प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम
कल की ताऊ पहेली – 34 का सही जवाब है उज्जयंता पैलेस अगरतल्ला, त्रिपुरा. जिसके बारे में कल सोमवार की ताऊ साप्ताहिक पत्रिका मे विस्तार से बता रही हैं सु अल्पना वर्मा.
अब बात करें ताऊ पहेली – 33 के परिणामों की.
आज के प्रथम विजेता…हार्दिक बधाई पूरे 101 अंक
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आज के द्वितिय विजेता श्री प्रकाश गोविंद हार्दिक बधाई .पूरे १०० अं |
आज के तीसरे विजेता हैं श्री मीत हर्दिक बधाई पूरे ९९ अंक |
आईये अब क्रमश: आज के अन्य माननिय विजेताओं से आपको मिलवाते हैं.
HEY PRABHU YEH TERA PATH अंक ९८ |
अंक ९७ |
Pt.डी.के.शर्मा"वत्स" अंक ९६ | संजय तिवारी ’संजू’ अंक ९५ |
seema gupta अंक ९४ | सैयद | Syed अंक ९३ |
अविनाश वाचस्पतिअंक ५० | पवन *चंदन* अंक ४९ |
अंक ४८ | डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक अंक ४७ |
इसके अलावा निम्न महानुभावों ने भी इस पहेली अंक मे शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया. जिसके लिये हम उनके हृदय से आभारी हैं.
श्री विवेक रस्तोगी, श्री दिनेशराय द्विवेदी, सुश्री निर्मला कपिला, श्री सोनू, श्री भैरव, श्री भानाराम जाट, श्री पंकज मिश्रा, श्री संजय बैंगाणी, श्री सुशील कुमार छोंक्कर, श्री जीतेंद्र भगत, श्री दिगंबर नासवा, सुश्री हरकीरत हकीर, श्री बवाल, श्री शाष्त्री जे.सी. फ़िलिप, श्री प्रवीण त्रिवेदी, श्री दीपक तिवारी, श्री स्मार्ट इंडियन, श्री मकरंद और सुश्री M.A. Sharmaa”सेहर”
आपका सबका तहेदिल से शुक्रिया.
हाय…गुड मोर्निंग एवरी बडी…आई एम राम..की प्यारी… रामप्यारी.
रामप्यारी के सवाल का सही जवाब था …क्या था? अब मैं क्या सही जवाब बताऊ? सब कहते हैं ना कि गणित मे दो और दो चार ही होते हैं? यानि सवाल का एक ही सही जवाब होता है? तो अब देखिये एक ही सवाल के अलग अलग जवाब हैं और सारे के सारे सही हैं. तो ये है रामप्यारी मैम का सुपर मैथ्स.
हां तो अब जिन्होने सही जवाब दिये उन सबको दिये गये हैं ३० नम्बर…अगर भूल चूक हो तो खबर कर दिजियेगा..सही कर दिये जायेंगे. पिछली बार दिलीप कवठेकर अंकल के भी गल्ती से छुट गये थे जो अब सही कर दिये गये हैं.
तो सबसे पहले बस चलाकर आये सैय्यद अंकल, फ़िर अनानिमस जी, फ़िर रंजन अंकल..फ़िर संजय तिवारी संजू अंकल, फ़िर प्रकाश गोविंद अंकल, और उसके बाद आये अविनाश वाचस्पति अंकल.
फ़िर मीत अंकल और जयपुर दिल्ली बस के नियमित ड्राईवर नीरज गोस्वामी अंकल तो पूरी बस लेकर ही आगये.
अजय कुमार झा अंकल, काजल कुमार अंकल आये बडे तार्किक रुप से बस चलाते हुये.
और निरज जाट अंकल, हे प्रभु ये तेरा पथ वाले महावीर अंकल, फ़िर अर्चना तिवारी आंटी, नितिन व्यास अंकल और सबसे आखिर मे आये वो यादें भैया.
अब रामप्यारी की तरफ़ से रामराम…अगले शनीवार फ़िर से यही मिलेंगें. वैसे आजकल शाम ६ बजे मैं ताऊजी डाट काम पर रोज ही मिल जाती हूं. ..और हां आपका कल से शुरु होने वाला सप्ताह शुभ हो.
अच्छा अब नमस्ते. कल सोमवार को ताऊ साप्ताहिक पत्रिका मे आपसे पुन: भेंट होगी.
सभी प्रतिभागियों को इस प्रतियोगिता मे हमारा उत्साह वर्धन करने के लिये हार्दिक धन्यवाद.
ताऊ पहेली – 34 का आयोजन एवम संचालन ताऊ रामपुरिया और सुश्री अल्पना वर्मा ने किया.
संपादक मंडल :-
मुख्य संपादक : ताऊ रामपुरिया
वरिष्ठ संपादक : समीर लाल "समीर"
विशेष संपादक : अल्पना वर्मा
संपादक (तकनीकी) : आशीष खण्डेलवाल
संपादक (प्रबंधन) : Seema Gupta
संस्कृति संपादक : विनीता यशश्वी
सहायक संपादक : मिस. रामप्यारी, बीनू फ़िरंगी एवम हीरामन
स्तंभकार : प्रेमलता एम. सेमलानी ( नारीलोक)
प्रवीण भाई को बधाई...
ReplyDeleteचलो हमारा नाम तो आया कई दिनों के बाद :)
वाह भाई जाखड़ जी, बहुत बहुत बघाई...शानीचर को जल्दी जगने के लिए; व दूसरों को भी, जो कुछ आलसी निकले पर सही निकले.
