने साफ़ तौर पर अपनी चिंता जताते हुये कहा - ताऊ बात तो आपकी सही है पर आपकी जो चोरी उठाईगिरी, लूट, डकैती बेईमानी वाली बहुत बडी इज्जत बनी हुई है उसको देखते हुये मैं आपको ये काम कैसे सौंप सकती हूं? कल को आप सारी कमाई सहित मेरा पेट्रोल पंप ही हजम कर लो तो मैं क्या करूंगी?

 ताऊ बोला - अजी समीरा जी, आप भी कौन से जन्म की बातें कर रही हो? मैने वो सब काम कभी के बंद कर दिये. बस पंप का काम मैं सिर्फ़ आपके एहसानों का बदला चुकाने के लिये करूंगा. आप तो बस बंगले में आराम फ़रमाओ, जो भी कमाई होगी वो सारी की सारी रोज शाम को आपके बंगले पर पहुंचा दिया करूंगा. 

 मिस. समीरा टेढी को यूं तो ताऊ पर विश्वास नही था पर जब ताऊ रोज शाम को नगद सहित हिसाब  घर पहुंचाने का बोला तो मन में सोचा कि अब तो कोई शक और बेईमानी की गुंजाईश ही नही है सो तुरंत हां भर दी और सारा कार्यभार ताऊ के लठ्ठ्फ़ाड कंधों पर डाल दिया. 

 इधर रामप्यारे अपने बडे बडे दांत निकालता हुआ ताऊ से बोला - ताऊ ये क्या गजब कर रहे हो? हम क्या फ़ोकट में हम्माली करेंगे? अरे मेरा तो सोचो..कितने दिन हो गये मुझे हरी हरी घास खाये हुये? आप करो समीरा जी की हम्माली..मैं तो आपके साथ नही काम करूंगा... 

ताऊ ने रामप्यारे के लंबे लंबे कान उमेठते हुये कहा - अरे बावलीबूच रामप्यारे, तू रहेगा गंवार का गंवार ही...अरे बेवकूफ़ मैंने इन्ही कामों में पीएचडी कर रखी है. मेरी योजना  पर यकीन रख...तुझे हरी हरी और ताजा घास के साथ रबडी मलाई भी इसी धंधे में खिलवाऊंगा. 

अब रामप्यारे भी लग गया ताऊ के साथ और दोनों पंप का काम देखने लगे. ताऊ  रोज शाम को सारे पैसे जाकर समीरा जी के बंगले पर जमा करा देते. पंप पर जितने लीटर पेट्रोल आया और शाम को जितना स्टाक बचा, उसकी नपती करके जितने लीटर पेट्रोल डीजल बिका  होता उतने के रूपये देदे ता. और गाडी वालों को जितना कम नापता उसके रूपये अपनी जेब के हवाले कर लेता. 

मिस, टेढी ताऊ की ईमानदारी से बेहद प्रभावित थी. उनको असली खेल का पता ही नही था. महिने में थोडा बहुत मिस समीरा टेढी खर्चे के नाम पर ताऊ को दे देती थी. पर ताऊ को मिस टेढी के इस जेब खर्च से क्या बघार लगता?   ताऊ ने तो  असली मलाई मारने का फ़ार्मुला पढ रखा था. उस फ़ार्मुले की बदौलत  देखते देखते ताऊ मालदार आसामी बन गया.  सब काम आराम से चल रहा था. ताऊ ने अपनी सब सेटिंग जमा रखी थी.






सतीश सक्सेना की गाडी में पेट्रोल भरता हुआ ताऊ


एक दिन सतीश सक्सेना वहां पेट्रोल डलवाने आये और बोले - भई मेरी कार का टैंक फ़ुल कर दे. रामप्यारे पेट्रोल डालना शुरू करता इसके पहले ही ताऊ ने खुद आकर पेट्रोल डालना शुरू कर दिया. टैक फ़ुल करके ताऊ ने 65 लीटर पेट्रोल का रूपया मांगा. सतीश सक्सेना का 65 लीटर पेट्रोल सुनकर ही माथा ठनक गया. वो बोले - ताऊ, नू बता कि जब मेरी कार का टैक ही 45 लीटर का है तो तूने 65 लीटर कैसे भर दिया? 

ताऊ बोला - देखो सक्सेना जी मैं फ़ालतू बात करने का आदि तो हूं नही और मेरे पास फ़ालतू टाईम भी नही है...आप तो फ़टाफ़ट पिस्से काढो और चलते बनो...पीछे दूसरी गाडियों की लाईन लगी हुई है. 

