प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 85 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है Jagannath Temple Puri [Orissa]
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में भगवान श्री कृष्ण को समर्पित मंदिर है.इसे हिदुओं के चारों धाम में से एक माना जाता है.
विश्व प्रसिद्ध इस मंदिर का वार्षिक रथ यात्रा उत्सव मध्य काल से अब तक बेहद उल्लास और उत्साह से मनाया जाता है.भगवान जगन्नाथ ,उनके भाई बलभद्र और बहिन सुभद्रा के तीन अलग अलग सजे हुए भव्य रथ यात्रा में निकलते हैं.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjNCg5_I8UAq7jxwHeG3obvQK7RyutXhPdibzo_Kle2GB3ktT0lSR850RBUj_N68vNCHgSdUX8Q-6Jmt7xjQupjWiSnz5IwWhTGoIAKPrvwbpJ5AmUwqoOI-2YInfhiIbgFSPcjUQoBwgzW/s320/rathyatra.jpg)
Rath yatra
इस मंदिर का निर्माण कलिंग राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने कराया था और बाद में सन् 1174 ई. में ओडिआ शासक अनंग भीम देव ने इस का जीर्णोद्धार करवाया.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXb6HpGOyEHd7NQoskjuubmhjXPjWhIvdbQCL4PIZ1rlN964oYadaK8amwa3KaXcWtqoF11o7bfrleC_O8Ozjz3NSOTzFpTJgf3KZ21o4_fJ3X3_BKvelifY2HknT9ChEU4MDoJw-mWSwE/s320/Jagannath_Temple_puri.jpg)
Jagannath Temple Puri
३७,००० मीटर ² में फैले इस मंदिर स्थापत्यकला उड़िया शैली की है.मुख्य मंदिर वक्ररेखीय आकार का है, जिसके शिखर पर अष्टधातु से निर्मित विष्णु का श्री चक्र मंडित है, इसे नीलचक्र भी कहते हैं. मंदिर का मुख्य ढांचा पाषाण चबूतरे पर बना है. इसके भीतर आंतरिक गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां स्थापित हैं.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhhxpG1Cm6m1NfO3YDSNS9S8JQSne08eUQuimNDZHAziNWgKJB8Zxq932dz5GEhkPZHnDgDxt7iHbUZZQ-76Zr5eU2e-lHTTQ8YMNCJyPyjTcFp7z57ozNREFdsdsplxmxBoshyphenhyphenY4bY5Lxq/s320/jagannath+temple+dieties.jpg)
jagannath temple dieties
यहाँ की रसोई में भगवान को चढाने वाले महाप्रसाद को तैयार करने के लिए ५०० रसोईए तथा उनके ३०० सहयोगी काम करते हैं,इसे भारत की सब से बड़ी रसोई बताया जाता है.
इस मंदिर में पर्यटकों और गैर-हिन्दू लोगों का प्रवेश वर्जित है.
इस मंदिर में विस्तृत दैनिक पूजा-अर्चनाएं ,सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों वर्ष पर्यन्त होते रहते हैं किन्तु रथ यात्रा का विशेष महत्व है., जो आषाढ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को आयोजित होती है जिस में तीनों मूर्तियों को अति भव्य और विशाल रथों में सज़ा कर यात्रा पर निकालते हैं .
अधिक जानकारी के लिए अधिकारिक साईट पर जाएँ-
http://www.jagannathtemplepuri.com/
एक बात और कहना चाहूंगी कि पुरी का समुद्र तट बहुत ही सुंदर है. यहां से उगते और डूबते सुर्य को देखना एक अलौकिक आनंद देता है. यह बीच बहुत ही सुरक्षित है. यहां बीच पर ही आपको सर्व सुविधायुक्त होटल्स और रिसार्ट्स ठहरने के लिये मिल जायेंगे जिनके अपने निजी बीच हैं.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhUme-JkQP6hilnM4eDDEzN0wCYIZjtx6LhR9wTi1aKal6mDh7yRQdKa9-FjQJWWt84VLUmzWkif-l4B6HPWjY_d_Src_rAhzbcM8C_FpU7cV7BV7LEGvzfiT6KpEDW84S-2g0g0z-ZipNS/s320/puri-beach2.jpg)
Puri Sea Beach
अगली बार जब भी आप पुरी दर्शन के लिये जायें तब यहां सी बीच (Sea beach) घूमना अवश्य याद रखियेगा.
सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं.
आईये अब रामप्यारी मैम की कक्षा में
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
सुश्री बबली
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री राज भाटिया
श्री ज़ाकिर अली ‘रजनीश’
श्री राम त्यागी
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
और इसके बारे मे संक्षिप्त सी जानकारी दे रही हैं सु. अल्पना वर्मा.
उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में भगवान श्री कृष्ण को समर्पित मंदिर है.इसे हिदुओं के चारों धाम में से एक माना जाता है.
विश्व प्रसिद्ध इस मंदिर का वार्षिक रथ यात्रा उत्सव मध्य काल से अब तक बेहद उल्लास और उत्साह से मनाया जाता है.भगवान जगन्नाथ ,उनके भाई बलभद्र और बहिन सुभद्रा के तीन अलग अलग सजे हुए भव्य रथ यात्रा में निकलते हैं.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjNCg5_I8UAq7jxwHeG3obvQK7RyutXhPdibzo_Kle2GB3ktT0lSR850RBUj_N68vNCHgSdUX8Q-6Jmt7xjQupjWiSnz5IwWhTGoIAKPrvwbpJ5AmUwqoOI-2YInfhiIbgFSPcjUQoBwgzW/s320/rathyatra.jpg)
इस मंदिर का निर्माण कलिंग राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने कराया था और बाद में सन् 1174 ई. में ओडिआ शासक अनंग भीम देव ने इस का जीर्णोद्धार करवाया.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXb6HpGOyEHd7NQoskjuubmhjXPjWhIvdbQCL4PIZ1rlN964oYadaK8amwa3KaXcWtqoF11o7bfrleC_O8Ozjz3NSOTzFpTJgf3KZ21o4_fJ3X3_BKvelifY2HknT9ChEU4MDoJw-mWSwE/s320/Jagannath_Temple_puri.jpg)
३७,००० मीटर ² में फैले इस मंदिर स्थापत्यकला उड़िया शैली की है.मुख्य मंदिर वक्ररेखीय आकार का है, जिसके शिखर पर अष्टधातु से निर्मित विष्णु का श्री चक्र मंडित है, इसे नीलचक्र भी कहते हैं. मंदिर का मुख्य ढांचा पाषाण चबूतरे पर बना है. इसके भीतर आंतरिक गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां स्थापित हैं.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhhxpG1Cm6m1NfO3YDSNS9S8JQSne08eUQuimNDZHAziNWgKJB8Zxq932dz5GEhkPZHnDgDxt7iHbUZZQ-76Zr5eU2e-lHTTQ8YMNCJyPyjTcFp7z57ozNREFdsdsplxmxBoshyphenhyphenY4bY5Lxq/s320/jagannath+temple+dieties.jpg)
यहाँ की रसोई में भगवान को चढाने वाले महाप्रसाद को तैयार करने के लिए ५०० रसोईए तथा उनके ३०० सहयोगी काम करते हैं,इसे भारत की सब से बड़ी रसोई बताया जाता है.
इस मंदिर में पर्यटकों और गैर-हिन्दू लोगों का प्रवेश वर्जित है.
इस मंदिर में विस्तृत दैनिक पूजा-अर्चनाएं ,सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों वर्ष पर्यन्त होते रहते हैं किन्तु रथ यात्रा का विशेष महत्व है., जो आषाढ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को आयोजित होती है जिस में तीनों मूर्तियों को अति भव्य और विशाल रथों में सज़ा कर यात्रा पर निकालते हैं .
अधिक जानकारी के लिए अधिकारिक साईट पर जाएँ-
http://www.jagannathtemplepuri.com/
एक बात और कहना चाहूंगी कि पुरी का समुद्र तट बहुत ही सुंदर है. यहां से उगते और डूबते सुर्य को देखना एक अलौकिक आनंद देता है. यह बीच बहुत ही सुरक्षित है. यहां बीच पर ही आपको सर्व सुविधायुक्त होटल्स और रिसार्ट्स ठहरने के लिये मिल जायेंगे जिनके अपने निजी बीच हैं.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhUme-JkQP6hilnM4eDDEzN0wCYIZjtx6LhR9wTi1aKal6mDh7yRQdKa9-FjQJWWt84VLUmzWkif-l4B6HPWjY_d_Src_rAhzbcM8C_FpU7cV7BV7LEGvzfiT6KpEDW84S-2g0g0z-ZipNS/s320/puri-beach2.jpg)
अगली बार जब भी आप पुरी दर्शन के लिये जायें तब यहां सी बीच (Sea beach) घूमना अवश्य याद रखियेगा.
