ताऊ की शनीचरी पहेली-४

आप सबनै शनीचर की राम राम. इस शनीचरी पहेली न.४ मे आपका स्वागत है . नीचै ध्यान तैं देख कै जवाब देणा है बिल्कुल ही आसान पहेली है . यह कौन सी प्रसिद्ध जगह, कहां पर है. तो जरा सा दिमाग पर जोर डालिये. और पहेली जीत कर अपनी मेरिट को उपर कर लिजिये.


आपसे गुजारिश है कि जवाब बिल्कुल सुस्पष्ट देवे, यह कौन सी जगह है? इसकानाम लिखें, और फ़टाफ़ट अपना जवाब दे दे. विवरण के लिये दुसरी टीपणि करें, जिससे आपके पहले कोई दुसरा जवाब देकर आपसे अधिक अंक नही ले जाये.


shanichari-paheli-4

यह कौन सी प्रसिद्ध जगह है.

आप विषय से संबंधित जितनी सही जानकारी देंगे वो सभी के ज्ञानवर्धन के लिये ज्यादा अच्छा रहेगा . और आपकी टिपणी भी प्रकाशित की जायेगी .


इसका जवाब आपके जागने से पहले परसों सोमवार को मिल जायेगा . यानि ठीक ४८ घन्टे बाद.


ये है सबसे आसान पहेली. हम चाहते हैं कि सभी जवाब देने वालों का नाम विजेताओ मे शामिल हो. यह शनीचरी पहेली हर शनीवार सुबह ४.४४ AM प्रकाशित होगी और सोमवार को सुबह ४.४४ AM जवाब दे दिये जायेंगे. तो है ना छुट्टी के दिनो का भरपूर मजा घर बैठे.


इस ब्लाग के दाहिंने तरफ़ आप आपकी मेरिट की स्थिति देख सकते हैं. सोमवार को इस अंक के रिजल्ट के साथ ही यह अपग्रेड कर दी जायेगी. पहेली के नियम कायदे पहेली न.१ के रिजल्ट के साथ साथ बता दिये गये थे. जो यहां चटका लगा कर भी देखे जा सकते हैं.


आपके सुझावो का हमेशा ही स्वागत है.


एक विशेष सूचना हम अवश्य देना चाहेंगे कि आप चाहे जितनी देर से आयें आपको अगर सही जवाब मालूम है तो जवाब अवश्य देवें . यहां पर आपको हर सही जवाब के साथ मार्क्स दिये जाते हैं जो इकठ्ठे होकर कभी भी भविष्य मे आपको बहुत काम आयेंगे. और हर भाग लेने वाले प्रतिभागी को एक अंक दिया जाता है.


आपने अगर जवाब दे दिया हो तो आप इन्तजार करें. हो सकता है आप का जवाब जान बुझकर रोका गया हो. हम पहले ही बता देते हैं कि निरणायक गण आपको भ्रम मे डालने के लिये और पहेली की मनोरंजकता बढाने के लिये पहले जो टिपणियां प्रकाशित करते हैं वो गलत भी हो सकती हैं और सही भी. दोनो ही बाते हैं. अत: अपने विवेक से उत्तर देवें.


और आपसे एक निवेदन है कि किसी भी हालत में जवाब मे लिंक नही देवें. अगर आपका जवाब सही है तो हम उसे गलत नही करेंगे, पर आपके Link देने से आपके बाद आने वालों के लिये कोई चार्म नही बचता.

अत: प्लीज..प्लीज..Link कतई नही देवें. वर्ना आपकी टीपणी प्रकाशित नही की जावेगी.


एक प्रश्न समीर लाल जी का आया था. सभी नये प्रतिभागियों के लिये महत्वपुर्ण है .अत: उस प्रश्न और उसके उत्तर को देख लेते हैं.



Udan Tashtari said...

ताऊ
ये गलत बात है कि मैं कुछ दिन छुट्टी पर क्या रहा, आपने तो पाईन्ट सिस्टम और न जाने क्या क्या शुरु कर दिया. अब मैं तो पिछड़ गया न??


क्या अब से जबाब देने लगूँ तो वो मार्क्स अनुपस्थित क्लास में एवरेज लगा दोगे (पहचान भी तो है-मैं तो पूछता भी नहीं कि ’ताऊ कौन’??)
बताईए?


