जब ब्लागिंग अपने चरम पर थी उस वक्त फेसबुक के लिए ऐसी कल्पना भी मुश्किल थी की पृथ्वी
वासी जंतुओं की शुभ प्रभात से शुभ रात्रि तक का जुगाड़ यहीं बन जाएगा. ब्लागिंग में किसी ने नित्य एक पोस्ट लगा दी तो बहुत होगया वरना तो साप्ताहिक पोस्ट तक मामला चल जाता था, वैसे कुछ मठाधीष अपवाद भी थे जो एक दिन में कई कई पोस्ट ठेलने में उस्ताद थे.
वाह रे जकुर बर्गवा तूने भी क्या धोबीपाट मारा है कि आदमी फोन लिए लिए ही किसी की पोस्ट पर हंसता है और किसी की पर रोता है, गुस्सा होता है और ये सच में अनुभव किया होगा आपने की ये एक्शन होता ही है.
पर बेटा जकरबर्गवा अब तू ताऊ के दाव से नही बच सकता, जिस तरह तूने ब्लागिंग को खून के घूँट पिलाये है, अब तू तैयार होजा. अब ताऊ पेश करते हैं "दिमाग बुक" हाँ तूने सही सूना दिमाग बुक.
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हाँ तो मित्रो, इस जक्रू बर्गू से तो बाद में बात करेंगे पहले आपको जरा दिमागबुक की जानकारी दे देते हैं वरना आप कहेंगे कि ताऊ एकेले एकेले माल जीम गया और हमको बताया भी नहीं.
बात यह है कि हमने एक सॉफ्टवेयर बनाया है जो फेसबुक को आनेवाले समय में रिप्लेस करेगा. हम चार साल ब्लागिंग से दूर होकर ढोसी के पहाड़ों में तपस्या रत होकर इसी की खोज में थे और अब ये पूरी तरह हमे मिल गया है.
आपके दिमाग में सवाल आ रहा होगा कि दिमागबुक कैसे काम करेगा?
इसमें आपको सिर्फ एक बार साइन इन करने के लिए नेट की जरूरत पड़ेगी उसके बाद फ़िर कभी नही. फेसबुक की तरह ही आपके फ्रेंड्स होंगे और आप चाहें तो फेसबुक की पूरी फ्रेंड लिस्ट को दिमागबुक पर भी इम्पोर्ट कर सकेंगें. एक बार आपकी फ्रेंडलिस्ट तैयार हो गई तो आप दिमागबुकिंग के लिए तैयार हो गए समझिये.
आपको दिमाग बुकिंग के लिए हमारी तरफ से एक मोडम बिना किसी खर्च के मुफ्त मिलेगा.
बस अब आप मोडम को बिजली के खटके में डालके आन कीजिये और शुरू हो जाइये. किसी फ़ेबलेट, लेपटोप या मोबाईल की जरूरत ही
नही रहेगी, आपको सिर्फ़ मोडम की जरूरत होगी और वो मिलेगा बिल्कुल मुफ़्त. यहां इंटरनेट
की जरूरत भी नही सो मुकेश अंबानी की भी बारह बज जायेगी. उसने बेचारे मोबाईल कंपनियों
वालों को बहुत खून के घूंट पिला लिये अब भुगतो ताऊ की खोज को.
आप जो कुछ दिमाग में सोचेंगे वो दिमागबुक में पोस्ट हो जाएगा, किसी फ्रेंड कुछ भी शेयर करना हो वो भी सोचते ही हो पोस्ट हो जाएगा. किसी से गाली गलौज करनी हो तो वो भी हो जायेगी और तो और मारपीट भी हो सकेगी और वो भी बिलकुल असली. और कहीं रायता फ़ैलाना हो तो सिर्फ़ आपके दिमाग में
आना चाहिये और बस रायता फ़ैला हुआ ही जानिये. फ़िर इस रायते को ताऊ के अलावा कोई नहीं
समेट पायेगा. बस आप मोडम के सामने बैठकर सोचते जाइये वो सब कुछ होता जाएगा जो आपके दिमाग में आता जायेगा. इस मोडम से दूरभाष
संवाद भी आप कर सकेंगे.