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बधाई...क्या ताऊ इत्ती दूर दूर घुमते हो..कभी कभी बीच में भी घूमा करो..अरे दिल्ली मुंबई ..और कहाँ..हाँ आपका ध्यान तो गोवा पर ही जाएगा..
ReplyDeleteसमयाभाव के कारण पहेली का उत्तर नहीं दे पाता हूँ पर बधाई जरुर दे देता हूँ... विजेता और उपविजेताओं को बधाई .
ReplyDeleteप्रवीण जाखड जी को बधाई !!
ReplyDeleteकल तो हम गच्चा खा गए। कलकत्ता में ही घूमते रह गए, असली उत्तर तो त्रिपुरा में था। पर आप भी शायद हमारा नाम लिखने में गच्चा खा गए, या दिनेश चंद्र द्विवेदी कोई और हैं।
ReplyDeleteप्रवीण जाखड़ एवं अन्य सभी विजेताओं को बधाई।
ReplyDeleteरामप्यारी मैम ने अपनी योग्यता के अनुरूप ही सवाल पूछा था।
आखिर ताऊ की चेली है ना।
प्रवीण जाखड जी सहित अन्य सभी विजेताओं एवं प्रतिभागियों को बहुत बहुत बधाई!!!
ReplyDeletesabhi vijeta ko ghani badhai
ReplyDeletepraveen जी और सभी jeetne waalon को badhaai .................. बधाई ........... बधाई......
ReplyDeleteसभी को हार्दिक बधाई
ReplyDeleteजखादजी घनी घनी बधाई और सभी विजेताओं को ताउजी व्यस्तता के चलते हिस्सा नहीं ले पाया माफ़ कर्दिजियेगा|
ReplyDeleteसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteप्रवीण जी को पहली बार प्रथम स्थान पाने पर ढेरों बधाईयाँ.
जानकारी के लिए --
कल दिखाए मुख्य पहेली के चित्र में उज्जयनता पैलेस का एक हिस्सा दिखाया गया था.
picture क्लू-१-North Gate, near Astabal ground, अगरतला
Clue-2-Highway-44-assam-tripura border.
clue-3-Garia--Folk dance of tripuri community.
**[अगर क्लू १ चित्र को क्लिक कर के बड़ा देखते तो एक बोर्ड पर अगरतला लिखा दिख जाता.]
आभार.
सभी विजेताओ को बधाई
ReplyDeletepraveen ji ko bahut badhai...hamein to hawa hi nahin lagi ki kun si jagah hai :)
ReplyDeleteso side me khade hokar taali baja rahe hain.
प्रवीण जाखड जी के लिए तालियाँ !
ReplyDeleteसाथ ही सभी प्रतियोगियों को बधाई !
हिंट के माध्यम से
पहेली का जवाब तलाशना कठिन है !
काई बार तो हिंट की वजह से प्रतियोगी और भी ज़्यादा भटक जाता है !
इस बार लगता है कई लोगों को काफ़ी परेशानी हुई !
प्रवीन जी को हमारी बधाईयाँ. हम तो भाग ले न सके. इसका कोई गम भी नहीं है क्योंकि पूर्वोत्तर भारत हमसे बिदका हुआ है.
ReplyDeleteइस बार चूक गये!!!
ReplyDeleteप्रवीण जाखड जी जो बधाई ...!!
ReplyDeleteवाह ताऊ जी आपका हर एक पोस्ट कमाल का होता है! मुझे बहुत अच्छा लगता है पड़ने में! प्रवीन जी और बाकी सभी विजेताओं को ढेर सारी बधाइयाँ!
ReplyDeleteप्रवीण जाखड जी को बधाई !!
ReplyDeleteऔर
प्रकाश गोविंद जी के लिए कंधा हाजिर है अगर दो बूँद आँसूं बहाना चाहें नम्बर दो पर आने के लिए.. मेरे अपने हैं वरना तो किराये पर भी न हाजिर करुँ कँधा!!!
बाकी सबको बधाई!!
प्रवीण जाखड़ एवं अन्य सभी विजेताओं को बधाई।
ReplyDeleteregards
आपत्ति घोर आपत्ति...हमने भी पहेली में शामिल हो कर आपका उत्साह बढाया था...ये अलग बात है की एक बार नहीं दो बार आकर भी ठीक उत्तर नहीं दिया क्यूँ की हम नहीं चाहते थे की प्रवीण भाई को ईनाम न मिल कर हमें मिले...लेकिन आपने हमें धन्यवाद प्रेषित नहीं किया...हमारा जिक्र भी नहीं किया...आपसे तो रामप्यारी भली...हम तो उसी के सवालों का जवाब दिया करेंगे अब ये सोच लिया है पक्का...
ReplyDeleteनीरज
बहुत-बहुत शुक्रिया ....मेहरबानी समीर जी
ReplyDeleteबड़ा अच्छा लगा !
कोई तो है जो इतने खुले मन से कंधा हाजिर कर रहा है !
वरना मौजू-ए-हालात तो ऐसे हैं कि दिल हल्का करने जिसके कंधे पर सिर रखने जाओ वह पहले ही अपना सिर मेरे कंधे पर रख देता है !
sbhee mitron ko badhaii !!!!
ReplyDeleteसेहर जी
ReplyDeleteबधाई देने में कंजूसी
बधाई तो दुश्मनों को भी
दे ही देनी चाहिए
मित्रों को तो सभी देते हैं
जिन्हें मित्र बनाना हो
उन दुश्मनों को दें तो
वे मित्र बन जायेंगे।
अब वो बात दीगर है कि
कोई दुश्मन ही न हो
पर ऐसा होना मुमकिन है।