श्री प्रकाश गोविंद अंक 101 |
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श्री ललित शर्मा अंक 94 |
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श्री अभिषेक ओझा अंक 90 |
प. श्री. डी. के. शर्मा “वत्स” अंक 85 |
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक अंक 84 |
श्री Anurag Geete अंक 83 |
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सुश्री अंजना अंक 80 |
श्री दिनेशराय द्विवेदी अंक 79 |
सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई! |
श्री काजलकुमार, श्री Darshan Lal Baweja सुश्री इंदु अरोड़ा श्री ललित शर्मा श्री पी.एन.सुब्रमनियन श्री स्मार्ट इंडियन श्री विवेक रस्तोगी डा.रुपचंद्रजी शाश्त्री "मयंक, श्री उडनतश्तरी श्री Anurag Geete डा. महेश सिन्हा सुश्री सीमा गुप्ता श्री प्रकाश गोविंद सुश्री Anju अब अगले शनिवार को फ़िर यहीं मिलेंगे. तब तक जयराम जी की! |
अब आईये आपको उन लोगों से मिलवाता हूं जिन्होने इस पहेली अंक मे भाग लेकर हमारा उत्साह वर्धन किया. आप सभी का बहुत बहुत आभार.
सुश्री बबली
श्री अविनाश वाचस्पति
श्री राज भाटिया
श्री ज़ाकिर अली ‘रजनीश’
श्री राम त्यागी
अब अगली पहेली का जवाब लेकर अगले सोमवार फ़िर आपकी सेवा मे हाजिर होऊंगा तब तक के लिये आचार्य हीरामन "अंकशाश्त्री" को इजाजत दिजिये. नमस्कार!
आयोजकों की तरफ़ से सभी प्रतिभागियों का इस प्रतियोगिता मे उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद. !
ताऊ पहेली के इस अंक का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया. अगली पहेली मे अगले शनिवार सुबह आठ बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.
प्रकाश जी इतने सारे पुरस्कार कहां रखते होंगे आप :-) आपको भी बधाई व सही अन्य विजेताओं को भी. अल्पना जी को ढेर सा धन्यवाद कि इतनी मेहनत से इतनी सुंदर जानकारी सजाई हम सभी पाठकों के लिए.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई
ReplyDeleteसभी प्रतिभागियों और विजेताओं को
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई!
आदरणीय प्रकाश जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई..
ReplyDeleteregards
सभी विजेताओं को ढेर सारी शुभकामनाएँ साथ ही मित्रता दिवस की भी ढेरों बधाईयाँ.
ReplyDeleteपुरी रथ यात्रा और बरगद के पेड से परिचित हुए ...आभार ...!
ReplyDeleteसभी प्रतियोगियों को बधाई ..!
सभी प्रतिभागी और विजेताओं को
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई |
समस्त विजेताओं और प्रतिभागियों को
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई
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अभी कुछ दिन पूर्व ही तो रथ-यात्रा टीवी पर देखी थी ! इस बार तेजी काम आई!
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रामप्यारी का सवाल औरों के मुकाबले मेरे लिए सिर-दर्द साबित हुआ! अधिकांश लोगों ने पहचान लिया और मैं जंगल-जंगल भटकता रहा! रामप्यारी को सवाल में 'जंगल' शब्द का उल्लेख नहीं करना चाहिए था ...अगर सीधे सवाल यह भी पूछती कि -"यह क्या है" तब भी ठीक था ...कम से कम कन्फुजियाते तो नहीं :)
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अल्पना जी आपने सुन्दर व ज्ञानवर्धक जानकारी दी! आपने बिलकुल सही कहा-"पुरी का समुद्र तट बहुत ही सुंदर है. यहां से उगते और डूबते सूर्य को देखना एक अलौकिक आनंद देता है"
और हाँ ...'महाप्रसाद को तैयार करने के लिए 500 रसोईए तथा उनके 300 सहयोगी...'
इससे मंदिर की सम्पन्नता और सम्रद्धता का पता चलता है
समस्त विजेताओं और प्रतिभागियों को
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteप्रकाश जी, सीमा जी, अजमल जी, दर्शन जी सहित सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई।
मुझे चेल्सी की शादी में गिरिजेश भाई के न पहुँच पाने का दु:ख है।
सभी विजेताओं को बधाई।
ReplyDeleteराज भाटिया जी का नाम नहिं दिख रहा,शायद उन्होने उत्तर भेजा नहिं होगा।
उनकी टिप्पणियों से तो साफ़ था उत्तर उन्हे पता है।
पहेली व्यसनी श्री प्रकाश गौविन्द जी सहित अन्य विजेताओं को भी बहुत सारी बधाई :)
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई!
ReplyDeleteश्री प्रकाश गोविन्द जी सहित अन्य विजेताओं को भी ढेर सारी बधाई.
ReplyDelete-सभी प्रतिभागियों का आभार.
सभी विजेताओं को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई!
ReplyDeleteविजेता को बधाई ..... और सभी को भी ....
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