प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम.
ताऊ पहेली अंक 49 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. क्ल्यु हमेशा की तरह रामप्यारी के ब्लाग से मिलेंगे. रामप्यारी के ब्लाग पर पहला क्ल्यु 11:30 बजे और दुसरा 2:30 बजे मिलेगा. रामप्यारी का जवाब अलग टिपणी में देवें. तो आईये अब आज की पहेली की तरफ़ चलते हैं.
यह कौन सी जगह है?
अब रामप्यारी का विशेष बोनस सवाल : - ३० अंक के लिये.
इस अंक के आयोजक हैं ताऊ रामपुरिया और सु,अल्पना वर्मा
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
नोट : – ताऊजी डाट काम पर हर शाम 6:00 बजे नई पहेली प्रकाशित होती हैं. यहा से जाये।
तकनिकी सलाह : हिंदी ब्लाग टिप्स
ताऊ पहेली अंक 49 में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. क्ल्यु हमेशा की तरह रामप्यारी के ब्लाग से मिलेंगे. रामप्यारी के ब्लाग पर पहला क्ल्यु 11:30 बजे और दुसरा 2:30 बजे मिलेगा. रामप्यारी का जवाब अलग टिपणी में देवें. तो आईये अब आज की पहेली की तरफ़ चलते हैं.
ताऊ पहेली का प्रकाशन हर शनिवार सुबह आठ बजे होगा. ताऊ पहेली के जवाब देने का समय कल रविवार दोपहर १२:०० बजे तक है. इसके बाद आने वाले सही जवाबों को अधिकतम ५० अंक ही दिये जा सकेंगे
हाय एवरी बडी..वैरी गुड मार्निंग फ़्रोम रामप्यारी. भगवान रामचंद्र जी की नानी का नाम क्या था ? अब आप मेरे ब्लाग पर पहली हिंट की पोस्ट पढ सकते हैं 11:30 बजे और दुसरी 2:30 बजे. अब रामप्यारी की रामराम. |
नोट : यह पहेली प्रतियोगिता पुर्णत:मनोरंजन, शिक्षा और ज्ञानवर्धन के लिये है. इसमे किसी भी तरह के नगद या अन्य तरह के पुरुस्कार नही दिये जाते हैं. सिर्फ़ सोहाद्र और उत्साह वर्धन के लिये प्रमाणपत्र एवम उपाधियां दी जाती हैं. किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजकों का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा. एवम इस पहेली प्रतियोगिता में आयोजकों के अलावा कोई भी भाग ले सकता है.
मिस.रामप्यारी का ब्लाग
नोट : – ताऊजी डाट काम पर हर शाम 6:00 बजे नई पहेली प्रकाशित होती हैं. यहा से जाये।
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ReplyDeletedilwara jain mandir mount abu!
ReplyDeleteभगवान रामचंद्र जी की नानी का नाम "नानी" था...
ReplyDeleteउड़ीसा में कहीं की फोटो लगती है ये तो
ReplyDeleteसिंहगढ़ किला, पूना का लगता है।
ReplyDeleteधम तो नलायकों मे नाम दर्ज करवा चुके हैं । राम प्यारी तुम्हारी तस्वीर बहुत सुन्दर है। अरे काला टिक्का लगा लो नज़र लग जायेगी। शुभकामनायें
ReplyDeleteश्रीराम की नानी का नाम सुबाला था "उत्तर पुराण" के अनुसार।
ReplyDeleteनाना का नाम तो भानुमंत था मगर नानी का नाम नहीं मालूम, फोटो भी कौशल परदेश की ही लग रही है !
ReplyDeleteचित्र किसी मंदिर का ही है बस रामप्यारी की हिंट का इंतजार है, घर छोटे छोटे नजर आ रहे हैं किसी की नेमप्लेट नहीं दिख रही है, कौन रहता है इन घरों में वो भी नहीं दिख रहा है।
ReplyDeleteफ़ोटो झांसी की लग रही है।
ReplyDeleteSury mandir....Konark....baaki clue dekhkar bataaungi...:)
ReplyDeleteAur mujhe kewal itnaa hee pata hai kii Raam ji kee mata Kauslya theen aur vo Kosala ke raja kee putrii theen....aage nahi aata...:(
Raam raam sabhee mitron ko !!
Kaajal ji ..ab naanee ka naam naaneee thaaa...kya huaa..??hahahaah...........
ReplyDeletehai to koi pracheen mandir hee......
ReplyDeleteaati hun
break ke baad !!
yaha maharashra ke jejuri kille par bhi aisa hi mandir hai,unchayi par,kya wahi hai? bahut pehle gaye thay waha.
