ताऊ प्रकाशन का सद साहित्य पढिये : सफ़ल ब्लागर बनिये!

आदरणीय ब्लागर गणों, आप सभी को रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" की आदाब अर्ज..नमस्कार. आज कल ताऊ ब्लागजगत में कम दिखाई दे रहे हैं क्योंकि ताऊ प्रकाशन सद साहित्य के प्रकाशन में अनेकों पुस्तकों की छपाई का काम च ल रहा है.

इन पुस्तकों को पढकर हर एक ब्लागर सदगति को प्राप्त हो सकता है. ऐसे पुनीत और पावन कार्य में आजकल ताऊ लगा हुआ है. आज मैं कुछ ताऊ प्रकाशन साहित्य की पुस्तकों से आपको रूबरू करवाता हूं जो बहुत विद्वान ब्लाग साहित्यकारों द्वारा लिखी गई हैं.



मूल्य सूची और संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है :-

१. ब्लाग यंत्र तंत्र मंत्र गुटिका : यह पुस्तक पढकर आप स्वयं ही समस्त ब्लाग रोगों से बचते हुये दूसरों की पीडा का शमन भी कर सकते हैं. लेखक इस क्षेत्र के नामचीन और प्रख्यात विद्वान हैं.

लेखक : प. डी.के. शर्मा "वत्स"
कीमत : ३१८०/- मात्र

२. बुढऊ ब्लागर्स को रिटायर करने के अचूक सौ नुस्खे: - लेखक ने अपनी समस्त कलाओं को एकत्रित करते हुये नायाब नुस्खे बताये हैं. आप भी अगर किसी से त्रस्त हैं तो अवश्य लाभ उठायें. पुस्तक इसी डिक्लेरेशन पर दी जायेगी कि आप इसे पढकर किसी को नाहक तंग नही करेंगे.

कीमत : २२८०/- मात्र

३. मौज लेने के नायाब नुस्खे : मौज लेने के अनेकों नुस्खों के लिये इस पुस्तक को अवश्य पढें. लेखक अपनी टिप्पणियों के लिये काफ़ी प्रसिद्ध हैं. लोग इंतजार करते हैं कि कब इनकी टिप्पणी आये और उनकी मौज ली जाये. लेखक के अनुभव और ज्ञान का फ़ायदा उठायें. स्टाक बहुत ही सीमित है...शीघ्रता करें वर्ना पछताना पड सकता है.

लेखक : अजयकुमार झा
कीमत : २२५०/-

४. पांचवीं फ़ेल डायरेक्ट MA पास करें : इससे ज्यादा और आप क्या चाहेंगे? किताब खरीदते ही MA पास करने की ग्यारंटी दी जाती है. लेकहक के बारे में कुछ कहना सुर्य को लालटेन दिखाना है. आज ही आर्डर करें.

लेखक : समीरलाल "समीर"
कीमत : २७४५/- मात्र

५. ब्लागिंग मे खोई ताकत फ़िर से वापस प्राप्त करें : यह पुस्तक उन ब्लागर्स के लिये रामबाण सिद्ध होगी जो रीत कर रीतिकालीन हो चुके हैं. और चारों तरफ़ से अपनी गल्तियों की वजह से निराश हो चुके हैं. लेखिका अपने क्षेत्र की प्रख्यात माडल है और लोगों में नया जोश और जवानी भरने में माहिर है. तुरंत आर्डर करें. सीमित स्टाक ही उपलब्ध है.

लेखिका : मिस. समीरा टेढी
कीमत : २२००/= मात्र

६. ताऊ ब्लागर गीता महात्यम : इस ब्लागर गीता का जो कोई ब्लागर जाप करेगा और श्रद्धा पूर्वक पठन पाठन करेगा वो सबको पछाडते हुये नंबर वन ब्लागर बनेगा. हे पार्थ इसमें संदेह नही करना. संदेह करने से ताऊ नाराज हो सकते हैं जिसका प्रतिफ़ल अच्छा नही मिलता. लेखक चोर उठाईगिरो और डकैतों के रजिस्टर्ड सरदार हैं अत: विषय के परम ज्ञानी हैं. सफ़लता निश्चित मिलेगी. अवश्य ट्राई करें.

लेखक : ताऊ रामपुरिया
कीमत ३७८०/= मात्र

७. टंकी आरोहण अवरोहण ज्ञान प्रदीपिका : इस पुस्तक की विशेषता है कि यह अनुभव सिद्ध लेखक द्वय द्वारा लिखी गई है. आप इस पुस्तक को पढते पढते ही आरोहण अवरोहण करने और करवाने में माहिर हो जायेंगे. लेखक द्वय विषय के उदभट विद्वान हैं और डाक्टरेट कर चुके हैं.

लेखक द्वय : डा. अनिल पूसदकर और डा. ललित शर्मा
कीमत : ३२५०/= मात्र

उपरोक्त पुस्तके छपकर तैयार हैं. जिन्हें भी खरीदना हो तुरंत नगद मनीआर्डर भेज कर प्राप्र करें. निम्न पुस्तके प्रकाशनाधीन हैं और बहुत शीघ्र आ रही हैं. इच्छुक जन निराशा से बचने के लिये अग्रिम मनीआर्डर भेजकर अपनी प्रति सुरक्षित करवालें.



आगामी माह आने वाली पुस्तकों का विवरण इस प्रकार है.

