ताऊ ताऊ ताऊ.....आखिर कहां मर गया ताऊ? आखिरी बार 2 अक्टूबर , 2011 रविवार को गांधी बाबा का हैप्पी बड्डे मनाते ताऊ को देखा गया था इसके बाद ताऊ रामप्यारे के सींगों की तरह गायब हो गया. इस बीच ताऊ के बारे में ब्लाग जगत में तरह तरह की सच्ची झूंठी बाते चलती रही. कोई कहता...ताऊ चोरी करते पकडा गया....कोई कहता ..डकैती डालते पकडा गया....लूट करते पकडा...कोई कहता...नही नही ताऊ ने आजकल बहुत बडा स्मगलरों का गैंग खडा कर लिया है...कुछ यह भी कहते कि ताऊ को उम्र कैद नप गयी है सो आजकल जेल में फ़रारी काट रहा है...जितने ब्लागर उतनी बाते...
ताऊ के यूं इस तरह ब्लाग जगत से गायब होने पर कुछ ब्लागर दुखी थे तो कुछ रामप्यारे टाईप बहुत खुश होकर चैन की बांसुरी बजा रहे थे. वो सोच रहे थे कि अच्छा हुआ...इस ताऊ नाम की आफ़त से पीछा छूटा...हम उम्दा साहित्यकारों के बीच ये गंवार ताऊ दाल भात में मूसल चंद सरीखा लठ्ठ ले कर खडा हो जाता था खैर....चोरी लूट डकैती बेईमानी बदमाशी यह सब ताऊ के पुराने धंधे हैं सो यह सब बातें लोगों को अफ़वाह कम, सच्च ज्यादा लगती. लेकिन लोगों को यह बात हजम नही होती कि ताऊ जेल में फ़रारी कैसे काट रहा है? अब ताऊ के चेले चपाटे भी किसी के पकड में नही आ रहे थे...आखिर किससे पूछा जाये? कोई हो तो किसी से पूछो भी... यहां तो पूरा कुणबा ही फ़रार.....
उधर ताऊ समाधिष्ट विराजमान थे. अचानक घबराती हांफ़ती कांपती रामप्यारी ताऊ के पास आकर बोली :- ताऊ आज तो गजब हो गया...बस कुछ मत पूछो.
ताऊ ने आंखे खोलते हुये पूछा - रामप्यारी...जरा फ़टाफ़ट बोलो कि क्या हुआ? तू इतनी घबराई हुई सी क्यों है? जरा जल्दी बता...हमें समागम में जाने में देर हो रही है...भक्त गण इंतजार कर रहे होंगे.
रामप्यारी हांफ़ती सी बोली - ताऊ गजब हो गया...बस कुछ मत पूछो...
अब ताऊ ने थोडा घबराते हुये पूछा - रामप्यारी जल्दी बोल...क्या हमारी पोल खुल गई या ताई के हाथ लठ्ठ लग गया? जल्दी बता ...मेरा जी घबरा रहा है.
रामप्यारी बोली - ताऊ ना तो तेरी पोल खुली है और ना ताई के हाथ मेड-इन-जर्मन लठ्ठ लगा है...बात कुछ ज्यादा ही गंभीर है...अब क्या बताऊं...
ताऊ बोला - रामप्यारी इब जल्दी बता....वर्ना तेरे को दो लठ्ठ मारकर आज से तेरी दूध मलाई बंद कर दूंगा.....
रामप्यारी बोली - असल बात ये है कि ताऊ तेरी तो सर ढकाई हो गयी है.....
इतना सुनते ही ताऊ ने लठ्ठ उठा लिया...और जोर से चिल्लाया...अबे बावलीबूच रामप्यारी...अनपढ गंवार कहीं की....तू क्या कह रही है? इसका मतलब भी जानती है?
