चुनावी साल, वादों की बरसात, महाभारत October 01, 2013 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps 1. चुनावी साल वादों की बरसात महाभारत 2. चैतुए आये पांच साला फ़सल ऐसी की तैसी 3. लोकसेवक शरीफ़ों का मुखौटा आदमखोर 4. गुबार उठा गधे रेंकने लगे चुनावी वादे 5. अंधी जनता ये हैं चुनावी वादे हाथ मलोगे Comments प्रवीण पाण्डेयTuesday, October 01, 2013 12:42:00 PMकम में व्यक्त बड़ा सच।ReplyDeleteRepliesReplySumanTuesday, October 01, 2013 1:11:00 PMएक से एक हाईकू है सटीक ताऊ जी लाए !ReplyDeleteRepliesReplyधीरेन्द्र सिंह भदौरिया Tuesday, October 01, 2013 1:26:00 PMवाह !! बहुत बढ़िया,सुंदर हाइकू !RECENT POST : मर्ज जो अच्छा नहीं होता.ReplyDeleteRepliesReplyधीरेन्द्र सिंह भदौरिया Tuesday, October 01, 2013 1:28:00 PMवाह !!! बहुत बढ़िया,सुंदर हाइकू !RECENT POST : मर्ज जो अच्छा नहीं होता.ReplyDeleteRepliesReplyअशोक सलूजाTuesday, October 01, 2013 1:46:00 PMमैं तेरा ताऊ बात मेरी मान ले समझ जा तू ............:-)))ReplyDeleteRepliesReplyDr ajay yadavTuesday, October 01, 2013 2:30:00 PMआदरणीय ताऊ , आप कैसें हैं |ब्लॉग की दो पोस्टों के बीच लम्बा अंतराल?|बहुत ही सुंदर हायकू |ReplyDeleteRepliesReplySatish Saxena Tuesday, October 01, 2013 4:02:00 PMताऊ !!कहाँ से मारा माल बता दे ताऊ प्यारे कुछ गुर हमको भी सिख्लादे ताऊ प्यारे ! हाइकू कभी नहीं लिख पाए, हम तो हीर न जाने कब से मांग रही हैं हमसे !!मिलेगा जो कुछ आधा आधा होगा वादा ताऊ इतना करो भरोसा, यार पुराना !ReplyDeleteRepliesReplyAmrita TanmayTuesday, October 01, 2013 4:15:00 PMहाथ मलने के बाद भी फिर-फिर वही करेंगे..बहुत बढ़िया कहा..ReplyDeleteRepliesReplyकालीपद "प्रसाद"Tuesday, October 01, 2013 4:34:00 PMचुनाव के ऊपर बहुत सुन्दर हाइकू !नवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !नई पोस्ट साधू या शैतानReplyDeleteRepliesReplyAlpana VermaTuesday, October 01, 2013 5:33:00 PMचुनावी माहौल है ..सामयिकऔर अच्छे हायकू लिखे हैं,ReplyDeleteRepliesReply डॉ. मोनिका शर्मा Tuesday, October 01, 2013 6:03:00 PMएकदम सटीक और समसामयिक .....ReplyDeleteRepliesReplyKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनTuesday, October 01, 2013 9:56:00 PMयहां दिल्ली में तो लोकसभा से पहले , विधानसभा के चुनाव आ रहे हैं इसलिए और भी ज़्यदा सामयिक लग रहे हैं पॉंचों बंद. ReplyDeleteRepliesReplyMaheshwari kaneriTuesday, October 01, 2013 10:04:00 PMबहुत बढ़िया,...सुंदर सटीक हाइकू !ReplyDeleteRepliesReplyडॉ टी एस दरालTuesday, October 01, 2013 11:17:00 PM:)ReplyDeleteRepliesReplyवाणी गीतWednesday, October 02, 2013 8:46:00 AMजनता के हिस्से हाथ मलना ही रहा है अब तक !!व्यंग्य में भी कमाल धमाल ! ReplyDeleteRepliesReplyvirendra sharmaWednesday, October 02, 2013 9:41:00 AM5.