प्रश्न का उत्तर :-


आदर्णिय गुरुजी, इस पहेली की आडिट आपको ही करनी है. इसके हर भाग लेने वाले का पूरा रिकार्ड हमारा लेखा विभाग रखता है. प्रत्येक सही जवाब को वरियता के क्रम से हम १०० से घटते आर्डर मे अंक देते जाते हैं. और एक अंक हर भाग लेने वाले को बाई डिफ़ाल्ट एक्स्ट्रा. इस तरह सबसे पहले सही जवाब को अधिकतम १०१ अंक दिये जाते हैं.

ये पहेली लंबी चलती रहेगी और मेरिट भी चलती रहेगी. जब भी इस सिरीज के फ़ायनल होंगे उसके पहले सेमी-फ़ायनल करवाये जायेंगे.

बीच बीच मे कभी कोई हेट्रिक हो गई या किसी भी क्रम में ५ बार के प्रथम विजेता को सम्मान सर्टिफ़िकेट दिया जायेगा.

अब आपका अहम सवाल कि जो पिछड गये उनका क्या होगा? सवाल सही है, पर
देखिये इस प्रतियोगिता मे नियमित और सही जवाब अगर कोई देता है तो मेरा मानना है कि वो खरगोश और कछुये की तरह जीत सकता है.

अब ब्लाग के दाहिनी और मेरिट लिस्ट देखिये- इसमे सुश्री अल्पना वर्मा ४ थे नम्बर पर हैं. अब अगर इनके उपर के ३ लोग अनुपस्थित हो जाते हैं या गलत जवाब दे जाते हैं तो ये टोप पर पहुंच जायेंगी. यह किसी भी स्तर से हो सकता है. हम पिछला पूरा रिकार्ड रख के चल रहे हैं कि किस प्रतिभागी के कितने अंक हो चुके हैं.

अभी हमारे लेखा विभाग ने बताया कि "उडनतश्तरी" ने पहेली नम्बर-१ मे सही जवाब देकर ८५ अंक अर्जित किये हुये हैं. अब आपके वो अंक भी हमेशा जुडते रहेंगे. आप पहेली न.१ के जवाब वाली पोस्ट देख लिजिये.

यह उदाहरण सभी के लिये है, अत: सही जवाब के साथ भाग लेते रहिये, जीतने की
सम्भावना हमेशा ही बनी रहेगी.

आपके सुझाव हमारे लिये अमूल्य हैं.

इब खूंटे पै पढो :-

ताऊ के स्कूल के दिनों की बात है. जैसा कि आप जानते ही हैं कि ताऊ को उसके पिताजी "इनिशियल एडवांटेज" बात बे बात देते ही रहते थे. तो ताऊ ने एक दिन अपने बाबू के अच्छे मूड को भांप कर पूछा-

बाबू , थारा बाबू भी थमनै पीट्य़ा करता था के ?
बाबू बोल्या - हां बिल्कुल. ये तो हमारी खानदानी परिपाटी है.
ताऊ :- और उनके बाबू उनको भी पीट्य़ा करते होंगे?
बाबू : हां भई, इसमे पूछने वाली कौन सी बात है. ये तो बच्चों को "इनिशियल एडवांटेज" देने वाली बात है जिसका पालन हमारे खानदान मे होता आया है.

अब ताऊ बोला - पिताजी अगर आप सहयोग दें तो हम इस खानदानी जंगलीपने
की रस्म को खत्म कर सकते हैं.

इब ताऊ के बाबू ने ताऊ को दो कान के नीचे बजाये और बोल्या - अरे सुसरी कुबद की जड, तैं म्हारै खानदान की रस्म तुडवाकै, म्हारै खानदान की नाक कटवावैगा के ?

Comments

  1. मांडू का हिंडोलामहल। बाजबहादुर ने बनवाया था।

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  2. ताऊ

    मांडू का किला लग रहा है.

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  3. रानी रुपमति का महल, मांडु, मऊ, म.प्र.

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  4. इस रूपमती इमारत मैं तो कोई बाज़ सा उड़ता दीखे है!
    चश्मे के बिना तो मन्ने यो मांडू का जहाज़-महल सा दीखे है!

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  5. मेरा पहला जवाब कैंसल कर दिया जाय. मगर है अभी भी मांडू ही. इस इमारत का नाम है बाज़ बहादुर का महल

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  6. हारी ! लेडीज फर्स्ट प्लीज !