सतीस सक्सेना अब क्या करते? वहां चारों तरफ़ लठ्ठ हाथ में लिये हुये ताऊ के पठ्ठे ही पठ्ठे  दिख रहे थे सो हुज्जत करने में कोई फ़ायदा नही दिखा. ताऊ से उलझना अपनी इज्जत खराब करवाना है सो उन्होने  ताऊ से बिल मांगा, ताऊ ने फ़टाक से 65 लीटर का बिल बना कर दे दिया. 

सक्सेना जी यह सोचते हुये वापस आये कि ब्लाग पंचायत में इस ताऊ की शिकायत करके इसकी ऐसी तैसी करवाऊंगा...इसका पंप बंद नही करवा दिया तो मेरा भी नाम सतीश सक्सेना नही...कोई भी ब्लागर अब इसके यहां से पेट्रोल नही भरवायेगा. 

इस बात की शिकायत ब्लाग पंचायत में की गई. और सक्सेना जी ने जोर देकर कहा कि मेरी कार का टैंक ही जब 45 लीटर का है तो ताऊ ने इसमे 65 लीटर कैसे भर दिया? साफ़ बात है कि ताऊ ने पंप का मीटर फ़ास्ट करवा रखा है जो 45 की बजाये 65 लीटर का माप बता रहा है.

पंचायत ने बात सुनी, ताऊ के पंप की जांच करवाने का फ़ैसला लिया गया जब तक ताऊ स्वयं ही वहां पहुंच गया. ब्लाग पंचायत ताऊ को अपना फ़ैसला सुनाती उसके पहले ही ताऊ ने ब्लाग अध्यक्ष वाणी शर्मा को कागज दिखाते हुये कहा - मैं बहुत ही ईमानदार आदमी हूं, मेहनत से अपनी रोजी रोटी कमाता हूं, मेरे ऊपर लगाये गये सारे इल्जाम मनगढंत और झूंठे हैं. आप लोग मेरे पंप की मशीन को गलत समझ रहे हो तो यह देखिये. और ताऊ ने नापतौल विभाग से मशीन दुरूस्त पायी गई का सर्टीफ़िकेट दिखाया. कागज देखकर अध्यक्ष वाणी शर्मा ने अपना माथा ठोक लिया और एक लाईन का अपना फ़ैसला सुनाया. खाता ना बही, जो ताऊ कहे वही सही.

ताऊ तेरी तो सर ढकाई हो गयी .....


ताऊ ताऊ ताऊ.....आखिर कहां मर गया ताऊ? आखिरी बार 2 अक्टूबर , 2011 रविवार   को गांधी बाबा का हैप्पी बड्डे मनाते ताऊ को देखा गया था इसके बाद ताऊ रामप्यारे के सींगों की तरह गायब हो गया. इस बीच ताऊ के बारे में ब्लाग जगत में तरह तरह की सच्ची झूंठी बाते चलती रही. कोई कहता...ताऊ चोरी करते पकडा गया....कोई कहता ..डकैती डालते पकडा गया....लूट करते पकडा...कोई कहता...नही नही ताऊ ने आजकल बहुत बडा स्मगलरों का गैंग खडा कर लिया है...कुछ यह भी कहते कि ताऊ को उम्र कैद नप गयी है सो आजकल जेल में फ़रारी काट रहा है...जितने ब्लागर उतनी बाते...

 ताऊ के यूं इस तरह ब्लाग जगत से गायब होने पर कुछ ब्लागर दुखी थे तो कुछ रामप्यारे टाईप बहुत खुश होकर चैन की बांसुरी बजा रहे थे. वो सोच रहे थे कि अच्छा हुआ...इस ताऊ नाम की आफ़त से पीछा छूटा...हम उम्दा साहित्यकारों के बीच ये गंवार ताऊ  दाल भात में मूसल चंद सरीखा  लठ्ठ ले कर खडा हो जाता था खैर....चोरी लूट डकैती बेईमानी बदमाशी यह सब ताऊ के पुराने धंधे हैं सो यह सब बातें लोगों को अफ़वाह कम, सच्च ज्यादा लगती. लेकिन लोगों को यह बात हजम नही होती कि ताऊ जेल में फ़रारी कैसे काट रहा है? अब ताऊ के चेले चपाटे भी किसी के पकड में नही आ रहे थे...आखिर किससे पूछा जाये? कोई हो तो किसी से पूछो भी... यहां तो पूरा कुणबा ही फ़रार.....

 उधर ताऊ समाधिष्ट विराजमान थे. अचानक घबराती हांफ़ती कांपती रामप्यारी ताऊ के पास आकर बोली :- ताऊ आज तो गजब हो गया...बस कुछ मत पूछो.