अब यह तो हुआ दिमाग बुक का कार्य करने का तरीका पर सवाल यह है कि इसमें रेवेन्यू कहां से आएगी? जबकि ताऊ ना आपसे मोडम का किराया मांग रहा है और ना
ही कोई नेट वगैरह का खर्चा, तो सुनिये, दिमागबुक पर विज्ञापन चलेंगे और वो भी महंगी
कंपनियों के, फ़ेसबुक की तरह घटिया नहीं कि किसी पोर्न सामग्री को प्रोमोट कर दिया,
कोई छछूंदर छाप तेल बेच दिया या तोता छाप ज्योतिषी को प्रमोट कर दिया..
दिमागबुक पर
विज्ञापन चलेंगे जैसे रोल्स रायस, बोईंग जेट, इसरो से सेटेलाईट लांच करवालो, तोप खरीद
लो, बमवर्षक खरीद लो, परमाणु तकनीक ले लो, ऐसे विज्ञापन चलेंगे.
अब आप कहेंगे कि ताऊ की खोपडिया
सटक गई है फ़िर कहीं से चंडूखाने की पकड लाया है. जरा शांत दिमाग से सोचिये जब दिमाग
बुक पर सब कुछ दिमाग से चलेगा तो दिमागबुक के उपयोग कर्ताओं के दिमाग पर भी ताऊ का राज रहेगा. प्रशांत किशोर वैसे तो कांग्रेस की लुटिया डूबने के साथ ही डूब गये लेकिन ताऊ की दिमागबुक पूरे विश्व के नेताओं को चुनाव भी जितवा देगी. दिमाग बुक की सबसे बडी रेवेन्यू इसी से आयेगी. दिमागबुक से कितने ही नार्थ कोरियाई गैंडा या ट्रंप जैसे सुशील राजनेता विश्व को देने में हम सक्षम हो सकेंगे.
हम विज्ञापन बुक करेंगे इस शर्त के साथ कि तुम्हारा इस मात्रा में माल बिक
जायेगा या तुम चुनाव जीत जावोगे क्योंकि हमारे मोडम के सामने बैठते ही आपका दिमाग हमारे वश में रहेगा और जो
हमारा विज्ञापन कहेगा वो चीज आपको हर हाल में खरीदनी ही पडेगी, जिसे हम चाहें उसे वोट देना ही पडेगा.. तो इस तरह पूरे विश्व
के मार्केट पर ताऊ की दिमाग बुक का कब्जा हो जायेगा. तब गूगल सिर्फ़ गूग्गल की धूनी
देने के काम आया करेगा और बाकी के लोगों की क्या हालत होगी यह आप कल्पना कर सकते हैं.
अब आपके काम की बात : सवाल यह है
कि आपको ताऊ
के मित्र होने का क्या फायदा मिलेगा?
बिल्कुल मिलेगा, हम अगले साल में
इसे लांच करने जा रहे हैं और उसके बाद इसका IPO पब्लिक के लिये आयेगा. किंतु हम आपको
प्राईवेट प्लेसमैंट में इसके शेयर अभी दे देंगे. एक ब्लागर को सिर्फ़ एक शेयर और एक
शेयर की अभी की कीमत होगी सिर्फ़ दस लाख रूपये. IPO के बाद इसकी कीमत एक करोड तक जाने
की संभावना है. तो देर मत किजीये, यह सुनहरा मौका हाथ से निकल गया तो बाद में आपका
हाल भी उन लोगों जैसा होगा जिन्होने IT बूम को नहीं पहचाना और इन्फ़ोसिस, विप्रो जैसी
कंपनियों के शेयर नहीं लिये.
भक्तजनो, यह भविष्य की तकनीक है
और आज आप चूक गये तो हाथ मलते ही रह जायेंगे.