१. मारीच पुराण : इस पुराण का पाठ करने से आप दूसरों को डराने में माहिर हो जायेंगे. इस पुराण का इतना बडा महात्यम है कि कोई भी ब्लागर बिना मोडरेशन के अपने ब्लाग को नही छोड सकता. और हमेशा आपके नाम का गुणगान किया करता है. इस परम मोक्षदायक पुराण को अवश्य मंगवाये इससे मामा मारीच की आप पर कृपा बनी रहने की गारंटी दी जाती है....... लेखक का संबंध सतयुग से है.

लेखक : मामा मारीच
कीमत : ३७५०/= मात्र

२. सुर्पणखां पुराण : यह नितांत परम मनोहर परम पुनीत पुराण है जो कि विषय की ज्ञाता विद्वान द्वारा लिखा गया है. लेखिका का संबंध भी सतयुग से है और बातों को गोल गोल घुमाने के बजाये बहुत ही नपे तुले शब्दों में समझाया गया है. इस पुराण के पठन पाठन से कुमारी सुर्पणखां की आप पर अनंत कृपा हो सकती है जो कि सब जगह आपकी रक्षार्थ तैयार खडी मिलेगी. अवश्य ट्राई करें.

लेखिका : कुमारी सुर्पणखां
कीमत : ३७५०/= मात्र

३. चिठ्ठा रोगों का शर्तिया इलाज : अपने विषय की सर्वोत्तम पुस्तक है. बिल्कुल सहज और सरल भाषा में लिखी गई है. हर ब्लाग रोग का अचूक इलाज आपको इसमे मिलेगा. लेखक के आजमाये हुये नुस्खे हैं. और लेखक के बारे में कुछ कहना गधे के सर पर सींग रखना है. लेखक एक सफ़ल चिकित्सक हैं और अनंत अनुभवी हैं.

लेखक : डा.झटका (ताऊ क्लिनिक) 'जनहित में'

कीमत : ३७५०/= मात्र

४. सफ़ेद पोश ब्लागर कैसे बने? : इससे बेहतरीन किताब आज तक इस विषय पर लिखी ही नही गई. आप भले ही फ़टीचर हों...बल्कि कालेपोश हों और निपट गंवार हों..तब भी आपने अगर यह पुस्तक खरीद ली तो समझ लिजिये कि आप ब्लाग सोसायटी के हीरों हो जायेंगे....सब आप पर जान देंगे और खासकर तो वो..जिंन्हे आप अपने ग्रूप में शामिल करना चाहते थे और आज तक सफ़ल नही हो सके थे. पुस्तक खरीदते ही आप काले से सफ़ेदपोश ब्लागर बन जायेंगे...अंग्रेजी और उर्दू शब्दों को घाल घूसेडू ब्लागर बनने के अचूक फ़ार्मुलों सहित एक संपूर्ण पुस्तक.....लेखक की यह सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तक है.

लेखक : ताऊ रामपुरिया
कीमत २८९०/= मात्र

५. साथी ब्लागर की वाट लगायें : जिस किसी को भी आप अपने खिलाफ़ पाते हों उससे छुटकारे का उपाय आपको इस पुस्तक में मिलेगा. विषय की शानदार पुस्तक है. और खरीदते ही आपका काम हो जायेगा. स्ट्रिंग आपरेशन के एक से एक उपाय बताये गये हैं. साथ ही उन स्थानों के नाम पते भी दिये गये हैं जहां से आप स्ट्रिंग आपरेशन में काम आने वाले स्पाई कैमरे आदि सामान खरीद सकें. अति उपयोगी पुस्तक. आज ही आर्डर करें. और निराश होने से बचें.

लेखक : प्रवीण जाखड
कीमत १८९०/= मात्र

६. बेनामी टिप्पणी छिद्रान्वेषण : बेनामियों से बचने के सटीक उपाय दिये गये हैं. आप जब बेनामियों से बचने के उपाय जानेंगे तो बेनामी बनकर टिप्पणीयां करना स्वत: ही सीख जायेंगे. अत: यह दुधारी पुस्तक खरीदने की हम विशेष सिफ़ारिश करते हैं. अत: अविलंब खरीदें और परेशानी से बचें.

लेखक : आशीष खंडेलवाल
कीमत १८९०/= मात्र

७. ब्लाग गरुड पुराण : जैसा कि आप जानते हैं गरुड पुराण का पाठ मृत और भटकी हुई आत्माओं की शांति के लिये होता है. ब्लाग जगत में मृत के बजाये जीवित भटकी हुई आत्माएं बहुतायत से विचरण करती हैं. हमारे जाने माने ब्लागर शिरोमणी मूर्धन्य लेखक ने यह ब्लाग गरुड पुराण लिख कर समस्त ब्लाग जाग्त पर उपकार किया है. अत: तुरंतBold आर्डर करें. सीमित प्रतियां शेष हैं.

लेखक : अविनाश वाचस्पति
कीमत २७५०/= मात्र

८. सफ़ल चर्चाकार कैसे बनें : अगर आप सफ़ल चर्चाकार बनना चाहते हैं तो हमारे उदभट विद्वान चर्चाकारों द्वारा इस विषय पर लिखी हुई यह पुस्तक अवश्य मंगवायें. आजकल सिर्फ़ चर्चा ब्लाग ही हिट है.... ऐसे मे आज हर कोई चर्चा कार बनना चाहता है. पर अज्ञानता की वजह से सफ़ल नही हो पाता. पुराने चर्चाकार किसी को कुछ सिखाना नही चाहते ऐसे में हमारे पंच लेखक समूह ने जो उदारता इस ग्रंथ को लिखने मे दिखाई है उसके लिये वो बधाई के पात्र हैं. तुरंत आर्डर करें.