 ताऊ ने आंखे खोलते हुये पूछा - रामप्यारी...जरा फ़टाफ़ट बोलो  कि क्या हुआ? तू इतनी घबराई हुई सी क्यों है? जरा जल्दी बता...हमें समागम में जाने में देर हो रही है...भक्त गण इंतजार कर रहे होंगे.

रामप्यारी हांफ़ती सी बोली - ताऊ गजब हो गया...बस कुछ मत पूछो...

अब ताऊ ने थोडा घबराते हुये पूछा - रामप्यारी जल्दी बोल...क्या हमारी पोल खुल गई या ताई के हाथ लठ्ठ लग गया? जल्दी बता ...मेरा जी घबरा रहा है.

रामप्यारी बोली - ताऊ ना तो तेरी पोल खुली है और ना ताई के हाथ मेड-इन-जर्मन लठ्ठ लगा है...बात कुछ ज्यादा ही गंभीर है...अब क्या बताऊं...

ताऊ बोला - रामप्यारी इब जल्दी बता....वर्ना तेरे को दो लठ्ठ मारकर  आज से तेरी दूध मलाई बंद कर दूंगा.....

रामप्यारी बोली - असल बात ये है कि ताऊ तेरी तो सर ढकाई हो गयी है.....

इतना सुनते ही ताऊ ने लठ्ठ उठा लिया...और जोर से चिल्लाया...अबे बावलीबूच रामप्यारी...अनपढ गंवार कहीं की....तू क्या कह रही है? इसका मतलब भी जानती है?

रामप्यारी जो कि ताऊ के लठ्ठ उठाते ही पास के पेड पर चढ गयी थी...बोली - ताऊ माफ़ करना...जरा पढने में गल्ती हो गयी थी. मैने  ताऊ की ब्लाग लिखाई को ताऊ की सर ढकाई पढ लिया था.

ताऊ बोला - इसीलिये मैं तेरे को हमेशा कहता था कि कुछ पढ लिख ले...पर तेरे को तो पहेली पूछने की आदत पडी थी ना...अब पता नही तेरा क्या होगा रामप्यारी?

रामप्यारी बोली - ताऊ तू मेरी इतनी चिंता क्यों करता है? इतने दिन ब्लाग लिखना बंद करके तूने समागम कर करके जो माल बनाया है उसकी वारिश तो मैं ही हूं ना? अब चल समागम में देर हो रही है....जल्दी चल...किरपा बांट...दुखियों के दुख मिटा...मेरा सुख बढा... 

ताऊ बोला - रामप्यारी ये बात किसी से मत कहना कि ताऊ आजकल ताऊ दरबार लगाकर माल कमा रहा है. और तेरी ताई को तो हरगिज मत बताना, चल इब समागम हाल में चलते है.







ताऊ के समागम हाल में पहुंचते ही ताऊ बाबा की जय जयकार के नारे गूंजने लगते हैं. ताऊ बाबा सिंहांसन पर विराजमान होकर आशीर्वाद देने की मुद्रा में हाथ उठाकर किरपा बांट रहे हैं. ताऊ बाबा के अनेक सधे सधाये भक्तों ने ताऊ बाबा की तारीफ़ के पुल बांधने शुरू कर दिये कि कैसे उनके सब काम आसानी बिना कुछ किये ही सिर्फ़ ताऊ बाबा की किरपा से हो जाते हैं. इसके बाद समस्या निवारण का सत्र शुरू हो गया.

सबसे पहले नंबर लगा अंतरसोहिल का, उन्होंने पूछा – बाबा आपकी किरपा से घर बार धंधा सब कुछ बहुत जोरदार चल रहा है बस ब्लाग पर टिप्पणीयां कम आती हैं और कोई पोस्ट भी हिट नही हो रही है बाबा…थोडी किरपा कर देते तो ….. 

बीच में ही ताऊ बाबा बोल पडे – बस बस…भई हमारी उल्टी खोपडी में ये पंगे बाजी क्यो आ रही है? ये बताओ कि कभी किसी से पंगा लिया कि नही? 

अंतरसोहिल – ना ताऊ महाराज ना…मैं  पंगे बाजी से तो पूरी तरह दूर रहता हूं…. 

ताऊ महाराज – पंगेबाजी से दूर रहते हो तो क्या खाक पोस्ट हिट होगी? जाओ जाकर दो तीन नामी गिरामी ब्लागर्स के खिलाफ़ अंट संट लिख डालो…किरपा आनी शुरू हो जायेगी…और एक बात का ध्यान रहे कि अगर किसी नामी महिला ब्लागर से पंगा लिया तो डबल किरपा होनी शुरू हो जायेगी. 

