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एक गौरैया, फ़ुदकती थी यहां, अब कहां है

ताऊ चिल्लाया, भूख लग रही है, बेलन टूटा

प्रेमी प्रेमिका, दूध और शक्कर, डायबिटीज

ओछी जबान, संत भये असंत, कलियुग है

बहु बेटियां, गांव की अमानत, अब ना रही

हाथ पांव में दम नहीं, हम किसी से कम नहीं :दिल्ली गैग रेप

टिप्पणी ठोक, रचना मत बांच, अगला ब्लाग

जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं...

अपनी बीबी के नाम से दे दे सेठ...दो दिन से कुछ मुर्गा...अंगूरी नही चखी है सेठ...

ताऊ महाराज रावण को गुस्सा क्यों आता है?