प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
विनम्र विवेदन
"रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर के लिये"
अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु. अल्पना वर्मा
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम
ताऊ पहेली अंक 93 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.
कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.
हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?
ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद कमेंट सुविधा बंद कर दी जायेगी. अगर कमेंट सुविधा किसी कारण वश जारी भी रही तो आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे.
अब रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर का. यानि जो भी प्रतिभागी रामप्यारी के सवाल का सही जवाब देगा उसे 20 नंबर अलग से दिये जायेंगे. तो आईये अब आपको रामप्यारी के पास लिये चलते हैं.
हाय...आंटीज एंड अंकल्स...दीदीज एंड भैया लोग...गुडमार्निंग..मी राम की प्यारी रामप्यारी.....अब आपसे पूरे 20 नंबर का सवाल पूछ रही हूं. सवाल सीधा साधा है. बस मुख्य पहेली से अलग एक टिप्पणी करके जवाब देना है. और 20 नंबर आपके खाते में जमा हो जायेंगे. है ना बढिया काम...तो अब नीचे का चित्र देखिये और बताईये की यह किस फ़ल या फ़ूल के पत्तों का चित्र है?
इस सवाल का जवाब अलग टिप्पणी मे ही देना है. अब अभी के लिये नमस्ते. मेरे ब्लाग पर अब से दो घंटे बाद यानि 10 बजे आज की मुख्य पहेली के हिंट के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्ते.
अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-
टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.
नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम
आज फिर मेरी देखी जगह चुन ली ताऊ ....कैसे जाणा कि मैं हो आया हूँ यहाँ... :) हा हा!
ReplyDeleteGurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Sahib - This famous Gurudwara is situated in the heart of the Dhubri Town on the bank of the mighty Brahmaputra river in far north-east India.
ReplyDeleteगुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब, ढबरी
Sri Guru Tegh Bahadur Sahib Gurdwara
ReplyDeleteDhubri
Assam
India
आज तो मुझसे जीतने के लिए मित्रों को बहुत दम लगाना पड़ेगी... :)
ReplyDeleteसंजय बैंगाणी जी आजकल दिख नहीं रहे..डर गये क्या?
Gurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Sahib - This famous Gurudwara is situated in the heart of the Dhubri Town on the bank of the mighty Brahmaputra river in far north-east India.
ReplyDeleteगुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब, ढबरी
चांदनी चौक दिल्ली का गौरीशंकर मंदिर। लालकिले के सामने है।
ReplyDeleteबारिशरानी से रोमांटिक बातचीत
Gurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Sahib is the famous Gurdwara of Sikhs situated in Dhubri town on the bank of river mighty Brahmaputra in Assam, India.
ReplyDeleteye Golden temple (swarn Mandir) Amritsar hai
ReplyDeleteउसी फल या फूल के पत्तों का चित्र है जो पेड़ पर सचमुच में उगते हैं। प्लास्टिक वाले नहीं, जो फैक्टरियों, कारखानों में बनते हैं।
ReplyDeleteबारिशरस में डूबी दिल्ली
रामप्यारी का सवाल :
ReplyDeleteअंगूर के पत्ते
रामप्यारी लौकी के पत्ते ले आई क्या?
ReplyDeleteGurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Sahib - This famous Gurudwara is situated in the heart of the Dhubri Town on the bank of the mighty Brahmaputra river in far north-east India.
ReplyDeleteगुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब, ढबरी
रामप्यारी का सवाल :
ReplyDeleteसह्तुत के पत्ते
पटना का गुरुद्वारा लग रहा है
ReplyDeleteअंगूर
ReplyDelete1-गुरुद्वारा शीश गंज दिल्ली
ReplyDelete2-कपास का पौधा
namste tau ji the anser is -Gurdwara Sri Guru Teg Bahadur Sahib Ji Dhubri, Assam.
ReplyDelete""Gurdwara Sri Guru Teg Bahadur Sahib Ji Dhubri -Assam""......!!!!
ReplyDeleteGurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Sahib - This famous Gurudwara is situated in the heart of the Dhubri Town on the bank of the mighty Brahmaputra river in far north-east India.
ReplyDeleteगुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब, ढबरी
Angur kee pattiyan ...:) Good morng !
ReplyDeleteSome Gurudwara ...think soo.....
ReplyDeleteगुरु नानक दरबार, पूना
ReplyDeleteGurudwara Mandi, Mandi, Himachal Pradesh
ReplyDeleteराम राम ताऊ !!
ReplyDeleteहमें तो जेल लग रही है जिसमें लोगों को धोखा देकर पैसे कमाने वाले नीम हकीम बंद किये जाते हैं ताऊ !
सावधान !
पटना साहिब गुरुद्वारा है जो पटना,बिहार में स्थित है!
ReplyDeleteधनिया पत्ता लगता है!
Gurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Sahib
ReplyDeleteThe famous Gurdwara of Sikhs situated in Dhubri town on the bank of river mighty Brahmaputra in Assam, India.
grapes leaf(angoor ke patte).....!!
ReplyDeletehai to koi gurudwara
ReplyDeleteregards
Gurdwara Sri Guru Tegh Bahadur
ReplyDeleteregards
Gurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Sahib is the famous Gurdwara of Sikhs situated in Dhubri town on the bank of river mighty Brahmaputra in Assam, India
ReplyDeleteregards
रामप्यारी रानी अंगूर खट्टे हैं...
ReplyDeleteचित्र गुरुद्वारे का लग रहा है, परंतु पहचान नहीं पा रहे :(
ReplyDeleteरामप्यारी के सवाल का जवाब -
ReplyDeleteअंगूर के पत्ते है .....
गुरद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब, चक्रशिला, आसाम
ReplyDeleteअंगूर के पत्ते - रामप्यारी का जवाब
असम के धुबड़ी में आया गुरू तेगबहादूर गुरूद्वारा साहेब लग रहा है.
ReplyDeleteअंगूर के पत्ते - रामप्यारी का जवाब
ReplyDeleteगुरद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब, धुबरी, आसाम
रामप्यारी के सवाल का जवाब
ReplyDeleteशहतूत के पत्ते
प्रणाम
Dhubri District
ReplyDeleteassam mein sthit gurudwara hai yeh
bahut dino baad ana hua hai taau ke blog par ummed hai taau naraj nahin honge..
ReplyDeletemeet
or haan ise gurudwara sri guru teg bahadur kahte hain
ReplyDeletemeet
राम राम ताऊ,
ReplyDeleteजवाब है - गुरद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब, धुबरी, आसाम
और रामप्यारी का - अंगूर के पत्ते
यहाँ भी आये और अपनी बात कहे :-
क्यों बाँट रहे है ये छोटे शब्द समाज को ...?
ताउ राम राम। लगता है कि रामप्यारी जट्रोफा के पत्ते तोड़ लायी है। पता नहीं कहां-कहां से क्या-क्या उठा लाती है :)
ReplyDeleteगुरुद्वारा तेग बहादुर, धुबरी, आसाम
ReplyDeleteGurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Sahib
ReplyDeleteDhubri District
Assam
प्रणाम स्वीकार करें
Gurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Sahib is the famous Gurdwara of Sikhs situated in Dhubri town on the bank of river mighty Brahmaputra in Assam, India. The first Sikh Guru, Guru Nanak Dev visited this place in 1505 A.D. and met Srimanta Sankardeva on his way when he travelled from Dhaka to Assam. Later, the 9th Guru Teg Bahadur came to this place and established this Gurdwara during 17th century. Around 50,000 Sikh devotees from all over the country and the world assemble in this historic shrine every year in the month of December to mark the martyrdom of Guru Tegh Bahadur, which starts on 3rd December with great solemnity and ceremony. Sikhs call this festival Sahidee-Guru-Parav.
ReplyDeleteगुरुद्वारा श्री तेगबहादुर साहिब
ReplyDeleteदुबरी/धूबरी
आसाम
प्रणाम स्वीकार करें
guru tegbahadur sahib gurudwara dhubri assam
ReplyDeleteमुझे तो आसाम का Ujjayanta Palace लग रहा है ।
ReplyDeleteआगे और कोशिश करते हैं की इसका सही नाम क्या है ।
1) some gurudwara...