अंतरसोहिल – जी ताऊ महाराज, जैसी आपकी आज्ञा…..ताऊ महाराज की जय ! अगला नंबर अलबेला खत्री का…… 

अलबेला खत्री – ताऊ बाबा की जय, महाराज, जबसे मैने आपके सत्संग अटेंड करने शुरू किये तब से सब मजे ही मजे हैं. बस आजकल  ब्लाग पर कुछ  शांति चल रही है, मन नही लगता…हमेशा खोया खोया सा रहता हूं. कुछ उपाय बताईये महाराज…. 

ताऊ महाराज – हूं तो…आजकल खोये खोये से रहते हो? भई ये बताओ कि आखिरी बार बेनामी टिप्पणी कब की थी? 

अलबेला खत्री – ताऊ महाराज, मैने बेनामी टिप्पणी कभी नही की, मैं तो जो कुछ करता हूं, खुलेआम करता हूं…… 

ताऊ महाराज बात काटते हुये बीच में ही बोले – बेनामी टिप्पणियां नही करोगे तो शांति और मन खोया खोया सा ही रहेगा….जाओ जाकर खूब सारी बेनामी टिप्पणियां करो….किरपा आनी शुरू हो जायेगी…और बेनामी के साथ साथ ही दोहरे अर्थ वाली टिप्पणियां करोगे तो छप्पर फ़ाड कर किरपा आनी शुरू हो जायेगी. 

अलबेला खत्री – ऐसा ही करूंगा महाराज….ताऊ बाबा की जय हो ! 

अगला नंबर वाणी शर्मा का लगता है…… 

ताऊ महाराज – आप कहां से आ रही हैं? 

वाणी शर्मा - ताऊ महाराज, मैं तो मेरे घर से ही आ रही हूं…. 

ताऊ महाराज – अच्छा अच्छा…..ये तो हम भी जानते हैं…हमारा मतलब किस शहर से आ रही हैं? खैर….अपनी समस्या बताईये. 

वाणी शर्मा – महाराज समस्या बडी विकराल है… आप तो अंतरयामी हैं…सब कुछ जानते हैं…अब अपने मुंह से क्या बताऊं? आप स्वयं ही समझ गये होंगे? 

ताऊ महाराज ने आंखे बंद करते हुये  ब्लाग पिशाचिनी मैया का ध्यान किया… और आंखे खोलते हुये बोले – हम समझ गये…..आपकी समस्या ब्लाग पोस्ट के लिये है…..एक काम करिये कि चार या ज्यादा से ज्यादा सात ब्लागरों की खिडकियों के शीशे फ़ुडवा डालिये…किरपा आनी शुरू हो जायेगी…और ये काम खुद करने के बजाय किसी बच्चे को चाकलेट देकर करवायेंगी तो अटूट किरपा ही किरपा बरसनी शुरू हो जायेगी…..जो फ़िर रूकने का नाम नही लेगी….

वाणी शर्मा – ताऊ महाराज…मेरे ऊपर तो किरपा लोगों की खिडकियों के शीशे तुडवाने के बाद बरसेगी, पर आपके ऊपर तो किरपा बरसने ही वाली है….वो देखो सामने रामप्यारी आ रही है ताई को साथ लेकर और ताई का मेड-इन-जर्मन लठ्ठ अब आपकी खोपडी तोडेगा…. ताऊ महाराज ने स्थिति को भांपकर  तुरत फ़ुरत समागम समाप्त करने की घोषणा कर डाली…और अपने बाऊंसरों के साये में वहां से रफ़ूचक्कर हो गये. -----------------------------------
अगला ताऊ दरबार समागम इंटरनेशनल होगा…सीमित सीटे बाकी बची हैं … किरपा प्राप्त करने हेतु जल्दी करें. बुकिंग हमारी वेबसाईट पर आन लाईन करवाये …

 हमारे आगामी विशेष  आकर्षण :-


१. गधा सम्मेलन की तारीख अति शीघ्र घोषित की जायेंगी. बुकिंग अग्रिम करवा लें.

 २. सदी का ब्लागर सम्मान समारोह जल्द कराया जायेगा, बुकिंग चालू है. अधिकतम बोली लगाने वाले को इस सम्मान से नवाजा जायेगा…शीघ्रता पूर्वक अपना आफ़र भेंजे.

 ३. कलयुग का महा ब्लागर सम्मान स्वयं अपने कर कमलों से और अपनी पसंद से ताऊ महाराज देंगें…

और भी बहुत कुछ…..इंतजार करिये….. (क्रमश:)