प्यारे श्रोताओं, मैं रामप्यारे ताऊ तरही कम गरही सम्मेलन में आप सबका स्वागत करता हुं. ताऊ गरही मुशायरे में अभी तक आप महाकवि ताऊ जी महाराज, महान कवियित्री मिस समीरा टेढी, आल राऊंडर ललित शर्मा और कवि सम्राट विजय सप्पात्ति को सुन चुके हैं. और आज इस सम्मेलन में महान चाकूबाज कवि, चच्चा रामपुरी चाकू वाले श्री अनुराग शर्मा (स्मार्ट इंडियन) अपनी रचना प्रस्तुत कर रहे हैं अपने चाकू और माईक को कांधे पर रख कर.
महाकवि चच्चा रामपुरी चाकू वाले कविता पाठ के लिये जाते हुये
चच्चा रामपुरी के चाकू को देखकर हमेशा की तरह आन लाईन कैट स्केनिंग का कार्यभार संभालने वाली मिस रामप्यारी कहीं दुबक गई है. अत: चच्चा की रचना बिना कैट स्केन के ही सीधे आन एयर करना पड रही है. तो अब मैं आमंत्रित करता हूं आज की रेवडी प्राप्त चाकू कवि चच्चा रामपुरी को...आईये चच्चा .. अपनी बिल्कुल ताजी और नई नवेली चाकू रचना से इस गरही सम्मेलन की गरिमा बढाकर हम सब को कृतार्थ किजिये..
कविता पाठ करते श्री अनुराग शर्मा एवम डांस करता रामप्यारे
कुछ गाने को दिल करता है, सुना लूँ?
तालियाँ बजाओगे या रामपुरी निकालूँ?
दिल के बहाने कहीं ले न उडें चुप के
ज़रा सा रुक जाओ, बटुआ छिपा लूँ
जिनकी होनी थी उन सबकी हो ली
मस्ती में मैं भी तो रंग में नहा लूँ
लाज की लाली से लाल हो रहे हैं जो
उन गालों से थोडा सा रंग चुरा लूँ?
कुछ गाने को दिल करता है, सुना लूँ?
तालियाँ बजाओगे या रामपुरी निकालूँ?
आप सब को अनुराग शर्मा की ओर से होली की अनंत शुभकामनाए.
चच्चा रामपुरी के चाकू को देखकर हमेशा की तरह आन लाईन कैट स्केनिंग का कार्यभार संभालने वाली मिस रामप्यारी कहीं दुबक गई है. अत: चच्चा की रचना बिना कैट स्केन के ही सीधे आन एयर करना पड रही है. तो अब मैं आमंत्रित करता हूं आज की रेवडी प्राप्त चाकू कवि चच्चा रामपुरी को...आईये चच्चा .. अपनी बिल्कुल ताजी और नई नवेली चाकू रचना से इस गरही सम्मेलन की गरिमा बढाकर हम सब को कृतार्थ किजिये..
कुछ गाने को दिल करता है, सुना लूँ?
तालियाँ बजाओगे या रामपुरी निकालूँ?
दिल के बहाने कहीं ले न उडें चुप के
ज़रा सा रुक जाओ, बटुआ छिपा लूँ
जिनकी होनी थी उन सबकी हो ली
मस्ती में मैं भी तो रंग में नहा लूँ
लाज की लाली से लाल हो रहे हैं जो
उन गालों से थोडा सा रंग चुरा लूँ?
कुछ गाने को दिल करता है, सुना लूँ?
तालियाँ बजाओगे या रामपुरी निकालूँ?
आप सब को अनुराग शर्मा की ओर से होली की अनंत शुभकामनाए.
यो स्टाईल बढ़िया काडया ताऊ चच्चा ने, रामपुरी दिखाकर वाहवाही लूटन का।
ReplyDeleteहोली है सो करे दे रहे हैं वाहवाही, न तो देख लेते रामपुरी को भी। अमरीश पुरी, मदन पुरी और अब रामपुरी - सब एक से बढ़कर एक। वाह वाह।
रामराम।
हा हा!! रामपुरी के डर से तालियाँ बजा रहे हैं पीट पीट कर...
ReplyDeleteवाह वाह!! बहुत आनन्द आ गया.
तालियाँ बजाओगे या रामपुरी निकालूं ...
ReplyDeleteअच्छी दादागिरी है !
रामपुरिया को रामपुरी दिखा कर तालियाँ बजवाने एवं दाद पाने का अंदाज पसंद आया।
ReplyDeleteअगर रामपुरी से भी बात न बने तो हमारे पास एक पुरी और है, जिसके आते ही सारे शुरु हो जाएगें।:)
हा हा हा हा
छा गए चक्कू राम पूरी....
ReplyDeleteहमें तो बिना रामपुरी आपका लिखा अच्छा लगता है, काहे कष्ट करेंगे।
ReplyDeleteजो भी सुनाना हो जीभर सुनाना
ReplyDeleteपहले ज़रा चच्ची को बुला लूँ
होली पर औकात में आना जो है
पहले लाज शरम तो सुला लूँ
बहुत खूब रंग जमाया चक्कू के दम पे ... होली की बधैया जी बधाइयाँ
वाह वाह चच्चा तो छा गये...
