पटोला का असल मतलब क्या है?

पटोला शब्द कई मायनों में उपयोग होता है।  आइये पहले इसके सार्थक रूप को जानते हैं।

आपमें से कुछ ने शायद पटोला साड़ी पहनी हो और हर महिला की इच्छा अवश्य रहती है कि वह एक बार यह साड़ी जरूर पहने। कुछ ऑन लाइन साइट्स पर भी आपने पटोला साड़ी चार पांच हजार की कीमत में बिकती अक्सर देखी होगी। पर यह ओरिजिनल नहीं है। बस नाम ही पटोला साड़ी है वहां।

 पटोला एक सिल्क की साड़ी को कहते हैं जो मुख्यतया गुजरात के पाटन में तैयार की जाती है। 6/7 लोगों द्वारा एक साड़ी 6 से लेकर 12 महीनों में तैयार हो पाती है।

गुजरात के कुछ हिस्सों में  शादी में दुल्हन द्वारा पहने जाने वाले जोड़े के लिए भी पटोला शब्द का उपयोग होता है।

कुछ देशों में इस साड़ी का एक्सपोर्ट भी होता है पर बनाने वाले कम हैं इसलिए बहुतायत में नहीं। इंदिरा जी, अमिताभ, राजीव गांधी और भी नामचीन लोग   इसके मुरीद रहे हैं।

इसकी खासियत यही है कि इसे दोनों साईड से पहन सकते हैं। कीमत 2 लाख से शुरू होकर 8 लाख तक जाती है।

अब आप इस साड़ी का जलवा इसी से समझ लीजिए कि ताऊ ट्रम्प के साथ जब ताई मेलेनिया अहमदाबाद आई थी तब उनको यह साड़ी भेंट की गई थी और सुनने में आया है कि मोदीजी भी पटोले का साफा एक बार पहन चुके हैं।

पंजाब में  "गुड्डी पटोला" कहा जाता था गुड़िया को जो कपड़ों की चिन्दियों  से बनाकर बच्चियां उसे सिल्क के कपड़े से सजाकर खेला करती थी। अपनी गुड़िया की शादी में उसे पटोला सिल्क का जोड़ा पहनाया करती थी।

आजकल पटोला शब्द खूबसूरत लड़की के लिए प्रयुक्त होता है जो बहुत ही  सजी-संवरी हो। जो बहुत ही आकर्षक परिधान में विशेष सुंदर दिखती है यानी पूरे टोल में एकेली ऐसी खूबसूरत हो।  आपने इसी संदर्भ में यूट्यूब पर कई पंजाबी गाने भी सुने होंगे।

 अब इसके नकारात्मक पहलू को जान लेते हैं। आजकल पटोला शब्द का उपयोग  हरियाणा पंजाब में  किसी भी खूबसूरत लड़की को टारगेट करने के लिए होता है या समझ लें कि लड़की की सुंदरता की तरफ अभद्र इशारा करने के लिए पटोला शब्द का प्रयोग किया जाता है।

पटोला शब्द आज एक स्लैंग के तौर पर  प्रचलित हो गया है। पटोला शब्द पंजाबी फिल्मों तथा गानों में बहुतायत से उपयोग होता है परंतु मूल रूप से  इसका अभिप्राय  "गुड़िया को सजाने के लिए लड़कियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले सिल्क के कपडे" से ही है जिसे पटोला कहा जाता है।

शोहदे किस्म के लड़के पटोला शब्द का उपयोग लड़कियों को छेड़ने के लिए करते हैं इसी वजह से पटोला जैसा ख़ूबसूरत शब्द नकारात्मक हो चला है। यह शब्द आजकल एक तरह से छेड़खानी का पर्याय बन गया है।

कोई भी पुरुष अपनी घरवाली  या अंतरंग महिला मित्र के लिए प्रेम पूर्वक  निजी क्षणों में इसे उपयोग करे तो गलत नही है पर सावधान  इस शब्द का  प्रयोग आम बोल चाल में लड़की/महिला  की सुंदरता के कसीदे निकालने में किया जाता है तो  यह छेड़खानी की श्रेणी में आ सकता है। वैसे  निर्भर करता है कि सामने वाला इसे किस तरह से समझ पाता है। इसलिए ताऊ तो आपको यही सलाह देता है कि इस शब्द के प्रयोग के बचना चाहिए। 

वैसे भी यह शब्द आजकल सम्भ्रान्त समाज में हेय माना जाने लगा है और भले परिवारों में यह पटोला गाने भी नहीं चलते हैं।  वैसे युवाओं में आजकल यह शब्द और गाने ज्यादा पसंद किए जाते हैं।  अब मर्जी है आपकी, ताऊ को जो समझाना था वह समझा दिया।



#हिन्दी_ब्लॉगिंग

Comments

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (20-05-2020) को "फिर होगा मौसम ख़ुशगवार इंतज़ार करना "     (चर्चा अंक-3707)    पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --   
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

    ReplyDelete
  2. बढ़िया जानकारी

    ReplyDelete

Post a Comment