ReplyDeleterampyari mam,bahut kathin sawal hai.aaj kal bahut pechida rishton wale sawal uchti hai aap. dekhiye hamare hosp ki CT scan kharab ho chuki hai ,so fatafat wha pahun jayiye catscan karne:):),kitni dikkat ho rahi hai patient ko.tab tak jawab sochne ke liye ab ko ime mil jayega:)
ReplyDeleteरामप्यारी के सवाल ने नानी याद करा ही दी गोवा में।
ReplyDeleteपृथ्वी पर ही है यह जगह गारंटी विद वारंटी।
ReplyDeleteरामप्यारी
ReplyDeleteश्री रामचन्द्र जी की नानी का नाम "सुबाला" था
रामप्यारी यो कौण से मिशन पे निकली सै तू
ReplyDeleteआर्मी मैं भरती होगी के म्हारि शेरनी
इब तै उन गीदडां अर कुत्तां की खैर नहीं जो सीमा पार करन की कोशिश करैंगें
तन्नै बधाई आर्मी म्है भरती होन की
अर ताऊ-ताई नै राम-राम कह दिये मेरी कान्ही तै
चित्तोड़ का मीरा मंदिर..
ReplyDeleteमीरा मंदिर का श्योर नहीं.. पर है चित्तोड़ का किला..
ReplyDeleteताऊ यो तो म्हानै चितौडगढ का किला दिखे है....
ReplyDeleteअरे ये तो चित्तौड़गढ़ है।
ReplyDeleteचित्तौड़गढ़ का किला, हमारा जबाब लॉक किया जाये ।
ReplyDeleteचित्तोड़गढ़ फोर्ट
ReplyDeleteमीत
दशरथ के माता और पिता का नाम
ReplyDeleteइंदुमती और अज था...
मीत
चित्तोड़ गढ़ किले का कृष्ण मंदिर...
ReplyDeleteनीरज
रामप्यारी! थारी तो मती मारी गई है आजकल अपनी नानी का नाम याद नही रहता है तो श्री राम की नानी को कैसे याद रखे?
ReplyDeleteताउ सभी ज्यादा से ज्यादा टंकी पर चढ सकते हैं पर आप कहां कहां चढ कर फोटो ले लेते हैं।
ReplyDeleteये जरूर अर्थ(Earth) नाम के प्लेनेट पर कहीं है।
और ईसका नाम "मिश्र" है
अरी राम प्यारी पहले तु अपनी नानी का नाम बता? अरे हमारा सीधा का भगवान रामचंद्र जी से जो काम करवाना हो बस माथा टेका ओर मन्नत मान ली, अब तु इस नानी दादी की कमीशन मत बीच मै लाना.
ReplyDeleteji hamen to chittod ke kile ka stambh lage hai koi...
ReplyDeleteor nani ki to nani hi jane.
ताऊजी को घणी राम राम. हम इसी टेम चिट्ठे पर आ सकते है. देरी के नम्बर काटना आपके हाथ में है.
ReplyDeleteफोटू चित्तोड़गढ़ के किल्ले से ली गई है.
yah to Chittaurgarh hai ji..
ReplyDeletechittorgarh fort
ReplyDeleteइसे कहते हैं काठ का उल्लू...खुद चित्तौड़गढ़ घूमा हुआ है पर पहचानने में दोपहर कर दी हिंटो का इंतज़ार करते करते :))
ReplyDeleteM.A.Sharma "सेहर" जी को नमस्कार
ReplyDelete:-)
ताऊ! यो तो चित्तौड़गड़ को मीराबाई को मंदर लागे छे!
ReplyDeleteतड़ तड़के तो जोधपुर सूँ आयो, रात री नींद खराब होई, अर मोटर मांहिंने सीत भी घणों लाग्यो। सो आतां ही गरम गरम काफी पी अर सोग्यो। दस बज्याँ उठ्यो अर नैट चालू करियो तो बिजली गायब हो ली। फेर आपणा काम सूँ खड़ग्यो। अब आ कैं नैट देख्यो। अब ताणी तो कोई न कोई पहेली जीत ल्यो होसी। जवाब दे कै काँईं कर लेसी।
ReplyDeleteसुबह सुबह भी देख लेतो जद भी काँई कर लेतो। ज्वाब तो पल्ले ही ना पड़ रियो।
रामप्यारी! मन्ने तो म्हारी नानी को नाम याद होसी। उणको नाम मीराबाई हैगो।
ReplyDeletemujhe to pushkar ka mandir lag raha hai...
ReplyDeleteफिर से लौटा हूँ, राम की नानीजी "शांता" हो सकती है.
ReplyDeleteji...chittodgarh ka scene hai ye...i mean fort..