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  7. ताऊ या पहेली भी म्हारे लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर ! हम तो हमेशा की तरह सोमवार का इंतजार का परिणाम देख अपना ज्ञानवर्धन करेंगे ! और जीतने वालों को आज ही एडवांस में हार्दिक बधाई क्योकि आज या कल जोधपुर जाना पड़ सकता है वहां पता नही इन्टरनेट पर जाना हो या नही इसलिए ये बधाई वाला शुभ कार्य आज ही !

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  8. ये तो मन्ने माण्डू का रानी रुपमती का महल दिखे है!

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  9. अच्छा इनीशिय़ल एडवांटेज मिल गया बच्चे को।

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  10. 15 वीं शताब्दी का जहाज महल, मांडू।

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  11. खूंटे पर आज बाबुजी की बातें सुनकर मिजान बन गया। ताऊ , आप तो बड़ा गड़बड़ कर रहे हो...ये पहेली वहेली के चक्‍कर में बाबुजी की कुछ खबर ही नहीं दे रहे। वो शहर में हैं, गांव में हैं, कुछ पता नहीं चल रहा। ब्‍लॉगिंग कर रहे हैं या छोड़ दी..हमें यह भी नहीं पता :)
    रही बात पहेली की तो आप नकल की कोई चांस ही नहीं छोड़ रहे..बड़ी देर से ताक में था कि कोई हिंट मिले..लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। हमारे जैसे नीचे से टॉप आनेवालों के लिए ग्रेस मार्क्‍स का कोई प्रावधान नहीं है क्‍या :)

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  12. अभी भारत-भ्रमण पर जाऊँगा . शाम को लौटकर कहीं ऐसा नमूना दिखा तो बताऊँगा :)

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  13. मैं तो बस खूँटी से पढ़कर नि‍कल रहा हूँ, सही जवाब जो नहीं मालूम:)

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  14. ताऊ ये लो हमारा उत्तर लॉक कर लो -

    ये रानी रूपमती पवेलियन है, जो मालवा की एक गायिका थी। सुल्तान बाज बहादुर और रानी रूपमती में प्यार हो गया था फिर दोनों ने शादी कर ली थी। अहमद खान भी रानी के रूप में दीवाना था जब वो विलेन बनकर आया तो बाज बहादुर के हारने के बाद रानी ने जहर खा लिया था।

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  15. मन्ने तो रानी रूपमती का महल, मांडू दिखे है. नहीं हो तो मन्ने खूंटे पे बाँध दो.

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  16. रुपमती का पवेलियन है मांडू में... बाज बहादुर के किले में एक जगह है... राम राम

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  17. सबकी पोस्ट उपर से पढ़ना शुरू करते है.. आपकी नीचे से.. खूँटा बढ़िया रहा.. बाकी पहेलिया तो बचपन से ही नही बूझी कभी.. इनिशियल एडवांटेज जो नही मिला था..

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  18. ताऊ आज तो मुझे देर हो गई फिर भी जवाब ले ही लो
    मांडू का किला ही है जिसमे रानी रूपमती महल का दृश्य है |

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  19. यह तो मांडू का किला लग रहा हैं। वैस कभी महल भी रहा होगा। खूंटा तो बस हा हा हा।

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  20. इतने सारे लोग इनीशियल एडवाण्टेज ले गये। हम ताकते रहे गुजरता कारवां देख!

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  21. इमारत कहाँ की है नहीं पता.

    खुंटा आनन्ददायी रहा.

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  22. तौ मेरा जवाब कहा गया ? जिसमे मैंने जवाब दिया था
    की यह मांडू का रानी रूपमती महल का दृश्य है जिसे बाजबहादुर ने बनवाया था |

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  23. रानी रूपमती के लिए बाज बहादुर द्वारा बनवाया गया मांडू मैं [मध्यप्रदेश]बनवाया गया जहाज महल ...कहतें हैं जहाँ से रूपमती ऊपर खड़ी होकर नर्मदा के दर्शन करती थी ....

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  24. यह चित्र रानी रूपमती के पवेलियन[या कहिये महल] का है.जो मांडू [मध्य प्रदेश] में है.
    बाज बहादुर के महल के सामने बना है--क्यूँ??इस का
    विवरण अगले कमेन्ट में.

