ताऊ पहेली - 85

प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 85 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जाता है. यानि सुबह 10:00 बजे ही रामप्यारी के ब्लाग पर मिलता है.

विनम्र विवेदन

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? कई प्रतिभागी सिर्फ़ उस राज्य का या शहर का नाम ही लिख कर छोड देते हैं. जो कि अबसे अधूरा जवाब माना जायेगा.

हिंट के चित्र मे उस राज्य या शहर की तरफ़ इशारा भर होता है कि उस राज्य या शहर मे यह स्थान हो सकता है. अब नीचे के चित्र को देखकर बताईये कि यह कौन सी जगह है? और किस शहर या राज्य में है?


ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे.

अब रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर का. यानि जो भी प्रतिभागी रामप्यारी के सवाल का सही जवाब देगा उसे 20 नंबर अलग से दिये जायेंगे. तो आईये अब आपको रामप्यारी के पास लिये चलते हैं.


"रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर के लिये"



हाय...आंटीज एंड अंकल्स...दीदीज एंड भैया लोग...गुडमार्निंग..मी राम की प्यारी रामप्यारी.....अब आपसे पूरे 20 नंबर का सवाल पूछ रही हूं. सवाल सीधा साधा है. बस मुख्य पहेली से अलग एक टिप्पणी करके जवाब देना है. और 20 नंबर आपके खाते में जमा हो जायेंगे. है ना बढिया काम...तो अब नीचे का चित्र देखिये और बताईये की यह कौन से पेड का जंगल है? और जरा इसके पेडों की गिनती भी बताईये की इस जंगल में कितने पेड हैं?

यह कौन से पेड का जंगल है और इसमें कितने पेड हैं? जरा बताईये!


इस सवाल का जवाब अलग टिप्पणी मे ही देना है. अब अभी के लिये नमस्ते. मेरे ब्लाग पर अब से दो घंटे बाद यानि 10 बजे आज की मुख्य पहेली के हिंट के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी तब तक के लिये नमस्ते.

अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व केवल अधूरे और ग़लत जवाब ही प्रकाशित किए जाएँगे.
सही जवाबों को पहेली की रोचकता बनाए रखने हेतु समय सीमा से पूर्व अक्सर प्रकाशित नहीं किया जाता . अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु. अल्पना वर्मा

नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.


मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊजी डाट काम

Comments

  1. ठीक आठ बजे पोस्ट तो यूं देखी जैसे तीर मार लूंगा. हा हा हा
    मंदिर कहीं दक्षिण भारत का है...बस्स्स्स.

    ReplyDelete
  2. रामप्यारी पेड़ बरगद का हो तो कोई क्या ग़िनती करे.

    ReplyDelete
  3. The celebrated Temple of Lord Jagannath now existent at Puri was constructed by Raja Ananta Varman Chodaganga Dev in 12th century A.D. The wooden images of Jagannath Balabhadra and Subhadra were installed in that temple. The management of the temple continued under the Hindu rulers till 1558, when the State of Orissa was conquered by the Afghan Nawab of Bengal and the temple was attacked by the Afgan General ‘Kalapahad’. Then, an independent Khurda kingdom was established by Ramachandra Deb, who assumed the management of the temple. He consecrated the temple and reinstalled the deities. Raja Mansingh, a General of the Mughal King Akbar, defeated the Afghans and annexed Orissa in to the Mughal dominion. It remained under the Mughals till 1751 A.D. Till 1760, the temple continued under the Khurda Raja, who was paying tribute to Mughals and Marhattas. Marhattas took up direct management of the temple till 1803. The Britishers annexed Orissa into British empire in 1803 and allowed Puri Raja to manage the temple. The position continued till 1947.
    regards

    ReplyDelete
  4. tau ji namshte- the anser is-Jagannath Temple, Puri. thanks.

    ReplyDelete
  5. rampyariiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii rani aaj khaan se ye jangal utha laai..????

