प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली अंक - 115 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही जवाब है (सिलिसेढ लेक अलवर, राजस्थान, siliserh lake, alwar, rajasthan)
पहेली के विषय से संबंधित थोडी सी जानकारी मिस. रामप्यारी आपको दे रही है.
बहरोड से बानसूर होते हुये हम अलवर पहुंच गये. इस बार हमने पहले से ही सिलिसेढ लेक पैलेस होटल में रिजर्वेशन करा लिया था. अलवर के किले पहले भी देख हुये थे. अत: अबकि बार पूरे दो दिन इस सुरम्य झील के सानिंध्य में ही बिताने का तय कर चुके थे. सिलिसेढ (siliserh) झील अलवर (राजस्थान) से मात्र १५ किलोमीटर की दूरी पर है. यह झील करीबन ११ वर्ग किलोमीटर मे फ़ैली हुई है. इस झील का निर्माण महाराजा विनय सिंह द्वारा 1844 में अलवर को जलप्रदाय के लिये कराया गया था. इसका नामकरण उनकी रानी शीला के समान मे सिलिसेढ (siliserh) किया गया था. यहीं पर इस झील किनारे एक महल का निर्माण भी कराया गया. यह जगह महाराजाओं की पसंदीदा शिकार गाह रही है.
siliserh lake palace
इस झील किनारे स्थित महल को आजकल एक आरामदायक हेरिटेज होटल में तबदील कर दिया गया है जिसका संचालन RTDC द्वारा किया जाता है. सभी तरह के कमरे और सभी तरह की सुविधायें यहां उपलब्ध हैं. यहां ठहरते समय एक बात का ध्यान अवश्य रखे कि यहां लंच डिनर नियत समय पर ही दिया जाता है.
इस झील में मोटरबोट चलाते हुये आप स्वर्गिक आनंद का अनुभव करेंगे. होटल की छत से या अपने कमरे की खिडकियों से आप झील के आसपास कलरव करते परिंदों को देखकर घंटो खोये से रह जायेंगे.
siliserh lake view from hotel roof
यहां का पूरा वातावरण एक दम शांत और पहाडी वनों से आच्छादित है. प्रकृति के नजदीक छुटियां बिताने के लिये यह एक सर्वोत्तम जगह है. जुलाई से मार्च के मध्य का समय सर्वोत्तम रहेगा. यहां का रेल्वे स्टेशन अलवर है जो दिल्ली जयपुर लाईन पर स्थित है. नजदीकी एयरपोर्ट देल्ली करीबन १६५ किलोमीटर है. तो देर किस बात की...अबकी बार जब भी प्रकृति के पास शांत वातावरण में समय बिताने की इच्छा हो तब यहां पहुंच जाईये, साथ ही सरिस्का अभयारण्य तो है ही. (ताऊ यात्रा वृतांत से)
आईये अब मिलते हैं आज के विजेताओं से :-
आज के प्रथम विजेता हैं श्री समीर लाल "समीर"
प्रथम विजेता श्री समीर लाल "समीर" अंक 101
आईये अब बाकी विजेताओं से आपको मिलवाती हूं.
श्री दीपक तिवारी "साहब"
अब उनसे रूबरू करवाती हुं जिन्होनें इस अंक में भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया
श्री सतीश सक्सेना
श्री सोमेश सक्सेना
श्री केवलराम
श्री विजय कुमार "सप्पाति"
श्री काजल कुमार
सुश्री अंशुमाला
श्री दिनेशराय द्विवेदी
श्री भारतीय नागरिक
सुश्री वंदना
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री पी.सी.गोदियाल "परचेत"
श्री राज भाटिया
डाँ. रूपचंद्र शाश्त्री "मयंक"
श्री राकेश कुमार
सुश्री अंजू
श्री गगन शर्मा "कुछ अलग सा"
डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति
सुश्री वाणी गीत
सुश्री पूर्णिमा
श्री रोनित सरकार
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम
रामप्यारे ट्वीट्स
पहेली के विषय से संबंधित थोडी सी जानकारी मिस. रामप्यारी आपको दे रही है.
बहरोड से बानसूर होते हुये हम अलवर पहुंच गये. इस बार हमने पहले से ही सिलिसेढ लेक पैलेस होटल में रिजर्वेशन करा लिया था. अलवर के किले पहले भी देख हुये थे. अत: अबकि बार पूरे दो दिन इस सुरम्य झील के सानिंध्य में ही बिताने का तय कर चुके थे. सिलिसेढ (siliserh) झील अलवर (राजस्थान) से मात्र १५ किलोमीटर की दूरी पर है. यह झील करीबन ११ वर्ग किलोमीटर मे फ़ैली हुई है. इस झील का निर्माण महाराजा विनय सिंह द्वारा 1844 में अलवर को जलप्रदाय के लिये कराया गया था. इसका नामकरण उनकी रानी शीला के समान मे सिलिसेढ (siliserh) किया गया था. यहीं पर इस झील किनारे एक महल का निर्माण भी कराया गया. यह जगह महाराजाओं की पसंदीदा शिकार गाह रही है.
इस झील किनारे स्थित महल को आजकल एक आरामदायक हेरिटेज होटल में तबदील कर दिया गया है जिसका संचालन RTDC द्वारा किया जाता है. सभी तरह के कमरे और सभी तरह की सुविधायें यहां उपलब्ध हैं. यहां ठहरते समय एक बात का ध्यान अवश्य रखे कि यहां लंच डिनर नियत समय पर ही दिया जाता है.
