प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 71 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Bathinda fort/qila mubarak,bathinda,Punjab.
किला मुबारक प्रवेश द्वार
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
पुरातत्व शोधों के अनुसार उत्तरी पंजाब में मानव सभ्यता के चिन्ह ईसा पूर्व ४०,००० सालों से दिखाई दिए हैं.७००० साल ईसा पूर्व इंसान ईंट मिट्टी के झोंपड़े बना कर रहते थे,भेड़ बकरियां पाला करते थे.इनके चिन्ह आज भी यहाँ मिलते हैं.१५ AD में यहाँ कुषाण साम्राज्य की स्थापना हुई.
पंजाब राज्य के मालवा इलाके में लखी जंगल में तीसरी सदी में राओ भाटी द्वारा 'बठिंडा शहर' स्थापित किया गया था. बाल राओ भाटी के नाम पर ही इस स्थान का नाम बठिंडा पड़ा.यह कभी राजा जयपाल की राजधानी भी हुआ करती थी.
यहाँ की पांच झीलों के कारण इस शहर को' झीलों का शहर' भी कहते हैं .सीखों के पांचवें तख्त दमदम साहिब यहाँ से थोड़ी दूरी पर ही है.
अधिक जानकारी यहाँ से ले सकते हैं---http://www.bathinda.nic.in/
बठिंडा किला या बठिंडा का किला मुबारक-
पहेली में इस किले को पूछे जाने का उद्देश्य यही था कि हम अपने देश की इस अनमोल ऐतिहासिक राष्ट्रीय इमारत के बारे में जानकारी ले सकें.यह किला 'ईंटों से बना 'भारत का सबसे पुराना किला माना जाता है.इसकी ईंटों के अध्ययन से इसे कुषाण काल का बना माना जाता है,जब सम्राट कनिष्क का शासन हुआ करता था.माना जाता है सम्राट कनिष्क और राजा देब ने मिलकर इस किले को ९०-११० AD में बनवाया था.
१७९ AD से १००४ ADतक भाटी राजपूत शासकों का यहाँ राज्य रहा
१००४ में ग़ज़नी के महमूद नें बठिंडा किले को उनसे छीन लिया था.उनके बाद मोहमद गौरी ने इस किले पर कब्ज़ा किया.गौरी के साथ १३ साल के कड़े युद्ध के बाद पृथ्वीराज चौहान ने इस पर विजय प्राप्त की.भारत की पहली महिला शासक रजिया सुलतान को इसी बठिंडा किले में १२३९ में कैद किया गया था,उनके सेवक अलतुनिया ने रज़िया को इस किले से आज़ाद कराया था.१५१५ में गुरु नानक देव यहाँ आये.१६६५ AD में गुरु तेगबहादुर और १७०५ में गुरु गोबिंद सिंह जी यहाँ आये.वे भी इस किले में रहे थे. बठिंडा के जंगलों में गुरु गोविंद सिंह जी ने चुमक्का नामन ताकतों से लडाई की थी.आज़ादी की लडाई में बठिंडा का किला मुबारक यानि बठिंडा किला का योगदान महत्वपूर्ण है.१८३५ में महराजा करम सिंह ने एक गुरुद्वारा यहाँ बनवाया.यह इमारत भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है. लगभग १९०० सालों के इतिहास का गवाह यह किला आज भी अपने मूल रूप में उसी ढांचे के साथ मजबूती से खड़ा है.
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री ललित शर्मा
श्री पी.सी.गोदियाल,
श्री नीरज मुसाफ़िर जाट
नीरज गोस्वामी
श्री अंतरसोहिल
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
सुश्री वंदना
श्री सतीश सक्सेना
श्री राज भाटिया
सुश्री हरकीरत ’हीर’
अक्षिता (पाखी)
सुश्री आकांक्षा
श्री संजय भास्कर
श्री विवेक रस्तोगी
श्री गगन शर्मा
श्री दिगम्बर नासवा
डा. मनोज मिश्र
श्री अभिषेक ओझा
श्री जीतेंद्र भगत
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
आप सभी को मेरा नमस्कार,
पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.
आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.
