प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 69 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है महानिर्वाण मंदिर और स्तूप,कुशीनगर ,उत्तर प्रदेश
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
गोरखपुर
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उत्तर प्रदेश राज्य पूर्वांचल में गोरखपुर जिले को बाबा गोरखनाथ का धाम कहा जाता है . मुंशी प्रेमचन्द की कर्मस्थली व फिराक गोरखपुरी की जन्मस्थली के रुप मे भी प्रसिद्धि प्राप्त है.अनेकानेक पुरातात्विक, अध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों की धरती को अमर शहीद पं0 राम प्रसाद बिस्मिल, बन्धु सिंह व चौरीचौरा आन्दोलन के शहीदों की शहादत स्थली के रूप में भी याद किया जाता है.
वैदिक काल में यह स्थान भगवान राम के कौशल राज्य का एक हिस्सा बताया गया है.बारहवीं शताब्दी में मोहम्मद गौरी के राज में प्रसिद्ध तांत्रिक और तपस्वी बाबा गोरखनाथ हुए थे, उन के नाथ सम्प्रदाय का प्रभाव हिन्दू धर्म के सभी वर्गो में दिखाई पड़ता है.उनकी समाधी देखने भी बहुत से पर्यटक आते हैं. ' मगहर ' यहाँ से लगभग २० किलोमीटर पर है जहाँ संत कबीर की समाधी स्थल है.
‘टैराकोटा’ के लिए प्रसिद्ध व आधुनिक गोरखपुर का वर्तमान स्वरुप बेशक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है .
अधिक जानकारी अधिकारिक साईट से लें-
http://gorakhpur.nic.in/
इसी गोरखपुर के कुशीनगर में हम आप को ले कर आये हैं,पहेली में हमने महापरिनिर्वाण मंदिर और उस के पीछे बने स्तूप का चित्र दिखाया था.
आज का कुशीनगर ,प्राचीनकाल के सोलह महाजनपदों में से एक ‘कुशीनारा’ है . रामायण काल में भगवान राम के पुत्र कुश की राजधानी 'कुशावती 'को 483 ईसा पूर्व बुद्ध ने अपने अंतिम विश्राम के लिए चुना था.लुंबनी, बोधगया और सारनाथ के साथ ही कुशीनगर का भी बौद्ध अनुयायियों के लिए बहुत महत्व है.इस कुशीनगर का महत्व यहाँ स्थित महानिर्वाण मंदिर के कारण अधिक है.
महापरिनिर्वाण मंदिर -
इस का स्थापत्य अजंता की गुफाओं से प्रेरित बताया जाता है.मंदिर के आसपास अशोक काल के कई विहार और चैत्य भग्नावशेष मौजूद हैं.
इस मंदिर में भगवान बुद्ध की लेटी हुई (भू-स्पर्श मुद्रा) 6 मीटर लंबी मूर्ति है, जो की एक ही पत्थर[लाल बलुई] से बनी है.सम्राट अशोक ने बनवाया था.इसे करीब 2500 वर्ष पुरानी बताया गया है.
यह मूर्ति अजंता के भगवान बुद्ध की महापरिनिवार्ण मूर्ति की प्रतिकृति है.जहाँ से यह मूर्ति निकाली गई थी उसी स्थान पर यह मंदिर बनाया गया है.
जिस स्थान पर भगवान बुद्ध का अंतिम संस्कार किया गया था वह स्तूप इसी मंदिर के पूर्व में बना है.
महापरिनिर्वाण मंदिर से पहले बीच तालाब में बना भगवान बुद्ध का मंदिर और इसके सामने बना विशाल पैगोडा है.जल मंदिर तक जाने के लिए तालाब के ऊपर पुल बना है.
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इस के अतिरिक्त यहाँ मुख्य पर्यटक स्थल-
माथा कुँवर मंदिर,रामाभार स्तूप,जापानी मंदिर और संग्रहालय ,वाट थाई मंदिर[ मंदिर के शीर्ष पर सोने की परत विशेष आकर्षण है], चीनी मंदिर,भगवान शिव को समर्पित बिरला मंदिर आदि .
कैसे जाएँ-
कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन बनाए की योजना है.
१-नजदीकी रेलवे स्टेशन गोरखपुर रेलवे स्टेशन.
२-वायु सेवा-गोरखपुर से दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के लिए सुविधाहै.