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  26. ताऊ! यो तो मांडू मे रानी रूपमती का महल देखे है.

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  27. १६ वीं शताब्दी में रानी रूपमती के मंडप को एक सेना का अवलोकन पोस्ट के रूप में बनाया गया था.
    रूपमती और बाज़ बहादुर की प्रेम कहानी सुनिए-

    बेहद सुंदर रूपमती एक कवियत्री थीं और गाती भी बहुत अच्छा थी, राजा बाज बहादुर कविताओं और संगीत का शोकिन था..और एक दिन शिकार करते समय जंगल में रूपमती [गडरिये ] की आवाज़ पर फ़िदा हो गया.
    उस ने प्रेम प्रस्ताव रखा तो रूपमती ने विनती की कि उस का मंडप ऐसी जगह बनवाया जाए जहाँ से वह अपने प्रेमी के महल को [या प्रेमी को?]देखती रह सके!. बाज बहादुर ने तुंरत हामी भर दी. इस प्रकार Mandu में रानी रूपमती का मंडप और रीवा कुंड बनाया गया था.
    'मुस्लिम रजा और हिंदू रूपमती 'दोनों की शादी में हिंदू और मुस्लिम दोनों रीतियों का पालन हुआ था.'
    रीवा कुंड' जो आज एक पवित्र स्थान माना जाता है -बाज बहादुर ने रानी रूपमती के पानी का इंतजाम करने को बनवाया था. बाज बहादुर मांडू के अंतिम स्वतंत्र शासक थे.
    अधम खान ने मांडू पर हमला कर दिया और बाज़ बहादुर मदद लेने चित्तोड़गढ़ भाग गया.अधम खान रूपमती की सुन्दरता देख कर उस का दीवाना हो गया लेकिन
    रूपमती ने ज़हर खा कर खुदकुशी कर ली--और एक प्रेम कहानी का अंत हो गया.
    सुनते हैं रूपमती , के परिवार के सदस्य आज भी 'इंदौर में रह रहे हैं.

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  29. ये मध्य प्रदेश मांडू स्थित रानी रूपमती महल ( गुम्बजदार इमारत )है जो रानी रूपमती और बाज़ बहादुर की प्रेम कहानी का गवाह है. आरंभ में इसका निर्माण सेना की चौकी के लिए किया गया था .बाज़ बहादुर महल के दक्षिण की ओर ऊँची पहाडी के शिखर पर स्थित है. कहा जाता है की बाज़ बहादुर शिकार करते समय एक हिन्दु लड़की रूपमती पर आकर्षित हो गये और उनका प्यार इस कदर परवान चडा की सुलतान रूपमती को मांडू ले आए इस शर्त पर की रूपमती को ऐसी जगह रखा जाएगा जहाँ से वो उनका महल और नर्मदा नदी को देख सके ,रूपमती को यहाँ रखा गया था और ये जगह रानी रूपमती महल के नाम से प्रसिद्ध हो गयी. .

    regards

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  30. न...मुझे तो फिर से नहीं मालूम

    ये एक और मेरिट-लिस्ट बननी चाहिये "नहीं मालूम" वालों के लिये

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  31. सही जवाब :
    मांडू (मध्य प्रदेश) स्थित रानी रूपमती पवेलियन

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  32. ताऊ .............थारी पहेली का जवाब मन्ने को ना बेरां. बस थारा खूंटा गजब का से, बढे ताऊ ठीक ही बोलें से, इब खानदानी परम्परा ने तोडना ठीक बात न होवे से

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  33. ताऊ जी यह तो धार जिले के मांडू का रानी रूपमती महल ही है |

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  34. मेरा पहला जवाब कैंसल कर दिया जाय!!

    मैं भी तरुण जी के पीछे !!