कीमत : ५७९९/ मात्र


९. पीठ खुजायें भाग 1 (संकलन) : यह ब्लागजगत में यत्र तत्र बिखरी पडी उन चुनिंदा टिप्पणियों का संकलन है जो पीठ खुजलाने की परंपरा में की गई हैं. हमारे ज्ञानी विशेषज्ञों ने बडे जतन पूर्वक इन्हें आपके लिये संजोया है. इस पुस्तक को पढकर आप भी पीठ खुजलाने की कला में पारंगत हो जायेंगे. और यह जान पायेंगे कि कैसे हर कोई नामचीन शख्स सिर्फ़ अपने अपने गुट के पठ्ठों की पीठ खुजलाता है और बदले में अपनी पीठ ठूकवाता है. यह पुस्तक पढकर आपको ब्लागजगत के असली चेहरे दिखाई देंगे...और पता लगेगा कि गुटबाजी क्या होती है? अवश्य आज ही आर्डर करें.

लेखक : ताऊ प्रकाशन टीम
कीमत : २३९९/- मात्र

शेष पुस्तकों की सूची अगली पोस्ट में दी जायेगी.
प्रत्येक पुस्तक की समीक्षा नामचीन समीक्षकों द्वारा आगामी दिनों मे की जायेगी.

हमारी कोई ब्रांच नही है.
पुस्तके संपूर्ण अग्रिम पर ही भेजी जाती हैं.
इन पुस्तकों का किसी भी रुप मे कापी करने की सख्त मनाही है.
बिका हुआ माल किसी भी कीमत पर वापस नही होता है.
इन पुस्तकों में दिये गये फ़ार्मुले अपनी रिस्क पर ट्राई करें. प्रकाशक या लेखक इसके लिये जिम्मेदार नही होंगे.

डिस्क्लेमर : यह पोस्ट शुद्ध मनोरंजन के लिये लिखी गई है. कोई भी सज्जन दिल या कलेजे पे ना ले क्योंकि आजकल लू चल रही है. अगर कोई बीमार पड गया तो हमारी किसी भी तरह की कॊई जिम्मेदारी नही होगी. यह पोस्ट किसी को किसी भी रूप मे नीचा या ऊंचा दिखाने के लिये नही लिखी गई है. बस लिख दी सो लिख दी. आगे आप जानें. मेरा क्या? मैं तो रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" यानि ताऊ का गधा हूं.

सादर

-रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे"

ताऊ पहेली -71 ( बठिंडा किला) विजेता : सुश्री सीमा गुप्ता

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 71 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Bathinda fort/qila mubarak,bathinda,Punjab.

किला मुबारक प्रवेश द्वार


और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.

आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.


पुरातत्व शोधों के अनुसार उत्तरी पंजाब में मानव सभ्यता के चिन्ह ईसा पूर्व ४०,००० सालों से दिखाई दिए हैं.७००० साल ईसा पूर्व इंसान ईंट मिट्टी के झोंपड़े बना कर रहते थे,भेड़ बकरियां पाला करते थे.इनके चिन्ह आज भी यहाँ मिलते हैं.१५ AD में यहाँ कुषाण साम्राज्य की स्थापना हुई.

पंजाब राज्य के मालवा इलाके में लखी जंगल में तीसरी सदी में राओ भाटी द्वारा 'बठिंडा शहर' स्थापित किया गया था. बाल राओ भाटी के नाम पर ही इस स्थान का नाम बठिंडा पड़ा.यह कभी राजा जयपाल की राजधानी भी हुआ करती थी.

यहाँ की पांच झीलों के कारण इस शहर को' झीलों का शहर' भी कहते हैं .सीखों के पांचवें तख्त दमदम साहिब यहाँ से थोड़ी दूरी पर ही है.
अधिक जानकारी यहाँ से ले सकते हैं---http://www.bathinda.nic.in/

बठिंडा किला या बठिंडा का किला मुबारक-

पहेली में इस किले को पूछे जाने का उद्देश्य यही था कि हम अपने देश की इस अनमोल ऐतिहासिक राष्ट्रीय इमारत के बारे में जानकारी ले सकें.यह किला 'ईंटों से बना 'भारत का सबसे पुराना किला माना जाता है.इसकी ईंटों के अध्ययन से इसे कुषाण काल का बना माना जाता है,जब सम्राट कनिष्क का शासन हुआ करता था.माना जाता है सम्राट कनिष्क और राजा देब ने मिलकर इस किले को ९०-११० AD में बनवाया था.