३-सड़क मार्ग-गोरखपुर से टेक्सी और बसें कुशीनगर के लिए नियमित चलती हैं.
ठहरने के लिए उत्तरप्रदेश पर्यटन विकास निगम की ओर से पथिक निवास,प्राइवेट होटल ,बिरला धर्मशाला , बुद्ध धर्मशाला एवम अन्य धर्मशालाएं भी हैं.
अधिकारिक साईट-http://kushinagar.nic.in/
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री पी.सी.गोदियाल,
सुश्री Kshama
श्री सुशील कुमार छौंक्कर
श्री दिनेशराय द्विवेदी
डा. महेश सिन्हा
श्री नरेश सिंह राठौड
सुश्री वंदना
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री सैय्यद
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
आप सभी को मेरा नमस्कार,
पहेली में पूछे गये स्थान के विषय में संक्षिप्त और सारगर्भीत जानकारी देने का यह एक लघु प्रयास है.
आशा है, आप को यह प्रयास पसन्द आ रहा होगा,अपने सुझाव और राय से हमें अवगत अवश्य कराएँ.
गोरखपुर
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उत्तर प्रदेश राज्य पूर्वांचल में गोरखपुर जिले को बाबा गोरखनाथ का धाम कहा जाता है . मुंशी प्रेमचन्द की कर्मस्थली व फिराक गोरखपुरी की जन्मस्थली के रुप मे भी प्रसिद्धि प्राप्त है.अनेकानेक पुरातात्विक, अध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों की धरती को अमर शहीद पं0 राम प्रसाद बिस्मिल, बन्धु सिंह व चौरीचौरा आन्दोलन के शहीदों की शहादत स्थली के रूप में भी याद किया जाता है.
वैदिक काल में यह स्थान भगवान राम के कौशल राज्य का एक हिस्सा बताया गया है.बारहवीं शताब्दी में मोहम्मद गौरी के राज में प्रसिद्ध तांत्रिक और तपस्वी बाबा गोरखनाथ हुए थे, उन के नाथ सम्प्रदाय का प्रभाव हिन्दू धर्म के सभी वर्गो में दिखाई पड़ता है.उनकी समाधी देखने भी बहुत से पर्यटक आते हैं. ' मगहर ' यहाँ से लगभग २० किलोमीटर पर है जहाँ संत कबीर की समाधी स्थल है.
‘टैराकोटा’ के लिए प्रसिद्ध व आधुनिक गोरखपुर का वर्तमान स्वरुप बेशक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है .
अधिक जानकारी अधिकारिक साईट से लें-
http://gorakhpur.nic.in/
इसी गोरखपुर के कुशीनगर में हम आप को ले कर आये हैं,पहेली में हमने महापरिनिर्वाण मंदिर और उस के पीछे बने स्तूप का चित्र दिखाया था.
आज का कुशीनगर ,प्राचीनकाल के सोलह महाजनपदों में से एक ‘कुशीनारा’ है . रामायण काल में भगवान राम के पुत्र कुश की राजधानी 'कुशावती 'को 483 ईसा पूर्व बुद्ध ने अपने अंतिम विश्राम के लिए चुना था.लुंबनी, बोधगया और सारनाथ के साथ ही कुशीनगर का भी बौद्ध अनुयायियों के लिए बहुत महत्व है.इस कुशीनगर का महत्व यहाँ स्थित महानिर्वाण मंदिर के कारण अधिक है.
महापरिनिर्वाण मंदिर -
इस का स्थापत्य अजंता की गुफाओं से प्रेरित बताया जाता है.मंदिर के आसपास अशोक काल के कई विहार और चैत्य भग्नावशेष मौजूद हैं.
इस मंदिर में भगवान बुद्ध की लेटी हुई (भू-स्पर्श मुद्रा) 6 मीटर लंबी मूर्ति है, जो की एक ही पत्थर[लाल बलुई] से बनी है.सम्राट अशोक ने बनवाया था.इसे करीब 2500 वर्ष पुरानी बताया गया है.
यह मूर्ति अजंता के भगवान बुद्ध की महापरिनिवार्ण मूर्ति की प्रतिकृति है.जहाँ से यह मूर्ति निकाली गई थी उसी स्थान पर यह मंदिर बनाया गया है.
जिस स्थान पर भगवान बुद्ध का अंतिम संस्कार किया गया था वह स्तूप इसी मंदिर के पूर्व में बना है.