रामप्यारी जो कि ताऊ के लठ्ठ उठाते ही पास के पेड पर चढ गयी थी...बोली - ताऊ माफ़ करना...जरा पढने में गल्ती हो गयी थी. मैने ताऊ की ब्लाग लिखाई को ताऊ की सर ढकाई पढ लिया था.
ताऊ बोला - इसीलिये मैं तेरे को हमेशा कहता था कि कुछ पढ लिख ले...पर तेरे को तो पहेली पूछने की आदत पडी थी ना...अब पता नही तेरा क्या होगा रामप्यारी?
रामप्यारी बोली - ताऊ तू मेरी इतनी चिंता क्यों करता है? इतने दिन ब्लाग लिखना बंद करके तूने समागम कर करके जो माल बनाया है उसकी वारिश तो मैं ही हूं ना? अब चल समागम में देर हो रही है....जल्दी चल...किरपा बांट...दुखियों के दुख मिटा...मेरा सुख बढा...
ताऊ बोला - रामप्यारी ये बात किसी से मत कहना कि ताऊ आजकल ताऊ दरबार लगाकर माल कमा रहा है. और तेरी ताई को तो हरगिज मत बताना, चल इब समागम हाल में चलते है.
सबसे पहले नंबर लगा अंतरसोहिल का, उन्होंने पूछा – बाबा आपकी किरपा से घर बार धंधा सब कुछ बहुत जोरदार चल रहा है बस ब्लाग पर टिप्पणीयां कम आती हैं और कोई पोस्ट भी हिट नही हो रही है बाबा…थोडी किरपा कर देते तो …..
बीच में ही ताऊ बाबा बोल पडे – बस बस…भई हमारी उल्टी खोपडी में ये पंगे बाजी क्यो आ रही है? ये बताओ कि कभी किसी से पंगा लिया कि नही?
अंतरसोहिल – ना ताऊ महाराज ना…मैं पंगे बाजी से तो पूरी तरह दूर रहता हूं….
ताऊ महाराज – पंगेबाजी से दूर रहते हो तो क्या खाक पोस्ट हिट होगी? जाओ जाकर दो तीन नामी गिरामी ब्लागर्स के खिलाफ़ अंट संट लिख डालो…किरपा आनी शुरू हो जायेगी…और एक बात का ध्यान रहे कि अगर किसी नामी महिला ब्लागर से पंगा लिया तो डबल किरपा होनी शुरू हो जायेगी.
अंतरसोहिल – जी ताऊ महाराज, जैसी आपकी आज्ञा…..ताऊ महाराज की जय ! अगला नंबर अलबेला खत्री का……
अलबेला खत्री – ताऊ बाबा की जय, महाराज, जबसे मैने आपके सत्संग अटेंड करने शुरू किये तब से सब मजे ही मजे हैं. बस आजकल ब्लाग पर कुछ शांति चल रही है, मन नही लगता…हमेशा खोया खोया सा रहता हूं. कुछ उपाय बताईये महाराज….
ताऊ महाराज – हूं तो…आजकल खोये खोये से रहते हो? भई ये बताओ कि आखिरी बार बेनामी टिप्पणी कब की थी?
अलबेला खत्री – ताऊ महाराज, मैने बेनामी टिप्पणी कभी नही की, मैं तो जो कुछ करता हूं, खुलेआम करता हूं……
ताऊ महाराज बात काटते हुये बीच में ही बोले – बेनामी टिप्पणियां नही करोगे तो शांति और मन खोया खोया सा ही रहेगा….जाओ जाकर खूब सारी बेनामी टिप्पणियां करो….किरपा आनी शुरू हो जायेगी…और बेनामी के साथ साथ ही दोहरे अर्थ वाली टिप्पणियां करोगे तो छप्पर फ़ाड कर किरपा आनी शुरू हो जायेगी.
अलबेला खत्री – ऐसा ही करूंगा महाराज….ताऊ बाबा की जय हो !
