प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 88 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Raja Mahal /Palace-Chandragiri Fort-/-- Chittoor - Andhra Pradesh
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
चन्द्रगिरी दुर्ग
स्थान -चंद्रगिरी,जिला-चित्तूर,आंध्र प्रदेश.
१००० ऐ डी में इम्माड़ी नरसिंम्हा यादवराय द्वारा निर्मित.
आन्ध्र प्रदेश की विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी तिरुपति से लगभग १४ किलोमीटर दूर चंद्रगिरी स्थिति है. चंद्रगिरी अर्थात चन्द्रमा की पहाड़ी.मान्यता है कि इसी पहाड़ी पर चन्द्रमा ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी.किले में महल और मंदिर के अवशेष हैं.आन्ध्र प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा यहाँ तेलुगु और अंग्रेजी में 'लाईट और साउंड शो' प्रतिदिन कराया जाता है.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjrhf9zj-iXnO0kfU7ppV19o-eHkE62-KaNbk18RvZTmxMdc6XKjKG7-tufxuUB3pmLxZ32f8ufBtdQQ8jd48qyJMMXRWPxZq-vCRj0_23FHmZwg_I6Mb-PATpabUQJkKuzIcQdmWenVU1D/s320/CHANDRAGIRI+FORT+raja+mahal.JPG)
CHANDRAGIRI FORT Raja Mahal
विजयनगर काल का राजा महल तीन मंज़िला है .ऐसा कहा जाता है कि ईंट पत्थर ,बालू से निर्मित इस महल के निर्माण में लकड़ी का उपयोग नहीं किया गया है. इस पर बने बुर्ज हिंदू वास्तुकला का सुन्दर उदाहरण भी हैं.राजा का महल बहुत ही खूबसूरत बना हुआ है.
पास ही बनी इमारत रानी का महल कही जाती है जो महल जैसी नहीं लगती .प्रथम तल और बने उस पर कमरे देखने से लगता है जैसे वह सिपाहियों के लिए बनवाया गया हो और निचला तल अस्तबल जैसा अधिक प्रतीत होता है.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEixxrCYzjMq_XTNKsgUbWYIt8UMYEOWOhPuLyaPLetB3Ctni5mCvEbWcsS1u7jPJOkZPvSMtZD6VzU_XACBUIGh14TY_A5yubONZaAL5X_dUF1BbgK4Eo1NWCz9I59YDgl-R_RuZ7LnEQjz/s320/CHANDRAGIRI+FORTrani+mahal.JPG)
CHANDRAGIRI FORT Rani Mahal
१९८८-८९ में राजा महल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संग्रहालय बनाया गया .जहाँ खुदाई के दौरान मिली महत्वपूर्ण वस्तुओं के अतिरिक्त राजा कृष्णदेव राय,चिन्ना देवी और तिरुमाला देवी ,श्री रंगाराय आदि की आदमकद धातु और पाषण मूर्तियां देखी जा सकती हैं.
इसके अतिरिक्त चोला,विजयनगर और उसके बाद के काल की वस्तुओं,हथियारों,सिक्के आदि का संग्रह भी यहाँ देखा जा सकता है.
कैसे जाएँ---चेन्नई और तिरुपति से विभिन्न सेवाएं हैं .आंध्र पर्यटन विभाग की बसे भी मिलती हैं.
कब जाएँ--वर्ष पर्यंत
भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित.देखने के लिए टिकट लेना होगा.
अगली पहेली भी दक्षिण भारत से ही है और वह कोई किला नहीं है.
सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.
आज की प्रथम विजेता रही हैं सुश्री सीमा गुप्ता
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEizPaTkpwTmRvmTkhkSG7z3ZJVqeEh2zQJIgJIUMcf1Qm5-oZMpaQLL0h_shflMW2bbODHqahUq47R4jUi_Is93qvn_Mqtb3HgWlKZuJJX8Dm07bg_myMW-kiqSb8zS0LKqoy9Oqrv2tBUn/s320/tpw88-winner.JPG)
प्रथम विजेता सुश्री सीमा गुप्ता अंक 101
आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री रतनसिंह शेखावत
श्री योगिंद्र मोदगिल
श्री ललित शर्मा
श्री आशीष मिश्रा
सुश्री M.A.Sharma "सेहर"
डा.रुपचंद्र शाश्त्री "मयंक,
श्री पी.सी.गोदियाल
श्री महेंद्र मिश्र
श्री स्मार्ट इंडियन
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री अंतरसोहिल
सुश्री वंदना
सुश्री sada
सुश्री डा. अरुणा कपूर.