महापरिनिर्वाण मंदिर से पहले बीच तालाब में बना भगवान बुद्ध का मंदिर और इसके सामने बना विशाल पैगोडा है.जल मंदिर तक जाने के लिए तालाब के ऊपर पुल बना है.
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इस के अतिरिक्त यहाँ मुख्य पर्यटक स्थल-
माथा कुँवर मंदिर,रामाभार स्तूप,जापानी मंदिर और संग्रहालय ,वाट थाई मंदिर[ मंदिर के शीर्ष पर सोने की परत विशेष आकर्षण है], चीनी मंदिर,भगवान शिव को समर्पित बिरला मंदिर आदि .
कैसे जाएँ-
कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन बनाए की योजना है.
१-नजदीकी रेलवे स्टेशन गोरखपुर रेलवे स्टेशन.
२-वायु सेवा-गोरखपुर से दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के लिए सुविधाहै.
३-सड़क मार्ग-गोरखपुर से टेक्सी और बसें कुशीनगर के लिए नियमित चलती हैं.
ठहरने के लिए उत्तरप्रदेश पर्यटन विकास निगम की ओर से पथिक निवास,प्राइवेट होटल ,बिरला धर्मशाला , बुद्ध धर्मशाला एवम अन्य धर्मशालाएं भी हैं.
अधिकारिक साईट-http://kushinagar.nic.in/
अभी के लिये इतना ही. अगले शनिवार एक नई पहेली मे आपसे फ़िर मुलाकात होगी.
आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" की नमस्ते!
प्यारे बहनों और भाईयो, मैं आचार्य हीरामन “अंकशाश्त्री” ताऊ पहेली के रिजल्ट के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूं. उत्तर जिस क्रम मे मुझे प्राप्त हुये हैं उसी क्रम मे मैं आपको जवाब दे रहा हूं. एवम तदनुसार ही नम्बर दिये गये हैं.
श्री प्रकाश गोविंद अंक 101 |
डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक, अंक 100 |
सुश्री बबली अंक 99 |
सुश्री सीमा गुप्ता अंक 98 |
श्री विवेक रस्तोगी अंक 97 |
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सुश्री रेखा प्रहलाद अंक 94 |
प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 93 |
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श्री संजय बेंगाणी अंक 90 |
डा . मनोज मिश्र अंक 89 |
श्री Nirbhay Jain अंक 88 |
श्री उडनतश्तरी अंक 87 |
श्री रतनसिंह शेखावत अंक 86 |
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श्री अभिषेक ओझा अंक 84 |
श्री रंजन अंक 83 |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री पी.सी.गोदियाल,
सुश्री Kshama
श्री सुशील कुमार छौंक्कर
श्री दिनेशराय द्विवेदी
डा. महेश सिन्हा
श्री नरेश सिंह राठौड
सुश्री वंदना
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री सैय्यद
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
प्रकाश भाई को बहुत बधाई एवं अन्य विजेताओं को भी बहुत बधाई.
ReplyDeleteखेल का तो नेचर ही होता है-कभी जीत कभी हार!!
सभी विजेताओं को बधाई और ज्ञान वर्धन के लिए पहेली आयोजकों का आभार !!
ReplyDeleteअगली पहेली का इन्तजार !!
प्रकाश जी सहित अन्य सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteregards
प्रकाश जी, शास्त्री जी एवं सभी विजेताओं को हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें!
ReplyDeleteप्रकाशजी को बहुत बधाई एवं अन्य विजेयता को भी बहुत बधाई
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteजीत में मेहनत झलक रही है :)
प्रकाश जी को बहुत बधाई एवं अन्य विजेताओं को भी बहुत बधाई!!!
ReplyDeleteप्रकाश जी सहित सभी प्रतिभागियों को
ReplyDeleteहार्दिक बधाई!
सभी जीतने वालों को बधाई ........
ReplyDeleteसभी विजेताओं और प्रतिभागियों को
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई !
शुभकामनायें
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क्विज के बहाने हमें कितना कुछ नया जानने को मिलता है ! 'कुशीनगर' मेरी घूमी हुयी जगह है, इसके बावजूद भी इस जगह के बारे में ठीक से जाना आज ही है !
अल्पना जी का आभार !
प्रकाश जी सहित सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.
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