    ReplyDelete
  6. Lord Jagannath Temple in Puri,
    Orissa :

    Jagannath Temple in Puri is on of the most revered pilgrimage destination in India as it is one of the dhams (abodes) of the divine in India present in the four cardinal directions. The temple architecture has been restored to its full glory so that you can appreciate the influence that the 241 m high spire of the temple has on the state of Orissa. Inside is housed the deity of Lord Jagannath flanked by his sister Subhadra and brother Balrama. Shopping for souvenirs from the markets surrounding the walled temple complex; eating the blessed food in the temple courtyard and visiting the beaches is a must on your tour of Jagannath Temple, especially during Rath Yatra.

    ReplyDelete
  7. tau ji namshte.the anser is-Jagannath Temple, Puri,Orissa. thanks.

    ReplyDelete
  8. isase milataa jultaa mandir Bhuvneshwar main dekhaa thaa...

    ReplyDelete
  9. जगन्नाथ पुरी का भगवान जगन्नाथ मंदिर

    ReplyDelete
  10. रामप्यारी के सवाल का जवाब :
    bamboo forest

    इस जंगल में कितना पेड़ हैं ?????
    क्या इसी वर्ष 2010 तक में ही गिन के बताने हैं :)

    ReplyDelete
  11. बरगद का पेड़ ,यह एक ही पेड़ है

    ReplyDelete
  12. great banyan tree.

    The whole picture, what looks like a forest, is one single tree with all its prop-roots keeping it spreading. It is still alive but the central truck has been removed as it was rotting. I thought that was pretty amazing that the tree could still be a tree without its trunk.

    ReplyDelete
  13. रामप्यारी कौन से जंगल में घूम आई मौसी के साथ !!

    ReplyDelete
  14. मंदिर उड़िसा में है-जय जगन्नाथ

    और पेड़ बरगद का है। जिसकी दाढी अब जड़ बन गयी है और जंगल का रुप ले लिया है।

    ReplyDelete
  15. रामप्यारी बेवकूफ बनाने के चक्कर मे हैं. :)

    ReplyDelete
  16. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  17. रामप्यारी के लिए: बरगद.

    ReplyDelete
  18. पुरी का जगन्नाथ जी का मन्दिर।

    ReplyDelete
  19. राम्प्यारी,
    वटवृक्ष की जडें हैं।

    ReplyDelete
  20. रामप्यारी का जबाब - यह वटवृक्ष का पेड़ है, कोई जंगल नहीं, और केवल एक पेड़ है।

    ReplyDelete
  21. ये वैताल देओल मंदिर है जो भुबनेश्वर, उड़ीसा में स्थित है!

    ReplyDelete
  22. नहीं भैय्या यह तो जगन्नाथ पुरी का मंदिर है. पक्का.

    ReplyDelete
  23. Jagannath temple Puri.The celebrated Temple of Lord Jagannath now existent at Puri was constructed by Raja Ananta Varman Chodaganga Dev in 12th century A.D. The wooden images of Jagannath Balabhadra and Subhadra were installed in that temple.

    ReplyDelete
  24. जगन्ननाथ मंदिर,पुरी,ओरिसा

    ReplyDelete
  25. तने के पेड़ का जंगल
    जिसमें तने ही तने हैं
    गिनने के लिए जितने हैं
    तने उतने भी नहीं है
    पेड़ सिर्फ एक है
    बाकी सब शाखाएं हैं
    जैसे ब्‍लॉग एक और
    टिप्‍पणियां अनेक
    जैसे पेड़ नेक
    वैसे टिप्‍पणियों को देख
    देख ब्‍लॉगर देख
    पोस्‍ट देख
    पोस्‍ट की टिप्‍पणियां देख
    और मंदिर
    धाम है
    अक्षरों का, अक्षर नहीं हैं
    अहमदाबाद का अक्षर है
    नहीं कोई निरक्षर है।

    ReplyDelete
  26. अहमदाबाद का अक्षरधाम
    जबकि मुझे मालूम है
    यह .... उत्‍तर है।

    ReplyDelete
  27. जगन्नाथ मन्दिर
    पुरी
    उडिसा

    राम-राम ताऊ जी

    ReplyDelete
  28. रामप्यारी के सवाल का जवाब
    यह लकडी के पेडों का जंगल है और इसमें घपतालिस पेड हैं

    जै राम जी की

    ReplyDelete
  29. Jagannath Temple
    Puri
    Orissa

    प्रणाम स्वीकार करें

    ReplyDelete
  30. श्री जगन्नाथ मन्दिर, पुरी

    आज की पहेली तो सबसे आसान रही.....