श्री रंजन
श्री दिगम्बर नासवा
श्री राज भाटिया
सुश्री बबली
सुश्री Anju
श्री राम त्यागी
डा. महेश सिन्हा
सुश्री Nitikasha
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
चन्द्रगिरी दुर्ग
स्थान -चंद्रगिरी,जिला-चित्तूर,आंध्र प्रदेश.
१००० ऐ डी में इम्माड़ी नरसिंम्हा यादवराय द्वारा निर्मित.
आन्ध्र प्रदेश की विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी तिरुपति से लगभग १४ किलोमीटर दूर चंद्रगिरी स्थिति है. चंद्रगिरी अर्थात चन्द्रमा की पहाड़ी.मान्यता है कि इसी पहाड़ी पर चन्द्रमा ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी.किले में महल और मंदिर के अवशेष हैं.आन्ध्र प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा यहाँ तेलुगु और अंग्रेजी में 'लाईट और साउंड शो' प्रतिदिन कराया जाता है.
विजयनगर काल का राजा महल तीन मंज़िला है .ऐसा कहा जाता है कि ईंट पत्थर ,बालू से निर्मित इस महल के निर्माण में लकड़ी का उपयोग नहीं किया गया है. इस पर बने बुर्ज हिंदू वास्तुकला का सुन्दर उदाहरण भी हैं.राजा का महल बहुत ही खूबसूरत बना हुआ है.
पास ही बनी इमारत रानी का महल कही जाती है जो महल जैसी नहीं लगती .प्रथम तल और बने उस पर कमरे देखने से लगता है जैसे वह सिपाहियों के लिए बनवाया गया हो और निचला तल अस्तबल जैसा अधिक प्रतीत होता है.
१९८८-८९ में राजा महल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संग्रहालय बनाया गया .जहाँ खुदाई के दौरान मिली महत्वपूर्ण वस्तुओं के अतिरिक्त राजा कृष्णदेव राय,चिन्ना देवी और तिरुमाला देवी ,श्री रंगाराय आदि की आदमकद धातु और पाषण मूर्तियां देखी जा सकती हैं.
इसके अतिरिक्त चोला,विजयनगर और उसके बाद के काल की वस्तुओं,हथियारों,सिक्के आदि का संग्रह भी यहाँ देखा जा सकता है.
कैसे जाएँ---चेन्नई और तिरुपति से विभिन्न सेवाएं हैं .आंध्र पर्यटन विभाग की बसे भी मिलती हैं.
कब जाएँ--वर्ष पर्यंत
भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित.देखने के लिए टिकट लेना होगा.
अगली पहेली भी दक्षिण भारत से ही है और वह कोई किला नहीं है.
श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 100 |
![]() श्री उडनतश्तरी अंक 99 |
श्री पी.एन.सुब्रमनियन अंक 98 |
श्री प्रकाश गोविंद अंक 97 |
श्री अंतरसोहिल अंक 96 |
प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 95 |
श्री दर्शन लाल बवेजा अंक 94 |
सुश्री इंदू अरोडा अंक 93 |
अब अगले शनिवार को ताऊ पहेली में फ़िर मिलेंगे. सभी पालकों से अनुरोध है कि बच्चों को अगली पहेली में भाग लेने से पहले उनकी तैयारी "ताऊ बच्चे बिगाडो कोचिंग ईंस्टिच्य़ूट" में कोचिंग दिला कर करवाना ना भूलें . तब तक जयराम जी की! |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
श्री रतनसिंह शेखावत
श्री योगिंद्र मोदगिल
श्री ललित शर्मा
श्री आशीष मिश्रा
सुश्री M.A.Sharma "सेहर"
डा.रुपचंद्र शाश्त्री "मयंक,
श्री पी.सी.गोदियाल
श्री महेंद्र मिश्र
श्री स्मार्ट इंडियन
श्री नरेश सिंह राठौड
श्री अंतरसोहिल
सुश्री वंदना
सुश्री sada
सुश्री डा. अरुणा कपूर.