अंधी जनताये हैं चुनावी वादेहाथ मलोगेबचके रहियो आरहा है ,बुद्धिमंद। ReplyDeleteRepliesReplyArvind MishraWednesday, October 02, 2013 12:28:00 PMसच ReplyDeleteRepliesReplyदिगम्बर नासवाWednesday, October 02, 2013 2:07:00 PMगज़ब की बात कह दि इन हाइकू में ... छोटे तीर .. घाव करें गंभीर ... ReplyDeleteRepliesReplyAnupama TripathiWednesday, October 02, 2013 4:00:00 PMअंधी जनताये हैं चुनावी वादेहाथ मलोगेचुनाव पर बहुत बढ़िया हाइकु ...!!ReplyDeleteRepliesReply Riya SharmaWednesday, October 02, 2013 7:12:00 PMगुबार उठागधे रेंकने लगेचुनावी वादे5.अंधी जनताये हैं चुनावी वादेहाथ मलोगेumdaa, vichaarniyReplyDeleteRepliesReplyGyan DarpanWednesday, October 02, 2013 9:22:00 PMवाह :)ReplyDeleteRepliesReplyदिनेशराय द्विवेदीThursday, October 03, 2013 4:32:00 AMसुंदर!ReplyDeleteRepliesReplyNiraj PalThursday, October 03, 2013 3:35:00 PMवाह, सुन्दर।ReplyDeleteRepliesReplyसंजय भास्कर Thursday, October 03, 2013 7:16:00 PMबढ़िया,सुंदर हाइकू ReplyDeleteRepliesReplyvirendra sharmaFriday, October 04, 2013 10:09:00 PMखबरदार करते हाइकु -सावधान वो आ रहा है। पैकेज में सिर्फ वायदे ला रहा है। ReplyDeleteRepliesReplyRamakant SinghFriday, October 04, 2013 10:51:00 PMआपने भी बिगुल फूंक दिया ReplyDeleteRepliesReplyधीरेन्द्र अस्थानाSaturday, October 05, 2013 9:39:00 PMbahut khoob tau ji.kya tikat mila apko ya abhi vaydon se hi kaam chal rha hai.ReplyDeleteRepliesReplyRanjana vermaSaturday, October 05, 2013 10:12:00 PMबहुत सुन्दर हाइकु ... समसामयिक़ अभिव्यक्ति !!ReplyDeleteRepliesReplyvirendra sharmaMonday, October 07, 2013 7:03:00 AMचुनाव आये ,सभी सेकुलर समस्वर टर्राये। ReplyDeleteRepliesReplyAnju (Anu) ChaudharyWednesday, October 09, 2013 5:05:00 PMबहुत दिनों के बाद आपको पढ़ना ...अच्छा लगा सटीक लेखन ReplyDeleteRepliesReplyUdan TashtariThursday, October 10, 2013 8:38:00 PMसटीक हाईकू है ....ReplyDeleteRepliesReplyसंगीता स्वरुप ( गीत )Thursday, October 10, 2013 11:34:00 PMसच को कहते व्यंग्य पूर्ण हाइकु । ReplyDeleteRepliesReplyAsha JoglekarFriday, October 11, 2013 3:46:00 AMआज को देखतीअभी को मांगती जनता भोली।आपका ये नया रंग अच्छा लगा।ReplyDeleteRepliesReplyvirendra sharmaFriday, October 11, 2013 9:18:00 AM आभार। ReplyDeleteRepliesReplyRajputMonday, October 14, 2013 10:39:00 AMक्या चटपटे हाइकु बरसाए हैं ताऊ ! वाह मजा आ गया । ReplyDeleteRepliesReplyपूरण खण्डेलवालWednesday, October 16, 2013 4:53:00 PMबहुत सुन्दर ताऊ !!राम राम !!ReplyDeleteRepliesReplyvirendra sharmaWednesday, October 16, 2013 9:40:00 PMचैतुए आयेपांच साला फ़सलऐसी की तैसी3.लोकसेवकशरीफ़ों का मुखौटाआदमखोरबहुत खूब ताऊ सा !सुभान!अल्लाह !ReplyDeleteRepliesReplyवसुन्धरा पाण्डेयFriday, October 18, 2013 11:01:00 PMदेखन में छोटन लागे....घाव करे गंभीर...वाह......ReplyDeleteRepliesReplyवसुन्धरा पाण्डेयFriday, October 18, 2013 11:02:00 PMताऊ जी आप कहाँ हैं आजकल ? न्यू पोस्ट नही दिखी आपकी ReplyDeleteRepliesReplyAdd commentLoad more... 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कम में व्यक्त बड़ा सच।
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ReplyDeleteएक से एक
हाईकू है सटीक
ताऊ जी लाए !