अगला नंबर वाणी शर्मा का लगता है……
ताऊ महाराज – आप कहां से आ रही हैं?
वाणी शर्मा - ताऊ महाराज, मैं तो मेरे घर से ही आ रही हूं….
ताऊ महाराज – अच्छा अच्छा…..ये तो हम भी जानते हैं…हमारा मतलब किस शहर से आ रही हैं? खैर….अपनी समस्या बताईये.
वाणी शर्मा – महाराज समस्या बडी विकराल है… आप तो अंतरयामी हैं…सब कुछ जानते हैं…अब अपने मुंह से क्या बताऊं? आप स्वयं ही समझ गये होंगे?
ताऊ महाराज ने आंखे बंद करते हुये ब्लाग पिशाचिनी मैया का ध्यान किया… और आंखे खोलते हुये बोले – हम समझ गये…..आपकी समस्या ब्लाग पोस्ट के लिये है…..एक काम करिये कि चार या ज्यादा से ज्यादा सात ब्लागरों की खिडकियों के शीशे फ़ुडवा डालिये…किरपा आनी शुरू हो जायेगी…और ये काम खुद करने के बजाय किसी बच्चे को चाकलेट देकर करवायेंगी तो अटूट किरपा ही किरपा बरसनी शुरू हो जायेगी…..जो फ़िर रूकने का नाम नही लेगी….
वाणी शर्मा – ताऊ महाराज…मेरे ऊपर तो किरपा लोगों की खिडकियों के शीशे तुडवाने के बाद बरसेगी, पर आपके ऊपर तो किरपा बरसने ही वाली है….वो देखो सामने रामप्यारी आ रही है ताई को साथ लेकर और ताई का मेड-इन-जर्मन लठ्ठ अब आपकी खोपडी तोडेगा…. ताऊ महाराज ने स्थिति को भांपकर तुरत फ़ुरत समागम समाप्त करने की घोषणा कर डाली…और अपने बाऊंसरों के साये में वहां से रफ़ूचक्कर हो गये. -----------------------------------
१. गधा सम्मेलन की तारीख अति शीघ्र घोषित की जायेंगी. बुकिंग अग्रिम करवा लें.
२. सदी का ब्लागर सम्मान समारोह जल्द कराया जायेगा, बुकिंग चालू है. अधिकतम बोली लगाने वाले को इस सम्मान से नवाजा जायेगा…शीघ्रता पूर्वक अपना आफ़र भेंजे.
३. कलयुग का महा ब्लागर सम्मान स्वयं अपने कर कमलों से और अपनी पसंद से ताऊ महाराज देंगें…
और भी बहुत कुछ…..इंतजार करिये….. (क्रमश:)
अगला ताऊ दरबार समागम इंटरनेशनल होगा…सीमित सीटे बाकी बची हैं … किरपा प्राप्त करने हेतु जल्दी करें. बुकिंग हमारी वेबसाईट पर आन लाईन करवाये …
हमारे आगामी विशेष आकर्षण :-
१. गधा सम्मेलन की तारीख अति शीघ्र घोषित की जायेंगी. बुकिंग अग्रिम करवा लें.
२. सदी का ब्लागर सम्मान समारोह जल्द कराया जायेगा, बुकिंग चालू है. अधिकतम बोली लगाने वाले को इस सम्मान से नवाजा जायेगा…शीघ्रता पूर्वक अपना आफ़र भेंजे.
३. कलयुग का महा ब्लागर सम्मान स्वयं अपने कर कमलों से और अपनी पसंद से ताऊ महाराज देंगें…
और भी बहुत कुछ…..इंतजार करिये….. (क्रमश:)
ताऊ जी आपका भी कोई जबाब नहीं ...आये भी तो क्या लेकर आये सबके लिए .....अच्छा आपसे, अच्छा ताऊ कोई नहीं हो सकता .....!
ReplyDeleteगधा सम्मेलन की तारीख अति शीघ्र घोषित की जायेंगी. बुकिंग अग्रिम करवा लें.