श्री रंजन
श्री दिगम्बर नासवा
श्री राज भाटिया
सुश्री बबली
सुश्री Anju
श्री राम त्यागी
डा. महेश सिन्हा
सुश्री Nitikasha
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
ताऊ बच्चे बिगाडो कोचिंग ईंस्टिच्य़ूट की एक फ़्रेंचाईसी हमें दे दिजिए। हमारे यहां के बच्चे बहुत सीधे हैं,जो जल्दी बिगड़ सकते हैं।
ReplyDeleteऔर बिगड़कर अच्छे रिजल्ट दे सकते हैं। जिससे "ताऊ बच्चे बिगाडो कोचिंग ईंस्टिच्य़ूट" का एवं अपने माता-पिता का जग में नाम रोशन करेंगे।
इन बच्चों के माता पिता आपको दुवाएं देगें जो कि आपने इनके बच्चों को बि्गाड़कर कृतार्थ कर दिया।
राम राम
सुश्री सीमा गुप्ता को बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteसभी विजेताओं व प्रतिभागियों को ढेर सारी शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteआदणीय अल्पना मैम का विशेष आभार, आपने बहोत ही अच्छी जानकारी प्रदान की.
मुझे भी कोचिंग लगवानी पड़ेगी, वैसे फीस क्या है "ताऊ बच्चे बिगाडो कोचिंग ईंस्टिच्य़ूट" की
रामप्यारी मैम
ReplyDeleteमेरे बच्चे पूछ रहें हैं कि CTM (Childern Teacher Meeting) कब है। वो आपसे मिल कर मेरी प्रोग्रैस जानना चाहते हैं कि मेरी बिगडने की पढाई कैसी चल रही है।
जै राम जी की
vijetaon ko badhaai.
ReplyDeleteमैंने आपकी इन्स्टीट्यूट का प्रवेश फ़ार्म डाऊन लोड कर लिया है | बहुत शीघ्र ही फीस का इंतजाम करके भर कर जमा करवा दूंगा |
ReplyDeleteपहेली आयोजनकर्ताओं सहित सभी प्रतिभागियों को बहुत बहुत बधाई!!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को घणी घणी बधाई.
ReplyDeleteहम तो परिक्षा केन्द्र से ही नदारत पाए गए.
कोई प्रतियोगी इसका ऐसा वैसा अर्थ न निकाले. :) रणछोड़ नहीं हैं, ट्युशन करने में व्यस्त है.
सभी विजेताओं व प्रतिभागियों को ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteकुछ लोग ट्यूशन ही करते रहेंगे कि परीक्षा भी देंगे. :)
सीमा जी व अन्य विजेताओं को हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteरामप्यारी मैम ,इस बार माफ कर दो अगली बार से मन लगा कर पढाई करूंगी .नेस्तले की चोकलेट का विज्ञापन देख कर एकदम दिमाग कि बत्ती जल गयी थी कि अरे यह तो गिलहरी का बच्चा है.पर तब तक देर हो चुकी थी|
seema gupta ji aur sabhi vijetaon ko bahut badhai.
ReplyDeleteसभी विजेता को ढेर सारी शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteबधाई ... जीतने वालों को बधाई ...
ReplyDeleteएक कठिन पहेली की विजेता बनने पर सीमा जी को बहुत-बहुत बधाई ... अन्य सभी को भी शुभ कामनाएं
ReplyDeleteआश्चर्य है कि सीमा जी इतनी जल्दी सही जवाब तक कैसे पहुँच गयीं .. सच में कमाल कर दिया. मैं मूरख तो मंदिरों की खोज में लगा हुआ था.
-
-
वैसे ये प्रतियोगियों के साथ अन्याय है. किले की रात वाली फोटो लगाके घन चक्कर बना दिया. रात की खींची फोटो में तो मैं अपना घर भी न पहचान पाऊं :)
-
लगता है हमको भी अब ताऊ की कोचिंग में नाम लिखवाना पड़ेगा.
-
-
एक और किले के बारे में अच्छी जानकारी मिली.
आभार
ताऊ जी बधाई आप सब को ओर विजेतओ को भी...
ReplyDeleteसभी विजेता को ढेर सारी शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteवाह आज तो सीमा जी बल्ले बल्ले हो गई ! सीमा जी को बघाई व सभी दूसरे विजेताओं को भी बहुत बहुत शुभकामनएं जीं...भगवान करे अगले शनिवार भी सबके लिए आसान सी फ़ोटो मिले :)
ReplyDeleteरक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
ReplyDeleteसीमा गुप्ता जी एवं बाकि सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई!
सभी विजेताओं व प्रतिभागियों को ढेर सारी शुभकामनाएँ
ReplyDeleteहा...हा...हा....ये मेधावी छात्रा एक बार भी सही जवाब नहीं दे पी अब तक .......!!
ReplyDelete