    यह रानी रूप मति के महल के पवेलिओन का हिस्सा है

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  35. ताऊ राम राम
    कैसे हैं पडोसी

    सब ठीक तो हैं ना

    हां तो सुना है कि आपने पहेली पूछी है कोई तो जबाव मेरा भी लिख ल्‍यो
    जो भी विजेता हो उससे पहले मेरा नाम जोड देना क्‍योंकि जो सही जवाब हे वही मेरा भी और एक्‍सट्रा में तीन चार जवाब भी दे रहा हूं

    मांडू का हिंडोलामहल।


    खूंटा अच्‍छा है

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  36. मालवा की गायिका थीं रूपमती, सुल्तान बाज बहादुर उनसे प्रेम करते थे। यह अंतर्धार्मिक विवाह था। युद्ध, प्रेम, संगीत और कविता का अद्भुत सम्मिश्रण है यह जादुई प्रेम कहानी। बाज बहादुर मांडु के अंतिम स्वतंत्र शासक थे। रूपमती किसान पुत्री और गायिका थीं। उनकी आवाज के मुरीद बाज बहादुर उन्हें दरबार में ले गए। दोनों परिणय सूत्र में बंध गए, लेकिन यह प्रेम कहानी जल्दी ही खत्म हो गई, जब मुगल सम्राट अकबर ने मांडु पर चढाई करने के लिए अधम खान को भेजा। बाज बहादुर ने अपनी छोटी-सी सेना के साथ उसका मुकाबला किया किंतु हार गए। अधम खान रानी रूपमती के सौंदर्य पर मर-मिटा, इससे पूर्व कि वह मांडु के साथ रूपमती को भी अपने कब्जे में लेता, रानी रूपमती ने विष सेवन करके मौत को गले लगा लिया।

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  37. पूरी नक़ल टीप दी!!

    अब कुछ न बचा टीपने को!!

    लगता है कि ताऊ बिगाड़ के ही मानेगा!!

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  38. अरे ताऊ इतनी आसन पहेली क्यो पुछे शे... अब जल्दी से पहला ना० मेरा कर दे, कोई हेरा फ़ेरी नही... यह महल तो हमारे ताऊ की खानदानी भेंस चंपा कली का की दादी की दादी की परदादी के लिये ताऊ के दादा के दादा के दादा के दादा के दादा के दादा के ने सन ११०९ मे एक गांव मै बनबाया था, अब वो गांव सांडू या मांडु कुछ ऎसे ही नाम से जाना जाता है, इस महल मे बहुत से कमरे है एक कमरे मै भेंस जी की कटरी बंधा करती थी, दुसरे मै भेंस जी का बिटेऊ ठहरा करता था,इस प्रकार सभी कमरो मे इस भेंस जी का परिवार बहुत सुख से रह रहा था, बस एक ही कमरा खाली था, वहा से टिकट ले कर इन सब कमरो को देखना पडता था, ताऊ भी यहा कई साल पहले गया, ओर पुरानी फ़ोटू लेकर, इब हम से सवाल करन लाग रहिया है.
    यह जबाब बिलकुल सही है१००% अब फ़टा फ़ट हमारा नाम सब से ऊपर या सब से नीचे कही भी लिख देना.
    धन्यवाद

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  39. रानी रूपमती महल माँडू .

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  40. मध्य प्रदेश के मांडू में रानी रुपमती का महल जिसे जहाज महल के नाम से भी जाना जाता है
    रानी रुपमती और बाज बहादुर की प्रेमकथा देश की सबसे मशहूर कहानियों में से है

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  41. सोमबार को उत्तर तलाश कर लूँगा इसी ब्लॉग पर /पर आपको कैसे तलाश करूंगा /इत्तेफाकन आप मिल भी गए तो आपको पहिचानूंगा कैसे आपके चरण स्पर्श करूंगा कैसे /किसी ब्लोग्गर को तलाशने का या पहिचानने का जो एक मात्र मध्यम होता है ब्लॉग पर डाला हुआ उसका चित्र /तो मैंने आपका चित्र निकलवा कर पूरे इन्दोर शहर में तलाशा किसी की शकल आपसे नही मिली / कल का पूरा दिन आपको तलाशने में निकल जायेगा क्योंकि कुछ लोगो ने चित्र देख कर बताया कि साहेब आप तो जंगल में चले जाओ ,आपके ताऊजी जरूर मिल जायेंगे /कल गुना और शिवपुरी के जंगल छानूगा और १७ तारिख को फिर इन्दोर में आकर तलाशूंगा