इस झील में मोटरबोट चलाते हुये आप स्वर्गिक आनंद का अनुभव करेंगे. होटल की छत से या अपने कमरे की खिडकियों से आप झील के आसपास कलरव करते परिंदों को देखकर घंटो खोये से रह जायेंगे.
यहां का पूरा वातावरण एक दम शांत और पहाडी वनों से आच्छादित है. प्रकृति के नजदीक छुटियां बिताने के लिये यह एक सर्वोत्तम जगह है. जुलाई से मार्च के मध्य का समय सर्वोत्तम रहेगा. यहां का रेल्वे स्टेशन अलवर है जो दिल्ली जयपुर लाईन पर स्थित है. नजदीकी एयरपोर्ट देल्ली करीबन १६५ किलोमीटर है. तो देर किस बात की...अबकी बार जब भी प्रकृति के पास शांत वातावरण में समय बिताने की इच्छा हो तब यहां पहुंच जाईये, साथ ही सरिस्का अभयारण्य तो है ही. (ताऊ यात्रा वृतांत से)
आईये अब मिलते हैं आज के विजेताओं से :-
आईये अब बाकी विजेताओं से आपको मिलवाती हूं.
श्री दीपक तिवारी "साहब"
अब उनसे रूबरू करवाती हुं जिन्होनें इस अंक में भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया
श्री सतीश सक्सेना
श्री सोमेश सक्सेना
श्री केवलराम
श्री विजय कुमार "सप्पाति"
श्री काजल कुमार
सुश्री अंशुमाला
श्री दिनेशराय द्विवेदी
श्री भारतीय नागरिक
सुश्री वंदना
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री पी.सी.गोदियाल "परचेत"
श्री राज भाटिया
डाँ. रूपचंद्र शाश्त्री "मयंक"
श्री राकेश कुमार
सुश्री अंजू
श्री गगन शर्मा "कुछ अलग सा"
डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति
सुश्री वाणी गीत
सुश्री पूर्णिमा
श्री रोनित सरकार
सभी प्रतिभागियों का हार्दिक आभार प्रकट करते हुये रामप्यारी अब आपसे विदा चाहेगी. अगली पहेली के जवाब की पोस्ट में मंगलवार सुबह 4:44 AM पर आपसे फ़िर मुलाकात के वादे के साथ, तब तक के लिये जयराम जी की.
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और रामप्यारी ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार 1:00 AM से 11:00 PM के मध्य कभी भी आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्कार.
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम
रामप्यारे ट्वीट्स
श्री समीर जी को बहुत बधाई.
ReplyDeleteअलवर का महल बड़ा सुन्दर है।
ReplyDeleteसमीर जी को पहेली जीतने पर हार्दिक बधाई और ताऊ टीम का हार्दिक आभार इस सुरम्य जगह से परिचय कराने हेतु |
ReplyDeleteजन्मदिन की बधाई व शुभकामनाएं...
ReplyDeletesir , janmdin ki badhayi le lijiye
ReplyDeleteमुख्य विजेता व उप विजेता के साथ ही सभी भाग लेने वाले अन्य प्रतिभागियों को भी यथोचित बधाईयां...
ReplyDeleteसमीर जी को बधाई।
ReplyDeleteराम राम ताऊ ...
ReplyDeleteकुछ व्यस्त होने के कारण पिछली कई पहेलियों में आना संभव नहीं हो पा रहा (दिमाग जो लगाना पढता है जवाब ढूँढने में) ... पर आनंद ले रहा हूँ ...
समीर भाई को बधाई ... और सभी जीतने वालों को भी ..
वाह ताऊ, बंटी चोर को भी गच्चा दे दिया इस बार तो आपने :)
ReplyDeleteसमीरलाल जी को विजेता होने की बधाई | साथ में आपको जन्म दिन की भी बधाई |
ReplyDeleteश्री समीरलाल "समीर" सहित अन्य विजेताओं को हार्दिक बधाईयाँ...
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteश्री ताऊ जी को जन्मदिन पर बहुत-बहुत शुभकामनायें.
ReplyDeleteआप जियो हजारों साल, साल के दिन हों पचास हजार !
आदरणीय ताऊजी,
ReplyDeleteजन्म दिन की बहुत बहुत बधाई !
आदरणीय ताऊ जी
ReplyDeleteराम राम केवल राम की तरफ से
आदरणीय समीर लाल जी को हार्दिक बधाई .....
जय हो ...
.मेरे हिस्से की मिठाई भी रख लेना ...
ताऊ जी जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई बहुत-बहुत शुभकामनाएं, समीर जी को भी विजेता बनाने की बधाई.
ReplyDeleteअरे इसका ज़वाब तो हम भी दे देते ।
ReplyDeleteलेकिन इस वक्त तो ताऊ को जन्मदिन की मुबारकवाद देने आए हैं ।
जन्मदिन की ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनायें ।
ताऊ जी राम-राम !
ReplyDeleteआप को आप के जन्म दिन बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं ...
ताऊ राम-राम।
ReplyDeleteऔर समीर जी को बधाई।
समीर जी और तिवारी "साहब" को बधाई!
ReplyDeleteअब क्या कहें...तिवारी साहब को बधाई....
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