पुरातत्व शोधों के अनुसार उत्तरी पंजाब में मानव सभ्यता के चिन्ह ईसा पूर्व ४०,००० सालों से दिखाई दिए हैं.७००० साल ईसा पूर्व इंसान ईंट मिट्टी के झोंपड़े बना कर रहते थे,भेड़ बकरियां पाला करते थे.इनके चिन्ह आज भी यहाँ मिलते हैं.१५ AD में यहाँ कुषाण साम्राज्य की स्थापना हुई.
पंजाब राज्य के मालवा इलाके में लखी जंगल में तीसरी सदी में राओ भाटी द्वारा 'बठिंडा शहर' स्थापित किया गया था. बाल राओ भाटी के नाम पर ही इस स्थान का नाम बठिंडा पड़ा.यह कभी राजा जयपाल की राजधानी भी हुआ करती थी.
यहाँ की पांच झीलों के कारण इस शहर को' झीलों का शहर' भी कहते हैं .सीखों के पांचवें तख्त दमदम साहिब यहाँ से थोड़ी दूरी पर ही है.
अधिक जानकारी यहाँ से ले सकते हैं---http://www.bathinda.nic.in/
बठिंडा किला या बठिंडा का किला मुबारक-
पहेली में इस किले को पूछे जाने का उद्देश्य यही था कि हम अपने देश की इस अनमोल ऐतिहासिक राष्ट्रीय इमारत के बारे में जानकारी ले सकें.यह किला 'ईंटों से बना 'भारत का सबसे पुराना किला माना जाता है.इसकी ईंटों के अध्ययन से इसे कुषाण काल का बना माना जाता है,जब सम्राट कनिष्क का शासन हुआ करता था.माना जाता है सम्राट कनिष्क और राजा देब ने मिलकर इस किले को ९०-११० AD में बनवाया था.
१७९ AD से १००४ ADतक भाटी राजपूत शासकों का यहाँ राज्य रहा
१००४ में ग़ज़नी के महमूद नें बठिंडा किले को उनसे छीन लिया था.उनके बाद मोहमद गौरी ने इस किले पर कब्ज़ा किया.गौरी के साथ १३ साल के कड़े युद्ध के बाद पृथ्वीराज चौहान ने इस पर विजय प्राप्त की.भारत की पहली महिला शासक रजिया सुलतान को इसी बठिंडा किले में १२३९ में कैद किया गया था,उनके सेवक अलतुनिया ने रज़िया को इस किले से आज़ाद कराया था.१५१५ में गुरु नानक देव यहाँ आये.१६६५ AD में गुरु तेगबहादुर और १७०५ में गुरु गोबिंद सिंह जी यहाँ आये.वे भी इस किले में रहे थे. बठिंडा के जंगलों में गुरु गोविंद सिंह जी ने चुमक्का नामन ताकतों से लडाई की थी.आज़ादी की लडाई में बठिंडा का किला मुबारक यानि बठिंडा किला का योगदान महत्वपूर्ण है.१८३५ में महराजा करम सिंह ने एक गुरुद्वारा यहाँ बनवाया.यह इमारत भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है. लगभग १९०० सालों के इतिहास का गवाह यह किला आज भी अपने मूल रूप में उसी ढांचे के साथ मजबूती से खड़ा है.
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 101 |
श्री उडनतश्तरी अंक 100 |
श्री युगल मेहरा अंक 99 |
श्री पी.एन. सुब्रमनियन अंक 98 |
श्री संजय बेंगाणी अंक 97 |
डा. श्री महेश सिन्हा अंक 96 |
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श्री मीत अंक 94 |
सुश्री अर्चना अंक 93 |
प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 92 |
श्री प्रकाश गोविंद अंक 91 |
श्री रामकृष्ण गौतम अंक 90 |
श्री सैयद | Syed अंक 89 |
श्री रतनसिंह शेखावत अंक 88 |
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अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक,
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री ललित शर्मा
श्री पी.सी.गोदियाल,
श्री नीरज मुसाफ़िर जाट
नीरज गोस्वामी
श्री अंतरसोहिल
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
सुश्री वंदना
श्री सतीश सक्सेना
श्री राज भाटिया
सुश्री हरकीरत ’हीर’
अक्षिता (पाखी)
सुश्री आकांक्षा
श्री संजय भास्कर
श्री विवेक रस्तोगी
श्री गगन शर्मा
श्री दिगम्बर नासवा
डा. मनोज मिश्र
श्री अभिषेक ओझा
श्री जीतेंद्र भगत
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
सभी विजेताओं को बधाइयाँ और आयोजकों का इस किले के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आभार |
ReplyDeleteबिल्कुल पृथ्वी पर मिला यह किला।
ReplyDeleteपंजाब के लोगों के प्रेम का सिलसिला।
सीमा गुप्ता जी के साथ-साथ सभी प्रतिभागियों को बधाई!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई। ताऊ पहेली सिर चढ़ कर बोल रही है ....