१७९ AD से १००४ ADतक भाटी राजपूत शासकों का यहाँ राज्य रहा

१००४ में ग़ज़नी के महमूद नें बठिंडा किले को उनसे छीन लिया था.उनके बाद मोहमद गौरी ने इस किले पर कब्ज़ा किया.गौरी के साथ १३ साल के कड़े युद्ध के बाद पृथ्वीराज चौहान ने इस पर विजय प्राप्त की.भारत की पहली महिला शासक रजिया सुलतान को इसी बठिंडा किले में १२३९ में कैद किया गया था,उनके सेवक अलतुनिया ने रज़िया को इस किले से आज़ाद कराया था.१५१५ में गुरु नानक देव यहाँ आये.१६६५ AD में गुरु तेगबहादुर और १७०५ में गुरु गोबिंद सिंह जी यहाँ आये.वे भी इस किले में रहे थे. बठिंडा के जंगलों में गुरु गोविंद सिंह जी ने चुमक्का नामन ताकतों से लडाई की थी.आज़ादी की लडाई में बठिंडा का किला मुबारक यानि बठिंडा किला का योगदान महत्वपूर्ण है.१८३५ में महराजा करम सिंह ने एक गुरुद्वारा यहाँ बनवाया.यह इमारत भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है. लगभग १९०० सालों के इतिहास का गवाह यह किला आज भी अपने मूल रूप में उसी ढांचे के साथ मजबूती से खड़ा है.


अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.

आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.


 


अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री ललित शर्मा
श्री पी.सी.गोदियाल,
श्री नीरज मुसाफ़िर जाट
नीरज गोस्वामी
श्री अंतरसोहिल
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
सुश्री वंदना
श्री सतीश सक्सेना
श्री राज भाटिया
सुश्री हरकीरत ’हीर’
अक्षिता (पाखी)
सुश्री आकांक्षा
श्री संजय भास्कर
श्री विवेक रस्तोगी
श्री गगन शर्मा
श्री दिगम्बर नासवा
डा. मनोज मिश्र
श्री अभिषेक ओझा
श्री जीतेंद्र भगत
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.

ताऊ पहेली - 71

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 71 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.

विनम्र विवेदन

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.

हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?

यह कौन सी इमारत है? और कहां है?

ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे

अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु,अल्पना वर्मा


नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.


मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग ताऊजी डाट काम

सफ़ल ब्लागर बनिये : "ताऊ ब्लाग मेनेजमैंट इंस्टिट्यूट"

अक्सर लोग बाग पूछते हैं कि ताऊ आप इतने असिसटेंट कहां से ले आते हो? जो आपका हर काम बखूबी निभा लेते हैं. जैसे रामप्यारी, हीरामन, बीनू फ़िरंगी, रमलू सियार, चम्पाकली, अनारकली और अब नया नया रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे". तो आज हम वो राज खोलने जा रहे हैं.

असल मे ब्लागिंग करना और बिना किसी की निगाह में आये ब्लागिंग करना भी एक मैनेजमैंट का फ़ंडा है. जो भी"ताऊ ब्लाग मैनेजमैंट इंस्टिट्युट" से प्रशिक्षित लोग हैं वो बिना किसी अडचन के ब्लागिंग करके नाम और दाम दोनों कूट रहे हैं. बाकी का हालचाल हम क्या बतायें? आप ही जानते हैं कि कोई किसी बीमारी का शिकार हो जाता है और कोई किसी की साजिश का शिकार हो जाता है और कुछ को तो पता ही नही चलता कि वो किस भूत प्रेत या जिन्न का शिकार होगये? खैर..... बात हो रही थी ब्लागिंग असिस्टेंट्स के बारे में.

कई लोग हमसे बार बार पूछते हैं...तो आज हम आपको ब्लाग मेनेजमैंट के कुछ गुर बता देते हैं जिन्हें अमल में लाकर आप भी लाभ उठा सकते हैं.

आपको सबसे पहले तो कुछ समर्पित और भरोसे के असिस्टेंट तलाशने पडेंगे. और खुद पोस्ट लिखने के बजाये उनसे पोस्ट लिखवाने की आदत डालनी पडेगी. आपका काम सिर्फ़ यह रहेगा कि आप सिर्फ़ मोटे तौर पर अपने असिस्टेंट्स को बता देंकि आपको किस फ़्लेवर की पोस्ट चाहिये. और एक छोटा सा प्लाट उनको बता दें फ़िर वो उस पर तीन चार सप्ताह तक पोस्ट लिख लिख कर ठेलते रहेंगे.

अब आप पूछेंगे कि ताऊ, यह तो ठीक है पर ऐसे असिस्टेंट लायें कहां से?

यह आपने बिल्कुल सही बात पूछी. तो इसके लिये आपको जरा सी मेहनत करनी पडेगी और इसके दो रास्ते हैं. पहला रास्ता तो यह है कि आप सीधे "ताऊ ब्लाग मेनेजमैंट इंस्टिट्य़ूट" में कैंपस सलेक्शन करके मेधावी और होनहार युवक युवतियों को सलेक्ट करलें जहां आपको एकदम छंटे छंटाये गुरु घंटाल असिस्टेंट और भविष्य के CEO क्वालिटी के होनहार लोग मिल जायेंगे.

और अगर दूसरे रास्ते जाना है तो "ताऊ टी. वी." और "ताऊ साप्ताहिक पत्रिका" में विज्ञापन दें और उसमे से आप को जैसे लोग चाहें उनका सलेक्शन करलें.