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  42. जवाब तो मैंने पहले ही दे दिया है !
    अब मेरे पास टाईम है तो विस्तृत वर्णन भी
    कर दूँ !
    रीवा कुंड , बाज बहादुर पेलेस और रानी रूपमती पेवेलियन आस-पास ही स्थित हैं,
    ऐतिहासिक तौर पर इनका आपस में गहरा सम्बन्ध है !
    १६०० वीं शताब्दी में बाज बहादुर जो की मांडू के आख़िरी स्वतंत्र शासक थे ! एक बार राजा बाज बहादुर शिकार के लिए घूम रहे थे तो उनकी मुलाक़ात धरमपुरी के राजा की बेटी रूपमती से हुयी जो कि विवाहित थीं, लेकिन अपने पति से अलग होकर अपने पिता के साथ रहने लगी थी ! राजा बाज बहादुर ने जब रानी रूपमती के सौंदर्य को देखा तो मोहित हो गए ! रूपमती को संगीत से बेहद लगाव था और वो स्वयं भी गायन में अत्यन्त निपुण थीं !
    बाज बहादुर ने जब रूपमती से मांडू चलने का आग्रह किया तो रूपमती ने विनती की कि उनके लिए मांडू में ऐसी जगह बनवा दी जाए जहाँ से वो अपने प्रियतम का राज-किला और नर्मदा के दीदार सहजता से कर सकें ! बाज बहादुर ने रूपमती की ईच्छा को सहर्ष स्वीकार कर रूपमती महल और इस पवेलियन (मंडप) का निर्माण कराया !
    बाज बहादुर का अपना किला था जहाँ से अपना राज्य काज देखता था ! इस पेवेलियन से रानी रूपमती बाज बहादुर का किला देख पाती थी और दूसरा फायदा यह था की वहां से नर्मदा नदी को खाडी में बहते हुए देख सकती थी ! गौर तलब है कि रूपमती के मन में नर्मदा नदी के प्रति अगाध श्रद्धा थी ! नर्मदा की पूजा अर्चना किए बिना रानी रूपमती अन्न भी नही खाती थी !

    मुग़ल सल्तनत का सम्राट अकबर चाहता था कि मांडू का राज्य उसके अधीन आ जाए, इसके लिए उसने अधम खान को जिम्मेदारी सौंपी ! अधम खान ने अच्छी-खासी मुग़ल सेना को लेकर मांडू पर चढाई कर दी !
    बाज बहादुर को आभास हो गया था कि पराजय निश्चित है , इसलिए मदद के लिए चितौडगढ़ रवाना हो गया !
    इधर अधम खान ने आसानी से मांडू किले पर कब्जा कर लिया ! अधम खान ने रानी रूपमती की सुन्दरता के बारे में काफी सुन रखा था ! उसने जब पहली बार रूपमती को अपने सामने देखा तो ठगा सा , अपलक निहारता ही रह गया !
    अधम खान रूपमती को हासिल कर पाता, इससे पहले ही रूपमती ने जहर खाकर अपनी जान दे दी !
    सैकडों साल बीत गए लेकिन मांडू की हवाओं में, लोक कलाओं में, लोक संगीत में आज भी बाज बहादुर और रूपमती की प्रेम कहानी विद्यमान है !

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  43. म्हारा जवाब बिल्कुल सही है। यो मकान ना तो म्हारा सै ओर ना ही ताऊ का सै ।

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  44. ताऊ

    सब लोग जबाब के साथ कुछ न कुछ और जानकारी भी ठेल रहे हैं तो हम काहे पीछे रहें:

    यहाँ का पिन कोड है: 454010

    Latitude 22 21 N
    Longitude 75 26 E


    कुछ एक्स्ट्रा पाइंट मिलेंगे क्या?? :)

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  45. माण्डव (धार) के किले में स्थित सबसे ऊंचा स्थान रानी रूपमती का महल, जहां से मालवा का पठार खत्म होता है. य़हां से नर्मदा नदी के भी दर्शन कभी कभी हो जाते है.

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  46. रानी रूपमती और बाज बहादुर की प्रेम कहानी मशहूर है, और इनके संगीत प्रेम के कई किस्से मशहूर है. ऊपर जो बुर्ज दिख रहे है,यहां रानी रूपमती , राजा बाज़ बहादुर को गाना सुनाती थी.

    इतनी सांय सांय हवा होने के बावजूद भी इस बुर्ज़ में बैठ कर गाने का लुत्फ़ किसी ने नही उठाया हो तो व्यर्थ है.