वाह !! बहुत बढ़िया,सुंदर हाइकू !
ReplyDeleteRECENT POST : मर्ज जो अच्छा नहीं होता.
वाह !!! बहुत बढ़िया,सुंदर हाइकू !
ReplyDeleteRECENT POST : मर्ज जो अच्छा नहीं होता.
मैं तेरा ताऊ
ReplyDeleteबात मेरी मान ले
समझ जा तू ............:-)))
आदरणीय ताऊ ,
ReplyDeleteआप कैसें हैं |ब्लॉग की दो पोस्टों के बीच लम्बा अंतराल?|
बहुत ही सुंदर हायकू |
ताऊ !!
ReplyDeleteकहाँ से मारा माल बता दे ताऊ प्यारे
कुछ गुर हमको भी सिख्लादे ताऊ प्यारे !
हाइकू कभी नहीं लिख पाए, हम तो
हीर न जाने कब से मांग रही हैं हमसे !!
मिलेगा जो कुछ आधा आधा होगा वादा
ताऊ इतना करो भरोसा, यार पुराना !
हाथ मलने के बाद भी फिर-फिर वही करेंगे..बहुत बढ़िया कहा..
ReplyDeleteचुनाव के ऊपर बहुत सुन्दर हाइकू !
ReplyDeleteनवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !
नई पोस्ट साधू या शैतान
चुनावी माहौल है ..
ReplyDeleteसामयिकऔर अच्छे हायकू लिखे हैं,
एकदम सटीक और समसामयिक .....
ReplyDeleteयहां दिल्ली में तो लोकसभा से पहले , विधानसभा के चुनाव आ रहे हैं इसलिए और भी ज़्यदा सामयिक लग रहे हैं पॉंचों बंद.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया,...सुंदर सटीक हाइकू !
ReplyDelete:)
ReplyDeleteजनता के हिस्से हाथ मलना ही रहा है अब तक !!
ReplyDeleteव्यंग्य में भी कमाल धमाल !
5.
ReplyDeleteअंधी जनता
ये हैं चुनावी वादे
हाथ मलोगे
बचके रहियो
आरहा है ,
बुद्धिमंद।
सच
ReplyDeleteगज़ब की बात कह दि इन हाइकू में ...
ReplyDeleteछोटे तीर ..
घाव करें गंभीर ...
अंधी जनता
ReplyDeleteये हैं चुनावी वादे
हाथ मलोगे
चुनाव पर बहुत बढ़िया हाइकु ...!!
गुबार उठा
ReplyDeleteगधे रेंकने लगे
चुनावी वादे
5.
अंधी जनता
ये हैं चुनावी वादे
हाथ मलोगे
umdaa, vichaarniy
वाह :)
ReplyDeleteसुंदर!
ReplyDeleteवाह, सुन्दर।
ReplyDeleteबढ़िया,सुंदर हाइकू
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ReplyDeleteखबरदार करते हाइकु -
सावधान वो आ रहा है।
पैकेज में सिर्फ वायदे ला रहा है।
आपने भी बिगुल फूंक दिया
ReplyDeletebahut khoob tau ji.
ReplyDeletekya tikat mila apko ya abhi vaydon se hi kaam chal rha hai.
बहुत सुन्दर हाइकु ... समसामयिक़ अभिव्यक्ति !!
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ReplyDeleteचुनाव आये ,
सभी सेकुलर समस्वर टर्राये।
बहुत दिनों के बाद आपको पढ़ना ...अच्छा लगा
ReplyDeleteसटीक लेखन
सटीक हाईकू है ....
ReplyDeleteसच को कहते व्यंग्य पूर्ण हाइकु ।
ReplyDeleteआज को देखती
ReplyDeleteअभी को मांगती
जनता भोली।
आपका ये नया रंग अच्छा लगा।
आभार।
ReplyDeleteक्या चटपटे हाइकु बरसाए हैं ताऊ ! वाह मजा आ गया ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ताऊ !!
ReplyDeleteराम राम !!
चैतुए आये
ReplyDeleteपांच साला फ़सल
ऐसी की तैसी
3.
लोकसेवक
शरीफ़ों का मुखौटा
आदमखोर
बहुत खूब ताऊ सा !सुभान!अल्लाह !
देखन में छोटन लागे....घाव करे गंभीर...
ReplyDeleteवाह......
ताऊ जी आप कहाँ हैं आजकल ? न्यू पोस्ट नही दिखी आपकी
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