और आपको अगर ये दोनों ही रास्ते नही जम रहे हों तो आप "ताऊ ब्लाग कर्मचारी सलेक्शन सर्विसेज" की सेवायें ले सकते हैं. TBKSS यानि ताऊ ब्लाग कर्मचारी सलेक्शन सर्विसेज के द्वारा अगर आप कर्मचारी लेते हैं तो आप बहुत ही फ़ायदे में रहेंगे. यानि नो टेंशन...नो..झंझट...TBKSS से कर्मचारी लिजिये और सब टेंशन भूल जाईये. फ़िर आपको ना कोई भूत प्रेत या जिन्न सताने की जुर्रत करेगा....ना ही ज्ञान बांटने की...बस आप तो इन कर्मचारियों पर सब छोड छाड कर आराम से दूसरे ब्लागरों को फ़ोनियाते रहिये...उन्हें ज्ञान बांटते रहिये....सलाह देते रहिये...कहने का मतलब ये कि दूसरों का बी.पी. यानि कि ब्लागर प्रेशर बढाते रहिये और खुद एक दम ठण्डे ठण्डे कूल कूल बने रहिये. हर सफ़ल और नामी ब्लागर का "ब्लाग प्रेशर कंट्रोल" करने का यही तरीका है.

अब आप कहेंगे कि हम आपकी बात का विश्वास कैसे करें कि आप इतने काबिल कर्मचारी ही सप्लाई करेंगे. आप का सवाल बिल्कुल जायज है. जाहिर है जब आप TBKSS को इतनी तगडी फ़ीस देकर कर्मचारी लेंगे तो आपको संतुष्ट करना हमारा फ़र्ज ही नही बल्कि कर्तव्य है.

अब देखिये कि हम कितनी कडक परीक्षा लेकर कर्मचारी सलेक्ट करते हैं. आईये आपको हम रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" के इंटर्व्यु के सवाल जवाब से रुबरू करवाते हैं जो हमने उसको अपना असिस्टेंट रखते समय लिया था. इससे आपको स्वत: ही TBKSS के हाई स्टेंडर्ड का अंदाजा हो जायेगा.

सलेक्शन के लिये इंटर्व्यू देता रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे"


साक्षात्कार कर्ता : आपका नाम क्या है? और कहां से तशरीफ़ लाये हैं?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : माय नाम इज रामप्यारे बट इन परजेंट टाईम आई एम ओनली "प्यारे"...एंड माई तशरीफ़ इज कमिंग फ़्राम ब्लागगढ.

साक्षात्कार कर्ता : ग्रेज्युएशन कहां से किया?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : मक्खन सिंह गर्ल्स कॉलेज फॉर ब्वायस से...

साक्षात्कार कर्ता : इसके अलावा आपकी क्वालीफ़िकेशन क्या है? और जिंदगी मे क्या करना चाहते हैं?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : गुड क्वेश्चन सर...आई एम पोस्ट ग्रेज्युएट फ़्राम "ताऊ ब्लाग मेनेजमैंट इंस्टिट्य़ूट" एंड वांट टू बी अ ग्रेड वन ब्लागर...एंड माई ड्रीम इज....दैट..आई विल कीप खाट खडी आफ़ सम धुरंदर ब्लागर्स...और कईयों की खाट तो मैं आलरेडी खडी कर चुका हूं..यू नो..?

साक्षात्कार कर्ता : ब्लागिंग के बारे में आप क्या जानते हैं?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, ब्लागिंग बहुत ही स्वास्थ्य वर्धक होती है....

साक्षात्कार कर्ता : क्या बकते हो? इससे तो स्वास्थ्य खराब होता है. जैसे खुशदीप सहगल का...इसकी वजह से वो सप्ताह की सात पोस्ट की बजाये दो पोस्ट पर आगया?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : नो सर...खुशदीप सर के पास मेरे जैसे असिस्टेंट नही थे...यानि प्रोफ़ेशनल अप्रोच नही थी, उन्होने थोडे से पैसे बचाने की खातिर मुझ जैसे एक्सपर्ट की बजाये खुद ही ब्लाग लिखना शुरु कर दिया तो ये तो होना ही था....असली ब्लागर अपनी नही बल्कि दूसरों की तबियत खराब कर देता है. असली ब्लागिंग तो बहुत ही स्वास्थ्य वर्धक होती है.

साक्षात्कार कर्ता : वो कैसे?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर...ब्लागिंग करने से कई रोगों का स्वत: ही इलाज हो जाता है. जैसे छपास रोग तो पास में ही नही फ़टकता. जब्कि ब्लागिंग के पहले के दौर मे कई नामी गरामी लेखक, कवि जूते चटका चटका कर चटक गये.

साक्षात्कार कर्ता : वोव...यू आर ग्रेट मि. प्यारे...और बताईये...कि क्या क्या फ़ायदे हैं?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, ब्लागिंग का गर्मी कम करने मे बडा ही महत्वपूर्ण योगदान होता है. यानि असली ब्लागर का दिमाग कभी गर्म नही होता बल्कि वो तो सामने वाले का दिमाग गर्म करके खुद का दिमाग ठंडा रखता है. और इस महंगाई में आईसक्रीम और कोल्ड काफ़ी के पैसे बचाता है.

साक्षात्कार कर्ता : ये क्या बकते हो? क्या तुम्हारा दिमाग गर्म होगया है क्या?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : नही सर....असली ब्लागर अपने दिमाग की सारी गर्मी दूसरों की पोस्ट पर गर्मा गर्म गंदी टिप्पणीयां करके निकाल बाहर करता है और सामने वाले का दिमाग गर्म कर देता है.

साक्षात्कार कर्ता : ये कोई अच्छी बात नही होती मि. प्यारे....क्या कहना चाहोगे?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, आजकल इसी तरह ब्लागिंग हो सकती है. सीधी साधी ब्लागिंग का जमाना गया...आजकल तो नेम यू.आर.एल. से किसी के नाम से भी टिप्पणी करने का चलन है. इस काम की भी स्पेशल ट्रेनिंग होती है...सो यू डोंट वरी...ब्लाग मेनेजमैंट के कोर्स में इसका पूरा एक चेप्टर है.