ReplyDeleteताऊ जी आज पहेली का जबाब तो लगता है किसी और ब्लॉग पर चला गया और दूसरी जगह वाली टिप्पणी यहाँ हो गयी | खैर गम इसलिए नहीं है क्योकि पहेली का तो उत्तर पता ही नहीं था | अब वापस आने पर इस गलती का पता चला और सुधार पाया |
ReplyDeleteताऊ जी ये तो चित्तोड़ का किले का दृश्य है | चित्तोड़ का किला बहुत पहले देखा था पर फिर भी बिना हिंट के पहचान नहीं पाया |
ReplyDeleteताऊ जी ये तो चित्तोड़ का किले का दृश्य है | चित्तोड़ का किला बहुत पहले देखा था पर फिर भी बिना हिंट के पहचान नहीं पाया |
ReplyDeleteअरे यार मेरा तो जवाब गलत हो गया राम प्यारी बताया भी नहीं एक मिसकाल ही देती..
ReplyDeleteबड़ी फौजी बन के खड़ी है...
जरा ठहर सही जवाब देता हु...
मीत
रामचंदर जी की नानी का नाम सुबाला था...
ReplyDeleteसमझी...
बता तो देती की मैंने नानी की जगह दादी का नाम बता दिया है...
बड़ी मटककली बनी घुमती है...
मीत
मुझे तो सोमनाथ मन्दिर लग रहा है!
ReplyDeleteजी हाँ!
सोमनाथ मन्दिर ही है।
फ़िर ले हो गये, क्या करें?
ReplyDeleteये जगह है - चितौड का किला, राजस्थान.
फ़िर लेट हो गये - पढें....
ReplyDeleteमन्नै पता सै अक् या फोटू कित की सै.... पर बताऊं कोनी.... नहीं तो ताई नाराज होजेगी... क्योंकि.....???????
ReplyDeleteरामप्यारी.......... मैं तो अपणी नानी का नाम जगाधरी का आचमन करकै बताया करूं.... राम जी की नानी का नाम बिना आचमन के क्यूक्कर बताऊं......??????
ReplyDeleteईब सुणले ताऊ खूंटे की.....
ReplyDeleteअक्
एक बै की बात
अपणे जरमनी वाले भाटिया जी रोहतक तै हरियाणा रोडवेज की बस म्हं बेठ कै दिल्ली जा रहे थे. बस नै ताऊ चला रहया था. मजे की बात दोनो जगाधरी मैं सैट....
ताऊ तो बस नै सांप की ढाल आड्डी-तिरछी चलाए जा था. अर भाटिया नै अपना सिर बाहर काढ़ राख्या था. इतने म्हं सामणैं तै नीरज गोस्वामी सीधे खोपोली तै वाया राजस्थान वाया हरियाणा आण लागरे थे.
ईब भाइयों अर लुगाइयों जगाधरी मैं सैट ताऊ नै कसूत्ते ढंग तै बस काट्टी तो भाटिया जी का कान कट कै नीचै गिरग्या.
भाटिया जी चीखे.. ताऊ नै बस रोक्की अर् बूझण लाग्या रै के होग्या....?
भाटिया जी बोल्ले, रै ताऊ.. मेरा कान इस टक्कर मैं टूट कै नीचै पड़ग्या..
ताऊ बोल्या, रै भाटिया जी, तेरा तो कान गिरग्या लोगों का पता नी के के गिरग्या... ईब रोना बंद कर मैं तेरा कान ढूंढ कै ल्याऊं सूं...
ताऊ नै रिवर्स लगाया. गाड़ी पाच्छै करी. अर एक कान ल्या कै बोल्या, यू ले भाटिया जी तेरा कान..
भाटिया जी बोल्ले, यू मेरा कान कोनी...
ताऊ बोल्या, रै भाटिया जी, यू कान तेरा है...
भाटिया जी बोल्ले, यू मेरा कान कोनी..
ताऊ फेर बोल्या, रै भाटिया जी, यू कान तेरा है..
भाटिया जी बोल्ले, यू मेरा कान कोनी..
ताऊ गुस्से मैं बोल्या, रै भाटिया जी, तू कैसे कह्वै के यू कान तेरा कोनी,,,???
भाटिया जी बोल्या, रै ताऊ, इस कान पै बीड़ी कोनी टंगरी.... इस वास्तै कहूं सूं.... यू मेरा कान कोनी......
उदयपुर का एकलिंगी टेम्पल .....?
ReplyDeleteचित्तौड़गढ़ किला.
ReplyDeleteनानी याद आ गई ...
ReplyDeleteजगन्नाथ मंदिर, भुवनेश्वर?
ReplyDeleteRajasthaan ka koi pracheen mandi lag raha hai.....
ReplyDeletenaani ab bhee yaad nahi aayiii..:))
Raam raam sabhee mitron ko !!!
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Biby Cletus
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ReplyDeletephoto to nishchit roop se चित्तोर्गढ़ के किले की hai ....
ReplyDeletesubala-- lord ram ki nani.
Ye silsila yoon hi chalta rahe.
ReplyDeletePeriwinkle plant medicinal uses