ReplyDeleteगरही सम्मेलन के लिये मेरी प्रविष्टि स्वीकारें.
ReplyDeleteनेताजी से पूछा एक सवाल,
जो कड़ा था,
भ्रष्टाचार पर खड़ा था,
आप क्यो करते हैं ऐसा,
क्यों खाते हैं जनता का पैसा,
नेता का दिमाग चकराया,
उसने अपने दिमागी घोड़े को दौड़ाया,
और ऐसा उत्तर सरकाया,
जिसे सुन हमारा दिमाग भन्नाया,
बोले, ऐसा कर हम करते हैं
तुम्हारे जैसे लोगों पर उपकार,
और तुम रहे हो हमे धिक्कार,
मूरख, यदि हम ऐसा नहीं करेंगे,
तुम्हारी तरह सूखी रोटी पर गुजारा करेंगे,
तो यह पैसा औरों के घर जायेगा,
भ्रष्टाचार का है, उन्हें रौरव नरक ले जायेगा,
ऐसा कर हम उन्हें मुक्ति दिलाते हैं,
शिव की तरह गरल स्वयं पी जाते हैं,
और तुम्हारे जैसे लोग हमें आंखे दिखाते हैं,
हमें आंखे दिखाते हैं...
गुजारिश एक कि रामप्यारे की आवाज में होना चाहिये...
तालि्याँ तालि्याँ तालि्याँ
ReplyDeleteरामपुरी मत निकालियेगा जी
ताऊ गरही कवि सम्मेलन में चच्चा ने समां बांध दिया
राम-राम
waah ji waah , kya sama banda hua hai .. anuraaj ji ka kya kahna .. wo to sach me hi smart Indian hai ji .. unko aur taau ko badhayi ..
ReplyDeleteहोली की ढेरों शुभकामनाएं.
ReplyDeleteनीरज
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाये
ReplyDeleteदोस्तों! अच्छा मत मानो कल होली है.आप सभी पाठकों/ब्लागरों को रंगों की फुहार, रंगों का त्यौहार ! भाईचारे का प्रतीक होली की शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन परिवार की ओर से हार्दिक शुभमानाओं के साथ ही बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteआप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com , http://rksirfiraa.blogspot.com , http://shakuntalapress.blogspot.com , http://mubarakbad.blogspot.com , http://aapkomubarakho.blogspot.com , http://aap-ki-shayari.blogspot.com , http://sachchadost.blogspot.com, http://sach-ka-saamana.blogspot.com , http://corruption-fighters.blogspot.com ) ब्लोगों का भी अवलोकन करें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं
चाक़ू की नोंक पे धोंस जमाए जात हो,
ReplyDeleteबड़े स्मार्ट इंडियन हो अनुराग शर्मा जी
जो इस तरह दिल चुराए जात हो.
अब भी कुछ बाकी है ,तो वह भी चुरालो,
मगर अपना बटुआ पहले छिपालो.
मन ना भरा हो तो रामपुरिया निकालो.
पर होली के रंग में हमे रंग डालो .
जय हो ताऊ महाराज की
होली की आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएँ.
कुछ गाने को दिल करता है, सुना लूँ?
ReplyDeleteतालियाँ बजाओगे या रामपुरी निकालूँ?....
वाह ! यह भी खूब रही...
आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाये !
ReplyDeleteहोली का धमाल बहुत बढ़िया रहा!
ReplyDelete--
उनको रंग लगाएँ, जो भी खुश होकर लगवाएँ,
बूढ़ों और असहायों को हम, बिल्कुल नहीं सताएँ,
करें मर्यादित हँसी-ठिठोली।
आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
--
होलिकोत्सव की शुभकामनाएँ!
तालियाँ बजाओगे या रामपुरी निकालूँ?
ReplyDeleteनहीं भाई , ये लो तालियाँ भी बजा दीं और टिप्पणी भी टिका दी ।
सभी तो तालियाँ बजा रहे हैं मैं थालियाँ बजाउंगा।
ReplyDelete..हा..हा..हा...।
ताऊ तु रामपुरिया निकाल के हमारा काम तमाम कर दे, हम ताली नही बजायेगे, लेकोइन ललित भाई वाली पुरी को मत बताना, वर्ना हम नाच भी लेगे, अरे डर लगता हे ऎसीच ही हे जी...
ReplyDeleteहोली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
तालियाँ बजाओगे या रामपुरी निकालूं ...हा हा!!आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत खूब .....
ReplyDeleteपहली बार सुनी अनुराग जी की आवाज़ .....
पर लगा रामपुरी उन्हीं के पीछे लगा था तभी इतनी जल्दी में पढ़ गए .....
रंगों के पावन पर्व होली के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...
ReplyDeletewaah-waah holi ke parv ki is se badh kar kyaa padyaatmak bhent ho saqti hai.anuraag ji ko anuraag bharaa shukriyaa aur shesh sabhi paathkon ko holi ke awsar par haardik abhinandan --undutt
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