साक्षात्कार कर्ता : ये नेम यू.आर.एल. से टिप्पणी करना क्या होता है?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, आपने मुझे इंटर्व्यु लेने बुलाया है या ब्लाग टेकनिक समझने बुलाया है? ये सब काम हम लोगों के करने का है. आप तो मुझे अपाईंटमैंट दिजिये और चैन की बांसुरी बजाईये...."मेरा मन डोले...सामने वाले का कलेजा डोले" गाते हुये...फ़िर भी आपको यह टेकनीक जानने का इतना ही शौक है तो अदा जी की इस पोस्ट "काठ की हांडी कभी चढ़ती दोबारा नहीं..." को पढ लिजिये आपके ज्ञान चक्षु खुल जायेंगे...आप कल खुद वहां कमेंट करके आये हैं और टेक्निक मुझसे पूछ रहे हैं...? इसका मतलब आपने पूरी पोस्ट पढी ही नही? या फ़िर आप खुद अक्ल से भी ताऊ हैं?

साक्षात्कार कर्ता : प्लिज रामप्यारे मेरी पोल मत खोल...सच में ही मैं पूरी पोस्ट नही पढ पाया था...अब और क्या फ़ायदे हैं ब्लागिंग के?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, देखिये कुछ लोगों को दूसरों को लडाने में बहुत मजा आता है. ब्लागिंग ऐसे लोगों के लिये सबसे मुफ़ीद स्थान है. बस यू समझ लिजिये कि इससे ज्यादा उपयुक्त स्थान पूरी त्रिलोकी मे नही मिलेगा. और कोई खतरा नही.

साक्षात्कार कर्ता : वो कैसे भला?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, देखिये मैं बताता हूं...जैसे राम और श्याम आपस में अच्छे दोस्त हैं और मान लिजिये कि राम को आप पसंद नही करते...और उन दोनों को आपस मे लडा भिडाकर अलग भी करना चाहते हैं और आनंद भी लेना चाहते हैं....तो ब्लागिंग मे यह काम बडे मजे से हो सकता है.

साक्षात्कार कर्ता : कैसे हो सकता है? अच्छे दोस्तो को कोई नही लडा सकता...

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, यही तो फ़र्क है...एक ट्रेंड ब्लागर और नौसिखिये ब्लागर में...ट्रेंड ब्लागर तो इनके ऐसे मजे लेगा कि उपर कैलास पर्वत में भोलेनाथ भी बिना भांग पीये मुस्करा उठते हैं.

साक्षात्कार कर्ता : कैसे?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : देखिये, करना ये होगा कि...पहले राम के ब्लाग पर श्याम के नाम से ऐसी टिप्पणी वो खुद करेगा जिससे राम को पक्का हो जाये कि यह श्याम का ही काम है. अब वो श्याम को कुछ पूछे तब तक यह ट्रेंड ब्लागर
राम को भडका चुका होगा कि यार ये श्याम तुम्हारा दोस्त नही है...उसने तुम्हारे बारे मे सिर्फ़ यहीं नही बल्कि कई जगह ऐसी ही ओछी टिप्पणियां की हैं...मैने कई बार देखा...और चाहा कि तुम्हें बतादूं..पर यह सोचकर चुप रहा कि..जाने दो...जाने दो..पर अब तो ..हद ही होगई...

बस इसी तरह उधर श्याम को राम के खिलाफ़ भडकाता रहेगा...इस तरह डबल मनोरंजन होता है कहीं घूमने फ़िरने जाने का खर्चा भी बच जाता है..सिनेमा की टिकट का खर्चा भी बच जाता है...

साक्षात्कार कर्ता : वाह यार "प्यारे" तुम तो बहुत ही ट्रेंड ब्लागर हो....अब तुम अपना सलेक्शन तो पक्का ही समझो पर एक बात बताओ कि अगर किसी को रास्ते से हटाना हो..यानि उसकी ब्लागिंग से विदाई ही करवानी हो तो उसके लिये तुम्हारे मेनेजमैंट इंस्टिट्यूट मे क्या पढाया गया है? यानि तुम ये काम कैसे करोगे?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : अरे सर...ये तो मेरे बांये हाथ का कमाल है? और इसके कई फ़ार्मुले हैं. जिस पर जो असर कर जाये...यानि...सीधा सादा हो तो लगातार ओछी टिप्पणियां करवाते रहो...उनसे परेशान होकर ब्लागिंग छोडकर भग जायेगा ...थोडा अडियल हो तो अपने किसी चेले से फ़ार्मुला 007 एप्लाई करवाते रहिये...और ज्यादा ही शातिर और मोटी चमडी का हो तो सुर्पणखां या मामा मारीच से बेनामी टिप्पणीयों के साथ साथ बेनामी पोस्ट लिखवाते रहिये....बस जल्द ही काम हो जायेगा.

साक्षात्कार कर्ता : और प्यारे, अगर कोई बेशरम ही हो और इन सबका भी असर ना हो तो?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : सर, उसके लिये भी उपाय है ना...उसको टंकी पर चढवा दो..और उतरने के लिये मत कहो..48 डिग्री की गर्मी में भूखा प्यासा मर जायेगा ...पर ध्यान रहे कि कोई उतारने वाला वहां ना पहूंचे.