ReplyDeleteअरे, सीमा जी थोड़ा वेट कर लेतीं तो हम जीत गये होते...खैर, अनेक बधाई!! :)
ReplyDeleteबाकी विजेताओं को भी बधाई इन्क्लूडिंग संजय बैंगाणी.
सीमा जी को बधाईयाँ. अल्पना जी द्वारा दिए गए सुन्दर विवरण के लिए आभार.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को हार्दिक बधाई। इतने सुन्दर फूलो और मेडल के लिए आभार ताऊ जी..."
ReplyDeleteregards
बठिण्डा का किला?
ReplyDeleteबठिण्डा में भी किला है?
मालूम ही नहीं था।
अब तो जाना पडेगा।
सीमा गुप्ता जी सहित सभी प्रतिभागियों को बधाई!!
ReplyDeleteजिनको बधाई लेनी हो ले ले.. हम तो तीन अंक का जख्म सहला रहे है...आय..हाय..हाय...
ReplyDelete:)
सीमा गुप्ता जी सहित सभी प्रतिभागियों को बधाई!
ReplyDeleteसीमा जी, समीर जी, युगल जी, समेत समस्त पहेली प्रेमियों को बधाई !
ReplyDelete-
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विद्युत् बाधा के फलस्वरूप जो हानि हुयी, उसका कोई लाभ / छूट प्रार्थी को नहीं मिल पाया !
यह भी संभव है कि विजेता क्रमांक 92 से 101 के बीच में से किसी की विद्युत् विभाग से कोई सांठ-गाँठ रही हो :)
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अल्पना जी आपने बठिंडा किला के बारे में बहुत ही अनोखी जानकारी दी :
*तीसरी सदी में राओ भाटी द्वारा 'बठिंडा शहर' स्थापित किया गया
*ईंटों से बना 'भारत का सबसे पुराना किला माना जाता है
*रजिया सुलतान को इसी किले में कैद किया गया था
*गुरु तेगबहादुर और गुरु गोबिंद सिंह जी इस किले में रहे थे
*गुरु गोविंद सिंह जी ने चुमक्का नामन ??? से लडाई की थी
स्कूल में न सही अब तो हमारा अच्छा ज्ञान वर्धन हो रहा है
आभार
हुर्रे....!!! सबको बधाई..
ReplyDeleteमीत
बहुत बढ़िया जानकारी प्राप्त हुई किले के बारे में! सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई!
ReplyDeleteपंजाबी भी बडे पहुचे हुये है बिलकुल एक ऎसा ही किला गोबिंदर गढ( अमृत सर मै बनबा दिया, बिना खम्बे के) ओर हम वही बेठे बेठे इंतजार कर रहे है, तीन चार बार करेंट भी लग गया... अचो सब को बधाई जि विजेता बने ओर जो नही बने उन्हे भी
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई,
ReplyDeleteताउ जी को राम राम
बहुत बधाई!..
ReplyDeletesabhi vijetaon ko badhayee.
ReplyDeleteसभी जीतने वालों को बहुत बहुत बधाई ....
ReplyDeleteसीमा जी का आभार इतनी रोचक जानकारी देने के लिए | विजेताओं को बधाई |
ReplyDeleteसीमा जी एवं सभी अन्य विजेताओं को शुभकामनाये!
ReplyDeleteSAB KO BADHAAI AUR RAAM RAAM
ReplyDeleteमेहरगढ़ फोर्ट india
ReplyDeleteमेहरगढ़फोर्ट भारत
ReplyDelete