२. सदी का ब्लागर सम्मान समारोह जल्द कराया जायेगा, बुकिंग चालू है. अधिकतम बोली लगाने वाले को इस सम्मान से नवाजा जायेगा…शीघ्रता पूर्वक अपना आफ़र भेंजे.
३. कलयुग का महा ब्लागर सम्मान स्वयं अपने कर कमलों से और अपनी पसंद से ताऊ महाराज देंगें…
इन सभी कार्यक्रमों के लिए आपको अनेक शुभकामनाएं .....जय हो ....!
कुछ किरपा कीजिए माहराज, अपनी भी दूकान मंदी पड़ी है.
ReplyDeleteतो बोलो ताऊ पुराण की जय हो …………बहुत दिन बाद आये अपने रंग मे …………स्वागत है:)))))))))
ReplyDeleteतो समागमों को समेटने की यह वहह रही कि बाबा ताऊ को यहां अवतरित होना था. अहा तो ये रही ताऊ के गुमने की बजह कि बाबा बनके अवतरित हुए हैं, इतनी सारी ट्रेनिंग पाई इस दौरान किरपा बरसाने की. उम्मीद है कि अब दसबंद के बिना भी किरपा आती रहेगी यहां...
ReplyDeleteराम राम ताऊ श्री ... आपके इन्तेज़ार में तो हम भी थे तभी से ... माल समेटने में चक्कर में भूल न जाना ...
ReplyDeleteओह!
ReplyDeleteदेर आये दुरुस्त आये.
जय हो ताऊ महाराज की.
अँखियाँ ताऊ दर्शन की प्यासी.
हमने तो सुना था कि ताऊ को राज्य सभा में सीट मिल गई ...तो ब्लॉग लिखने के लिए टेम कहाँ से मिलेगा?...
ReplyDeleteखैर!..वापसी की बहुत बहुत बधाइयाँ!
आखिर ताऊ जी तपस्या पूरी करके ..हम भक्तों का भला करने आ ही गए जय हो ....
ReplyDeleteवाह ताऊ जी! आप वापस आ गये, मन को सकून मिला. पिछले दोनों आप को बहुत तलाश किया, और फिर लगा के एलान करवाना पडेगा. लेकिन उसके पहले ही आप आ गये.
ReplyDeleteसस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
वाह ताऊ जी! आप वापस आ गये, मन को सकून मिला. पिछले दोनों आप को बहुत तलाश किया, और फिर लगा के एलान करवाना पडेगा. लेकिन उसके पहले ही आप आ गये.
ReplyDeleteसस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
वाह ताऊ जी! आप वापस आ गये, मन को सकून मिला. पिछले दोनों आप को बहुत तलाश किया, और फिर लगा के एलान करवाना पडेगा. लेकिन उसके पहले ही आप आ गये.
ReplyDeleteसस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
बार बार मन आये ताऊ
ReplyDeleteयाद तेरी तडपाये ताऊ
कहाँ गया था मरने ताऊ
हमें छोड़ कर चरने ताऊ
अब आया तो,कान खोल के सुनले,नगर लुट गयो ताऊ !
कुर्सी छिन गयी,लुटो खजानो, ताई भग गयी, मइके ताऊ !
बहुत दिनों बाद आप के ब्लॉग पर रौनक लौटी है .
ReplyDeleteसामायिक पोस्ट..आज कल 'कृपा की कृपा' की ही ज़रूरत है लोगों को!
बहुत अच्छा लगा मनोरंजक वापसी देख कर.
जिस ' ताऊ .ताऊ.इन ' ब्लॉग ने न केवल लोगों का मनोरंजन करने बल्कि ज्ञानवर्धन करने और मुख्यतः ब्लॉग जगत के लोगों को एक मंच पर लाने का / पहेलियों/ साक्षात्कार द्वारा पहचान बढ़ाने और जोड़ने का काम किया था उसे ही आज लोग भूलते जा रहे थे.