एक वरिष्ठ ब्लागर अपने से कनिष्ठ ब्लागर को टंकी पर चढने के लिये प्रोत्साहित करता हुआ...
चढ जा..मेरा राजा बेटा...ऊपर जाकर छलांग लगा दे..डर मत मैं हूं ना..

साक्षात्कार कर्ता : और "प्यारे", अगर वहां कोई टांग खींचकर उतारने वाला पहुंच गया तो?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : अरे सर, हमारे जैसों के रहते आखिर कब तक बचेगा? अगर किसी ने टांग खींचकर उतार भी लिया तो महिने दो महिने तो लिखने के काम से गया..आखिर टांग खींचने से टांग तो टुटेगी ही...तो अस्पताल तो अवश्य ही पहूंच जायेगा...दो चार महिने लिखने से तो रहा...

साक्षात्कार कर्ता : पर दो चार महिने बाद तो लिखेगा ना...?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : अरे सर..तो अब साक्षात्कार मे ही सारे फ़ार्मुले आपको बतादूं क्या? हमारे मेनेजमैंट इंस्टिट्य़ुट ने ऐसे ढीठ लोगों के लिये एक नया फ़ार्मुला खोज लिया है...यानि हम उसे 60 फ़ीट ऊंचे बांस पर चढा देते हैं...और एक बार अगर चढ गया तो फ़िर चाहे वो जितना जोर लगा ले उसकी मौत पक्की है...क्योंकि बांस पर चढे ब्लागर का मरने के सिवा कोई उपाय नही है. बांस पर ब्लागर चढता तो जिंदा है पर उतरता मुर्दा है.

साक्षात्कार कर्ता : आज तक टंकी पर चढाना उतारना तो सुना था अब ये बांस पर चढाना कहां से आगया?

रामप्यारे उर्फ़ "प्यारे" : देखिये...मैं यहां इंटर्व्यु देने आया हूं कोई सारा ब्लाग मेनेजमैंट आपको पढाने नही आया...आपको काम पर रखना हो तो रखिये वर्ना मैं चला.....नो मोर क्वेश्चन्स प्लिज....

डिसक्लेमर :-


१. इस पोस्ट मे वर्णित किसी भी फ़ार्मुले या नुस्खें का उपयोग विशेषज्ञों की देख रेख में ही करें. रामप्यारे द्वारा बताये गये किसी भी नुस्खे की हमारी कोई गारंटी नही है.

२. यह पोस्ट शुद्ध और सौ प्रतिशत हास्य के लिये लिखी गई है. इसका किसी भी छोटे, बडे, कनिष्ठ, वरिष्ठ, बीमार, जिंदा या मुर्दा से कोई संबंध नही है.

३. आपसे हाथ जोडकर निवेदन है कि इस भयानक गर्मी के मौसम में टंकी पर चढने की कतई कोशीश ना करें. इतनी तेज धूप में आपको कोई भी उतारने या टांग खींचने नही आयेगा. लू लगने की संपूर्ण संभावना है. अत: भूलकर भी टंकी पर ना चढें. और रामप्यारे के बताये बांस पर चढना खतरे से खाली नही है. अत: ना चढे और ना ही किसी को चढने के लिये प्रेरित करें.
इब खूंटै पै पढो :-
बात थोडी पुरानी सै. उन दिनों ताऊ चोरी डकैती बेइमानी के काम नही किया करता था. इमानदारी से खेतों मे मेहनत करके अपनी रोजी रोटी चलाया करता था. सुबह जल्दी उठकर अपना ऊंट और हल लेकर जंगल में अपने खेत जोतने निकल जाया करता था.
ताऊ अपने ऊंट से खेत में हल जोतते हुये

एक दिन ताऊ अपने खेत में हल चला रहा था कि एक जोरदार आवाज आई. ताऊ ने सर उठाकर देखा तो पास की सडक से एक मिनी बस बेकाबू होकर नीचे गड्डॆ मे गिरी पडी थी और चीख पुकार मची हुई थी. ताऊ हल छोडकर उनके पास पहुंचा.

वहां जाकर ताऊ ने देखा कि लोग मरे अधमरे और घायल पडे थे. एक गंभीर घायल ने बताया कि वो सारे नेता हैं और जंगल में शिकार खेलने जारहे थे.

ताऊ ने अच्छा बडा सा गडढा खोदा और सबको दफ़ना कर नहा धोकर अपने काम मे लगगया.

कुछ दिनों बाद नेताओं की खोज खबर शुरु हुई तो पुलिस वाले ताऊ से पूछने लगे कि ये तुम्हारे खेत के पास जो एक्सीडेंट हुई मिनी बस पडी है इसमे जो सवारियां थी वो कहां गई?

ताऊ बोला : हुजुर मैने उन सबको पास में ही गड्ढा खोदकर दफ़ना दिया है.

पुलिस वालों ने पूछा : क्या वो सारे के सारे एक्सीडेंट मे मर गये थे?

ताऊ बोला : अजी थाणेदार साहब, उनमें से दो चार नेता बोल रहे थे कि वो मरे नही हैं. पर आप तो जानते ही
हो कि ये नेता लोग कितनी झूंठ बोलते हैं? मैं तो इन नेताओं की बात का कभी भी यकीन नही करता.

ताऊ पहेली - 70 (मुरुदेश्वर मंदिर [कर्णाटक]) विजेता : श्री पी.एन. सुब्रमनियन

प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 70 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है मुरुदेश्वर मंदिर [कर्णाटक].
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.