    वैसे बाज़ बहादुर का अलग महल भी है इसी महल के छोटी पहाडी के आरंभ में , जहां अधिकतर गानों की मेहफ़िलें सजती थी. यहीं रेवा कुण्ड भी है, जहां कहते है कि रानी की नीलकंठेश्वर महादेव की पूजा के लिये स्वयम मां नर्मदा का जल आता था.

    फ़िल्म भी बनी थी यहां, जिसमें निरुपा राय नें रानी का अभिनय किया था, और इसके गीत (खासकर मुकेश का) काफ़ी मशहूर हुए. यहां दिल दिया दर्द लिया और किनारा का भी फ़िल्मांकन हुआ था.

    वैसे मेरा इस पहेली में इस बार पहला ही अवसर है, और शायद मेरे अंक नही गिने जायेंगे, क्योकि हमारे शहर इंदौर के करीब ये एक मात्र बढिया ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है. अभी अभी उडन तश्तरी को भी आमंत्रण दिया था हमने यहा पधारने का.

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  47. --एक और रोचक जानकारी-रानी रूपमती की २६ कविताओं का फारसी में [१५९९]और अंग्रेजी में [१९२६में]अनुवाद हुआ था.
    -१९५७ में बनी हिन्दी फ़िल्म 'रानी रूपमती'भी इसी कहानी पर आधारित है[??]
    ---सुबह समय अभाव के कारण खूँटा और बाकि सारी पोस्ट अभी पढ़ी..बहुत बढ़िया लिखी है..ताऊ बचपन में कितनी मार खाते रहे हैं!
    -वैसे अब उड़न तश्तरी तेज़ी से विजय चक्र में तब्दील होने वाली है.
    -टंकण त्रुटी के कारण मैं ने पिछले २ कमेन्ट हटा दिए हैं.सुधार के बाद यह हैं-
    बाज़ बहादुर का राज्य-1555 to १५६२ तक ही चला था.रूपमती हिंदू राजपूत परिवार में जन्मी थीं और एक गड़रिया थी.

    जय राम जी की!

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  48. ताऊ, ये भाभी जी यानि रुपमती का महल ही समझिये. यहीं से भाभी जी नर्मदा मैया के दर्शन किया करती थी और इससे ठीक नीचे भाई साहब यानि बाजबहादुर दादा का निवास यानि महल है.
    दोनो अपने अपने ठीयों से एक दुसरे को देखा करते थे और वहीं से भाभीजी अपना सुमधुर गायन भाई साहब को सुनाया करती थी.

    और यही रुपमती पर आकर एक्दम से मालवा का पठार खत्म होता है. और निमाड की सीमाएं लग जाती हैं. यहां पर एक रात को हम दोस्त लोग काफ़ी देर तक रुके रहे थे, गाने की आवाज तो नही पर बहती हवा के साथ साथ एक अजीब सी संगीत ध्वनि जरुर सुनाई देती है और माहोल मे काफ़ी मादकता रहती है पर साथ मे वहां इतनी देर रात लूटपाट का डर भी सताता है सो रात को १ बजे वापस होटल आकर सो गये.

    अब मुझे पूरे १०१ अंक दे देना, बेईमानी नही करना, वर्ना भाई साहब को बता दूंगा कि ताऊ भाभी जी के नाम पर टिपणियां बटोर रहा है. फ़िर देखना भाई साहब तुमको इतने कोडॆ लगवाएंगे कि तबियत हरी हो जायेगी और सारी टीपणियां भी शाही खजाने में जमा करा ली जायेंगी. :)

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  49. ताऊ जी, आज हिसाब किताब में बहुत मेहनत की आपने पर असली जवाब लिखना भूल गए। लिख देते तो हमें इधर उधर ताकना न पड़ता। वैसे ही पहेली का जवाब देने के लिए बहुत देर इंटरनेट छाना। उस ने सही जानकारी के नजदीक तो पहुँचाया लेकिन पूरी तरह सही जानकारी नहीं दी।

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  50. प्रिय ताऊ जी, जितने लोगों ने सही जवाब दिया है (जिनका नाम आप बेहतर जानते हैं) उन सब के उत्तर का मैं अनुमोदन किए दे रहा हूँ. मेरी भी बारी लगा देना सर्टिफिकेट आदि में.

    सस्नेह -- शास्त्री

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  51. ताउ सपने में कै बताया था मैं तो सुबह उठते ही भूल गया। इब जो बताया था वोही मान लो।

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