यह ब्लॉग जगत भी किसी रंगमच से कम नहीं है!जब तक व्यक्ति सामने है लोग याद रखते हैं ..
सादर,
ताऊ मजे से समागम चला कर माल लूट रहें हैं और हम हैं कि इतने दिन से सारी दुनिया में तलाश कर के घर बैठ गए। सोचा ताऊ कभी तो प्रकट होगा ही और जब भी प्रकट होगा ताई का लट्ठ और रामप्यारी जरूर साथ होंगे। साथ में कुछ स्कीमें भी होंगी।
ReplyDeleteतीनों स्कीमें पसंद आई पर तीसरी स्कीम के लिए क्या कोई बोली वोली का इंतजाम नहीं है क्या? कोई पिछले दरवाजे की व्यवस्था हो तो वह भी बताना।
कृपा का कारोबार आजकल सुपर हिट है
ReplyDeleteआप भी इस धंधे में आ गए ..अब सभी भक्तों का कल्याण होकर ही रहेगा
-
-
ताऊ जी आज इतने अरसे बाद आपको पाकर मन गदगद हो गया !
वही पुराना रंग ....वही पुरानी धार ... आनंद आ गया
-
-
बस ... अब दोबारा गायब न हो जाईयेगा
शुभ कामनाएं
परसों ही ताऊ की चर्चा हो रही थी योगेन्द्र मौद्गिल जी के साथ, के ताऊ कड़े डिगर ग्या? न फ़ोन, न चिट्ठी पतरी। फ़ेर एक ब्लॉगर का लिखा याद आग्या। नेट के संबंध नुंए हुए करें। खैर कोई बात कोनी। स्वागत है ताऊ के एक बार फ़िर से। नयी पारी के लिए………
ReplyDeleteचलिये, अब आप आ गये हैं, सब ठीक हो जायेगा।
ReplyDeleteवापसी की बहुत बहुत बधाइयाँ....अनेक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteराम राम ताऊ ... वापसी पर स्वागत है आपका !
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - आज का दिन , 'बिस्मिल' और हम - ब्लॉग बुलेटिन
ReplyDeleteबार बार मन आये ताऊ
याद तेरी तडपाये ताऊ
कहाँ गया था मरने ताऊ
हमें छोड़ कर चरने ताऊ
अब आया तो,कान खोल के सुनले,नगर लुट गयो ताऊ !
कुर्सी छिन गयी,लुटो खजानो, ताई भग गयी, मइके ताऊ !
मेरी टिप्पणी कहाँ गयी?
ReplyDeleteस्पैम बॉक्स में तो नहीं है??
जय हो! ताऊ महाराज की वापसी का स्वागत है!
ReplyDeleteकर्ण पिशाचिनी सब गलत सलत बताने लगी है .
ReplyDeleteताई के लट्ठ से पिटने के बाद भी साबुत बचे ताऊ को देखना अच्छा लगा !
शुभकामनायें !
आप का लेखन लाजवाब है...
ReplyDeleteताऊ महाराज की जय हो .....
ReplyDeleteतकरीबन सात महीने बाद दर्शन हुए !आपके जाने के बाद न जाने क्या -क्या बातें हो रही थी कोई कह रहा था की ताऊ
बीमार है और कोई कह रहा था की............
मैं आपने मुंह से ऐसी बात नहीं कह सकता !जितने मुंह उतनी बाते !
चलो छोड़िये इन सब बातो को आप आ ही गए हैं !अब कुछ मजेदार पढने को मिलेगा ! कुछ कृपा इधर भी बरसा दीजिये ताई के आने से पहले ......
Namskaar...