आप सभी को मेरा नमस्कार,

पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.

आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.

मुरुदेश्वर मंदिर [कर्णाटक]

कर्णाटक में मेंगलोर से १६५ किलो मीटर दूर उत्तर कन्नडा की भटकल तहसील में यह मंदिर अरब सागर के बहुत ही सुन्दर एवं शांत तट के किनारे बना हुआ है.

मुरुदेश्वर बीच [समुद्र तट]कर्णाटक के सब से सुन्दर तटों में से एक है .पर्यटकों के लिए यहाँ आना दोहरा लाभ देता है एक और इस धार्मिक स्थल के दर्शन और दूसरी तरफ प्राकृतिक सुन्दरता का नज़ारा भी हो जाता है.

कन्दुका पहाड़ी पर ,तीन ओर से पानी से घिरा यह मुरुदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है.यहाँ भगवान शिव का आत्म लिंग स्थापित है.जिस की कथा रामायण काल से है.अमरता पाने हेतु रावण जब शिव जी को प्रसन्न करके उनका आत्मलिंग अपने साथ लंका ले जा रहा था.तब रास्ते में इस स्थान पर आत्मलिंग धरती पर रख दिए जाने के कारण स्थापित हो गया था.गुस्से में रावण ने इसे नष्ट करने का प्रयास किया उस प्रक्रिया में , जिस वस्त्र से आत्म लिंग ढका हुआ था वह म्रिदेश्वर [अब मुरुदेश्वर कहते हैं ]में जा गिरा .इस की पूरी कथा आप सब को मालूम ही होगी .



पहेली में हमने जो चित्र दिखाया गया था वह गोपुरा का था .दक्षिण में मंदिर के प्रवेश द्वार को गोपुरा कहा जाता है.'राजा गोपुरा '/राज गोपुरम विश्व में सब से ऊँचा गोपुरा माना जाता है.यह २४९ फीट ऊँचा है.इसे वहीँ के एक व्यवसायी आर.एन शेट्टी ने बनवाया था .द्वार पर दोनों तरफ सजीव हाथी के बराबर ऊँची हाथी की मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं.


मुरुदेश्वर मंदिर के बाहर बनी शिव भगवान की मूर्ति दुनिया की सब से ऊँची शिव मूर्ति है इसकी ऊँचाई १२३ फीट है.अरब सागर में बहुत दूर से इसे देखा जा सकता है.इसे बनाने में दो साल लगे थे और शिवमोग्गा के काशीनाथ और अन्य मूर्तिकारों ने इसे बनाया था.



इसका निर्माण भी श्री आर एन शेट्टी ने करवाया और लगभग ५० मिलियन रुपयों की लागत आई थी.मूर्ति को इस तरह बनवाया गया है कि सूरज की किरणे इस पर पड़ती रहें और यह चमकती रहे.




कैसे जाएँ-बंगलौर तक जा रहे हैं तो इस खूबसूरत स्थल पर जाना न भूलें बेंगलोर से यह ५०० किलोमीटर दूर है और आप बस या रेल ले सकते हैं.कोकण मार्ग पर मेंगलोर-गोवा-मुम्बई में मुरुदेश्वर स्टेशन आता है.

नजदीकी हवाई अड्डा गोवा है और मेंगलोर हवाई अड्डा भी शहर के पास है.

कब जाएँ--वर्ष पर्यंत घूमने जा सकते हैं .

कहाँ रुकें -यहाँ रहने के लिए सरकारी गैर सरकारी यात्री निवास,होटल आदि उपलब्ध हैं.

[अगली पहेली [७१] ,एक पुराने महत्वपूर्ण किले से सम्बन्धित है और दक्षिण भारत से नहीं है]
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.


आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!

प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.

 

 

tpw70-1

 श्री पी.एन. सुब्रमनियन अंक 101

smart-indian

श्री स्मार्ट इंडियन अंक 100

श्री प्रकाश गोविंद   अंक 99

[time.jpg]

श्री युगल मेहरा अंक 98

सुश्री रेखा प्रहलाद अंक 97

seema-gupta-2

सुश्री सीमा गुप्ता  अंक 96

श्री विवेक रस्तोगी अंक 95

kajalji

श्री काजलकुमार अंक 94

श्री नीरज गोस्वामी अंक 93

श्री संजय बेंगाणी अंक 92


श्री Chandra Prakash अंक 91

श्री पी.सी.गोदियाल, अंक 90


श्री भारतीय नागरिक - Indian Citizen अंक 89

प. श्री.  डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 88

श्री सैयद | Syed  अंक 87


श्री दिगम्बर नासवा अंक 86

raj-bhatia1

श्री राज भाटिया अंक   85

श्री उडनतश्तरी अंक 84

श्री रतनसिंह शेखावत अंक 83


श्री मो सम कौन? अंक 82

My Photo

 श्री राजेंद्र स्वर्णकार अंक 81

श्री अभिषेक ओझा अंक 80

सुश्री बबली अंक 79

सभी को हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं.

अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.

डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री सुशील कुमार छौंक्कर
श्री संजय भास्कर
सुश्री अन्नपुर्णा
श्री आशीष खंडेलवाल
डा. महेश सिन्हा
श्री अनिल पूसदकर
सुश्री वंदना
श्री तारकेश्वर गिरी
श्री दीपक
श्री Nirbhay Jain
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!


आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !

ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.