प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
दूसरा और महत्वपुर्ण बदलाव यह है कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जायेगा जो कि सुबह 10:00 बजे ही उसके ब्लाग पर मिलेगा. बाकी सभी नियम कानून पहले जैसे ही हैं.
यह कौन सी जगह है?
अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु,अल्पना वर्मा
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
ताऊ पहेली अंक 52 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. पिछले अंक से कुछ सामान्य से बदलाव हुये हैं. पहला बदलाव तो यह है कि रामप्यारी यहां की बजाए अपना सवाल सुबह 8:00 बजे ही ताऊजी डाट काम पर पूछेगी. अगर आप उसके सवाल का जवाब देना चाहे तों यहां जाकर जवाब दे सकते हैं और सही जवाब देकर 30 नंबर प्राप्त कर सकते हैं.
दूसरा और महत्वपुर्ण बदलाव यह है कि अब से रामप्यारी का हिंट सिर्फ़ एक बार ही दिया जायेगा जो कि सुबह 10:00 बजे ही उसके ब्लाग पर मिलेगा. बाकी सभी नियम कानून पहले जैसे ही हैं.
ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे
अब आप रामप्यारी के ब्लाग पर हिंट की पोस्ट सुबह दस बजे ही पढ सकते हैं! दूसरा हिंट नही दिया जायेगा.
नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.
मग्गाबाबा का चिठ्ठाश्रम
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
नोट : – ताऊजी डाट काम पर हर सुबह 8:00 बजे और शाम 6:00 बजे नई पहेली प्रकाशित होती हैं. यहा से जाये।
अरे ये रामप्यारी कहाँ का फ़ोटू खींच लायी बड़ी मुश्किल कर दी है।
ReplyDelete10 बजे फिर आता हूं...
ReplyDeleteयो तो रिवाड़ी को "घंटा घर" दिक्खे सै।
ReplyDeleteताऊ ने रिवाड़ी का ना है बैरा
ReplyDeleteया तो है ईंटों और सीमेंट का
बनाया हुआ लंबा ऊंचा घेरा।
ताउ जी और रामप्यारी राम राम
ReplyDeleteधर्मशाला, हिमाचल प्रदेश!
ReplyDeleteभगवान इस बिल्डिंग को मेघालय भेज दे
ReplyDeleteCherrapunji
ReplyDeleteregards
सिक्किम
ReplyDeleteदार्जिलिंग
ReplyDeleteमन्ने तो नेपाल की कोई जगह लाग्गे सै।
ReplyDeleteअरुणाचल प्रदेश
ReplyDeleteलद्दाख
ReplyDeleteचेरापूंजी
ReplyDeleteमीत
koi war memorial hai cherrapunji ke aas pass.
ReplyDeleteregards
ye jagah hai :
ReplyDeleteMeghalaya State
dhoodhte hain.........phir aayenge.
ReplyDeleteनमस्कार,
ReplyDeleteआशा है आप सभी को रामप्यरी ने हिंट दे ही दिया है.
मैं भी एक हिंट दे देती हूँ.
उस ने जो तस्वीरें लगाई हैं उनमें इस राज्य के उस शहर का चित्र है जहाँ बारिशें हो रही हैं[होती रहती हैं]
-ताज़ा समाचार यह भी है की आज हमारे शहर में भी काफ़ी बूँदा बाँदी हुई.
--mukhy paheli ka chitr-इस जगह से जुड़े व्यक्ति का संबंध स्वतन्त्रता संग्राम से है.
शुभकामनाएँ,
आभार.
Meghala State
ReplyDeleteKiang Nongbah Monument
Location: Jaintia Hills District
On the banks of the Myntdu river in the Syntu Ksiar Valley on a field known as "Madiah Kmal Blai" stands a monument dedicated to Kiang Nongbah. Kiang Nongbah, a Jaintia patriot during British rule who died as a martyr for the cause of Indian liberation from British rule. The last words uttered by him from the scaffold before the public hanging on 30th Dec. 1862 had remained true. "If my face turns eastwards when I die, we shall be free again within a hundred years. If it turns westward, we shall be enslaved forever."
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ReplyDeleteब्लोगचर्चा मुन्ना भाई की
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ताऊ! अपुन भाई बोलरिया है.
जब से रामप्यारी ने कलटी मारी है, अपुन का दिमाग काम नही करेलीया है
जास्ती दिमाग का दही करने का नही . छुपछाप रामप्यारी को कल तक हाजिर करने का ?
क्या समझेला ? छुपछाप...... नही तो ...... समझगेयेला .
अभी अपुन तुम्ह्को रेसपेक्ट्फ़ुली राम राम ब्लोलरिया है. अपुन की बात को दिल कू नहीच लगाने का..
दिमाग को लगाने का. क्या ?
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निचे चटका लगाऎ
ब्लोगचर्चा मुन्ना भाई की
हे प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई-टाईगर
MEGHALAYA
ReplyDeleteREGARDS
ये वही जगाह है जहाँ ब्रिटिश सर्कार ने एक स्वतंत्रता सेनानी को लटकाया था...
ReplyDeleteशिलोंग है शायद
मीत
Kiang Nongbah Monument
ReplyDeleteREGARDS
Kiang Nongbah Monument
ReplyDeleteLocation: Jaintia Hills District
On the banks of the Myntdu river in the Syntu Ksiar Valley on a field known as "Madiah Kmal Blai" stands a monument dedicated to Kiang Nongbah. Kiang Nongbah, a Jaintia patriot during British rule who died as a martyr for the cause of Indian liberation from British rule. The last words uttered by him from the scaffold before the public hanging on 30th Dec. 1862 had remained true. "If my face turns eastwards when I die, we shall be free again within a hundred years. If it turns westward, we shall be enslaved forever."
REGARDS
पांडिचेरी
ReplyDeleteजगह मेघालय की लग रही है.
ReplyDeleteराम राम भैया जी ...... समझ नही आ रहा ......... बहुत कठिन पहेली है आज तो ............
ReplyDeleteये जगह कहीं गुवाहाटी में तो नहीं ताऊ!
ReplyDeleteरामप्यारी मिशन पे...हा!हा! बढ़िया तस्वीर
aaj kal samay nahi mil pataa is paheli ka time badaa bemail hai mere liyE!!
ReplyDeleteपूंजी है चेरा की
ReplyDeleteचेरापूंजी है बारिश की
सुबह पता लग जाता
तो नाम पहले नंबर पर
घनघोर बारिश की तरह
छा जाता और जाते भीग
सारे ताऊ पहेली के कुलीग।
न तेरा न मेरा
ReplyDeleteचेरा यानी पानी
पानी की पूंजी
का है डेरा।
Smarak of Freedom Fighter, Jaintiya Hills, Meghalaya
ReplyDeletecherapunji.
ReplyDeleteहिंट ये बस यही पता चला है की ये नॉर्थ ईस्ट में कहीं का है.
ReplyDeleteशिलांग का कोई आदि ब्लॉगर है. आज तो इस पार उस पार करके मानेगा.
ReplyDeleteहमनै तो यो शिलाँग ही दिखे है......
ReplyDelete@@@@@@@यह जगह चेरापूंजी नहीं है लेकिन उस के आस पास ही है..थोड़ा और देखीए....उसी राज्य में!
ReplyDelete***जवाब देने का समय रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है.
सवाल थोडा कठिन है , समय समाप्त
ReplyDeleteसूचना : इस पहेली के जवाब देने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. अब जो भी सही जवाब आयेंगे उन्हें अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे.
ReplyDeleteउत्तर पूर्व भारत में कहीं है ! :)
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