राम राम ताऊ, इतनी मुद्दत के बाद आये लेकिन पूरे ताम झाम के साथ. अच्छा लगा।
ReplyDeleteराम राम ताऊ, इतनी मुद्दत के बाद आये लेकिन पूरे ताम झाम के साथ. अच्छा लगा।
ReplyDeleteतो इतने दिन ताऊ कृपा का कोर्स करने गया हुआ था ! :)
ReplyDeleteताऊ की दुनिया को ताऊ ही जाने . वापसी भी की तो भीषण गर्मी में !
पर स्वागत तो है आपका .
तो इतने दिन ताऊ कृपा का कोर्स करने गया हुआ था ! :)
ReplyDeleteताऊ की दुनिया को ताऊ ही जाने . वापसी भी की तो भीषण गर्मी में !
पर स्वागत तो है आपका .
तो इतने दिन ताऊ कृपा का कोर्स करने गया हुआ था ! :)
ReplyDeleteताऊ की दुनिया को ताऊ ही जाने . वापसी भी की तो भीषण गर्मी में !
पर स्वागत तो है आपका .
रे ताऊ तमने वापस देख के कालजे में ठंडक पड़ गी...रे कित गायब हो गया था रे तू...चल इब आ गया है तो जाना मत...गायब मत हो जाना...गधा सम्मलेन के लिए मेरी सीट बुक कर लेना...गधों का सम्मलेन हो और मैं ना आऊँ ऐसा कभी हुआ है...गधे बुरा मान जायेंगे भाई...तो आखिर में बोल जैकारा ताऊ महाराज का...किरपा हो गयी महाराज किरपा हो गयी..जय हो...
ReplyDeleteनीरज
jai ho ! bade din baad.
ReplyDeleteताऊ पर ताई की लट्ठदार कृपा यूं ही बनी रहे| सही मौके पर एंट्री मारी है ताऊ, जी-सा आ गया:)
ReplyDeleteराम राम|
khus-aa-ma-deed.............
ReplyDeletetau aaye apne blog par..
kabhi hum is blog ke khoonte ko
to kabhi ham rampyare ko dekhte
hain.....
ghani pranam tau...
आज मन कर रहा है प्रसाद बांट दूं सवा रूपये का
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद कोई पोस्ट पढकर मुस्कुराहट आई है चेहरे पर
जै राम जी की
जग सूना-सूना लागे था थारे बिना
ReplyDeleteज़बरदस्त व्यंग .... लौटने का स्वागत है ...
ReplyDeleteअब ताऊ आ गया तो सुने सुने ब्लॉग जगत पर किरपा अपने आप बरसने लगेगी :)
ReplyDeleteशुभागमन
ReplyDeleteयहाँ भी एक अलग तरह का सम्मान समारोह ....बढिया हैं जी
ReplyDeleteयहाँ भी एक अलग तरह का सम्मान समारोह ....बढिया हैं जी
ReplyDeleteहमको अच्छी तरह याद है..हमसे जबरी आशीर्वाद लेकर फूटे थे। इत्ते दिन कृपा बरसाते रहे और माल कमाते रहे। पहिले सब ब्लॉगरों के पास उनके हिस्से की कृपा बरसाओ...सभी ब्लॉग पर कमसे कम 10 कमेंट करना अनिवार्य है। वरना धंधा चौपट समझो।:)
ReplyDeleteअगली कड़ी कब ?
ReplyDeleteआप आये बहार आयी!
ReplyDeleteव्यंग्य की सशक्त और सार्थक प्रस्तुति!
ताऊ आपका तेवर तो अभी भी वही पुराना वाला ही है.
ReplyDeleteताऊ थारे म्हारे ब्लॉग पर आने से मन तृप्त हो गया.
ReplyDeleteतेरे बिना मेरा ब्लॉग सूना सूना लागे है.
आभार,बहुत बहुत हार्दिक आभार.
ताऊ थारा जवाब कोई ना !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
ReplyDeleteआप आए किरपा आई
ReplyDeleteताई ने ही बरसाई