    ReplyDelete
  31. रामप्यारी ये बाँस के पेडों का जंगल है.....

    ReplyDelete
  32. "ताऊ पहेली - 85" का उत्तर
    Lord Jagannath Temple in Puri, Orissa.

    ReplyDelete
  33. "रामप्यारी का बोनस सवाल 20 नंबर के लिये"
    बॉटनिकल गार्डन कलकत्ता में विशाल वट-दृक्ष

    ReplyDelete
  34. नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं.
    अरे ताऊ जी नगद मत दो, चेक दे दो लेकिन इनाम तो पैसो मै नही डलर मै दो, सोच लो तब तक मै मंदिर के सामने जग्गू हलवाई, अरे वो ही जग्गन नाथ हलवाई की दुकान से पुरी छोले खा करा आता हुं

    ReplyDelete
  35. Rampyari:

    banyan tree in botaniacal garden kolkata

    वट वृक्ष

    ReplyDelete
  36. answer of bonus question is single banyan tree.

    ReplyDelete
  37. पुरी का जगन्नाथ मंदिर

    ReplyDelete
  38. रामप्यारी के सवाल का जवाब :
    Deodar forest

    ReplyDelete
  39. ्रामप्यारी आज तो मरवायेगी इतनी गिनती करवा कर्।
    ये तो जगन्नाथ पुरी का मंदिर लग रहा है जो उडीसा मे है।

    ReplyDelete
  40. ताऊ जी राम राम । देरी से आये । अब तो जवाब आ ही गया होगा ।

    ReplyDelete
  41. उड़ीसा राज्य के पूर्वी समुद्र-तट पर स्थित बारहवीं शताब्दी में बना पुरी का जगन्नाथ मंदिर,भारत में हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थ-स्थानों में से एक है|

    ReplyDelete
  42. ताऊ जी,
    आज कल शनिवार की पहेली याद ही नहीं रहती। अब ध्यान आया है।
    ये तो जगन्नाथ पुरी का मंदिर है।

    ReplyDelete
  43. वो अहमदाबाद वाले भाई साहब नहीं दिख रहे-कहीं सही जबाब में पैक तो नहीं हैं वो. :)

    ReplyDelete
  44. @ समीर अंकल

    अहमदाबाद वाले अंकल का मैं भी अभी तक इंतजार कर रही हूं. अभी तक कोई खबर नही है. आपको कहीं दिखे तो कह दिजियेगा कि रामप्यारी ने याद किया है.

    ReplyDelete
  45. banyan forest hai rani magar tree kitne hain nahi ptaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa

    ReplyDelete
  46. राज भाटिया जी,

    खाए क्या पुरी छोले?
    जग्गु और उसका परिवार तो मामा के घर गया है।

    ReplyDelete
  47. तिरुपति बालाजी का मंदिर है क्या ?

    ReplyDelete
  48. @ समीर अंकल
    बहुत याराना लगता है अमदाबादी से :)

    ReplyDelete
  49. रामप्यारी के सवाल का जवाब :
    pine forest

    ReplyDelete
  50. ताऊ जी
    आज तो लागे नम्बर पड़ गया अपना
    कोई बधाई दे तो ले लू क्या ?

    ReplyDelete
  51. यह चित्र उडीसा के जग्गान्नाथ मंदिर का है.यह पुरी नामक नगर मैं स्तिथ है |

    ReplyDelete
  52. बरगद (वट वृक्ष) का पेड़
    The branches of the Banyan tree

    Link :
    http://en.wikipedia.org/wiki/The_Great_Banyan

    ReplyDelete
  53. यह तो बरगद का पेड़ है , कोई जंगल नहीं लग रहा है |

    ReplyDelete
  54. सूचना :-

    इस पहेली पर जवाब देने का समय समाप्त हो चुका है.

    अब जो भी सही जवाब आयेंगे उन्हें अधिकतम ५० अंक दिये जा सकेंगे एवम जवाबी पोस्ट मे उनका नाम शामिल किया जाना पक्का नही है.

    सभी प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन के लिये हार्दिक आभार.

    -आयोजनकर्ता

    ReplyDelete