ReplyDelete2)leaves are of grapes...
पत्ता न कोई अंगूर जैसा..
ReplyDeleteGurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Tripura
ReplyDeleteगुरुद्वारा है शायद दिल्ली का ……………शीश गंज
ReplyDeleteऔर रामप्यारी ये कहाँ से पत्ते ले आयी …………………हमे तो पता चलता ही नही जब पता चले खुद ही बता देना।
GURUDWARA SHRI TEGH BAHADUR SAHIB, DHUBRI DISTRICT ASSAM
ReplyDeleteगुरूद्वारा श्री दमदमा साहिब, स्थान ढुबरी, आसाम
ReplyDeleteताऊ जी यह गुरु तेगबहादुर साहिब गुरुद्वारा है जो की धुबरी टाउन, आसाम में स्थित है.
ReplyDeleteधुबरी एक छोटा सा टाउन है जो की असाम में भारत-बंगलादेश सीमा पर पड़ता है, अगर अपनी गाडी से जा रहे हैं तो यहाँ गुवाहाटी से 4-5 घंटे में पहुँच सकते हैं.
ReplyDeleteरामप्यारी जी, यह पत्ते तो अंगूर के लग रहे हैं.
ReplyDeleteGurdwara Sri Guru Tegh Bahadur Sahib - This famous Gurudwara is situated in the heart of the Dhubri Town on the bank of the mighty Brahmaputra river in far north-east India. Guru Nanak the first Sikh Guru visited this place in 1505 and met Srimanta Sankardeva (the founder of the Mahapuruxiya Dharma) as the Guru travelled from Dhaka to Assam.
ReplyDeletewiki कह रहा था..
ताऊ जी ये गुरुद्वारा तो नहीं देखा
ReplyDeleteGurdwara Sri Guru Teg Bahadur Sahib Ji Dhubri, Assam.
ReplyDeleteपता नहीं कहां का है लेकिन रामप्यारी ये पत्ते अंगूर की बेल के है |
ReplyDeleteसमीर जी केसंग मै भी इस जगह आ चुका हुं, इस लिये समीर जी का जबाब ही मेरा जबाब माना जाये, अंगुर खा कर.
ReplyDeleteअरी राम प्यारी अंगुर खट्टे है
ReplyDeleteरामप्यारी का जवाब :
ReplyDeleteअंगूर की पत्तियां हैं
Dhubri Saheb Gurdwara, Dhubri, Assam
ReplyDeleteअरे रामप्यारी
ReplyDeleteयह अंगूर के पत्ते तो बहुत सुन्दर लग रहे हैं!
रामप्यारी ऐसा थोड़े ही ना होता है। अब कोई भींडी का पौधा भी नहीं पहचानेगा क्या
ReplyDeleteहै तो गुरुद्वारा, कौन सा, यह कल हिंट देखते हैं।
ReplyDeleteरामप्यारी
ReplyDeleteअंगूर के पत्ते.....
(अंगूर खट्टे निकले क्या? जो हमको पत्ते दिखा रही है) :)
Gurudwara Mandi, Mandi, HP
ReplyDeleteकठिन प्रश्न है. अपुन का सरेंडर!
ReplyDeleteअब तो जवाब आ ही गया होगा ..!
ReplyDeleteये पत्ते हैं प्रेम के
ReplyDeleteहरे हरे पत्ते
प्रकृति से प्रेम कर लो
दिलों में प्रेम भर लो
वही जो कर रही है
ताऊ की पहेली
बना रही है सहेला
और सबको सहेली।
ताउ जी म्हारा लम्बर तो आणा मुस्किल ही सै।
राम राम
तेरे जैसा प्यार कहाँ????
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
सूचना :-
ReplyDeleteइस पहेली पर जवाब देने का समय समाप्त हो चुका है.
अब जो भी सही जवाब आयेंगे उन्हें अधिकतम ५० अंक दिये जा सकेंगे एवम जवाबी पोस्ट मे उनका नाम शामिल किया जाना पक्का नही है.
सभी प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन के लिये हार्दिक आभार.
-आयोजनकर्ता